New Year Special: नए साल में बिना किसी सर्जरी के 5 तरीकों से पाएं नया लुक

नया साल अपने साथ नई सम्भावनाये और उम्मीद ले कर आता है. हर इंसान नए साल पर अपने जीवन में कुछ नया और अलग प्रयोग करता है. महिलाएं अपनी खूबसूरती निखारने के लिए नएनए प्रयोग करती है.

ऐसे बहुत से नए गेम-चेंजिंग ब्यूटी इनोवेशन हैं जिन का सहारा ले कर आप इस नए साल में बिना किसी सर्जरी के और बिना किसी दर्द के अपने चेहरे की सुंदरता को न केवल निखार सकती है बल्कि लंबे समय के लिए इसे बरकरार भी रख सकती हैं. आइए जानते हैं आईएलएएमईडी के संस्थापक डॉ. अजय राणा से ऐसे ही कुछ तरीकों के बारे में;

1. होंठों की खूबसरती के लिए बोटॉक्स इंजेक्शन

नए साल पर कुछ लोग हीरोहीरोइनों की तरह एक ख़ूबसूरत चेहरा और सुंदर लिप्स चाहते है तो कुछ उन की तरह के पाउट्स बनाना चाहते है. आप इस के लिए बोटॉक्स इंजेक्शन का सहारा ले सकती हैं.  इंजेक्शन से लिप्स के आसपास के हिस्से सुन्न पड़ जाते है और लिप्स को बिना किसी दर्द के एक अच्छा शेप दे दिया जाता हैं.

2. लेजर से चेहरे का उपचार

स्किन की छोटीछोटी खामियां जैसे कि धूप के धब्बे, छाइयाँ और सभी तरह के दाग के लिए आंशिक लेजर का इस्तेमाल महिलाओं के बीच बहुत लोकप्रिय है. इस प्रक्रिया को बिना किसी दर्द के बहुत ही कम समय में निबटाया जाता है. इस के साइड इफेक्ट्स भी नहीं होते. स्किन की चमक बढ़ाने और चेहरे के छिद्रों को कम करने के लिए आप के चेहरे पर एक लेज़र वैंड घुमाया जाता है. इसीलिए नए साल पर चेहरे को एक नया लुक देने के लिए सेलिब्रिटीज से ले कर आम लोग इन लेजर्स का उपयोग कर रहे हैं.

3. केमिकल्स से किसी एक स्किन को हटा कर नई स्किन चढाना

केमिकल्स का इस्तेमाल कर चेहरे की पुरानी स्किन हटा कर उस के स्थान पर स्किन की नई परतें विकसित की जाती हैं इस से चेहरा साफ़, खूबसूरत और युवा दिखाई देता है. ये केमिकल्स स्किन के जले हुए हिस्सों, दागधब्बों और झुर्रियों पर अच्छा काम करते हैं.

4. ऑक्सीजन फेशियल

ऑक्सीजन फेशियल आप के औसत फेशियल की  तुलना में चेहरे के लिए अधिक फ़ायदेमंद हैं. इस फेशियल में उच्च तकनीकी वाली मशीन हवा के दबाव वाली धारा के माध्यम से ऑक्सीजन और अन्य छोटे-छिलके वाले स्किन केयर उत्पादों (जैसे हायल्यूरोनिक एसिड, विटामिन उपचार और वनस्पति) को स्किन में धकेलती है. यह स्किन में संतुलन लाते है, फाइनलाइनों की उपस्थिति कम करते है, टोन ब्राइट बनाते हैं और स्किन को कोमल बनाते है.

