खाने के बारे में यह मिथ भी जानें

मानव शरीर में 95 फीसदी से ज्यादा बीमारियां पोषणयुक्त तत्त्वों की कमी और शारीरिक श्रम में कमी के चलते होती हैं. आइए, भोजन से जुड़े कुछ मिथकों की सचाई के बारे में जानते हैं:

मिथक: किसी वक्त का भोजन न करने पर अगले भोजन में उस की कमी पूरी हो जाती है.

सचाई: किसी भी समय का भोजन मिस करना ठीक नहीं माना जाता है और इस की कमी अगले वक्त के भोजन करने से पूरी नहीं होगी. एक दिन में 3 बार संतुलित भोजन लेना जरूरी होता है.

मिथक: यदि खाने के पैकेट पर ‘सब प्राकृतिक’ लिखा हो तो वह खाने में सेहतमंद होता है.

सचाई: अगर किसी चीज पर ‘सब प्राकृतिक’ का लैबल चस्पा हो तो भी उस में चीनी, असीमित वसा या फिर दूसरी चीजें शामिल होती हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है. ‘सब प्राकृतिक’ लैबल वाले कुछ स्नैक्स में उतनी ही वसा शामिल होती है जितनी कैंडी बार में. पैकेट के पिछले हिस्से पर लिखी हिदायतों को पढ़ना जरूरी होता है, जो आप को सब कुछ बयां कर देती है.

मिथक: अगर वजन जरूरत से ज्यादा नहीं है, तो अपने खाने के बारे में परवाह करने की जरूरत नहीं है.

सचाई: अगर आप को अपने वजन से समस्या नहीं है, तो भी हर दिन सेहतमंद भोजन का चुनाव करना जरूरी होता है. अगर आप अपने शरीर को एक मशीन की तरह से देखते हैं, तो भी उस मशीन को पूरी मजबूती के साथ चलाने के लिए आप सब से अच्छे ईंधन का इस्तेमाल करते हैं. जंक फूड से दूर रहने का भी यही मकसद है. अगर आप खराब खाने की आदतें विकसित कर लेंगे, तो आप को भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

मिथक: चीनी की जगह शहद से अपने खाने को मनचाहे तरीके से मीठा कर सकते हैं.

सचाई: रासायनिक लिहाज से शहद और चीनी बिलकुल बराबर हैं. यहां तक कि नियमित चीनी के सेवन के मुकाबले शहद में ज्यादा कैलोरी हो सकती है. इसलिए बिलकुल चीनी की ही तरह शहद का भी कम मात्रा में इस्तेमाल करने का प्रयास करें.

मिथक: जब तक हम प्रत्येक दिन विटामिन का सेवन कर रहे हैं, हम क्या खा रहे हैं, उस के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है.

सचाई: कुछ पोषण विशेषज्ञों का कहना है कि विटामिन की गोलियां लेना अच्छी बात है, लेकिन ये गोलियां हर उस चीज को पूरा कर देंगी, जिस की लंबे समय से आप को जरूरत है, यह कोई जरूरी नहीं. सेहतमंद खाना आप को प्रोटीन, ऊर्जा और बहुत सारी ऐसी जरूरी चीजें मुहैया कराता है जो विटामिन की गोलियां नहीं करा सकती हैं. इसलिए एक विटामिन और चिप्स का एक पैकेट अभी भी एक खतरनाक लंच है. इस के बजाय आप को संतुलित और पोषणयुक्त भोजन की जरूरत है.

मिथक: चीनी आप को ऊर्जा देती है. अगर आप को दोपहर या फिर खेल खेलने से पहले ऊर्जा बढ़ाने की जरूरत है, तो एक कैंडी बार खाएं.

सचाई: चौकलेट, कैंडी और केक जैसी खाद्यसामग्री में चीनी की मात्रा पाई जाती है, जो यकीनन आप के खून में शर्करा की मात्रा बढ़ा देगी और फिर इस के जरीए आप के शरीर की प्रणाली में जल्द ही ऊर्जा के संचार का एहसास होगा. लेकिन बाद में ब्लड शुगर में बहुत तेजी से गिरावट आती है और फिर आप को ऐसा महसूस होगा कि शुरू के ऊर्जा के स्तर में भी कमी आ गई है.

मिथक: विटामिन और खनिज की जरूरत को पूरा करने के लिहाज से ऊर्जा बार सब से बेहतर रास्ता है.

सचाई: ऊर्जा बार कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा के बेहतर स्रोत हो सकते हैं, लेकिन दूसरे खाने की तरह इन का भी बेजा इस्तेमाल हो सकता है. ज्यादा तरह के खाने का मतलब है आप अपने शरीर को उतना ही नुकसान पहुंचा रहे हैं जितना कैंडी, केक और कुकी के खाने से होता है.

मिथक: कार्बोहाइड्रेट आप को मोटा करता है.

सचाई: अगर आप औसत और संतुलित मात्रा में इन का सेवन करते हैं, तो आप के शरीर के लिए ये सब से बेहतर ऊर्जा के स्रोत साबित हो सकते  हैं.

 – डा. नीलम मोहन, मेदांता मैडिसिटी

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