आज की भागदौड़ भरी जिंदगी का सब से अधिक असर सुबह के नाश्ते पर पड़ता है. बड़े शहरों में करीब 40% लोग बिना ब्रेकफास्ट किए घर छोड़ते हैं. इन में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है.
नाश्ता शरीर के लिए 25% ऊर्जा प्रदान करता है. नाश्ता न करने पर मोटापा, गैस की परेशानी हो सकती है. हैल्दी ब्रेकफास्ट शरीर को सिर्फ ऊर्जा ही नहीं, और भी कई पोषक तत्त्व जैसे विटामिन और आयरन भी देता है.
नाश्ते में आयरन का महत्त्व
सेहतमंद नाश्ते में आप क्या खा रही हैं, यह बहुत महत्त्वपूर्ण है. सुबह का पहला मील लेने के साथ ही मैटाबोलिज्म की क्रिया शरीर में शुरू हो जाती है जिस से जरूरी पोषक तत्त्व शरीर के अलगअलग हिस्सों में पहुंचते हैं.
ब्रेकफास्ट न करने वाली या अनहैल्दी ब्रेकफास्ट करने वाली महिलाओं में जल्दी कमजोरी आना, आंखों के आसपास काले घेरे होना और थकान जैसे लक्षण आसानी से देखे जा सकते हैं.
महिलाओं की पोषण से जुड़ी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने में आयरन का बहुत महत्त्व है और इस की सही मात्रा बनाए रखने के लिए हैल्दी और आयरनयुक्त नाश्ता लेना सब से आसान विकल्प है.
वैश्विक पोषाहार रिपोर्ट 2016 के अनुसार आयरन की कमी के कारण महिलाओं में खून की कमी के मामले में भारत 180 देशों में 170वें स्थान पर है.
कितनी मात्रा है जरूरी
आप को आयरन की प्रतिदिन कितनी जरूरत है यह उम्र, लिंग और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है. शिशुओं और छोटे बच्चों को आयरन की जरूरत अधिक होती है, क्योंकि एक तो उन का शरीर विकसित हो रहा होता है और दूसरा उन का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है. इसलिए संक्रमण का खतरा अधिक होता है.
4 से 8 वर्ष तक के बच्चे को प्रतिदिन 10 मिलिग्राम, 9 से 13 साल तक के बच्चे को प्रतिदिन 8 मिलिग्राम, 14 से 50 वर्ष की महिलाओं को प्रतिदिन 18 मिलिग्राम, 14 से 50 वर्ष के पुरुषों को प्रतिदिन 8 मिलिग्राम और 50 से अधिक उम्र के पुरुषों और महिलाओं को प्रतिदिन 8 मिलिग्राम आयरन की जरूरत होती है.
गर्भवती महिलाओं को आयरन की अधिक मात्रा में जरूरत होती है. इस दौरान महिलाओं को अपने भोजन में आयरन की मात्रा 10 से 20 मिलिग्राम प्रतिदिन के हिसाब से बढ़ा देनी चाहिए.
आयरन की कमी के लक्षण
आयरन की जरूरत शरीर को लाल रक्त कणिकाओं में पाए जाने वाले हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए होती है, जो शरीर के अलगअलग अंगों में औक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. शरीर के अलगअलग अंगों और कोशिकाओं तक पर्याप्त मात्रा में औक्सीजन नहीं पहुंचने पर वे थकने लगती हैं.
शरीर में हीमोग्लोबिन का निर्माण प्रभावित होने से खून की कमी हो जाती है, जिस से थोड़ा सा काम करने पर ही थकान महसूस होने लगती है, सीढि़यां चढ़ते समय सांस फूलना, धड़कनों का असामान्य हो जाना, सिरदर्द, ध्यान केंद्रित करने में समस्या आना, मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
अगर गर्भवती महिलाओं में आयरन की बहुत कमी है, तो समयपूर्व प्रसव का खतरा बढ़ जाता है और बच्चे का आकार सामान्य से छोटा हो सकता है.