5. गालों से अत्यधिक फैट को निकालना

डबल चिन कम करने और जॉ लाइन को एक जैसा करने के लिए सर्जरी के अलावा भी एक उपचार मौजूद है. बेल्किरा एक ऐसा उत्पाद है जिस में डीओक्सीकोलिक एसिड होता है. यह शरीर में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ है जो स्किन के जरुरत से अधिक फैट को कम करता है. इंजेक्टेबल फैट बस्टर गर्दन की लिपोसक्शन जैसी प्रक्रियाओं की तुलना में अधिक तेजी से और अधिक बिना किसी दर्द के साथ अपना काम करते हैं. आज के दौर में बारेस्टाइलन, जुवेडर्म और पर्लेन जैसे उपचारों के साथ युवा गालों की सुंदरता को फिर से पा सकते है . वैसे लोग जो चेहरे की सर्जरी से गुजरना पसंद नहीं करते हैं उन के लिए इंजेक्टेबल फिलर्स एक आकर्षक विकल्प हो सकते हैं.

6. मेसोथेरेपी

मेसोथेरेपी बिना सर्जरी वाला एक कॉस्मेटिक तकनीक है जिस में स्किन को कसने के लिए फार्मास्यूटिकल्स, विटामिन, होम्योपैथिक्स, हार्मोन या एंजाइम के कई इंजेक्शन शामिल हैं. यह चेहरे के साथसाथ बालों के झड़ने का इलाज करते हैं. उस के सेल्युलाईट को कम करते हैं और चेहरे के गहरे दागों को हल्का करते हैं. मेसोथेरेपी में विटामिन, अमीनोएसिड और दवाओं के विशेषरूप से तैयार किए गए मिश्रण का इंजेक्शन शामिल होता है. यह स्किन के अंदर जा कर चेहरे के टिश्यू को कोमल और हाइड्रेट कर ने का काम करता है. बदले में गहरे दाग और जली हुई स्किन की लाइनों को नरम बनाता है. आज कास्मेटिक की दुनिया में मेसोथेरेपी को गैर-सर्जिकल कॉस्मेटिक का स्थान प्राप्त है जो इसे बहुत लोकप्रिय बना रहा हैं. यह उपचार स्किन के किसी भी निशान को हटाने के लिए एक कारगर तरीका हैं.

7. लिक्विड फेसलिफ्ट

अब आप को चाकू से स्किन के जले हिस्सों, दागधब्बों और झुर्रियों को हटाने और फेस लिफ्टिंग के लिए किसी भी दर्द भरी प्रक्रिया या सर्जरी से नहीं गुजरना पड़ेगा. लिक्विड फेसलिफ्ट एक गैर-सर्जिकल प्रक्रिया है जो चेहरे की रंग और सुन्दरता बढ़ाने, झुर्रियों और सिलवटों को कम करने और अधिक आकर्षक लुक के लिए जुएवेडर्म और रेस्टिलेन जैसे इंजेक्टेबल जेल फिलर्स का उपयोग करती है. यह फेस स्कल्पिंग प्रक्रिया काफी लम्बे समय तक चल सकती हैं. जो स्किन के दागढब्बो को हटा कर आप को एक नया लुक देता है.

बेदाग सुंदरता के नए ट्रीटमैंट्स

ब्यूटी करैक्शन के लिए ऐसे बहुत सारे ट्रीटमैंट्स और सर्जरी आ गई हैं जो कुछ वक्त के लिए ही सही लेकिन बेदाग खूबसूरती देने के लिए कारगर हैं:

स्किन ग्लोइंग ऐंड मार्क्स रिमूवल ट्रीटमैंट

चेहरे की स्किन चमकदार और ग्लोइंग दिखे इस के लिए लड़कियां न जाने क्याक्या चेहरे पर लगाती रहती हैं, लेकिन अवलीन की माने तो घर से बाहर निकलते ही स्किन को धूप और प्रदूषण का सामना करना पड़ता है खासतौर पर सूर्य की अल्ट्रावायलट किरणों से स्किन पर जमा होने वाला मैलानिन स्किन की मासूमियत को छीन लेता है. लेकिन स्किन को नयापन देने और बच्चों की स्किन जैसी कोमलता देने के लिए अब निम्न ट्रीटमैंट्स उपलब्ध हैं:

सुपर फेशियल कैमिकल पील्स

गोरा होना हर लड़की का ख्वाब होता है. इस बाबत कौस्मैटोलौजिस्ट अवलीन खोकर कहती हैं कि भारतीय महिलाओं में बहुत कम प्रतिशत में स्किन का रंग पेल व्हाइट पाया जाता है. ज्यादातर का रंग डस्की या व्हीटिश होता है. लेकिन बौलीवुड अभिनेत्रियों के हैवी मेकअप को देख कर सभी लड़कियों पर गोरा होने का जनून सवार रहता है, जबकि बायोलौजिकल कलर को कभी भी नहीं बदला जा सकता, हां उसे 2 लैवल बेहतर जरूर बनाया जा सकता है. कैमिकल पील्स ऐसा ही एक ट्रीटमैंट है, जो स्किन में उम्र के 25 वर्षों में आई हारमोनल खराबी से स्किन पर पड़े फर्क को सुधार देता है.

दरअसल इस ट्रीटमैंट में एलका हाइड्रौक्सी ऐसिड्स द्वारा स्किन की ऊपरी लेयर को जल्दीजल्दी निकाला जाता है, जिस से नई स्किन आती है. इस से स्किन को अच्छा कौंप्लैक्शन भी मिलता है. लेकिन इस ट्रीटमेंट के बाद स्किन का बहुत अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. द स्किन सैंटर, दिल्ली में कंसलटैंट डर्मैटोलौजिस्ट एवं कौस्मैटोलौजिस्ट डाक्टर वरुण कत्याल कहते हैं कि ट्रीटमैंट के बाद स्किन बहुत पतली हो जाती है, इसलिए उसे सूर्य की रोशनी से तब तक बचा कर रखना चाहिए जब तक उस पर सुरक्षित स्किन की परत न चढ़ जाए.

यदि सुरक्षित स्किन के आने के इंतजार में खुद को 2-3 दिन के लिए एक कमरे में बंद भी करना पड़े तो कर लेना चाहिए क्योंकि जरा सी भी लापरवाही स्किन को संक्रमित कर सकती है. साथ ही ट्रीटमैंट के बाद ऐंटीबायोटिक, ऐंटीबैक्टीरियल एवं ऐंटीफंगल क्रीम लगानी चाहिए. ट्रीटमैंट के बाद जो नई स्किन आती है उस में बच्चों की स्किन जैसी कोमलता और चमक रहती है.

अवलीन आगे कहती हैं कि कैमिकल पील कराने के साइड इफैक्ट्स भी कभीकभी देखने को मिलते हैं, इसलिए शादी की तारीख से ठीक 6 माह पहले यह ट्रीटमैंट कराना चाहिए क्योंकि कभीकभी इस ट्रीटमैंट के बाद जलने के निशान और संक्रमण होने का खतरा रहता है.

– कैमिकल पील में स्किन की ऊपर की लेयर को ट्रीट किया जाता है. इसे ऐपिडर्मिस लेयर कहते हैं.

– ट्रीटमैंट के बाद लगभग 2 दिन तक स्किन में खिंचाव और जलन महसूस होती है, इसलिए सनस्क्रीन का प्रयोग करना चाहिए.

– इस ट्रीटमैंट के लिए 6 से 12 सिटिंग्स लेनी पड़ती हैं और खर्चा लगभग ₹15 हजार से ₹30 हजार तक आता है.

लेजर फोटो फेशियल

यह थेरैपी फेशियल का एक नया स्वरूप है. इस ट्रीटमैंट में इंटेंस पलस्ड लेजर लाइट के द्वारा स्किन के उस हिस्से का ट्रीट किया जाता है जहां सन डैमेजेस, डिसकलरेशन, एज स्पौट या फिर इनलार्ज्ड पोर्स होते हैं. बकौल अवलीन आईपीएल लेजर के द्वारा इफैक्टेड एरिया पर विजिबल ब्रौडबैंड लाइट से स्पार्क मारते हैं. स्पार्क के स्किन पर स्पर्श के दौरान चींटी के काटने जैसा एहसास भी होता है, लेकिन यह पेनफुल नहीं है.

