Winter Special: हार्ट पेशंट के लिए हानिकारक हो सकती हैं सर्दियां, जानिए दिल को स्वस्थ रखने के टिप्स

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

सर्दियों का मौसम बड़ा ही सुहावना होता है. लेकिन दिल के मरीजों के लिए काफी चैलेंजिंग है. सर्दी वह समय है जब दिल से जुड़ी समस्या वाले लोगों को दिल का दौरा पड़ सकता है. दरअसल, तापमान में अचानक गिरावट के कारण पेराफेरल वेसेल्स सिकुड़ जाती हैं इस प्रकार हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है. जिसके कारण हृदय में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है. नतीजतन आपके दिल को ऑक्सीजन और ब्लड पंप करने के लिए ज्यादा प्रयास करने होते हैं. ऐसे में ठंड में दिल की सेहत को मैनेज करने के लिए यहां बताए गए कुछ घरेलू टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं.

1. ब्लड प्रेशर की निगरानी करें-

यदि आप उन लोगों में से हैं, जिन्हें ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो आपके लिए नंबरों पर नजर रखना बेहद जरूरी है. ऐसा करने से कार्डियक अटैक की संभावना काफी कम हो सकती है. इसलिए आपको डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं को समय पर लेना चाहिए.

2. शराब के सेवन से बचें-

शराब त्वचा में ब्लड वेसेल्स का विस्तार कर सकती है. यह आपके शरीर के जरूरी अंगों  से गर्मी निकालकर आपको गर्म महसूस करा सकती है. इसी तरह धूम्रपान से एथेरोस्कलेरोसिस होता है. इतना ही नहीं धूम्रपान करने वालों को भी दिल का दौरा पड़ सकता है. धूम्रपान न केवल हृदय की तरफ ऑक्सीजन के प्रवाह को कम करता है बल्कि आपकी हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को भी बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है.

3. स्वस्थ आहार लें-

ताजे, फल और सब्जियां , बीज, मेवा, फलियां और दालों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें. दिल के रोगियों को ठंड के दिनों में गर्म सूप या गर्म भोजन का सेवन ही करना चाहिए. विशेषज्ञ मानते हैं कि नमक या चीनी से भरपूर भोजन खाने से बचना दिल को स्वस्थ रखने का बेहतर तरीका है. डॉक्टर भी दिल के रोगी को प्रोसेस्ड, जंक और ऑयली फूड्स से बचने की सलाह देते हैं.

4. सिर और हाथों को ढंकें-

डॉक्टर अक्सर दिल के मरीज को ठंड में ज्यादा समय घर से बाहर न बिताने के लिए कहते हैं. उनके अनुसार, यदि जाना भी पड़े, तो कई परतों में गर्म कपड़े पहनना चाहिए. खासतौर से अपने हाथों और सिर को पूरी तरह से ढंकें, गर्म मोजे और जूते पहनें.

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5. शरीर को ज्यादा गर्म करने से बचें-

बेशक सर्दियों में शरीर में गर्माहट जरूरी है, लेकिन इसे जरूरत से ज्यादा गर्म नहीं करना चाहिए. इससे रक्त वाहिकाएं फैल सकती हैं, जिससे हृदय की समस्या से जूझ रहे लोगों का ब्लड प्रेशर लो हो सकता है. इस वजह से हृदय की रक्त आपूर्ति कम हो जाती है और हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है.

6. स्वस्थ आदतों को अपनाएं-

दिल की सेहत को सर्दियों में दुरूस्त बनाए रखने के लिए एक इंडोर एक्सरसाइज प्रोग्राम शुरू करें. घर का गर्म भोजन करें और नियमित रूप से पानी पीएं. यह आपके शरीर को ऊर्जा देगा , जो आपको गर्म रखने के लिए जरूरी है.

7. ज्यादा से ज्यादा आराम करें-

अगर आप दिल के रोगी हैं और आपको ठंड के मौसम में खांसी-जुकाम रहता है, तो आप आराम करें और अच्छे से  अच्छा खाएं. इन दिनों यदि आपको ह्दय रोग के कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें.

