अगर मौनसून में आंखों का ठीक प्रकार से ध्यान न रखा जाए तो उन में कई समस्याएं हो जाती हैं. मसलन, आंखों का सूजना, लाल होना, आंखों का संक्रमण भी हो सकता है. कंजक्टिवाइटिस, आई स्टाई, ड्राई आईज के साथसाथ कौर्नियल अल्सर होने का भी खतरा बढ़ जाता है.
मौनसून में होने वाली आंखों की प्रमुख समस्याएं हैं:
कंजक्टिवाइटिस: कंजक्टिवाइटिस में आंखों के कंजक्टाइवा में सूजन आ जाती है. उन में जलन महसूस होती है. आंखों से पानी जैसा पदार्थ निकलने लगता है.
कारण: फंगस या वायरस का संक्रमण, हवा में मौजूद धूल या परागकण, मेकअप प्रोडक्ट्स.
उपचार: अगर आप कंजक्टिवाइटिस के शिकार हो जाएं तो हमेशा अपनी आंखों को ठंडा रखने के लिए गहरे रंग के ग्लासेज पहनें. अपनी आंखों को साफ रखें. दिन में कम से कम 3-4 बार ठंडे पानी के आंखों को छींटे दें. ठंडे पानी से आंखें धोने से रोगाणु निकल जाते हैं. अपनी निजी चीजें जैसे टौवेल, रूमाल आदि किसी से साझा न करें. अगर पूरी सावधानी बरतने के बाद भी आंखें संक्रमण की चपेट में आ जाएं तो स्विमिंग के लिए न जाएं. कंजक्टिवाइटिस को ठीक होने में कुछ दिन लगते हैं. बेहतर है कि किसी अच्छे नेत्ररोग विशेषज्ञ को दिखाया जाए और उचित उपचार कराया जाए.
कौर्नियल अल्सर: आंखों की पुतलियों के ऊपर जो पतली झिल्ली या परत होती है उसे कौर्निया कहते हैं. जब इस पर खुला फफोला हो जाता है, तो उसे कौर्नियल अल्सर कहते हैं. कौर्नियल अल्सर होने पर आंखों में बहुत दर्द होता है, पस निकलने लगता है, धुंधला दिखाई देने लगता है.
कारण: बैक्टीरिया, फंगस या वायरस का संक्रमण.
उपचार: यह आंखों से संबंधित एक गंभीर समस्या है. इस में डाक्टर से मिल कर तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है.
ड्राई आईज: इस में आंखें लगातार आंसुओं का निर्माण करती हैं ताकि उन में नमी बनी रहे और ठीक प्रकार से दिखाई दे. इस के कारण अंतत: आंसुओं का प्रवाह असंतुलित हो जाता है, जिस के कारण आंखें ड्राई हो जाती हैं. ड्राई आईज की समस्या हर मौसम में होती है, लेकिन बरसात में यह समस्या अधिक बढ़ जाती है.
कारण: हवा, धूल और ठंडी हवा के संपर्क में अधिक रहना.
उपचार: इस का सब से बेहतर उपचार डाक्टर द्वारा सुझाए आई ड्रौप्स का इस्तेमाल करना है. अगर समस्या तब भी बनी रहे तो तुरंत किसी अच्छे नेत्ररोग विशेषज्ञ को दिखाएं.
आई स्टाई: आई स्टाई को सामान्य बोलचाल की भाषा में आंख में फुंसी होना कहते हैं. यह मौनसून में आंखों में होने वाली एक प्रमुख समस्या है. यह समस्या पलकों पर एक छोटे उभार के रूप में होती है. आमतौर पर यह समस्या आंखों को गंदे हाथों से रगड़ने से होती है या फिर नाक के बाद तुरंत आंखों को छूने से भी होती है. कुछ बैक्टीरिया जो नाक में पाए जाते हैं वे भी आई स्टाई का कारण बनते हैं.
कारण: मौनसून में बैक्टीरिया का संक्रमण.
उपचार: आईड्रौप्स और दूसरी दवाएं
मौनसून में आंखों की सुरक्षा
– आंखों को छूने से पहले हमेशा अपने हाथ धोएं.
– जब भी बाहर जाएं अपने साथ ऐंटीबैक्टीरियल लोशन जरूर रखें.
– अगर कौंटैक्ट लैंस लगाते हैं, तो किसी के भी साथ अपना लैंस सौल्यूशन साझा न करें.
– नाखून छोटे रखें, क्योंकि बड़े नाखूनों में धूल जमा हो जाती है, जो फिर जब आंखें सीधे हाथों के संपर्क में आती हैं, तो धूल उन में जा सकती है.
– ऐक्सपाइरी डेट के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें.
– आंखों के संक्रमण के दौरान मेकअप प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें.
– इस दौरान कौंटैक्ट लैंस न लगाएं.
– धूल भरी आंधी, बारिश और तेज हवाओं से आंखों को सुरक्षित रखने के लिए ग्लासेज का इस्तेमाल करें.
-डा. कमल बी. कपूर,
शार्प साइट सैंटर