मुनिया के डाक्टर बनने में जगवीरी का बड़ा योगदान था, जिसे वह भूली भी न थी, लेकिन वह जगवीरी से मिलना नहीं चाहती थी, उस के अंतस का जंगवीर जो आड़े था. वहीं जगवीरी उस के बिना पागलखाने तक पहुंच गई.