आयरन की कमी का ब्यूटी पर असर
खून में हीमोग्लाबिन का कम होना सेहत के साथसाथ सुंदरता को भी प्रभावित करता है. ऐसे में स्वस्थ बालों, त्वचा और नाखूनों के लिए भी आयरन जरूरी है. आयरन की ज्यादा कमी होने पर नाखूनों और त्वचा में पीलापन आने लगता है और बाल झड़ने लगते हैं.
आयरन की कमी से आप इन गंभीर शारीरिक समस्याओं का शिकार भी बन सकती हैं:
ऐनीमिया: यह शरीर से अधिक मात्रा में रक्त निकलने के कारण होता है. इस का कारण पीरियड्स के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव, गर्भावस्था, शरीर के द्वारा आयरन का कम मात्रा में अवशोषण और किशोरावस्था में बच्चों का तीव्र विकास हो सकता है. इस के होने के कारणों को दूर कर के या आयरनयुक्त भोजन का सेवन अथवा आयरन सप्लिमैंट्स ले कर इसे दूर किया जा सकता है.
धड़कनों का असामान्य होना: आयरन की कमी के कारण औक्सीजन की पूर्ति करने के लिए हार्ट को समयसमय पर ज्यादा रक्त पंप करना पड़ता है, जिस से उस की धड़कनें असामान्य हो जाती हैं. इस प्रक्रिया में हार्ट पर सामान्य से ज्यादा दबाव पड़ता है. इतना ही नहीं यदि शरीर में आयरन की बहुत ज्यादा कमी है, तो हार्ट का आकार बड़ा हो सकता है या वह फेल भी हो सकता है.
बच्चों पर आयरन की कमी का असर
बच्चों में आयरन की बहुत ज्यादा कमी के कारण उन की ग्रोथ प्रभावित होती है. बच्चों में आयरन की कमी का लगातार बने रहना न सिर्फ उन की ग्रोथ का रोकता है, बल्कि उन की सीखने की और व्यावहारिक क्षमता को भी प्रभावित करता है.
इस के अलावा आयरन की कमी के चलते होने वाली हीमोग्लोबिन की कमी के कारण बच्चों का इम्यून सिस्टम भी सही से काम नहीं करता और वे जल्दीजल्दी इन्फैक्शन की चपेट में आ कर बीमार पड़ने लगते हैं.
बच्चों में यदि आयरन की कमी के लक्षण जैसे थकान की वजह से फिजिकल ऐक्टीविटी में कमी आना, सुस्त रहना इत्यादि नजर आएं तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें और बच्चे के लिए पोषक व आयरन रिच डाइट प्लान बनाएं.
इन से मिलता है आयरन
शरीर में आयरन की कमी न हो, इस के लिए जानिए, खानेपीने की कुछ ऐसी चीजों के बारे में जिन्हें अपनी डेली डाइट का हिस्सा बना कर आप शरीर में आयरन की सही मात्रा बनाए रख सकती हैं:
सब्जियां: हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, बथुआ आयरन के अच्छे स्रोत हैं. इन के अलावा बींस, इमली, मटर, फलियां, ब्रोकली, टमाटर, मशरूम, चुकंदर का सेवन भी आयरन की कमी को पूरा कर सकता है.
फल और ड्राई फ्रूट्स: अपनी डेली डाइट में मौसमी फलों को जरूर शामिल करें. तरबूज, अंगूर, केला, बादाम, खूबानी, किशमिश, काजू, खजूर जैसे फलों में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
अन्य खा-पदार्थ: फलों और सब्जियों के अलावा कुछ ऐसे भी खा-पदार्थ हैं जो आयरन के अच्छे स्रोत हैं. लाल मांस, चिकन, साबूत अनाज (सोयाबीन और काबुली चने), ब्रैड, अंडे, मूंगफली, टूना मछली, गुड़, कद्दू के बीज इत्यादि से आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है.
आयरन पावर ब्रेकफास्ट
यदि दिन की शुरुआत हैल्दी और आयरन रिच ब्रेकफास्ट से करनी है तो इन टिप्स पर गौर जरूर करें:
नट्स ऐंड सीड्स
अखरोट, बादाम, खूबानी, काजू आदि में आयरन की मात्रा अधिक होती है. अत: इन्हें अपने ब्रेकफास्ट में जरूर शामिल करें.
