गुजरा प्यार जब अतीत की शक्ल ले कर डराने लगे, राह में कांटे बिछाने लगे तो वह प्यार नहीं जनून बन जाता है. मुग्धा की जिंदगी भी ऐसे ही प्यार व जनून के बीच डोल रही थी.