चौकलेट की दुनिया में एक अलग नाम स्थापित करने वाली चौकलेटियर, लोकोपकारक और महिला उद्यमी जीबा कोहली ने केवल देश में ही नहीं, विदेश में भी अपने चौकलेट की वैरायटी से सबको चकित किया है. जिसके लिए उन्हें देश और विदेश में कई पुरस्कार भी मिले है. वह फैंटासी फाइन चौकलेट की ओनर है और चौकलेट को घर-घर तक पहुंचाने की दिशा में काम कर रही है. वह एक प्रशिक्षित भरतनाट्यम डांसर है. काम के दौरान ही उन्होंने व्यवसायी राजेश कोहली से शादी की और दो बेटियों करीना और सोफिया की मां बनी. उन्होंने कई किताबें चौकलेट की रेसिपी पर लिखी है, ताकि लोगों को इसके बारें में जानकारी हो सकें.
जीबा की ये कंपनी 70 साल से अधिक पुरानी है, इस कंपनी की स्थापना वर्ष 1946 में की गयी थी, जिसे उसके नाना ने शुरू किया था, जिसे उन्होंने अपने बेटे की याद में बनाया था,क्योंकि वह मुंबई में चौकलेट शॉप देखना चाहता था. वह कहती है कि उस समय चौकलेट का इतना क्रेज़ लोगों में नहीं था, लेकिन मेरे नाना ने इसे घर-घर तक पहुंचाया. इसके लिए उन्होंने विधवा, गरीब लड़कियों, प्रताड़ित महिलाओं को इस काम में जोड़ा ,क्योंकि ऐसी महिलाओं को वे एम्पावर करना चाहते थे. इसके बाद उन्हें अच्छी तरह से चौकलेट बनाने की विधि का प्रशिक्षण जानकार लोगों से दिलवाते थे और उन्हें अपने यहाँ काम देते थे और बेचने की प्रक्रिया बताते थे. मैं उस समय बहुत छोटी थी और स्कूल से लौटकर उनके काम में हाथ बंटाया करती थी. इससे धीरे-धीरे मेरी रूचि इस क्षेत्र की ओर बढती गयी. मेरी मां भी इस कंपनी से जुडी थी, लेकिन उनकी मृत्यु जल्दी होने की वजह से मुझे 18 साल की उम्र में मैंने इस कंपनी की बागडोर को अपने हाथ में ली.
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इसके आगे वह कहती है कि अभी भी मेरे यहां वही लोग काम करते है, जिन्हें अपनी किसी शारीरिक कमजोरी या किसी अन्य समस्या के चलते आगे बढ़ने में समस्या आई और वे एक मुकाम तक नहीं पहुंच पाएं. उन्हें हम सिखाते है और वे कमाकर अपनी इच्छा पूरी कर लेते है. फैन्टासी चौकलेट को आगे ले जाना मेरे लिए बहुत गर्व की बात है.
इस क्षेत्र में जीबा को कई चुनौती रही है, पर उन्होंने धैर्य से इसे सम्हाला है. वह बताती है कि बचपन से मैंने इस क्षेत्र को देखा है. यहां शांत दिमाग और सही शिक्षा ही आपके काम आती है,जिसमें मैंने सीखना और सिखाना हमेशा जारी रखा. मैंने हमेशा चौकलेट को लेकर नयी-नयी रेसिपी बनायीं और कोशिश किया कि लोग इसके स्वाद को पहचाने, क्योंकि चौकलेट किसी भी प्रकार से हर दिन आप अपनी सूची में शामिल कर सकते है और इसके लिए सही स्वाद और लुक का होना जरुरी है. इस बीच मेरी शादी हुई मैं दो बेटियों की माँ भी बनी, पर मैंने अपने काम को नहीं छोड़ा. मैंने हर काम बिना तनाव के करना सीखा है. यही मेरी इनर स्ट्रेंथ है. मैं सबकी सुनती हूं, मेहनत करती हूं और किताबे पढ़ती हूं. मेरी टीम में 50 लोग है, जिसे मैं हमेशा समय-समय पर नयी-नयी जानकारी से प्रशिक्षित करती रहती हूं. इसके अलावा मैं ट्रेवल करते समय भी उन्हें अपने साथ लेकर जाती हूं, ताकि वे दूसरे जगहों के चौकलेट के बारें में जानकारी प्राप्त कर सके. अच्छी चौकलेट बनाने की कला हमेशा अनुभव से ही आती है.
