Holi 2023: होली की मस्ती में रंग भरेंगे बौलीवुड के ये 10 गाने

‘रंग बरसे भीगे चुनर वाली’ और ‘अंग से अंग लगाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना..’ जैसे गाने जब तक न बजे लगता ही नहीं कि होली आ गई है. इन गानों का बजना और लोगों का थिरकना जैसे किसी परंपरा की तरह हो गया है. होली के त्यौहार का उत्साह बढ़ाने में बॉलीवुड ने हमारा खूब साथ दिया है.

1958 से लेकर आज तक फिल्मों में होली के गीत फिल्माएं जाते हैं और वे सुर्खियां भी बटोरते हैं. आज हम आपको बॉलीवुड के ऐसे ही यादगार होली सांग्स के सफर पर ले चल रहे हैं जिन्होंने हमारी होली का मजा दोगुना कर दिया.

1. होली आई रे कन्हाई

साल 1958 में आई फिल्म ‘मदर इंडिया’ का गाना ‘होली आई रे कन्हाई..’ किसे याद नहीं होगा. हमारे बुजुर्ग तो आज भी इसी गाने से होली का आगाज करते हैं.

2. आज न छोड़ेंगे… हम तेरी चोली, खेलेंगे हम होली

‘आज न छोड़ेंगे… हम तेरी चोली, खेलेंगे हम होली’ फिल्म ‘कटी पतंग’ (1970) से इस सदाबहार गीत को ही ले लीजिये. भला इसकी मस्ती और अल्हड़पन से कौन बच सकता है.

3. होली के दिन दिल खिल जाते हैं…

‘शोले’ (1975) फिल्म का गीत ‘होली के दिन दिल खिल जाते हैं…’ होली पर जैसे सबसे पॉपुलर गीतों में से एक है. इसे सुनकर सभी जैसे होली की मस्ती में डूब जाते हैं.

4. रंग बरसे भीगे चुनर वाली, रंग बरसे..

1981 में आई फिल्म ‘सिलसिला’ का यह गीत ‘रंग बरसे भीगे चुनर वाली, रंग बरसे..’ का तो मिजाज ही अलग है. होली की छेड़छाड़ और मस्ती को सलीके से बयां करता है. अमिताभ-रेखा, जया-संजीव कुमार पर फिल्माया यह गीत खूब गाया-सुना जाता है.

5. अंग से अंग लगाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना..

साल 1993 में आई फिल्म ‘डर’ का गाना ‘अंग से अंग लगाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना..’ किसे याद नहीं होगा. फिल्म में शाहरुख के नकारात्मक रोल को आज भी याद किया जाता है.

6. होली खेले रघुवीरा..

2003 में आई फिल्म बागबान में अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी पर फिल्माए गए गीत ‘होली खेले रघुवीरा..’ ने भी लोगों के दिलों को धड़का दिया.

7. डू मी ए फेवर लेट्स प्ले होली..

साल 2005 में आई फिल्म ‘वक्त- द रेस अगेंस्ड टाइम’ में अक्षय कुमार और प्रियंका चोपडा़ पर फिल्माया गया गीत ‘डू मी ए फेवर लेट्स प्ले होली..’ का गीत कुछ मॉर्डन टच लिए हुए था लेकिन युवाओं ने इसे काफी पसंद किया.

8. बलम पिचकारी..

साल 2013 ये ‘जवानी है दीवानी’ का गाना ‘बलम पिचकारी..’ युवाओं में लोकप्रिय है.

9. जा रे हट नटखट..

वी शांताराम की फिल्म नवरंग का गीत ‘जा रे हट नटखट..’ आज भी झूमने पर मजबूर कर देता है.

10. सोणी सोणी..

साल 2000 में आई शाहरुख-ऐश्वर्या की ‘मोहब्बतें’ फिल्म से ‘सोणी सोणी..’ सांग कौन भूल सकता है. इस गीत ने जैसे होली को फिर से रिवाइव कर दिया.

Holi 2023: इन 5 जगहों पर अलग अंदाज में होता है होली सेलिब्रेशन

हर कोई चाहता है कि होली हो या दीवाली, हर त्यौहार खुशियों से भरा हुआ बीते. जहां अपनों का साथ और दिलों में त्यौहारों की उमंग हो. कई लोगों के लिए तो होली का त्यौहार इतना पसंद होता है, कि इसे मनाने के लिए वो किसी खास जगह या लोगों के साथ चले जाते हैं.

वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जहां पर होली का ज्यादा चलन नहीं है. ऐसे में वो होली के दिन बहुत नीरसता का अनुभव करते हैं. अगर आपको भी अपनी होली खास मनानी है, तो हम आपको बताने जा रहे हैं, ऐसी जगहों के बारे में. जहां जाकर आपकी होली खास बन जाएगी. इन जगहों पर होली को अलग अंदाज में मनाया जाता है.

  1. बरसाना

बरसाना की होली लट्ठमार होली नाम से दुनियाभर में मशहूर है. इसे देखने के लिए देश से ही नहीं विदेशों से भी लोग आते हैं. तीन दिन तक चलने वाली इस होली को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है.