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बीमारियों से बचने के लिए दिल का ख्याल रखना है जरूरी

हम सभी लगातार भाग रहे हैं, सफर कर रहे हैं, अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत व्यस्त हैं और बमुश्किल हमें खाली समय मिल पाता है. इस भागदौड़ भरी जिंदगी में, हम अपने रोज के कामों को निबटाने के दौरान अपने भोजन, 8 घंटे की पर्याप्त नींद और नियमित फिटनेस रिजीम को पीछे छोड़ देते हैं. इन सब को सब से कम प्राथमिकता देते हैं और आखिरकार अपने स्वास्थ्य से समझौता कर बैठते हैं. हमारे शरीर का सब से महत्त्वपूर्ण अंग हमारा हृदय है जोकि चौबीसों घंटे काम करता है ताकि हम जिंदगी को भरपूर जी सकें. तनाव में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और स्वास्थ्य दूसरी प्राथमिकता बन रहा है. ऐसे में अपने हृदय की सेहत पर उचित ध्यान नहीं दिया जा रहा है. वर्ष 2015 के लैंसेट अध्ययन के अनुसार, हृदय से संबंधित बीमारियों के कारण भारत में 2.1 मिलियन से अधिक मौतें हुईं. इस से साफ तौर पर कार्डियोवैस्क्युलर रोग (सीवीडी) में देश में वृद्धि हो रही है और वह भी खतरनाक दर से.

इंडियन काउंसिल औफ मेडिकल रिसर्च द्वारा किए गए एक अध्ययन में कार्डियोवैस्क्युलर रोगों में इस बढ़ोतरी का कारण बढ़ती आबादी, लोगों की बढ़ती उम्र और सब से महत्त्वपूर्ण जीवनशैली में हो रहे बदलावों के कारण बढ़ती संवेदनशीलता है. यह इस बात का प्रमाण है कि उम्र के साथ, हमारी जीवनशैली भी हमारे हृदय का स्वास्थ्य निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाती है. हमारी जीवनशैली सिर्फ हमारे द्वारा किए जाने वाले रोजमर्रा के कामों और तनाव को प्रबंधित करने से ही प्रभावित नहीं होती है, बल्कि हम जो खाते हैं या रात में जितनी नींद लेते हैं, उस से भी असर पड़ता है. हमारी इन सब चीजों से सुनिश्चित होता है कि हमारा शरीर पूरा दिन सब से अच्छे ढंग से काम कर रहा है.

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दरअसल, मौजूदा परिदृश्य में जिस आयु समूह को हृदय संबंधी बीमारियां होने का खतरा सब से अधिक है- वह है 30 साल. आंकड़े काफी खतरनाक हैं. अब हृदय रोगों के लिए उम्र स्पष्ट रूप से कोई मानदंड नहीं रह गई है. हृदय के रोग सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं. थकान एवं तनावपूर्ण अनुसूची के बढ़ने से आज की नई युवा पीढ़ी के लिए भी यह गंभीर चिंता बन गई है. इस से बचने का कोई समय नहीं- अब समय आ गया है कि हम अभी से एक स्वास्थ्यवर्धक जिंदगी जीने के लिए सक्रियता से प्रयास करें.

इस से एक बात तो साफ है कि हमें अपने हृदय एवं स्वास्थ्य की देखभाल कम उम्र से शुरू करनी होगी. हम सभी को एक स्वस्थ दिनचर्या एवं आदतों को अपनाना चाहिए जिस से हमें सेहतमंद बने रहने और एक स्वास्थ्यवर्धक जीवन जीने में मदद मिलती है. ये चरण आप की जिंदगी में काफी बड़ा अंतर ला सकते हैं:

शारीरिक गतिविधि

अपनी दिनचर्या में कम से कम 30 मिनट के लिए शारीरिक गतिविधि को शामिल करना जरूरी है. आप ब्रिस्क वौक, जिम, योग, डांस या फिर कुछ और कर सकते हैं जिस से हार्ट पंपिंग में मदद मिलती है. इस से आप के दिमाग को भी सुकून मिलेगा और आप का दिल अधिक सक्रिय होगा, साथ ही हर दिन आप का स्टैमिना भी बनेगा.

सही खानपान

बाहर से आसानी से और्डर किए जा सकने वाले विकल्पों की बजाय घर का बना खाना खाएं. स्वस्थ खाना पकाने की शुरुआत होती है एक ऐसे खाद्य तेल के साथ जिस में आप के हृदय के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए सही अनुपात में सही सामग्री मौजूद हो. तेल में उच्च एमयूएफए होना चाहिए जोकि खाने में तेल के अवशोषण को कम करता है यह ओमेगा 3 का अच्छा स्रोत हो जोकि जलन से लड़ता है. आदर्श ओमेगा 6 : ओमेगा 3 अनुपात (इंडियन काउंसिल औफ मेडिकल रिसर्च द्वारा उल्लिखित 5 से 10 के बीच)हो जोकि हृदय की संपूर्ण सेहत बरकरार रखने में मदद करता है. समग्र पोषण के लिए तेल ओराइजनौल जोकि बैड कोलैस्ट्रौल को कम करता है और विटामिन ए, डी एवं ई से युक्त हो.

