#lockdown: कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में पुलिस की आंख और दाहिनी बांह बने ड्रोन

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिला स्थित धामपुर तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों द्वारा लॉकडाउन का लगातार किया जा रहा उल्लंघन तथा बार बार समझाने के बाद भी ग्रामीणों द्वारा मास्क न पहने जाने के कारण पुलिस एंव प्रशासन ने जैतरा और उसके आसपास के गाँवों के ऊपर आसमान में कैमरायुक्त ड्रोन तैनात किये ताकि ग्रामीणों पर हर समय नजर रखी जा सके. इसका असर तुरंत प्रभाव से देखने को मिला. तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की तरह रांची नगर निगम ने भी शहर के हिंदपीढी इलाके को ड्रोन द्वारा सेनिटाइज करने की योजना बनाई. गौरतलब है कि झारखंड की राजधानी रांची में हिंदपीढी इलाका कोरोना हॉटस्पॉट बनकर उभरा है.

ये तमाम तथ्य यह बताने के लिए काफी हैं कि मौजूदा विश्वव्यापी कोरोना संकट में ‘ड्रोन’ किस कदर इंसान के नजदीकी सहायक बनकर उभरे हैं.किसी जगह जल्द से जल्द दवा पहुंचाना हो,हर समय लोगों पर नजर रखनी हो या पूरे इलाके में दवाओं से फौवारा करना हो यानी सैनिटाईज करना हो अथवा ड्यूटी में तैनात पुलिसवालों से लेकर मेडिकल स्टाफ आदि तक खाना पहुंचाना हो,इन दिनों ड्रोन ऐसी हर समस्या का हल बन गए हैं.शायद ही 2-3 साल पहले कभी ड्रोन के इस तरह उपयोगी बनकर सामने आने की कल्पना की गयी हो.एक जमाने में जहां ड्रोन कई तरह की खुराफातों और बाद में आतंकियों के खतरनाक हथियार बनकर उभरने के लिए चर्चा में रहते थे,वहीं आज की तारीख में ड्रोन सब पर नजर रखने वाली आंख,मदद करने वाली मजबूत बांह और वफादार सेवक के रूप में सामने आये हैं.

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इन दिनों जबकि दुनिया कोरोना के कहर से कराह रही है,तब डॉक्टरों,नर्सों,और आपातकालिक वालंटियरों के साथ ड्रोन ही वह डिवाइस है,जो कोरोना के विरुद्ध जंग के अग्रिम मोर्चे में तैनात है.पूरी दुनिया में इन दिनों कोई 10,000,00 ड्रोन तमाम तरह के कामों में लगे हैं.यह करीब करीब उतनी ही बड़ी संख्या है,जितनी संख्या में आर्मी के जवान दुनिया के अलग अलग हिस्सों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान दे रहे हैं. हिन्दुस्तान में तो इस कोरोना काल में ही ड्रोन की जबर्दस्त उपयोगिता उभरकर सामने आयी है.यही कारण है कि ड्रोन में तमाम तकनीकी सुधार भी इन्हीं दिनों में हो रहे हैं.गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी [जीटीयू] के स्टार्टअप ‘ड्रोन लेब’ ने हाल ही में देशभर में ड्रोन स्क्वाड बनाकर टेक्नालॉजी के माध्यम से कोरोना के खिलाफ जंग शुरू की है.इसके तहत अब तक 12 राज्यों में 302 ड्रोन भेजे जा चुके हैं.मई के अंत तक भारत में कोई 5000 ड्रोन कोरोना के विरुद्ध जंग में इंसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डटे होंगे.

जीटीयू स्टार्टअप इनोवेशन काउंसिल के रिसर्च और ड्रोन लेब के फाउंडर निखिल मेठिया तथा केवल केलावाला ने इंडियन ड्रोन एसोसिएशन के सहयोग से मध्यप्रदेश, राजस्थान समेत देश के 12 राज्यों में 302 ड्रोन भेजे हैं.गुजरात में अहमदाबाद समेत राज्य के 15 जिलों-तहसीलों में पुलिस विभाग को 32 ड्रोन की सप्लाई पहले चरण में की गयी थी,पुलिस को उनसे अपने कामकाज में इतनी मदद मिली,जितनी मदद 500 से 1000 इंसानी बल कर पाते.इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस को अगर ड्रोन का स्मार्ट इस्तेमाल आ जाए तो ये उसके कितने काम के हैं.