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कैसे पहुंचे : आप दिल्ली-चेन्नई और दिल्ली-मुंबई मुख्य लाइन पर मथुरा है. कई एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों को दिल्ली, मुंबई, पुणे, चेन्नई, बेंगलूर, हैदराबाद, कोलकाता, ग्वालियर, देहरादून, इंदौर से मथुरा जुड़ा हुआ है. आप मथुरा पहुंचकर आसानी से बरसाना पहुंच सकती हैं.

2. आनंदपुर साहिब

पंजाब के आनंदपुर साहिब की होली का अंदाज बिल्कुल अलग होता है. यहां आपको सिख अंदाज में होली के रंग की जगह करतब और कलाबाजी देखने को मिलेगी, जिसे ‘होला मोहल्ला’ कहा जाता है.

कैसे पहुंचे : आप ट्रेन या बस से पंजाब के आनंदपुर साहिब जा सकती हैं. आपको यहां के तीन दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, उत्तरप्रदेश के लिए आसानी से बस मिल जाएगी.

3. उदयपुर

अगर आप शाही अंदाज को पसंद करती हैं, तो इस बार की होली उदयपुर में मनाएं. राजस्थानी गीत-संगीत के साथ यहां होली काफी भव्यता से मनाई जाती है.

कैसे पहुंचे : आप बस या ट्रेन से आराम से उदयपुर पहुंच सकती हैं.

4. मथुरा-वृंदावन

कृष्ण और राधा की नगरी में मनाई जाने वाली फूलों की होली दुनियाभर में मशहूर है. एक हफ्ते तक मनाए जाने वाले इस उत्सव के दौरान आप यहां के खाने पीने का लुत्फ भी उठा सकती हैं.

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कैसे पहुंचे : आप बस या ट्रेन से मथुरा वृंदावन पहुंच सकती हैं. आप चाहे तो निजी वाहन से भी 4-5 घंटे में मथुरा-वृंदावन पहुंच सकती हैं.

5. शांतिनिकेतन

अगर आपको अबीर और गुलाल की होली पसंद है, तो शांतिनिकेतन की होली आपको बहुत रास आएगी. शांतिनिकेतन, पश्चिम बंगाल का प्रसिद्ध विद्यालय है जहां सांस्कृतिक व पारंपरिक अंदाज में गुलाल और अबीर की होली खेली जाती है.

कैसे पहुंचे : आप बस या ट्रेन से कोलकाता पहुंचकर 180 किलोमीटर दूर बस या टैक्सी से शांतिनिकेतन पहुंच सकती हैं.

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Holi 2023: होली पर बनाएं राजस्थानी मालपुआ

आज इस भागती दौड़ती जिंदगी में लोग इतने व्यस्त हो गए हैं कि कभी हर घर बनने वाला मालपुआ को भी अब खरीदकर खाने लगे हैं. लेकिन मालपुआ का असल स्वाद चखना है तो घर के बने मालपुए खाएं. क्या आप जानती हैं कि होली के प्रसिद्ध व्यंजनों में से एक है मालपुआ. और होली भी आने वाला ही है तो इस होली आप बनाएं राजस्थानी मालपुआ.

सामग्री

मैदा – 1 कप

मावा या खोया – 1/2 कप

बेकिंग सोडा – 1

चीनी – 1/2 कप

सौंफ पाउडर – 1/2 चम्मच

इलायची पाउडर – 1/2

घी – आवश्यकता अनुसार

विधि

एक बर्तन में मैदा, इलायची पाउडर, सौंफ पाउडर डाल कर मिलायें. उसके बाद इस मिश्रण में खोया डालें और मिलायें. अब थोड़ा थोड़ा पानी डाल कर गुठ्लिया खत्म होने तक अच्छे तरह फेट लें और गाढा और चिकना घोल तैयार कर लें.

चीनी में 1/4 कप पानी डाल कर उबालने रखें. अब एक तार की चाशनी बनने के बाद 1/4 टी स्पून इलायची डाल कर मिलायें. अब गैस बंद कर दें.

अब कढाई में घी डालें और गर्म होने तक इंतजार करें. मैदा मिश्रण में बेकिंग सोडा डाल कर मिलायें. अब चमचे में घोल भर कर कढाई में गोल गोल फैलाएं. धीमी आंच पर दोनों तरफ हल्का ब्राउन होने तक तल कर निकाल कर चाशनी में डाल दें. इसी तरह सारे मालपुआ बना लें. मालपुआ बन कर तैयार है.

Holi Special: स्किन और बालों पर रंगों का न हो असर

आजकल रंग प्राकृतिक स्रोतों से नहीं बनाए जाते हैं. उन में रसायन, अभ्रक यहां तक कि सीसा भी मिला होता है, जो न केवल त्वचा में जलन पैदा करता है, बल्कि सिर की त्वचा में जम भी जाता है. चूंकि होली बाहर खेली जाती है, ऐसे में धूप का भी त्वचा पर बुरा प्रभाव पड़ता है. धूप के कारण त्वचा की नमी खत्म हो जाती है, त्वचा शुष्क हो जाती है. उस में टैनिंग भी हो जाती है. इसीलिए होली के बाद त्वचा की खूबसूरती कम हो जाती है. धूप में जाने से 20 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाएं. सनस्क्रीन एसपीएफ 20 या इस से अधिक होना चाहिए. अगर आप की त्वचा पर धब्बे पड़ जाते हैं, तो ज्यादा एसपीएफ चुनें. ज्यादातर सनस्क्रीन में मौइश्चराइजर भी होता है. अगर आप की त्वचा बहुत सूखी है, तो पहले सनस्क्रीन लगाएं, फिर कुछ मिनट बाद मौइश्चराइजर लगाएं. दिन में हलका मेकअप करें. आंखों के लिए आईपैंसिल या काजल और होंठों के लिए लिपग्लौस का इस्तेमाल करें.

