व्रतों के घोर नियमों और पूजापाठ के आडंबर में डूबी वर्षा के लिए पति की कोई अहमियत न थी. क्या अंधविश्वास में उलझी वर्षा को धर्मांधता के जाल से अनिल निकाल पाया?