यह ट्रीटमेंट ज्यादातर लड़कियां अपने पिगमैंटेशन सैल्स को डिस्ट्रौय करने और दागधब्बों को मिटाने के लिए भी करवाती हैं. चूंकि इस में इफैक्टेड एरिया को बिजली का शौट दिया जाता है, इसलिए उस स्थान की स्किन पर जलन या खुजली की समस्या होने की संभावना रहती है. ट्रीटमैंट के बाद ट्रीट किए गए स्थान पर आइसिंग की जानी चाहिए और सनस्क्रीन लगाने के बाद ही बाहर निकलना चाहिए.

इस ट्रीटमैंट को शादी से 6 महीने पहले करवाएं. इस की एक सिटिंग के चार्जेस ₹3,500 से ₹5 हजार हैं.

माइक्रोडर्माब्रेशन

स्किन की मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए यह बहुत ही सेफ  ट्रीटमैंट है. इस ट्रीटमैंट के बाद स्किन के रंग और टैक्स्चर दोनों में ही सुधार आता है. थेरैपी के बारे में डाक्टर वरुण का कहना है कि इस थेरैपी में मशीनों के माध्यम से स्किन की ग्राइंडिंग की जाती है. यह एक स्ट्रौंग ऐक्सफौलिएशन प्रोसैस है. इस थेरैपी द्वारा स्किन पर पड़े स्कार्स और कालेपन को दूर किया जा सकता है. इस के लिए मृतकोशिकाओं को हटाने के लिए ऐपिडर्मिक स्किन को पतला किया जाता है.

वैसे कभीकभी इस प्रोसैस में स्किन से खून भी आ जाता है. इस थेरैपी में मशीनों में ऐल्यूमिनियम और डायमंड पाउडर भरा जाता है और उसी से स्किन का ट्रीटमैंट किया जाता है. इस ट्रीटमैंट के लिए 6 से 8 सिटिंग्स की जरूरत पड़ती है. इस थेरैपी को कराने में लगभग ₹20 हजार से ₹25 हजार तक का खर्च आ जाता है.

फेशियल लाइंस, बोंस एनहैंसमैंट और डिंपल्स: हंसते वक्त चेहरा कैसा लग रहा है? कहीं अनवौंटेड लाइंस तो नहीं दिख रहीं? डिंपल पड़ रहे हैं या नहीं? शादी के पहले लड़कियां अचानक इन सब पर ध्यान देना शुरू कर देती हैं. इस की वजह भी खास होती है क्योंकि शादी में ब्राइड पर ही सब की नजरें टिकी होती हैं. कैमरामैन भी ज्यादा तसवीरें ब्राइड की ही लेता है. ऐसे में फेशियल लाइंस और अनबैलेंस्ड स्माइल दुलहन का चेहरा बिगाड़ सकती है. इस से बचने के लिए आजकल की ब्राइड्स में बोटोक्स, फिलर्स और डिंपल सर्जरी आम हो गई है. आइए, जानते हैं इन ट्रीटमैंट्स के बारे में:

बोटोक्स

कई महिलाओं के हंसते वक्त नाक की दोनों ओर से होंठों तक लकीरें बनने लगती हैं जिन्हें लाफिंग लाइंस कहते हैं. इसी तरह बातचीत करते वक्त कई लोगों की आंखों के कोनों पर क्रो लाइंस बन जाती हैं या फिर माथे पर ऐक्सप्रैशन लाइंस दिखने लगती हैं, जो बेहद भद्दी लगती हैं. इन्हें बोटोक्स ट्रीटमैंट के द्वारा मिटाया जा सकता है.