होली खेलने के बाद त्वचा से रंग निकालना सब से मुश्किल होता है. अपने चेहरे को तुरंत साबुन से न धोएं, क्योंकि साबुन क्षारीय होता है, जो त्वचा के सूखेपन को और बढ़ाता है. इस के बजाय किसी क्लींजिंग क्रीम या लोशन का इस्तेमाल करें. चेहरे पर इस की मसाज करें और फिर गीली रुई से पोंछ लें. आंखों के आसपास के हिस्सों को भी हलके हाथों से साफ करें. क्लींजिंग लोशन रंगों को घोल कर उन्हें आसानी से निकाल देता है.

घर पर क्लींजर बनाने के लिए 1/2 कप ठंडे दूध में 1 चम्मच तिल, जैतून या सूरजमुखी का तेल मिला कर उस में रुई भिगो कर त्वचा को साफ करें.

तिल के तेल का भी शरीर से रंग निकालने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इस से न केवल त्वचा में लगा रंग निकल जाएगा, बल्कि त्वचा भी सुरक्षित रहेगी. तिल का तेल धूप से होने वाले नुकसान को भी ठीक करने में मददगार होता है. नहाते समय लूफा की मदद से शरीर को हलके से स्क्रब करें. नहाने के तुरंत बाद जब त्वचा थोड़ी गीली हो, चेहरे और शरीर पर मौइश्चराइजर लगाएं. इस से त्वचा में नमी समा जाती है.

होली के अगले दिन आप को धूप के कारण त्वचा सूखी या टैनिंग युक्त लग सकती है. अत: 2 बड़े चम्मच शहद 1/2 कप दही में मिलाएं. इस में 1 चुटकी हलदी डालें. इसे चेहरे, गरदन और बाजुओं पर लगाएं. 20 मिनट बाद पानी से धो दें. शहद त्वचा को मुलायम बनाता है. दही त्वचा को पोषण प्रदान कर के अम्लक्षार का संतुलन बनाए रखता है. यह टैनिंग को भी निकालता है. रंगों के कारण सिर की त्वचा पर जलन होती है और बाल रूखे हो जाते हैं. होली खेलने से पहले बालों पर लीवऔन कंडीशनर या हेयरसीरम लगाएं. इस से बालों पर एक परत बन जाएगी जो इसे रंगों, धूप और प्रदूषण से बचाएगी. इस से बालों की चमक बनी रहेगी.

बाल धोते समय पहले बहुत सारे पानी से धो कर सूखे रंगों और अभ्रक के कणों को निकालें. इस के बाद माइल्ड हर्बल शैंपू लगा कर उंगलियों से सिर की त्वचा पर मसाज करें. फिर पानी से अच्छी तरह धोएं. एक मग पानी में एक नीबू का रस मिला कर बालों को धोएं. इस से सिर की त्वचा के अम्लक्षार का संतुलन बना रहता है.

अगर खुजली हो तो 2 चम्मच सिरका 1 मग पानी में डाल कर आखिरी रिंस के लिए इस्तेमाल करें. इस से खुजली समाप्त हो जाएगी. अगर खुजली फिर भी न जाए तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं. अगले कुछ दिनों के भीतर बालों को पोषक उपचार दें. अंडे की जर्दी को बादाम या जैतून के तेल में मिला कर बालों और सिर की त्वचा पर लगाएं. तौलिया गरम पानी में भिगो कर निचोड़ें. फिर उसे सिर पर लपेट कर 5 मिनट तक रखें. इस प्रक्रिया को 3-4 बार दोहराएं. इस से बाल और सिर की त्वचा तेल को अच्छी तरह से सोख लेगी. 1 घंटे बाद बालों को धो लें. मेहंदी बालों के नुकसान को ठीक करने में मदद करती है और उन्हें नई चमक देती है. मेहंदी पाउडर में 4 चम्मच नीबू का रस, कौफी, 2 अंडे, 2 चम्मच तेल और दही मिला कर पेस्ट बनाएं. इसे बालों में लगा कर 1 घंटे बाद धो लें.         

Holi 2023: रंगों से अपनी स्किन को बचाएं ऐसे

गुझिया , पिचकारियाँ, गुलाल, ठण्डाई और हँसी यही होली का प्रतीक है और  मार्च का महीना अपने साथ लेकर आता है होली के रंगों की धूम. यह वर्ष का वह समय होता है जिसका शायद हम सभी को बेशब्री से  इंतज़ार होता है और  जब हम रंगों से सराबोर हो जाते हैं.जबकि कुछ लोग ऐसे भी है जो इन रंगों से दूर भागते है कारण है स्किन खराब होने का डर .लेकिन इस दिन इन रंगों से कोई बच नहीं पाता .

