गली आगे मुड़ती है : क्या विवाह के प्रति उन का नजरिया बदल सका
रिश्ते बिना बंधन के मजबूत नहीं बनते. यह बात रोली, नयना और संजना शायद समझ नहीं पाई थी. शादी को मात्र एक बोझ, एक जिम्मेदारी मान कर तीनों असंतुष्ट थीं. क्या स्थितियों के आगे विवाह के प्रति उन का यह नजरिया बदल सका?