जरीना चारों तरफ से हताश हो गई थी. शरीफ और इज्जतदार लोगों का असली चेहरा वह देख चुकी थी. अब मदद के लिए उसे बल्लू जैसा गुंडा ही अपना रहनुमा नजर आ रहा था. क्या उस की सोच सही राह पर थी?