यूं तो डायबिटीज दुनिया भर में फैली है, मगर भारत आज उसका सबसे बड़ा गढ़ बना हुआ है. इसका सबसे बड़ा कारण 21वीं सदी की जीवनशैली है. लेकिन अगर समय रहते ही इस पर ध्यान दे दिया जाए और खान-पान में सुधार कर लिया जाए तो यह काफी हद तक कंट्रोल में रह सकती है.
करें यह उपाय
1. व्यायाम-स्टडी बताती है कि व्यायाम करने से शरीर में खून का दौरा सही रहता है और खून में शक्कर की मात्रा भी नियंत्रण में रहती है. रिजल्ट के तौर पर हाई मेटाबॉलिज़्म और मधुमेह का कम खतरा रहता है.
2. ना लें चीनी-आपको चीनी, गुड़, शहद, कोल्ड ड्रिंक्स आदि कम खानी चाहिये जिससे रक्त में शर्करा का स्तर बिल्कुल नियंत्रण में रहे. ज्यादा मीठी चीजे और मीठे पेय पदार्थों का सेवन इंसुलिन के लेवल को बढा सकता है.
3. फाइबर-खून में से शुगर को सोखने में फाइबर का महत्वपूर्ण योगदान होता है. इसलिये आपको गेहूं, ब्राउन राइस या वीट ब्रेड आदि खाना चाहिये जिससे शरीर में ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल रहेगा, जिससे मधुमेह का रिस्क कम होगा.
4. ताजे फल और सब्जियां-फलों में प्राकृतिक चीनी का मिश्रण होता है और यह शरीर को हर तरह का पोषण देते हैं. ताजे फलों में विटामिन ए और सी होता है जो कि खून और हड्डियों के स्वास्थ्य को मेंटेन करता है. इसके अलावा जिंक, पोटैशियम,आयरन का भी अच्छा मेल पाया जाता है. पालक, खोभी, करेला, अरबी, लौकी आदि मधुमेह में स्वास्थ्य वर्धक होती हैं. यह कैलोरी में कम और विटामिन सी, बीटा कैरोटीन और मैगनीशियम में ज्यादा होती हैं, जिससे मधुमेह ठीक होता है.
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5. ग्रीन टी-रोजाना बिना चीनी की ग्रीन टी पीजिये क्योंकि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट होता है जो कि शरीर में फ्रीरैडिकल्स से लड्राई करता है और ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन करता है.
6. कॉफी-ज्यादा कैफीन लेने से हृदय रोग की समस्या हो सकती है, लेकिन अगर यह हद में रह कर ली जाए तो काफी हद तक यह ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन कर सकती है.
7.खाने का खास ख्याल-थोड़ी-थोड़ी देर पर खाना नहीं लेते रहने से हाइपोग्लाइसेमिया होने की आशंका काफी बढ़ जाती है जिसमें शुगर 70 से भी कम हो जाती है. खाना लगभग हर ढ़ाई घंटे बाद लेते रहें. दिन भर में तीन बार खाने के बजाय थोड़ा-थोड़ा छह-सात बार खाएं.
8. दालचीनी-रिसर्च बताती है कि दालचीनी, शरीर की सूजन को कम करता है तथा इंसुलिन लेवल को नियंत्रित करता है. इसको आप खाने, चाय या फिर गरम पानी में एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिक्स कर पिएं.
9. तनाव कम करें-ऑक्सीटोसिन और सेरोटिन दोनों ही नसों की कार्यक्षता पर असर डालते हैं. तनाव के समय जब एड्रानलिन का रिसाव होता है तब यह डिस्टर्ब हो जाता है, जिससे डायबिटीज का हाई रिस्क पैदा होता है.
10. उच्च प्रोटीन डाइट-जो लोग नॉन वेज खाते हैं उन्हें अपनी डाइट में लील मीट शामिल करना चाहिये. उच्च प्रोटीन डाइट खाने से शरीर में ताकत बनी रहती है क्योंकि मधुमेह रोगियों को कार्बोहाइड्रेट और हाई फैट से दूर रहने के लिये कहा गया है.
11. फास्ट फूड को कहें ना-शरीर की बुरी हालत केवल जंक फूड खाने से ही होती है. इसमें ना केवल खूब सारा नमक होता है बल्कि शक्कर और कार्बोहाइड्रेट्स तेल के रूप में होता है. यह सब आपके ब्लड शुगर लेवल को बढाते हैं.
12. नमक पर रोक-नमक की सही सीमा आपको डायबिटीज को कंट्रोल करने मे मदद करेगा. ज्यादा नमक लेने से शरीर में हार्मोनल विसंगतियों का खतरा पैदा हो जाता है. इसके यह अलावा यह टाइप 2 डायबिटीज को बढा भी सकता है.
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13. खूब पानी पिएं-पानी खून में बढी शुगर को इकठ्ठा करता है जिस वजह से आपको 2.5 लीटर पानी रोजाना पीना चाहिये. इससे ना ही आपको हृदय रोग होगा और ना ही डायबिटीज.
14. सिरका-खून मे एकाग्र शुगर को सिरका खुद के साथ घोल कर हल्का कर देता है. स्टडी में बताया गया है कि भोजन करने के पहले दो चम्मच सिरका लेने से ग्लूकूज का फ्लो कम हो जाएगा.
15. सोया-डायबिटीज को कम करने के लिये सोया जादुई असर दिखाता है. इसमें मौजूद इसोफ्लावोन्स शुगर लेवल को कम कर के शरीर को प्रोषण पहुंचाता है.