अफसोस की बात है कि अब गुलाल का उपयोग होली खेलने के दौरान बहुत कम हो गया है. बाजारों में केमिकल रंग,हर्बल रंगों से कीमतों में ज्यादा सस्ते  होते है और अधिकतर लोग इसी कारण हर्बल रंगों का चयन न करके केमिकल रंगों का चयन करते हैं जो वाकई में बहुत ज्यादा हानिकारक साबित हो सकते हैं.

अब अक्सर लोग ब्राइट और केमिकल रंगों का प्रयोग करते हैं और विशेषज्ञों के अनुसार ये रंग अक्सर  गंभीर स्किन संक्रमण, आंखों में problem  और यहां तक कि बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं.

जाने-माने स्किन विशेषज्ञ और कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ शेफाली तृसी नेरुरकर कहती हैं, ” होली के दौरान सिंथेटिक रंगों के इस्तेमाल से अक्सर स्किन में जलन, डर्माटाइटिस और स्किन rashes जैसी बहुत सी परेशानी हो  सकती है. कुछ मामलों में जलन इतनी गंभीर होती है कि यह बहुत ज्यादा परेशानी का सबब बन जाती है. “

अगर आप डरते हैं कि ये रंग आपकी स्किन और बालों को नुकसान पहुंचाएंगे तो इस होली अपनी स्किन और बालों की चिंता करना भूल जाएं और रंगों के त्योहार का आनंद लें क्योंकि हम आपके लिए लाए हैं बेहतरीन ब्यूटी टिप्स.चलिए जानते है की इस होली हम अपने स्किन और बालों की देखभाल कैसे करें-

1. sunscreens का use करें

होली हमेशा खुले में खेली जाती है . सूरज की रोशनी शरीर पर लगे रंगों को पक्का कर देती है, जिसकी वजह से उन्हें निकालना मुश्किल हो जाता है.इसलिए  होली खेलने से पहले 20 से 25 spf वाला सनस्क्रीन जरूर लगाएं. यह आपकी स्किन को टैनिंग से बचाएगा  और इसके अलावा धूप में होली खेलने से आप की रंगत बेकार भी नहीं होगी. बाद में जब आप अपनी स्किन  से होली का रंग छुड़ाएंगे तब  वह बड़ी आसानी से आपकी स्किन से निकल जाएंगे.

2. अपनी स्किन और बालों पर तेल लगाएं

ओइलिंग  केवल आपके बालों तक सीमित नहीं होनी चाहिए. आपको अपनी स्किन को भी केमिकल रंगों  से बचाना होगा. इसके लिए ये सुनिश्चित करें की आप अपने बालों में अच्छे से जैतून का तेल लगायें. आप चाहे तो अपना कोई भी पसंदीदा तेल लगा सकते है. अपने बालों के साथ साथ अपने शरीर पर भी नारियल या जैतून के तेल की अच्छे से मालिश कर लें . ये तेल आपकी स्किन और रंगों के बीच एक सुरक्षात्मक परत के रूप में काम करेगा और आपकी स्किन को रंगों से प्रभावित होने से बचाएगा. इसके अलावा होली के बाद रंगों से छुटकारा पाना आपके लिए आसान होगा.

3. अपने नाखूनों को नेल पेंट से कोट करें

इस सीजन  आपका  अपने हाथों को मॉइस्चराइज़ करना पर्याप्त नहीं है,यह  बहुत संभव है कि रंगों से खेलते समय होली के रंग आपके नाखूनों को नुकसान पहुंचा सकते है और उन्हें रूखा और बेजान बना सकते हैं. अक्सर हम देखते हैं कि होली के चार-पांच दिनों बाद तक हमारे नाखूनों पर होली का रंग  चढ़ा रहता है, जो देखने में काफी भद्दा नजर आता है. अगर आप नहीं चाहते कि आपके नाखूनों की रंगत जाए और उस पर होली का रंग चढ़े तो अपने नाखूनों पर नेल पॉलिश का एक मोटा कोट लगाएं. डार्क शेड का विकल्प आपके नाखूनों को दागदार होने से बचाएगा. इससे आपके नाखूनों की रंगत ऐसी ही बनी रहेगी जैसे पहले थी. होली खेलने के बाद में  नेल पॉलिश को नेल रिमूवर से निकाल दें. आप देखेंगे कि आपके नाखूनों पर होली का रंग नहीं चढ़ा है.

एक बात और किसी भी रंग को उंगलियों के बीच फंसने से रोकने के लिए उंगलियों पर पेट्रोलियम जेली जरूर लगायें.

4. waterproof मेकअप करें

अपने चेहरे और गर्दन को रंगों से सुरक्षित रखने के लिए आप अपनी स्किन के हिसाब से कोई भी waterproof फाउंडेशन use कर सकते है. आप अपनी आँखों के लिए कोई भी ब्राइट कलर का waterproof eyeshadow use कर सकते है. आप चाहे तो अपने होठो  पर कोई भी ब्राइट कलर की longlasting लिपस्टिक लगा सकते हैं.  इससे रंग आपकी स्किन के डायरेक्ट कांटेक्ट में नहीं आ पाएंगे और आपकी स्किन रंगों से सुरक्षित भी रहेगी.