देश के हर हिस्से में इन दिनों ड्रोन की मदद से पुलिस लॉकडाउन तोड़ने वालों की निगरानी करती है.मध्यप्रदेश-राजस्थान,यूपी,दिल्ली,जम्मू-कश्मीर सहित देश के हर हिस्से में ड्रोन ने खुद को सौंपे गए हर टार्गेट को सफलतापूर्वक अंजाम तक पंहुचाया है. नोयडा के 5,दिल्ली के 8 इंदौर के 2, जबलपुर के 3, भोपाल-2 इलाकों में जब स्थानीय प्रशासन ने ड्रोन को मानिटरिंग और दवाओं के छिड़काव में लगाया तब उसे तेजी से कामयाबी मिली.इसके बाद ही पूरे देश के लिए बहुत तेजी से बहुत ज्यादा ड्रोन की आवश्यकता महसूस हुई. ड्रोन स्क्वाड के फाउंडर निखिल मेठिया तो यहां तक कहते हैं कि कोरोना के खिलाफ सही मायनों में ड्रोन से ही जंग लड़ी जा रही है.उनके मुताबिक अगर ड्रोन न होते तो लॉकडाउन का सख्ती से अमल सुनिश्चित किया जाना संभव नहीं था.

शायद यही वजह है कि उनके स्टार्टअप के लिए 10 लाख रुपए की ग्रांट गुजरात सरकार द्वारा स्वीकृत की गई है.कोरोना के साथ हो रही जंग में अप्रैल के पहले हफ्ते में विभिन्न राज्यों में तैनात ड्रोन स्क्वाड में ड्रोनों की संख्या कुछ इस प्रकार थी- गुजरात   32,मध्यप्रदेश 10,राजस्थान 22, महाराष्ट्र 29,हरियाणा 8,कर्नाटक 68,ओड़िशा 13, केरल 9,तमिलनाडु 37, मणिपुर-असम 2 तथा तेलंगाना में 7 ड्रोन तैनात थे.ड्रोन हासिल करने बाद ही ज्यादातर राज्यों की पुलिस ने कहना शुरू किया है कि लॉकडाउन तोड़ने वालों की अब खैर नहीं होगी. क्योंकि अब वे आसमान से ऐसे लापरवाहों पर नजर रख रही हैं.

लॉकडाउन की निगरानी के लिए दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में जब पुलिस ने पहली बार ड्रोन उड़ाया तो जो तस्वीर आसमान से सामने आई उसे देखकर पुलिस के आला अफसर हैरान रह गए.पता चला जामा मस्जिद के पास बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैं. लॉकडाउन का इस तरह से सरासर उल्लंघन हो रहा होगा इसकी कल्पना तक नहीं की गयी थी. यह देखने और समझने के बाद ही जामा मस्जिद इलाके में शब-ए-बारात के दौरान ड्रोन से की जा रही निगरानी को और मजबूत तथा सख्त बनाया गया. पूरी रात पुलिस ने ड्रोन से नजर रखा. यूपी और पंजाब में ड्रोन से निगरानी के बाद पहले कुछ दिनों में ही 15  एफआईआर दर्ज हुईं तथा 25 से ज्यादा वाहन जब्त हुए.सचमुच ड्रोन से निगरानी कर्फ्यू को प्रभावी तरीके से लागू करने में काफी असरदार पाया गया है.

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यूपी पुलिस को गाजियाबाद की तंग गलियों में लॉकडाउन को लागू करवा पाना कभी संभव नहीं होता अगर ड्रोन न होते. कैमरेयुक्त ड्रोन की तैनाती के बाद ही लोगों में डर पैदा हुआ है और वे अपने घरों में घुसे वर्ना तो पुलिस कहती रहती थी,लोग एक कान से सुनते थे,दूसरे से निकाल देते थे.गाजियाबाद के एसएसपी कलानिधि नैथानी की ड्रोन के इस्तेमाल की मजबूत शुरुआत तथा लॉकडाउन तोड़ने वालों के प्रति सख्ती से ही मुकदमा दर्ज कराने के आदेश के बाद ही लोगों में इसके प्रति थोड़ा डर पैदा हुआ,नहीं तो लोगों को कोई फर्क ही नहीं पड़ता था.इस तरह देखें तो कोरोना के खिलाफ जंग में ड्रोन पुलिस के लिए कहीं उसकी आंख तो कहीं मददकारी बांह बन गए हैं.

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