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धूम्रपान एवं शराब पीने से बचें

धूम्रपान और नियमित रूप से शराब पीने से आप के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है. तंबाकू का सेवन आप के फेफड़ों में औक्सीजन की मात्रा घटाता है और यह कई बीमारियों का कारण बनता है. वहीं जरूरत से ज्यादा शराब पीने से आप की धमनियां और गुदे खराब हो जाते हैं. इसलिए, धूम्रपान से बचें और शराब के सेवन को सीमित करें. इस से आप का दिमाग एवं शरीर को सक्रिय एवं तंदुरुस्त रखने में मदद मिलेगी.

अच्छी नींद लें

कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेना महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इस से आप के दिमाग को आराम मिलता है. साथ ही हृदय एवं दूसरे अंगों को ज्यादा प्रभावी ढंग से काम करने में मदद मिले क्योंकि जब हम सो रहे होते हैं, तब हमारे अंग ज्यादा सक्रियता से काम करते हैं. जीवनशैली में बदलाव करने के लिए धैर्य एवं पूर्ण प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है. हालांकि, मौजूद परिदृश्य में हमारे पास वाकई में विकल्प नहीं हैं. हमें अब कम उम्र में ही बदलाव करने होंगे ताकि एक सेहतमंद, स्वस्थ एवं लंबी जिंदगी व्यतीत करना सुनिश्चित हो. आइए हम सब खुद से वादा करते हैं कि हम एक सक्रिय एवं स्वस्थ जिंदगी जिएंगे.

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चाहती हैं स्वस्थ दिल तो खाना शुरू करें ये 5 चीजें

आम भाषा में दिमाग को शरीर का ‘प्राइम मिनिस्टर’ कहा जाता है और दिल को ‘होम मिनिस्टर’. जिस तरह से लोगों का खानपान हो चुका है, दिल पर इसका काफी नकारात्मक असर हो रहा है. यही कारण है कि पिछले कुछ दशकों में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. आपको बता दें कि दिल की स्थिति रक्तचाप, मोटापा, धूम्रपान और डायबिटीज जैसे कारकों से काफी प्रभावित होती है. जानकार बताते हैं कि संतुलित आहार और संतुलित दिनचर्या की मदद से इन परेशानियों की रोकथाम की जा सकती है.

दिल को स्वस्थ रखने के लिए आपको अपनी डायट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और स्वस्थ प्रोटीन से भरपूर चीजें शामिल करना बहुत जरूरी है. इसके अलावा, शुगर, फैट और नमक से भरपूर चीजों का सेवन कम करना चाहिए. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आप कैसे अपने दिल की देखरेख खुद कर सकेंगी.

डार्क चौकलेट

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कई अध्ययनों से ये बात सामने आई है कि जो लोग डार्क चौकलेट खाते हैं, उनमें ये ना खाने वालों की तुलना में कम दिल की बीमारी की शिकायत देखी गई है. जो महिलाएं हफ्ते में एक या दो बार डार्क चौकलेट खाती हैं, उन्हें हार्ट फेलियर का 32 फीसदी कम जोखिम था.

रूईबोस चाय

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इस चाय में फ्लेवोनौइड शामिल है जिसे एस्पालेथिन भी कहा जाता है. कई अनुसंधानों से पता चलता है कि यह यौगिक तनाव हार्मोन को कम करके हृदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है. दिल संबंधित बीमारियों के लिए रूबीबोस चाय काफी कारगर है.

टमाटर

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टमाटर एक कारगर एंटीऔक्सिडेंट जो हृदय रोग, त्वचा की क्षति और कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करता है.

अखरोट

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ये एक महत्वपूर्ण एंटीऔक्सिडेंट है. इसके अलावा इसमें ओमेगा -3 फैटी एसिड भी प्रचूर मात्रा में मिलता है. दिल संबंधी कई परेशानियों में ये काफी कारगर है. केवल हफ्ते में 28 ग्राम अखरोट खाने से हृदय रोगों का खतरा कम होता है.

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