डाक्टर वरुण का इस ट्रीटमैंट के बारे में कहना है कि बोटोक्स बोट्यूलियन टौक्सिन टाइप ए का प्यूरिफाइड और डिल्यूटेड फौर्म है, जो चेहरे की मसल्स को रिलैक्स कर के फेशियल क्रीज को मिटाता है. इस ट्रीटमैंट में इंजैक्शन द्वारा बोटोक्स को इफैक्टेड एरिया में इंजैक्ट किया जाता है. इस का असर 4 से 6 महीने तक रहता है. लेकिन यदि यह गलत तरीके से इंजैक्ट किया जाए तो चेहरा इंबैलेंस हो जाता है, साथ ही इंजैक्ट किए गए एरिया में सूजन भी आ जाती है.

फिलर

आजकल सब को पाउटी लिप्स चाहिए. यह ट्रैंड सा बन चुका है खासतौर पर बौलीवुड ऐक्ट्रैसेज में यह ट्रैंड बहुत आम है. अब उन्हीं को देख कर ब्राइड बनने जा रही लड़कियों को भी अपने लिप्स पाउटी चाहिए. इस ट्रीटमैंट को करवाने में कोई जोखिम भी नहीं. पतले होंठों वाली लड़कियों के लिए यह ट्रीटमैंट किसी वरदान से कम नहीं. लेकिन अवलीन की माने तो फिलर ब्यूटी इंडस्ट्री में अब बहुत कौमन हो चुके हैं. लेकिन इस का असर इफैक्टेड एरिया में जबरदस्त दिखता है. इस लिए इस ट्रीटमैंट को तब ही करवाया जाए जब आप पूरी तरह से बदलाव के लिए तैयार हों. थेरैपी और इसे किसी अच्छे कौस्मैटोलौजिस्ट से ही करवाएं.

इस थेरैपी द्वारा अंडर आई बैग्स को कंट्रोल करने, लिप्स को शेप देने और चीकबोंस को उठाने के लिए फिलर लिपिड्स होते हैं जो पानी की कमी को पूरा करते हैं और बैठी हुई स्किन को उभारते हैं. इस थेरैपी पर ₹25 हजार से ₹30 हजार तक खर्चा आता है.

आर्टिफिशियल डिंपल सर्जरी

फोर्टिस अस्पताल की कौस्मैटिक सर्जन रश्मि तनेजा का कहना है, ‘‘आजकल बहुत सी लड़कियां डिंपल सर्जरी के लिए आती हैं.

लेकिन इस के लिए हमें उन के चेहरे की प्रौपर सर्जरी करनी पड़ती है. इस के लिए हम स्किन को काट कर मसल्स से जोड़ देते हैं. सर्जरी से हुए घाव को भरने में लगभग 3 हफ्ते लग जाते हैं. लेकिन यह जरूरी नहीं कि सर्जरी सक्सैसफुल हो. कई बार सर्जरी के बाद भी डिंपल नहीं बनता बल्कि ऐसा भी होता है कि हंसने पर या न हंसने भी सर्जरी की जगह क्रीज बन जाती है, जबकि प्राकृतिक तौर पर बनने वाले डिंपल स्किन पर क्रीज नहीं बनाते.

इस सर्जरी को शादी से 8 माह पूर्व करवाना चाहिए. इसे करवाने में लगभग ₹50 हजार से ₹60 हजार तक लग सकते हैं और इस का असर भी 6 महीने तक ही रहता है.

हेयर रिमूवल थेरैपी

इस बाबत अवलीन कहती हैं कि चेहरे पर बाल होना न होना हारमोंस पर निर्भर करता है. कई लड़कियों में लड़कों वाले हारमोंस का लैवल ज्यादा होता है. उस केस में चेहरे पर लड़कों की तरह बाल आ जाते हैं. अब इन बालों की शेव तो की नहीं जा सकती है, इसलिए कई लड़कियां थ्रैड से बाल हटवा लेती हैं. लेकिन इस से दोबारा निकलने वाले बाल कड़े जो जाते हैं और उन की संख्या भी बढ़ जाती है. उन्हें हटाने के लिए हेयर रिमूवल लेजर थेरैपी का सहयोग लिया जा सकता है. इस के लिए स्पार्क्स द्वारा बालों को जलाया जाता है.