– सुबह समय की कमी रहती है तो ड्राईफू्रट्स शेक सब से जल्दी बनने वाली सेहतमंद ड्रिंक है. इस से ऐनर्जी भी मिलती है और जरूरी पोषक तत्त्व भी.
– ईजी और क्विक हैल्दी मील बाउल भी तैयार कर सकती हैं. इस के लिए कौर्नफ्लैक्स को दूध के साथ मिक्स कर उस में मनपसंद फ्रूट्स और ड्राईफू्रट्स मिलाएं.
सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्जियों में आयरन की मात्रा सब से अधिक होती है. इन्हें इस तरह अपने नाश्ते में शामिल करें:
– उबले हुए कौर्न में ब्लांच की हुई पालक और मनपसंद ड्रैसिंग ऐड करें और सेहतमंद व स्वादिष्ठ नाश्ते का मजा लें.
– बेसन और गेहूं के आटे को एकसाथ मिक्स कर उस में कटी हुई पालक मिला कर गूंधें. इस से तैयार परांठे या रोटियां बना सकती हैं.
– मेथी के परांठे भी आयरन का अच्छा स्रोत हैं.
– आयरन रिच दलिया बाउल तैयार करने के लिए उस में ब्लांच की हुई ब्रोकली और पालक ऐड करें.
– मिक्स्ड नट्स ऐंड वैजीस बाउल तैयार करने के लिए सलाद की पत्तियों, ब्रोकली, चुकंदर और अलगअलग रंगों की शिमलामिर्च को एकसाथ मिक्स करें व मनपसंद ड्रैंसिंग और पीनट्स मिलाएं. हैल्दी सलाद बाउल तैयार है.
– रात में ही चुकंदर को मनपसंद आकार में काट कर रख लें. सुबह धनियापत्ती, चिली फ्लैक्स व नमक मिला कर सौटे कर इस्तेमाल कर सकती हैं.
फलियां या बींस
फलियां शाकाहारी व्यक्तियों के लिए सब से अच्छा विकल्प है. आयरन, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर फलियां सब को खानी चाहिए. इन में लोबिया और छोले आयरन के सब से अच्छे स्रोत हैं. इन्हें भिगो कर, उबाल कर या अंकुरित कर रोज नाश्ते में शामिल करें. इन के अलावा ज्वार, बाजरा, नाचनी आदि की रोटी बना कर या फिर किसी भी रूप में नाश्ते में शामिल करने से भरपूर मात्रा में आयरन मिलता है. इन के अलावा आयरन रिच ब्रेकफास्ट के अन्य विकल्प भी हैं:
ब्रोकली: ब्रोकली में आयरन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. 1 कप उबली ब्रोकली में 1 एमएल आयरन पाया जाता है. इसे अपने नाश्ते में शामिल करने से 10% आयरन की मात्रा पूरी हो जाती है.
– उबली हुई ब्रोकली को मनपसंद मेयोनीज या ड्रैंसिंग के साथ खा सकती हैं.
– पोहा और ओट्स के साथ भी ब्रोकली स्वादिष्ठ लगती है.
चिकन: मांसाहारी व्यक्तियों के लिए चिकन या लाल मांस एक अच्छा विकल्प है. इस में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है. लेकिन इस की मात्रा सही होनी चाहिए, ताकि इस का फायदा हो.
– बाजार में चिकन सौसेज आसानी से उपलब्ध हैं. इन का इस्तेमाल आप सैंडविच बनाने में कर सकती हैं.
– चिकन के उबले हुए छोटेछोटे टुकड़ों को दलिया के साथ मिक्स कर सकती हैं.
– ठंड के मौसम में चिकन सूप बना सकती हैं.
– चिकन सलाद बनाने के लिए फलियों को सौटे कर उबले हुए चिकन के साथ मिलाएं. मनपसंद ब्रैड और ड्रैसिंग के साथ इस का लुत्फ उठाएं.
ध्यान रहे कि आयरन के स्रोत ऐसे हों जिन्हें शरीर आसानी से ग्रहण कर ले. ज्यादा बेहतर होगा कि ऊपर बताए गए आयरन के स्रोतों में से उन स्रोतों को प्राथमिकता दें, जो आप के लोकल एरिया की उपज हों और मौसमी हों.