चौकलेट में तरह-तरह की वैरायटी का होना बहुत जरुरी होता है. आज से 20 साल पहले जीबा ने चौकलेट ट्रफल किसी की मांग पर बनाया था,जो आज बहुत पोपुलर है. अपने इनोवेशन के बारें में उसका कहना है कि मैंने सभी प्रकार के डार्क, केमिकल फ्री ,शुगर फ्री, मिल्क फ्री, विगन, एडिबल फ्लावर चोकलेट्स आदि बनाए है. ये सारे बहुत ही उत्साहित करने वाले चौकलेट है. इसे लोगो तक पहुंचाने के लिए वर्कशौप का आयोजन करती हूं, जिसमें मैं अधिकतर घरेलू महिलाओं को आमंत्रित करती हूं. इसके अलावा यू ट्यूब पर भी मैंने चौकलेट बनाने की विधि को शेयर किया है, जिसे सीखकर महिलाएं रोजगार कर सकती है. मैं खुद सीखकर उन्हें सिखाती हूं. उन्हें मार्केट ट्रेंड बताती हूं.
क्या विदेशी और भारतीय चौकलेट में अंतर है?
पूछे जाने पर जीबा का कहना है कि मैं 25 साल पहले स्विस चौकलेट को इंडिया लायी. उसके बाद मैं बेल्जियम चौकलेट की एम्बेसेडर बनी. अभी मैं फ्रेंच चौकलेट के साथ काम कर रही हूं. फैन्टासी भारतीय कच्चे पदार्थ के साथ-साथ स्विस, बेल्जियम और फ्रांस के मेटेरियल का भी प्रयोग करती है. मेरे हिसाब से कोई भी चौकलेट ग्रेट नहीं है, ग्राहक मुख्य है, जो इसे टेस्ट करता है. कुछ लोगों को मेरे आलमंड चौकलेट पसंद है, तो कुछ डार्क चौकलेट खाते है. इस तरह हर तरह के ग्राहक होते है. मेरा उत्पाद औनलाइन भी है. चौकलेट महंगा है इसलिए सब लोग इसे खरीदकर घर पर नहीं बना सकते है. इसलिए उन्हें मैं अपने यहां सिखाती हूं.
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आपका टर्निंग पौइंट क्या रहा?
18 साल की उम्र में जब मेरी मां बीमार पड़ी और मुझे काम सम्हालना पड़ा, उससे पहले 15 साल की उम्र में जब मेरे नाना ने उनके साथ वर्ल्ड ट्रिप करवाया और सबसे मिलवाया, 25 साल में मेरी शादी हुई और दो बेटियों की माँ बनी,पिछले साल मुझेएक टीवी शो मिला जो मेरा ही था आदि इस तरह सारे मेरे टर्निंग पॉइंट थे. आगे मैं व्यवसाय की नयी प्रक्रिया पर काम कर रही हूं. चौकलेट कभी भी शरीर के लिए ख़राब नहीं होता, इसे हमेशा संतुलन के साथ खाना चाहिए, ताकि आपको बाद में समस्या न हो. मेरी दोनों बेटियां अपने पिता के व्यवसाय को पसंद करती है और उसमें जाना चाहती है,लेकिन वे मेरे साथ भी काम करती है. पति ने हमेशा मेरे काम में सहयोग दिया,जिससे मैं यहाँ तक पहृच पायी हूं.
जीबा फिटनेस के लिए योगा, डांस और स्विमिंग करती है. वह गृहशोभा की महिलाओं से कहना चाहती है कि हमने इस धरती पर जन्म लिया है, हर पल को सेलिब्रेट करें. आप क्या थी और क्या है, इस पर कभी न रोये. आप इतनी सक्षम है कि परिवार के साथ आप कुछ भी कर सकती है. आपका दिमाग आपके हाथ में है इसलिए हमेशा खुश रहे. परेशानियां सबके जीवन में आती है, उससे आगे बढ़े.