गरमी में बच्चों की स्किन व हैल्थ से जुड़ी समस्याएं जैसे कि घमौरियां, रैशेज व डिहाइड्रैशन देखने को मिलती हैं. वैसे भी इस मौसम में मांएं अकसर अपने छोटे बच्चों की स्किन की सुरक्षा को ले कर चिंतित रहती हैं, क्योंकि बच्चों की स्किन बड़ों की स्किन से3 गुना अधिक कोमल होती है. बच्चों के लिए मौनसून को सहन करना थोड़ा असुविधाजनक होता है और बच्चे को इस मौसम में आराम महसूस हो सके यही हर मां का प्रयास होता है. आइए, जानते हैं कि मौनसून के दिनों में बच्चों की देखभाल के बेहतर तरीके:
1. कपड़ों का सही करें चुनाव
गरमियों में जब आप अपने लिए सूती कपड़े लेना पसंद करती हैं, तो भला बच्चे के लिए क्यों नहीं? कोशिश करें कि बच्चों को हलके रंग व फैब्रिक के कपड़े पहनाएं ताकि बच्चा असहज न महसूस करे. गलत कपड़ों के चयन की वजह से उसे कहीं घमौरियां या रैशेज न पड़ जाएं.
बाहर जाते वक्त बच्चे को पूरी बांह के कपड़े पहनाएं. कौटन की टोपी भी पहना कर ले जा सकती हैं, ताकि धूप सीधे उस के चेहरे पर न पड़ें.
2. रोजाना नहलाना है जरूरी
जितनी गरमी आपको लगती है उतनी ही गरमी आप के बच्चे को भी लगती है. इसलिए कोशिश करें कि बच्चे को रोजाना नहलाएं और हो सके तो आप उसे शाम को भी नहला सकती हैं. शाम को नहला नहीं सकती हैं, तो बच्चे को स्पौंज कर उस के कपड़े बदल दें. इस से बच्चा तरोताजा महसूस करेगा और वह चैन की नींद सो पाएगा.
3. डायपर बदलना न भूलें
गरमी में बच्चे अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करते हैं, जिस की वजह से डायपर जल्दी हैवी हो जाती है. कोशिश करें कि हर 3 घंटे पर बच्चे का डायपर बदल दें ताकि अधिक नमी से बच्चे की स्किन को कोई नुकसान न पहुंचे और बच्चे को रैशेज या बैक्टीरिया न हो जाएं. डायपर बदलने से पहले उस जगह को पानी से साफ करें और फिर साफ कपड़े से अच्छे से सुखाने के बाद ही दूसरा डायपर पहनाएं
4. बच्चे को पिलाएं भरपूर पानी
गरमियों में बच्चों में डिहाइडे्रशन की समस्या आम है. यदि आप बच्चे को स्तनपान करा रही हैं और उस की मांग के अनुसार उसे दूध पिला रही हैं तो आप अपने बच्चे को उचित तरीके से हाइड्रेट कर रही हैं. यदि आप ने बच्चे का दूध छुड़ाया हुआ है, तो ध्यान रखें कि गरमियों के दौरान उस की भूख बहुत कम हो जाती है. उसे अन्य तरल पदार्थ जैसे फलों का रस, छाछ या मिल्क शेक आदि पिलाएं. उसे पिलाने से पहले गिलास को कुछ मिनट के लिए फ्रिज में रखें पर ध्यान रहे कि यह बहुत अधिक ठंडा न हो.
5. मालिश करने से बचें
गरमियों के दौरान स्किन पर तेल लगाने से फायदे की जगह नुकसान ही होता है. यदि इसे अच्छी तरह नहीं धोया गया तो स्किन में जोड़ों के स्थान पर यह रह जाता है जिस कारण हीट रैशेज, खुजली एवं फोड़फुंसियों आदि की समस्याएं हो सकती हैं. बच्चे के पूरे शरीर पर पाउडर न लगाएं क्योंकि पसीना आने पर पाउडर उस स्थान पर जम जाता है, जिस कारण स्किन संबंधी प्रौब्लम हो सकती है.
6. बाहर ले जाने का समय करें तय
बच्चे को धूप से बचाने के लिए सुबह 10 से शाम 5 बजे तक बाहर ले कर न जाएं. सूर्यास्त के बाद उसे थोड़े समय के लिए बाहर ले जाएं. यदि आप के बच्चे की उम्र 2 वर्ष से अधिक है तो गरमियों में उसे वाटर स्पोर्ट्स के लिए प्रोत्साहित करें.
7. कमरे का टैम्प्रेचर रखें स्थिर
यदि आप एसी इस्तेमाल कर रही हैं तो कमरे का तापमान 24 डिग्री पर स्थिर रखें. तापमान में परिवर्तन होने से बच्चे को सर्दी, खांसी आदि की समस्याएं हो सकती हैं. इस के अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि नहाने के बाद बच्चा सीधे एसी के सामने न बैठे.
8. बच्चे के लिए रहेगा पाउडर फायदेमंद
गरमियों में बच्चे को पाउडर लगाना भी सही रहता है. इसे लगाने से बच्चा फ्रैश महसूस करता है. साथ ही उसे ठंडक का भी एहसास होता है. पाउडर लगाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि पाउडर ज्यादा न लगाएं, क्योंकि पसीने के साथ मिल कर यह जमने लगता है.