5. अपने बालों की देखभाल करें

होली में अपने बालों को पानी के रंगों से दूर रखना लगभग नामुमकिन है.इसलिए होली खेलने से पहले अपने बालों में या तो कंडीशनर लगा ले या तो कोई सिरम . यदि आपके बाल छोटे हैं, तो हेयर जेल लगाएं. इस कोशिश से आप अपने बालों को खतरनाक केमिकल से बचा सकते हैं .

अपने बालों को बचाने का सबसे अच्छा तरीका यह भी  है कि आप इसे स्कार्फ से  पूरी तरह से कवर करें. इन तरीकों को अपनाने से रंग खेलने के बाद बाल धोते वक्त बालों पर लगा रंग आसानी से बाहर निकल जाता है.

6. हमेशा हाइड्रेटेड रहें

यह होली खेलने और इसके रंगों के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए यह एक बहुत प्रभावी तरीका है. हम होली खेलते समय पूरा वक़्त घर से बाहर रहते है और इस कारण अक्सर हम पानी पीना भूल जाते हैं और परिणामस्वरूप हमारे   शरीर में  पानी की कमी हो जाती  है .इससे खराब टैन होने की अधिक संभावनाएं होती हैं और आपका ऊर्जा स्तर भी नीचे गिर सकता है. चलिए हम-सब मिलकर इस होली को सही मायने में ‘Happy Holi ‘ बनाये.

Holi 2023: रंगों की बात रंगों की जुबानी

होली रंगो का त्योहार है ,रंग-गुलाल हमारे जीवन में महत्वर्पूण भूमिका अदा करती है. आदि काल से मानव सभ्यता मे रंगो का महत्वर्पूण भूमिका रहा है. रंगो के इतिहास , कृत्रिम रंगो की जानकारी ,प्राकृतिक रंगो और मिलावटी रंगो के बारे में जानकारी देता , यह आलेख.

( राधा-कृष्णा की गुलाल से यादगार बनने वाली होली समय के साथ अपने बदलते स्वरूपो के साथ मानव-सभ्यता पर अपना असर डालते हुए होली के रंग, आज के समय मे पूरी तरह बदल गया है. जिन रंगो को कपडे, जूट,मशीन या प्लास्टिक रंगने के लिए बनाया गया था , आज उन्ही रंगो से हम अपने अंग रंगते है.)

रंगो का इतिहास

रंगो का इतिहास काफी पुराना है. मानवविकास के पहले चरण से रंगो का खुल कर प्रयोग करता आ रहा है.कई मानव सभ्यता इस बात की गवाही देती नजर आती हैं. रामायण काल मे ंरंगो का उपयोग बखूबी होता था ,तभी तो महारानी कैकयी अपने कक्ष को रंगो से सजवाया करती थी , महाभारत काल मे भी पंडावो का इन्द्रप्रथरंगो के उपस्थिति को बताता है. भारत के कई मध्यकालीन शासक रंगो का जमकर उपयोग करते थे , तभी तो चित्रकला उन शासको के पसंदिदा र्काय में से एक होता था. हडप्पा-मोहनजोदडो की सभ्यता अपने आप मे मानव की सबसे बडी सभ्यता मानी जाती है , इस सभ्यता काल में भी रंगो का उपयोग मानव द्वारा किया जाता था , जैसे कि खोदई से प्राप्त अवशेष बता रहे है .

यह कहना गलत नही होगा कि रंग भारतीय परंपरायो मे आदि काल से ही रचा बसा है.अगर आप सोच रहे है कि रंगो का उपयोग कब से हो रहा है , तो इस सवाल का जवाब देना थोडा मुश्किल जरूर है ,क्योकि प्रमाणिक रूप से रंगो के पहले प्रयोग का कोई जिक्र नही है. हां बस इतना कहा जाता है कि पांच हजार र्वष पूर्व रंग मानव जीवन के अहम अंग बन चुके है. तभी तो वेद , पुराण एवम् उपनिष्दो मे हर जगह रंगो का जिक्र है. आदि काल से आधुनिक काल तक रंगो का उपयोग नित्य हमारे जीवन मे नया जगह बनाने लगा , तभी तो चित्रकारी , छायाकारी, सौदर्य और सजावट को इतना बढावा मिला. पहले भी रंग हमारे जीवन के अहम अंगो मे एक हुआ करते थे और आज भी है. यही वजह है कि इस आधुनिक काल मे भी हमलोग शुभ-अशुभ कार्यो के लिए अलग-अलग रंगो का उपयोग करते है.कृत्रिम रंगदुनिया का पहला कृत्रिम रंग तब बना ,जब प्रोफेसर विलियन पार्किन एनीलीन से मलेरिया की दवा कुनैन बनाने का प्रयास कर रहे थे, परन्तु कुनैन तो नही बना लेकिन पर्पल यानी जामुनी रंग की उत्पति हुई.राँयल कालेज आँफ केमिस्टी में 1856 में र्निमित यह रंग दुनिया का पहला कृत्रिम रंग था. इस के बाद प्रयोगशाला में कृत्रिम रंगबनाने के कार्य मे वैज्ञानिको को कई सफलता मिलते रही और बनता रहा कृत्रिम रंग. कुछ ही बर्षो मे कई प्रकार के कृत्रिम रंग बन कर तैयार हो गए.