इस थेरैपी में एनडीयोग लेजर, डायर्ड लेजर और आईपीएल लेजर का इस्तेमाल होता है. लेकिन एक बार इस थैरेपी को करवाने के बाद चेहरे पर ब्लीच नहीं किया जा सकता. थेरैपी का असर खत्म होने के बाद बालों की डैंसिटी और मोटाई दोनों ही कम हो जाती हैं. कभीकभी इस थेरैपी के रिएक्शन भी देखने को मिलते हैं. कई बार इस थेरैपी के बाद स्किन पर रैशेज, इरीटेशन हो जाती है. इस थेरैपी के लिए मल्टीपल स्टिंग (12-20) भी लेनी होती हैं. थेरैपी को कराने में खर्च ₹2 हजार से ₹2,500 तक आता है.

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10 लेटैस्ट ब्यूटी ट्रीटमैंट्स

आज के दौर में तकनीक ने हमें ऐसेऐसे तरीकों से रूबरू कराया है जिन से हम हमेशा जवां और खूबसूरत नजर आ सकते हैं. ऐंटीएजिंग प्रोसीजर के जरीए न सिर्फ त्वचा पर पड़ने वाले बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम किया जा सकता है, बल्कि इस से एजिंग से त्वचा पर होने वाले असर की मुख्य वजह पर भी टारगेट किया जाता है ताकि दोबार एजिंग का प्रभाव न दिखे.

10 कौस्मैटिक प्रोसीजर आप की हमेशा जवां दिखने की चाहत को पूरा कर सकते हैं:

1. कैमिकल पील से हटाएं डैड सैल्स

चेहरे के ढलने व त्वचा की चमक के लगातार कम होने की एक वजह डैड होते स्किन सैल्स भी हैं. ऐसे में कुछ खास किस्म के ट्रीटमैंट जैसे कि माइक्रोडर्माबे्रसन और कैमिकल पील्स के जरीए चेहरे के डैड सैल्स को हटाया जा सकता है. इस के अलावा डायमंड पौलिशिंग के जरीए भी डैड सैल्स, स्कार्स और टैनिंग को दूर किया जा सकता है.

2. चेहरे के लिए मैसोबोटोक्स

यह चेहरे के फेशियल का एक अलग तरीका है, जिस में चेहरे पर माइक्रोबोटोक्स इंजैक्ट कराए जाते हैं. इस में बोटोक्स के कम डोज फेस के अलगअलग हिस्सों में लगाए जाते हैं. इस से फेस की स्किन चमकदार और  झुर्रियांरहित नजर आती है.

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3. लेजर थेरैपी

अगर चेहरे के पोर्स फैल जाएं, तो ये आप के लुक को खराब कर देते हैं. ऐसे में लेजर थेरैपी के जरीए फेस के पोर्स को टाइट करा सकती हैं.

4. बोटोक्स ट्रीटमैंट

बढ़ती उम्र के चलते माथे पर पड़ी लकीरें और झुर्रियां थकान, तनाव और उम्रदराज होने के संकेत देती नजर आती हैं. इन्हें बोटोक्स के जरीए आसानी से दूर किया जा सकता है. बोटुलिनम टौक्सिटी जिसे आमतौर पर बोटोक्स के नाम से जाना जाता है, एक ऐसा नौनसर्जिकल प्रोसीजर है, जिस में बोटोक्स को इंजैक्ट कर के मसल्स को रिलैक्स मोड पर लाया जाता है. इस प्रक्रिया द्वारा चेहरे की झुर्रियों और लकीरों को खत्म किया जाता है. जैसे ही मसल्स में बोटोक्स को इंजैक्ट किया जाता है, यह एक खास मसल को अन्य मसल्स के साथ कौंटैक्ट करने को रोक देता है. जिस मसल पर बोटोक्स का असर होता है वह रिलैक्स हो जाती है. इसे चेहरे के अलगअलग हिस्सों पर इंजैक्ट करा कर फेस को बिलकुल फ्रैश लुक दिया जाता है. बोटोक्स का इस्तेमाल ब्रो लिफ्ट के लिए भी किया जाता है. इस में कुछ ही मिनटों के अंदर आईब्रोज को हाईलाइट कर के आकर्षक शेप में बदला जा सकता है. इस से चेहरा बिलकुल नए लुक में नजर आता है.

