पढ़ी-लिखी चिलमन को न तो बुरकानशीं होना पसंद था और न ही बेचारगी की जंजीरों से अपने पैरों को बांधना. मगर इस से पहले कि वह अपने हौसले को उड़ान देती, आपा ने उसे एक नई मुसीबत में फंसाना चाहा...