जानें कौनसा है ग्रीन-टी लेने का सही समय

अगर आप अपनी फिटनेस को बनाए रखना चाहते हैं तो पहले जान लें कि ग्रीन टी कब और किस समय लेनी चाहिए.

हमेशा याद रखे की ग्रीन-टी को कभी खाली पेट न ले. न ही ब्रेकफास्ट से पहले लें और न ही डिनर के बाद .ग्रीन टी हमेशा डे टाइम में ले .कोशिश करें की आप ग्रीन टी break fast के बाद या लंच के बाद ले.

अगर आपको weight कम करना है तो  खाना खाने से 1 घंटे पहले ग्रीन टी पीये . इससे  आपको भूख कम लगेगी . लोग अक्सर weight कम करने के चक्कर में 3,4,5, कप ग्रीन-टी पीना शुरू कर देते है .पर हमें ऐसा नहीं करना है इसको सही टाइम पर सही मात्रा  में लेना है.

अगर आपको weight gain करना है तो आप खाना खाने के 1 घंटे बाद ग्रीन-टी पिएं क्योंकि अगर आप खाने के बाद ग्रीन टी लेंगे  तो ये आसानी से आपके खाने को पचा देगी  है और आपको फिर थोड़ी देर में भूख लगने लगेगी .जिससे आपकी कैलोरी बढ़ेगी और आप आसानी से weight gain कर लेंगे.

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ग्रीन-टी बनाने का सही तरीका-

गैस पर  1 कप पानी बॉईल करे फिर गैस को बन्द कर दे .अब  उसमे 1 स्पून ग्रीन टी डालकर 30 सेकंड से 1 मिनट के लिये ढक दे .फिर छानकर पी ले.

अगर आप ग्रीन-टी के tea-bag इस्तेमाल करते  है तो 1 कप गरम पानी में 1 tea बैग 30 सेकंड से 1 मिनट के लिए डालकर छोड़ दें फिर उसको बहार निकल कर ग्रीन टी पिए. याद रखें की ज्यादा देर तक tea bag को गरम पानी  में नहीं रखना है.1 मिनट बहुत है.याद रखे  ग्रीन टी हमेशा फ्रेश पिए इसे कभी स्टोर न करें .

ग्रीन-टी को ज्यादा स्ट्रोंग न करे .हम सोचते है की ज्यादा ग्रीन-टी डालेंगे तो हम ज्यादा जल्दी पतले होंगे. पर ज्यादा ग्रीन-टी पीने से नींद नहीं आना, चक्कर आना,पेट में गड़बड़ी, ये सब बीमारियाँ भी शुरू हो जाती हैं.

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ऐसे में रखे ग्रीन-टी  से दूरी-

  • अनीमिया के शिकार लोगों को ग्रीन-टी से दूरी रखनी चाहिए.
  • अगर आप एसिडिटी से परेशान रहते है तो ग्रीन-टी ज्यादा बिलकुल न पियें.
  • प्रेग्नेंट या ब्रैस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाएं ,डॉक्टर से सलाह के बाद ही इसका सेवन करें.

ग्रीन-टी क्यों है हेल्थ के लिए फायदेमंद

पूरे विश्व में चाय एक ऐसी चीज़ होती है जो पानी के बाद सबसे ज्यादा पी जाती है. ग्रीन-टी बहुत सालों से use की जा रही है .जापान और चाइना में तो ये एक नार्मल पेय की तरह है. आप तो जानते ही है की जापान और चाइना के लोगों की स्किन बहुत ही ग्लोइंग होती है और उसके पीछे एक बहुत बड़ा श्रेय ग्रीन-टी को जाता है. हममे से बहुत से लोग जानते है की ग्रीन-टी सिर्फ वजन  कम करने के लिए है. लेकिन हम आपको बता दें की हाल ही में किये गए अध्ययनों से पता चला है कि ग्रीन टी  वजन घटाने में कारगर तो है ही साथ ही साथ ये और भी बड़ी बीमारियों जैसे कैंसर , टाइप 2 डायबिटीज़  और अल्जाइमर जैसे रोगों  तक पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है.

