मैं अपने परिवार के साथ उत्सव मनाना पसंद करती हूं- अनुरिता के झा

बिहार के कटिहार में जन्मी और दिल्ली में पली बड़ी हुई मॉडल और अभिनेत्री अनुरिता के झा ने फिल्म ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’ में शमा परवीन की भूमिका निभाकर चर्चा में आई और एक अलग जगह इंडस्ट्री में बनाई. कैरियर की शुरुआत में उन्होंने कई फैशन शो में भाग लिया, जिससे उसे अभिनय की प्रेरणा मिली और वह अभिनय की तरफ मुड़ी. अनुरिता स्पष्टभाषी, हंसमुख और प्रतिभावान कलाकार है और नयी कहानियों में काम करना पसंद करती है. एम एक्स प्लेयर की वेब सीरीज ‘आश्रमकी सीजन वन, पार्ट 2 में वह एक बार फिर से कविता की भूमिका निभाई है, जिसे लेकर वह बहुत खुश है, आइये जानते है क्या कहती है वह अपने बारें में.

सवाल- आश्रम पार्ट 2 में आपकी भूमिका आपको कितना उत्साहित करती है?

अच्छा लगता है,नए सीरीज में कुछ नया करने का मौका मिलता है. पार्ट 1 में भी मैंने काम किया है. ये एक लड़की की कहानी है, जो परिवार वालों की अन्धविश्वास का शिकार होती है. ऐसा हमारे देश में कई बार हो चुका है. जहाँ अन्धविश्वास में पड़कर लोग अपनी बेटी को किसी बाबा के पास भेज देते है.कई बार वह वहां से भागना चाहती है, पर नहीं भाग पाती. ऐसी सारी समस्याओं दिखाने की कोशिश की गयी है.

सवाल- इसके लिए आपको तैयारिया कितनी करनी पड़ी?

मैं इस चरित्र से रिलेट नहीं कर पाती, इसलिए तैयारियां करनी पड़ी. इसके लिए मैंने काफी रिसर्च निर्देशक प्रकाश झा के अनुसार किया और ऐसी लड़कियों के बारें में पढ़ा. इसके बाद अभिनय किया.

सवाल- वेब सीरीज के इस दौर को आप कैसे देखती है?

बहुत ही अच्छा समय है. बहुत सारे कलाकार जिन्हें काम मिलना मुश्किल था, उन्हें काम मिल रहा है, क्योंकि वेब में चरित्र बहुत सारे होते है. सबको अभिनय का मौका मिलता है. केवल कलाकार ही नहीं, लेखक, निर्देशक, टेक्निशियन आदि सभी को काम मिलता है. छोटे शहर के कलाकारों के सपने भी पूरे हो रहे है.

सवाल-रियल लाइफ में आप कैसी है?

असल जिंदगी में मैं अन्धविश्वासी नहीं. जो सही लगता है, उसे ही करती हूं. तभी मैं एक्टर बनी हूं.

सवाल- आपको अभिनय की प्रेरणा कहाँ से मिली?

मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं एक्ट्रेस बनूगी, लेकिन गैंग्स ऑफ़ वासेपुर का ऑडिशन दिया और चुन ली गयी इससे मुझे अभिनय की प्रेरणा मिली. उस समय मैं मॉडलिंग कर रही थी, जहाँ निर्देशक अनुराग कश्यप ने मुझे देखा और ऑडिशन के लिए बुलाया था.

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सवाल-बिहार से मुंबई कैसे आना हुआ?

मैं दिल्ली में पढाई कर रही थी और एक ब्यूटी पेजेंट जीती थी, उसके बाद मैंने मुंबई आकर मॉडलिंग करना शुरू कर दिया था. इसके बाद अभिनय में आई.

सवाल- क्या गॉडफादर न होने पर इंडस्ट्री में अच्छा काम मिलना मुश्किल होता है?

संघर्ष मुझे नहीं करना पड़ा, क्योंकि मेरी पहली फिल्म को सभी ने देखा था. इसके अलावा इंडस्ट्री में बहुत सारे लोग काम करते है, ऐसे में ऑडिशन के बाद फिल्म किसी और को मिल जाना स्वाभाविक है, क्योंकि किसी पर जोर नहीं दिया जा सकता. शुरू में रिजेक्शन को स्वीकार करना मुश्किल था, पर बाद में कोई फर्क नहीं पड़ा.