प्राकृतिक रंग

प्राचीन काल में ऋषि मुनि के आश्रम में प्राकृतिक रंगो को र्धामिक कार्यो के तैयार किया जाता था, कुदरत के खजाने से चुने हुए पत्तो एवम् फूलो से रंग बनाया जाता था.आज भी प्राकृतिक रंगो का हर जगह उपयोग होता है, क्योकि इसको उपयोग करने वाले जानते है कि यह रंग हमारे लिए नुकसानदायक नही बल्कि फायदेमंद है. गावो के बजार में आज भी इसप्रकार के रंग आराम से मिल जाता है. इन रंगोको आप खुद बना सकते है , तो जानते है कि घर पर रंग कैसे बनाए –

लाल सूखा रंग-

लाल चंदन की लकडी के पाउडर में सूखे लाल गुलाब के फूल को पीश कर सूखा ले, सूखने के बाद आपका लाल सूखा रंग तैयार हो चुका होगा.लाल गीला रंग-चार चम्मच लाल चंदन को 4 लीटर पानी मे डाल कर उबाले और फिर ठंढा करने के लिए 20 लीटर मेडाल कर कुछ पल के लिए छोड दे , उसके बाद जो रंग तैयार होगा वही लाल गीला रंग है.

हरा सूखा रंग-

हरे सूखा रंग के रूप मे हिना पाउडर का उपयोग किया जा सकता है या गुलमोहर के पतो को सूखा कर बारीक पीश कर हरा रंग तैयार किया जा सकता है. हरा गीला रंग – एक लीटर पानी मे दो चम्मच हिना पाउडर अच्छी तरह मिलाकर गीला हरा रंग तैयार किया जाता है.

पलाश का रंग-

100 ग्राम पलाश के सूखे फूलको एक बाल्टी पानी में उबाल कर ठण्ढा कर के बाल्टी भर रंग तैयार किया जा सकता है.पलाश का रंग काफी फायदेमंद होता है.

Holi 2023: होली की मस्ती में चलाए फैशनेबल टी-शर्ट का जादू

भारतीय फैशन इंडस्ट्री में नित नए बदलाव देखने को मिल रहे है. अब लोग होली के मौके पर रंग खेलने के लिए पुराने कपड़े जैसे कुर्ता, टी-शर्ट और साड़ी नही पहनते बल्कि अब लोग ज्यादा फैशनेबल हो गए है, उन्हें हर मौके पर कुछ खास पहनना है. ऐसे में लोगों की पसंद को ध्यान में रखते हुए मार्केट में कस्टमाइज्ड होली मैजिक टी-शर्ट का है चलन खूब है. इस टी-शर्ट को पहन कर आप अपनी होली को खास बना सकते है.

कस्टमाइज्ड टी-शर्ट

इस बार होली के मौके पर दिखना चाहते हैं कुछ खास तो आप कस्टमाइज्ड टी-शर्ट पहन कर अलग लुक अपना सकते है. व्हाइट कलर की टी-शर्ट पर अपने नाम के साथ ‘हैप्पी होली’ लिखवा कर पहन सकते हैं इसके अलावा इस व्हाइट  टी-शर्ट पर आप कलरफुल रंग छोड़ती पिचकारी भी बनवा सकते हैं.

 

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होली मैजिक टी-शर्ट

अगर आप  इस बार होली के मौके पर और खास दिखना है तो आप होली मैजिक टी-शर्ट ट्राय  कर सकते है. इस टी-शर्ट की खास बात यह है कि इस  पर पानी पड़ते ही रंग निकलने लगेंगे. ये बात सामने वाले के लिए किसी जादू से कम नही होगी लेकिन थोड़ी सरप्राइजिंग जरूर होगी. इस टी-शर्ट को पहन कर अब आप होली सादे पानी से खेल सकते हैं. आपको और रंग की जरूरत ही नहीं पड़ेगी और आप केमिकल वाले रंगों से भी बच सकते हैं.

 

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बजट के अनुसार कीमत

होली टी-शर्ट की कीमत आपके बजट से ज्यादा नहीं है. एक टी-शर्ट आपको 300 रुपये में मिल जाएगी. अगर आप एक साथ कई टी-शर्ट लेंगे तो इसके लिए एडिशनल डिस्काउंट मिल सकता है.आप ग्रुप टी-शर्ट भी बनवा सकते है. इसे आप अपने मन मुताबिक बनवा कर पहन सकते है और कलर के पैसे भी बचा सकते है और केवल पानी के साथ होली का मजा ले सकते हैं.

रेगुलर यूज के लिए है खास

होली टी-शर्ट  सिर्फ होली खेलने के लिए ही नही है इसे आप साफ कर रेगुलर यूज में भी पहन सकते हैं क्योंकि इसका फ्रैब्रिक भी सही है. इस लिए इस बार होली को बनाएं फैशनेबल और बजट फ्रेंडली.