आइये जानते है इसके और भी फायदे-

1- हृदय रोग को कम करती है ग्रीन टी

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्रीन-टी ह्रदय  के लिए फायदेमंद होती है.इसका नियमित  सेवन करने से दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है. ग्रीन-टी में पॉलीफेनॉल्स भरपूर मात्रा में होता है. पॉलीफेनॉल्स असल में एंटी-ऑक्सीडेंट व एंटी फ्लेमेटरी होते हैं. जो ब्लड- प्रेशर को कम करने में मदद करते है. और उसकी वजह से दिल की बीमारियाँ कम होती हैं. ग्रीन-टी हानिकारक कोलेस्ट्रॉल, जिससे ह्रदय रोग का खतरा रहता है, उसके स्तर को भी कम करती है.

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2- वजन कम करने के लिए मददगार है ग्रीन-टी

ग्रीन-टी वजन कम करने में फायदेमंद होती  है. इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट, मेटाबॉलिज्म को बढाकर वजन कम करने में मदद करता है. वजन घटाने के मामले में ग्रीन-टी पीने के साथ-साथ अपनी डाइट पर ध्यान देना भी जरूरी है. साथ ही नियमित रूप से व्यायाम व योग करना भी जरूरी है.

3- डायबिटीज को कम करती है ग्रीन-टी

ग्रीन-टी से डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है, क्योंकि इसमें मौजूद पॉलीफेनोल्स (Polyphenol) शरीर में ग्लूकोज के स्तर को संतुलित करते हैं. ग्रीन-टी, एंजाइम गतिविधि को रोकता है, जिससे रक्त प्रवाह में अवशोषित चीनी की मात्रा कम हो जाती है. ग्रीन-टी खासकर टाइप-2 डायबिटीज में ज्दाया फायदेमंद है, क्योंकि इसमें एंटी-डायबिटिक गुण मौजूद हैं. अगर आप diabetic है तो ग्रीन टी लेना शुरू कर दे.

4- रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढाती है ग्रीन टी

आज के समय में हम बहुत जल्दी बीमार हो जाते है क्योंकि हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर हो गयी है. ग्रीन-टी में मौजूद कैटेकिन (Catkin) रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाता है.

5- मेमोरी पॉवर को बढाती  है और अल्जाइमर के जोखिम को कम करती है ग्रीन-टी

ग्रीन-टी के सेवन से आपकी मेमोरी पॉवर तो बढती ही है साथ ही साथ कई मानसिक बीमारियों का जोखिम भी कम होता है.अल्जाइमर उन्हीं कुछ बीमारियों में से एक है. उम्र के साथ होने वाली मानसिक बीमारी अल्जाइमर आम होती जा रही है. इसमें दिन-प्रतिदिन व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होने लगती है और निर्णय लेने की क्षमता कम होने लगती .कई अध्ययनों से पता चलता है कि ग्रीन-टी में मौजूद कैटेकिन इस  बीमारी के  जोखिम को कम कर सकता है.

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6- कैंसर से बचाती है ग्रीन-टी

नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के मुताबिक, ग्रीन टी में पाया जाने वाला पॉलीफेनोल (विशेष रूप से कैटेकिन) एंटी-कैंसर गुणों के लिए जिम्मेदार हैं. ग्रीन-टी में मौजूद पॉलीफेनोल (Polyphenol) इम्यून सिस्टम की प्रक्रिया को भी ठीक करता है. एक और अध्ययन के अनुसार, ग्रीन-टी कुछ खास प्रकार के कैंसर (फेफड़े, त्वचा, स्तन, लिवर, पेट और आंत) से हमारी रक्षा करती है. ग्रीन-टी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट कैंसर की कोशिका के प्रसार को रोकते हैं.

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