– डाॅ. तेजिन्दर कटारिया, कैंसर इंस्टीच्यूट, मेदांता-द मेडिसिटी
जब किसी व्यक्ति को कैंसर होने का पता चलता है तो उन के मन में यह सवाल जरूर होता है कि क्या वह कभी सामान्य जीवन जी सकेगा. कैंसर के इलाज में केवल रेडिएशन ही शामिल नहीं होता बल्कि और भी कई चीजें शामिल होती हैं जैसे कीमोथिरेपी और जरूरत पड़ने पर सर्जरी भी.
कैंसर के मरीज भी अच्छा जीवन जीना चाहते हैं. ऐसे में डांस थिरेपी कैंसर मरीजों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो सकती है. आज अस्पताल तथा कैंसर चिकित्सा केन्द्र कैंसर के मरीजों को शारीरिक एवं भावनात्मक पीड़ा से उबारने के लिए डांस थिरेपी के फायदों को लेकर अध्ययन कर रहे हैं.
ऑस्ट्रेलिया और अमरीका में डांस थिरेपी को डांस मूवमेंट थिरेपी (डीएमटी) के रूप में तथा ब्रिटेन में डांस मूवमेंट साइकोथिरेपी (डीएमपी) के रूप में जाना जाता है. डांस थिरेपी का कैंसर के मरीजों की सामान्य मानसिक और शारीरिक बेहतरी पर समग्र सकारात्मक प्रभाव देखा गया है. हालांकि यह याद रखा जाना चाहिए कि कैंसर का पता चलने पर ओंकोलाॅजिस्ट अगर सर्जरी, रेडिएशन या कीमोथिरेपी की सलाह देते हैं तो उस के विकल्प के तौर पर डीएमटी/डीएमपी को अपनाया नहीं जाना चाहिए. दरअसल डीएमटी/डीएमपी एक ऐसा माध्यम है जिस के जरिए मरीज अपनी मानसिक वेदना से राहत पा सकता है.
डीएमटी/डीएमपी कैसे काम करता है
यह ज्ञात हो चुका है कि डीएमटी/डीएमपी एंडोर्फिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन को बढ़ाता है जिस से शरीर में विभिन्न प्रणालियों की सक्रियता में वृद्धि होती है. कैंसर के मरीजों में होने वाले साकारात्मक भावनात्मक एवं व्यवहारात्मक सुधार का यही आधार है और इस से शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता भी बढ़ती है.
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नृत्य की भंगिमाओं एवं गतियों में क्रिएटिव डांस, इंटरैक्टिव गेम्स, रिलैक्सेशन तकनीकें, एक्सप्रेसिव गतिविधियां, इम्प्रोवाइजेशन और अभिनय प्रस्तुति शामिल है. इन शारीरिक और मानसिक गतिविधियों से चिकित्सीय या मनोचिकित्सा संबंधी प्रभाव पैदा होते हैं. इस का लाभदायक प्रभाव मन पर पड़ता है जो शरीर को शारीरिक एवं मानसिक तौर पर स्वस्थ्य रखता है तथा अलगाव और दोबारा कैंसर होने के भय को दूर करता है.
कैंसर के ज्यादातर मरीजों में सर्जरी के बाद अपने शरीर की छवि को लेकर नकारात्मक भावना होती है जिस का मरीज के ठीक होने पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ता है. डीएमटी/डीएमपी किसी व्यक्ति के आत्मसम्मान को बढ़ा सकता है, अभिव्यक्ति में सुधार करता है और कैंसर के मरीजों को हंसा कर उन में बेहतर होने की भावना को भरता है। मानसिक तनाव को घटाता है. शारीरिक दर्द को कम करता है. मैस्टेक्टोमी सर्जरी कराने वाली महिलाओं में एक सप्ताह में दो से तीन बार डांस थिरेपी के डेढ़ घंटे के सत्र के बाद ये फायदे देखे गए.
ग्रुप डीएमटी / डीएमपी
इस के अलावा समूह में दी जाने वाली डांस थिरेपी अलगाव की भावना को दूर कर सकती है तथा आत्मविश्वास को मजबूत कर सकती है. डीएमटी/डीएमपी बातचीत के कौशल को बेहतर बनाने में मदद करता है तथा कैंसर रोगियों को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, अन्य कैंसर रोगियों और अपने स्वयं के देखभालकर्ताओं और परिवारजनों के साथ जीवंत संबंध बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है. ये मरीज अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना तथा उन्हें अभिव्यक्त करना शुरू करते हैं. इन समूहों में एक ही तरह के कैंसर के मरीज होते हैं या अलग-अलग तरह के मरीज मिले-जुले होते हैं.
डीएमटी/डीएमपी के हीलिंग चरण
नृत्य के लय एवं हाव-भाव का शरीर एवं मन से घनिष्ठ संबंध होता है. यह सबंध विभिन्न नृत्य चरणों या गतियों का उपयोग करके स्थापित किया जाता है जिसमें मुख्य रूप से चार चरण शामिल होते हैं, जैसे कि नियोजन, परिपक्वता, जागरूकता और मूल्यांकन.
1. नियोजन में चिकित्सक किसी खास मरीज की शारीरिक और मानसिक स्थिति को समझने का प्रयास करता है. इस में कुछ वार्मअप व्यायाम शामिल हो सकते हैं.
2. लयबद्ध गतियों के माध्यम से शांति एवं एकाग्रता प्राप्त होने पर परिपक्वता की प्राप्ति होती है. वे तनाव तथा एंग्जाइटी को बेहतर तरीके से नियंत्रण कर पाते हैं.
3. जागरूकता के चरण में मरीज को पर्याप्त शारीरिक एवं मानसिक ताकत प्राप्त होती है जिस से रोग का मुकाबला करने की क्षमता विकसित होती है और उसमें आशा की भावना जागृत होती है.
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4. मूल्यांकन के दौरान, रोगियों में डांस थेरेपी के स्पष्ट लाभ स्पष्ट तौर पर प्रकट होते हैं तथा एक दूसरे के बीच संपूर्ण अनुभवों को साझा करने के साथ सत्र का समापन किया जा सकता है. पूरा सत्र 9 से 10 सप्ताह से अधिक का हो सकता है.
इसी तरह जीवनशैली में थोड़ा सा बदलाव रोगियों को बेहतर जीवन स्तर की ओर ले जाता है और उन्हें कैंसर जैसी कई बीमारियों से दूर रहने में मदद करता है. सब से महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने दैनिक आहार में फलों को शामिल करें. नियमित रूप से योग बहुत प्रभावी है. सूर्य नमस्कार अतिरिक्त कैलोरी को खपाने का एक प्रभावी उपाय है. अधिक कैलोरी के सेवन का संबंध कैंसर के विकास से है.