Festive Special: जब देना हो घर को फ्रैश लुक

त्योंहारों के मौके पर घर की सजावट करना हर महिला के लिए चुनौती भरा काम होता है, जिस के लिए बजट और समय दोनों का ध्यान रखना जरूरी होता है. शहरों में बढ़ती आबादी और जगह की कमी की वजह से घरों, फ्लैटों की सजावट करना आसान नहीं होता. ऐसे में पहले यह तय करना जरूरी है कि आप सजावट पर कितना खर्च करना चाहती हैं. केवल रंगबिरंगी दीवारों से ही घर खूबसूरत नहीं लगता, बल्कि घर में रखे सामान से भी उस की खूबसूरती निखरती है. कमरे का रंग या फर्नीचर की जगह बदल कर भी घर के लुक में परिवर्तन लाया जा सकता है. आजकल का ट्रैंड पारंपरिक होने के साथसाथ आधुनिक भी है, जिसे फ्यूजन कहा जाता है. इसे हर उम्र के लोग पसंद करते हैं. घर की सजावट के संबंध में मुंबई की एसएस प्रोजैक्ट कंसलटैंट्स की इंटीरियर डिजाइनर सोनाली मोहाडीकर, जो 10 सालों से इस क्षेत्र में काम कर रही हैं, कहती हैं कि आजकल घरों की साजसज्जा पर लोग खूब पैसा खर्च करना पसंद करते हैं. मध्यवर्गीय लोग भी इस में पैसा खर्च करने से नहीं कतराते.

घर को नया और फ्रैश लुक देने के लिए आजकल 3 तरीकों की सजावट फैशन में है:

ड्राई डैकोरेशन:

इस के अंतर्गत फूलों, बैंबो ट्रीज, स्टोंस, डैकोरेशन की वस्तुओं आदि का प्रयोग कर घर की सजावट की जाती है. यह सजावट पानी का प्रयोग किए बिना की जाती है और किसी त्योहार से 3-4 दिन पहले करनी सही रहती है.

इको फ्रैंडली सजावट:

इस का आजकल बहुत चलन है. इस में कागज, थर्मोकोल, प्लास्टिक, बोतल, कांच की बर्नी आदि से सजावट की जाती है. इन के अलावा अगर घर बड़ा है तो बड़ीबड़ी वाल हैं हैंगिंग्स, फ्लौवर पौट्स और लाइट्स के द्वारा सजावट की जाती है. भिन्नभिन्न प्रकार के लैंप शेड्स, मोमबत्तियों आदि का समावेश कर घर के फर्नीचर को ध्यान में रखते हुए मिक्स ऐंड मैच थीम भी लोकप्रिय है. मुंबई में अधिकतर लोग ड्राई थीम और इको फ्रैंडली थीम पर आधारित सजावट को पसंद करते हैं. यह सजावट घरों में ही नहीं वरन दफ्तरों में भी पसंद की जाती है. इस सजावट को पसंद करने का उद्देश्य इस का नैचुरल लुक का होना है. सोनाली बताती हैं कि आजकल फर्श के लुक में भी बदलाव आया है. इपोक्सी फ्लोरिंग ट्रैंड में है. ऐसे फर्श पर किसी भी प्रकार की सजावट अच्छी दिखती है. इस के अलावा कलर थीम भी कुछ लोग पसंद करते हैं. इस में किसी एक रंग से पूरे घर को सजाया जाता है. समुद्र थीम भी काफी लोकप्रिय है, जिस में आप घर बैठे समुद्र के तट का एहसास कर सकते हैं. आप को बजट और कमरे के आधार पर 1 सप्ताह पहले से सजावट की तैयारी शुरू करनी चाहिए ताकि त्योहार वाले दिन सजावट फ्रैश दिखे.

निम्न टिप्स के आधार पर आप खुद भी घर की सजावट कर सकती हैं:

रौ थीम को अपनाएं. इस में किचन में प्रयोग की जाने वाली छलनी, सूप, बर्नी, चम्मच आदि से दीवार के रंग के आधार पर मिक्स ऐंड मैच स्टाइल अपनाते हुए सजावट करें. मसलन, छलनी या सूप को रंग कर उस में दीया या कैंडल रख कर सजाएं.

हैंडमेड लैंप शेड, जिसे बच्चे अधिकतर स्कूलों में बनाते हैं, में बल्ब का प्रयोग कर किसी कोने में रखें. घर के कोने को हमेशा हाईलाइट करें.

कलर थीम के तहत फूल या कागज से कमरों को अलगअलग रंग से सजाएं. बच्चों के कमरे में गहरे रंग का प्रयोग करें, जबकि बैडरूम और ड्राइंगरूम में हलके रंग का.

बैडशीट्स और परदे भी सजावट के आधार पर ही रखें.

त्योहारों में रंगोली का खास महत्त्व होता है, जिसे कलरपेपर, रंग और फूलों से बनाया जाता है. पीकौक पैटर्न, फ्लौवर पैटल्स रंगोली, अल्पना, वुडेन रंगोली, फ्लोटिंग रंगोली, ग्लास रंगोली, संस्कार रंगोली आदि त्योहारों पर बनाई जा सकती हैं. इन के पर दीयों या कैंडल्स से सजावट कर सकती हैं.

शाम को आरोमा औयल वाली कैंडल्स जलाने से घर की शोभा और बढ़ जाती है.

कहती हैं कि इन सब में सब से जरूरी है साफसफाई, जो त्योहार से 10-15 दिन पहले कर लेनी चाहिए ताकि सजावट के समय आप अपना पूरा ध्यान उस पर केंद्रित कर सकें.

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