अगर बैंक ना करे आपका काम तो यहां करें शिकायत

पैसा सुरक्षित रखने और लगातार बढ़ाने का सबसे अच्छा जरिया होता है बैंक. जिनका भी बैंक में खाता है उन्हें अक्सर उसके कामकाज को लेकर शिकायत रहती है. कभी ट्रांजेक्शन का अटकना, कभी किसी स्कीम संबंधी शिकायतें, तो कभी एटीएम कार्ड से जुड़ी बात. हालांकि बैंकों के पास इसके निपटारे की कई व्यवस्थाएं पहले से हैं, पर कई बार बैंक के जवाब से भी ग्राहक संतुष्ट नहीं होते. इस खबर में हम आपको इस बात की जानकारी देंगे कि अगर आपके साथ भी ऐसी कोई समस्या रही है जिसे आप बैंक लेकर गए हों और बैंक के जवाब से आप संतुष्ट न हों ऐसे में आपको क्या करना चाहिए.

क्या करना चाहिए

अगर आपका बैंक आपके शिकायत का निपटारा नहीं कर पा रहा है, आप  बैंक की प्रक्रिया से असंतुष्ट हैं तो आप बैंकिंग ओम्बड्समैन (बीओ) के पास जा सकती हैं. पर इसके लिए जरूरी है कि आप पहले बैंक में अपनी शिकायत दर्ज कराएं. अगर बैंक 30 दिनों के अंदर आपकी शिकायत पर जवाब नहीं देता है या आप बैंक के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो आप ओम्बड्समैन के पास जा सकती हैं. इसके अलावा आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि बैंक से जवाब मिलने के एक साल के अंदर ही आपको यहां शिकायत करनी है.

 इसमें गौर करने वाली बात है कि आपको उसी ओम्बड्समैन के पास शिकायत दर्ज करना होगा जिसके अधिकार क्षेत्र में आपका ब्रांच या बैंक औफिस आता है. इसके अलावा कार्ड या केंद्रीय औपरेशनों से जुड़ी शिकायतों के लिए बिलिंग एड्रेस से बैंकिंग ओम्बड्समैन का अधिकार क्षेत्र तय होगा.

ऐसे करें शिकायत

ओम्बड्समैन में शिकायत दर्ज करने के लिए आपको www.bankingombudsman.rbi.org.in पर उपलब्ध फौर्म को डाउनलोड कर उसे पूरा भरना होगा. इसमें आपके नाम, पता, शिकायत से जुड़ी जानकारियां भरनी होगी. इसके अलावा शिकायत फौर्म के साथ अपने पक्ष में दस्तावेज जमा करना होगा. आप चाहें तो नीचे दिए लिंक की मदद से औनलाइन शिकायत दर्ज कर सकती हैं.

https://secweb.rbi.org.in/BO/precompltindex. htm

कई बैंकों में खाता रखने से होगी आपको परेशानी

कई कारणों के चलते आपको कई बैंकों में सेविंग अकाउंट खोलने पड़ते है. कुछ लोगों को बिजनेस पर्पज या सैलरी अकाउंट की प्राइवेसी बनाए रखने के लिए भी मल्टीपल अकाउंट खोलते है. एक ओर जहां मल्टीपल सेविंग अकाउंट के कुछ फायदे हैं, वहीं दूसरी ओर इसके नुकसान भी हैं. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि ज्यादा सेविंग अकाउंट खोलने से आपको क्या नुकसान हो सकते हैं.

सबमें रखना होगा मिनिमम बैलेंस

आपके पास जितने सेविंग्स अकाउंट्स होंगे उन सब में ही आपको मिनिमम बैलेंस रखना होगा. आपका पैसा बिखरा रहेगा. हालिया सरकारी निर्देश के बाद सरकारी बैंकों में भी मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी हो गया है.

ट्रांजेक्शन अलर्ट के चार्जेज

आपको बता दें कि समय समय पर बैंक ग्राहकों पर कई तरह के चार्जेस, जैसे वार्षिक मेनटेंस, मंथली स्टेटमेंट चार्ज, एसएमएस अलर्ट चार्ज आदि वसूलते हैं. फर्ज करिए कि आपके पास चार बैंकों के खाते हैं. सारे बैंक आपसे उपर दी गईं सेवाओं के चार्जेज वसूलेंगे.

डेबिट-क्रेडिट कार्डों का शुल्क

ज्यादा बैंक खाता यानि उतने ही डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स. इन सारे कार्ड्स से बैंक चार्जेस वसूलते हैं. बिना किसी कारण आपको ज्यादा चार्जेस देने पड़ेंगे.

क्रेडेंशिल्य को याद रखना

ज्यादा बैंकों के क्रेडेंशियल्स याद रखना मुश्किल होता है. सबके यूजर नेम और पासवर्ड याद रख पाना मुश्किल होता है. पासवर्ड भूल जाने की स्थिति में आपको काफी परेशानी का समाना करना पड़ सकता है. बार बार गलत पासवर्ड डालने से आपका अकाउंट भी बंद हो सकता है.

आ सकती हैं आयकर की रडार पर

अगर आप इनकम टैक्स भरती हैं तो आपको सारे खातों की जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी. किसी भी खाते की जानकारी ना देने की सूरत में आयकर विभाग से आपको नोटिस भी मिल सकता है.

 

जब आपके साथ हो साइबर फ्रौड तो इन बातों का रखें ध्यान

जैसे जैसे तकनीक का विकास हुआ है, बदलाव साथ में कई खतरे भी लाया है. चोरी और लूट के तरीके भी बदले हैं. जो लोग इन बदलावों को अच्छे से समझ नहीं पाते अक्सर ठगे जाते हैं. बीते कुछ दिनों में साइबर फ्रौड का का मामला तेजी से बढ़ा है. कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें खाताधारक लेनदेन करता नहीं है फिर भी उसके खाते ले लाखों रुपये निकाल लिए जाते हैं. ई-मेल स्पूफिंग फिशिंग या कार्ड क्लोनिंग के जरिये डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड या नेटबैंकिंग फ्रौड किया जा सकता है.

इस खबर में हम आपको ऐसी कुछ जानकारियां देंगे जो ऐसे फ्रौड के दौरान आपके लिए फायदेमंद होंगे.

डेबिट या क्रेडिट कार्ड फ्रौड होने पर क्या करें?
जैसे ही आपको संदिग्ध लेनदेन के  बारे में पता चले, आपको तत्काल अपने कार्ड जारीकर्ता या बैंक को इस बारे में सूचित करना चाहिए. बैंक में इस लेनदेन के बाबत शिकायत दर्ज करें और अपने खाते को ब्लौक करा दें. ताकि और ज्यादा पैसों की निकासी ना हो सके.

कहां दर्ज कराएं शिकायत?
सबसे पहले बैंक के कस्टमर केयर को कौल करें और उसे सारी बात समझाएं. बैंक को सूचना देने के बाद आपको अपने नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करानी चाहिए. कई बार पुलिस आपकी शिकायत दर्ज नहीं करती है. ऐसे में सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत कोर्ट में मामला दर्ज कराया जा सकता है.

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