 

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होली का खास तोहफा

इसके अलावा अगर आप घर के लोगों या अपने दोस्तों को इस होली पर कोई तोहफा देना चाहते तो आप भी ऑर्डर कर सकते हैं. ये टी- शर्ट उन सब के बहुत खास होगी इसे पहन कर होली की मस्ती में अलग ही  रंग जमा सकते हैं और इस होली को यादगार बना सकते हैं.

Holi 2023: फैमिली के लिए बनाएं भांग रबड़ी

रबड़ी हर किसी को पसंद होती है और अगर होली के मौके पर बनाया जाए तो इसका स्वाद दोगुना बढ़ जाएगा. आज हम आपको भांग रबड़ी की खास रेसिपी बताएंगे, जिसे आप आसानी से अपनी फैमिली और फ्रेंड्स के लिए होली के मौके पर बना सकते हैं.

हमें चाहिए

– 2 कप साधारण दूध (नियमित दूध का उपयोग करें)

– 2 कप गाढ़ा क्रीम वाला दूध (व्होल मिल्क)

– 1 बड़ा चम्मच गुलाब जल

– 1/4 कप भांग के बीज

– 1/4 कप चीनी

– 3/4 कप पानी (आवश्यकता के अनुसार समायोजित)

– 1 बड़ा चम्मच काजू

– 1 बड़ा चम्मच खरबूजे के बीज (चार मगज)

– 1/2 छोटा चम्मच केसर स्ट्रैस

– 1/2 चम्मच दालचीनी पाउडर

– 1/2 चम्मच जायफल पाउडर

– 1-2 चम्मच गुलाब की पंखुडिय़ां (गुलकंद)

– 1.5 चम्मच सौंफ पाउडर

– 1.5 चम्मच इलायची पाउडर

– 1/2 चम्मच पोस्ता बीज

– 12 बादाम

– 15 पिस्ता

– 3 काली मिर्च

बनाने का तरीका

– किसी बर्तन में दूध उबालें और उसमें केसर के स्ट्रैंड्स और भांग के बीज डाल दें.

– इसे 15 – 20 मिनट तक रहने दें.

– गर्म दूध में भिगोने से केसर का रंग और स्वाद बाहर आ जाता है.

– इसे चम्मच से हिलाते रहें, दूध में एक सुंदर पीला-केसरी रंग उतरता रहेगा.

– तब तक इसे ऐसे ही हिलाते रहें जब तक कि दूध अपनी कुल मात्रा से 20 फीसदी तक न हो जाए.

– सभी नट्स और मसालों को ग्राइंडर में पीसकर अलग रख लें.

– एक भारी तले वाले पैन में दूध उबालें.

– जब यह पूरी तरह से उबल जाए, तो मेवों और मसालों को इसमें डाल कर तब तक फेंट लें जब तक कोई     गांठ न रह जाएं.

– चीनी डालें और हिलाते रहें.

– अच्छी तरह उबाल कर आंच से उतार लें.

– पूरी तरह से ठंडा होने दें.

– ठंडा-ठंडा परोसे क्योंकि भांग रबड़ी का सबसे अच्छा स्वाद उसे खूब ठंडी करके खाने में आता है.

Holi 2023: होली में कलरफुल हो फैशन

होली आने से एक महीने पहले से ही होली की खरीदारी होने लगती है. सब से बड़ी परेशानी यह है कि होली पर ऐसा क्या पहना जाए जो स्टाइलिश हो पर कम कीमत का हो. एक दौर वह था जब लोग अपने पुराने, खराब हुए कपड़े इसलिए संभाल कर रखते थे कि इन का प्रयोग होली के दिन रंग खेलने में करेंगे. आज के समय में होली खेलने के लिए सभी स्टाइलिश ड्रैस की तलाश करने लगे हैं.

होली के दिन अब सिर्फ होली ही नहीं खेली जाती बल्कि प्रौपर फोटोशूट भी होता है. लड़केलड़कियों में इस बात की होड़ लगी होती है कि कौन किस तरह के और कितने फैशनेबल कपड़े पहन कर आएगा और सभी फोटोज में छा जाएगा. फिर ये तसवीरें इत्मीनान से बैठ कर देखी जाती हैं, पोस्ट की जाती हैं और होली के यादगार कैप्शंस लिखे जाते हैं. वैसे आजकल तो होली खेलने से ज्यादा होली खेलने का दिखावा कर फोटोशूट और वीडियोशूट करवाने वाले युवा ज्यादा दिखाई पड़ते हैं.

लखनऊ में नजीराबाद बाजार है. यहां चिकनकारी कपड़ों की सब से ज्यादा दुकानें हैं. हर रेंज में यहां कपड़े मिल जाते हैं. फैशन डिजाइनर नेहा सिंह भी यहां पर एक दुकान से दूसरी दुकान में सस्ते मगर स्टाइलिश कपड़े देख रही थी.