सवाल- पहली बार अभिनय की बात माता-पिता से कहने पर उनकी प्रतिक्रिया क्या थी?

अभिनय के लिए कुछ कहना नहीं पड़ा, लेकिन मॉडलिंग के समय कहना पड़ा. वे थोड़े गुस्से हुए थे, पर अंत में सभी मान गए. असल में मेरा परिवार साहित्य प्रेमी है और उन्हें कला से जुड़े सब काम पसंद है. इसके अलावा मैं थोड़ी जिद्दी हूं, इसलिए कोई कुछ मना नहीं करता.

सवाल-स्टारडम अगर मिले तो मुश्किल, न मिले तो मुश्किल, इस बात से आप कितनी सहमत है?

अभी स्टारडम नहीं एक्टर का टाइम है. मैं खुश हूं कि मैं ऐसे दौर में काम कर रही हूं. जहाँ सपोर्टिंग कलाकार की भी अहमियत फिल्म में होती है.

सवाल-अभी चुनौती क्या रहती है?

एक कलाकार को अच्छे काम से ही संतुष्टि मिलती है. वेब सीरीज ‘आश्रम’ करने के बाद मुझे बहुत अच्छा लगा. मैं हमेशा कुछ अलग भूमिका निभाना पसंद करती हूं और इसके लिए मेहनत करनी पड़ती है. मैं कम्फर्ट जोन में काम करना नहीं चाहती, जो टीवी की धारावाहिकों में होता है. जहाँ काम की भूख कम होती है और क्रिएटिविटी खत्म हो जाती है. कम काम करूँ पर अच्छा काम करूँ. यही मेरा सिद्धांत है.

सवाल-वेब सीरीज में सेक्स, एक्शन और गाली-गलौज भरपूर होता है, क्या निर्माता निर्देशक के लिए जरुरी नहीं कि वे इस बात का ध्यान रखे ?

असल में एक्शन, सेक्स और गाली-गलौज से यूथ बहुत रिलेट करती है, उनकी वजह से ऐसी फिल्में और वेब सीरीज चलती है. बहुत सारे अच्छे वेब सीरीज भी है, जो सबका मनोरंजन करती है. वैसी चीजे बननी चाहिए. समाज जैसे-जैसे शिफ्ट होती है, वैसी फिल्में बनती है. जब इसकी अति हो जाती है, तो कुछ और नया निकल कर सामने आती है.

सवाल- इंटिमेट सीन्स के लिए आप कितनी सहज होती है?

मैं एक कलाकार हूं और मुझे लव मेकिंग सीन्स करनी पड़ेगी, लेकिन इसके लिए निर्देशक का अच्छा होना बहुत जरुरी है, ताकि उसे अच्छी तरह से शूट कर सकें. अधिकतर मैं इंटिमेट सीन्स नहीं करती, पर कहानी की मांग हो, तो मुझे करने में कोई हर्ज़ नहीं.

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सवाल-आगे कौन-कौन सी फिल्में है?

आगे कई फिल्में और कई वेब सीरीज है, जिसका काम कुछ दिनों में शुरू होगा.

सवाल-आपकी ड्रीम प्रोजेक्ट क्या है?

स्पोर्ट्स पर्सन के ऊपर बायोपिक बनने पर मैं अवश्य करना चाहूंगी.

सवाल- क्या बिहार में कुछ सुधार करने की इच्छा है?

मैं वहां एक गर्ल्स स्कूल खोलना चाहती हूं, जो खुद में आत्मनिर्भर हो. वहां उन्हें शिक्षा के साथ-साथ आत्मनिर्भर भी बनाया जायेगा.

सवाल- दिवाली कैसे मनाने वाली है?

मैं अपने परिवार के साथ दिवाली मनाती हूं. उस दिन उनके साथ रहना आवशयक है. दिवाली में पटाखे जलाना मुझे पसंद नहीं. इससे पोल्यूशन बढ़ता है. मुझे अस्थमा है, इसलिए दिवाली के अगले दिन बहुत तकलीफ होती है.

सवाल-कोई मेसेज जो आप देना चाहे?

महिलाओं को हमेशा आत्मनिर्भर होने की जरुरत है, ताकि आप अपना जीवन खुद चुन सकें. इससे आप जीवन के किसी भी समस्या से गुजर सकते है.

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