5. ओजोन थेरैपी

बालों की ग्रोथ और रिपेयर के लिए शरीर के किसी भी हिस्से में औक्सीजन के प्रवाह को ओजोन थेरैपी के नाम से जाना जाता है. औक्सीजन के ये फ्री रैडिकल्स शरीर में मौजूद हानिकारक तत्त्वों को शरीर से बाहर करने में सहायक होते हैं. ऐसे ही तत्त्व सिर की सतह पर भी होते हैं, जो ओजोन थेरैपी के जरीए सतह से बाहर निकल जाते हैं. इस थेरैपी के असर से बालों का गिरना पूरी तरह बंद हो जाता है और नए बाल उगने शुरू हो जाते हैं.

6. रैस्टिलेन ट्रीटमैंट

दिल्ली की डर्मैटोलौजिस्ट डा. इंदू बालानी, बताती हैं कि बेजान त्वचा और आंखों के नीचे काले घेरों की समस्या को ह्यालुरोनिक ऐसिड से भरपूर रैस्टिलेन जैसे डर्मल फिलर्स के इस्तेमाल से दूर किया जा सकता है. यह त्वचा को मौइश्चराइज करता है और इस का असर 1 साल तक रहता है.

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7. डायमंड पौलिशिंग

डा. चिरंजीव छाबड़ा, डर्मैटोलौजिस्ट (स्किन अलाइव क्लीनिक, दिल्ली) कहते हैं कि इस तकनीक में डायमंड को टिप्स पर फिक्स कर के इसे इलैक्ट्रौनिकली चेहरे पर मूव कराया जाता है. यह तकनीक चेहरे से डैड सैल्स, स्कार्स, टैनिंग के अलावा स्किन के ग्लो और कौंप्लैक्शन से जुड़ी कई कमियों को भी दूर करती है. डायमंड एमडीबी तकनीक के क्षेत्र में नया विकास है, जिस का पूरे विश्व में चेहरे की रंगत निखारने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

8. स्किन सर्कुलेशन थेरैपी

इस थेरैपी से चेहरे की त्वचा का ब्लडसर्कुलेशन इंप्रूव किया जाता है. इस से चेहरे का कौंप्लैक्शन और ग्लो बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पुरानी थेरैपी से छुटकारा मिल जाता है. यह ऐक्ने, स्कार्स, डार्कसर्कल्स, स्किन में पैचीनैस आदि को दूर करने में भी इस्तेमाल की जाती है.

9. स्टेम सैल थेरैपी

इस ट्रीटमैंट में विटामिंस, अमीनोऐसिड्स व पेप्टाइड्स के मिक्स्चर को दूसरे ऐक्टिव इनग्रैडिएंट के साथ मिला कर सिर की सतह के स्टेम सैल्स को ऐक्टिव करते हैं. इस से बालों की ग्रोथ तेज हो जाती है. यह ट्रीटमैंट वीकली इंटरवल में कई सैशनों में पूरा होता है. जल्दी रिकवरी के लिए हेयर लेजर एलईडी थेरैपी का इस्तेमाल भी किया जा सकता है.

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10. कूलस्कल्पटिंग

यह अतिरिक्त चरबी या मोटापा दूर करने की सब से कारगर तकनीक है, जो शरीर को मनचाहा आकार देती है. इस में शरीर की चरबी अथवा मोटापे के अनुसार सिटिंग्स होती हैं. तो नए साल में खूबसूरत दिखने के ये आधुनिक उपाय आजमाएं और पाएं बेदाग सुंदरता.

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