नजीराबाद बाजार कैसरबाग से अमीनाबाद जाने वाली सड़क के दोनों किनारे बना हुआ है. सड़क के दोनों तरफ दुकानों में चिकनकारी के कुरतेपाजामे से ले कर साड़ी और दूसरे परिधान टंगे दिखने लगते हैं. करीब 300 मीटर लंबी इस सड़क पर चिकनकारी के साथ ही साथ स्टाइलिश फुटवियर भी मिल जाते हैं. लखनऊ का चिकन पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां सब से अधिक चिकनकारी का काम चौक बाजार में होता है. वहां थोक का काम ज्यादा है. नजीराबाद में रिटेल की दुकानें हैं. ऐसे में यहां लोगों को सब से अधिक वैराइटियों की चीजें मिल जाती हैं. यहां ऐसी नौवल्टी शौप है जहां पर ऐसी चीजें मिल जाती हैं जिन से चिकनकारी के कपड़ों को फैशन के अलग रंग दिए जा सकते हैं.

नेहा भी इसी कारण यहां होली के लिए कपड़े देखने आई थी. नेहा अपना एक बुटीक चलाती है. उस का फोकस है कि इस होली पर वह ज्यादा से ज्यादा स्टाइलिश कपड़े तैयार करेगी जिसे लोग होली में पहन सकें. इस के लिए चिकनकारी वाले कुछ ऐसे कपड़े भी वह देख रही थी जो आउट औफ सेल हों, वे सस्ते मिल जाएंगे. अपने बुटीक में ले जा कर वह इन को और भी सुंदर और स्टाइलिश बना लेगी. वह कहती है कि इस तरह वह बजट में लोगों की होली को और भी कलरफुल बना देगी.

इलाहाबाद की रहने वाली फैशन डिजाइनर प्रतिभा यादव कहती है, ‘‘होली के फैशन में लोग अच्छे और सस्ते कपड़े चाहते हैं जिस से वे रंग पड़ने से बेकार हो जाएं तो भी कोई ज्यादा फर्क न पड़े. यूथ इस में सब से पहले अपने लिए स्टाइलिश और फैशनेबल कपड़े तलाशने लगता है. आज ज्यादातर युवावर्ग औनलाइन शौपिंग करने लगा है. ऐसे में वे होली से बहुत पहले इस तरह के कपड़े तलाश करने लगे हैं जो पुराने भी न हों और ज्यादा कीमती भी न हों. होली का क्रेज रंगों की वजह से होता है. सोशल मीडिया के दौर में रंग खेलने से पहले रंग को दिखाना जरूरी होता है. लड़के तो सफेद कुरतापाजामा या पैंटटीशर्ट के साथ खुश हो जाते हैं लेकिन लड़कियां हैं जो होली के रंगों में भी फैशन के ट्रैंड को तलाश करती रहती हैं.

सब से आगे हैं लड़कियां

अनारकली का क्रेज होली पर सब से ज्यादा है और इस की डिमांड भी खूब है. लखनवी प्रिंट और लखनवी वर्क के कुरतों की डिमांड होली में सब से ज्यादा होती है. लखनवी प्रिंट वाले अनारकली सूट को पहन कर सभी लड़कियां होली में नए लुक के साथ दिखना चाहती हैं. होली के खास मौके पर सफेद व पीले रंग का अनारकली कुरता सब से ज्यादा पसंद किया जा रहा है. अनारकली कुरते की खास बात यह भी होती है कि इस को वनपीस के रूप में भी पहना जा सकता है. अनारकली कुरते के साथ ट्रेडिशनल झुमके होली में फैशन का अलग ही रंग घोल देते हैं.

कुछ लड़कियों को लगता है कि अनारकली कुरता उन की फिगर को सूट नहीं करता. वे इस होली पर लैगिंग के साथ सामान्य सा शौर्ट लखनवी कुरता या टौप पहन सकती हैं. इस के साथ कलरफुल फुल स्लीव्स वाला जैकेट पहनें. होली पर पारंपरिक सफेद कुरते के साथ जींस पहनी जा सकती है. इस की वजह यह है कि सफेद कुरते पर होली के सारे रंग नजर आ जाते हैं. आजकल लेडीज ही नहीं, टीनएज लड़कियां भी होली पार्टी में साड़ी पहन सकती हैं.

साड़ी होली पर पहनने वाला सब से बेहतरीन परिधान है. साड़ी से ट्रेडिशनल लुक भी आता है. फिल्मी होली में साड़ी सब से ज्यादा प्रयोग की जाती है. इस को पहन कर हीरोइन वाले लुक की फीलिंग आती है. साड़ी पहनने से पहले इस को सलीके के साथ पहनना सीखना जरूरी होता है. खासकर होली में क्योंकि एक बार भीगने के बाद यह शरीर से चिपकने लगती है, होली में इनरवियर कपड़े ऐसे हों जो शरीर को पूरी तरह से ढक सकें.

कालेज में होली के लिए युवाओं में एक अलग ही उत्साह होता है क्योंकि कालेज की होली ही असल फैशन रैंप वाली होली होती है. लड़कियां शौर्ट्स, ट्राउजर्स और स्टाइलिश टीशर्ट्स पहन कालेज पहुंचती हैं. कुछ कालेजों में होली के दिन रेन डांस थीम भी रखा जाता है जिस का मजा लेने से युवा नहीं चूकते. वे फैशन का पूरापूरा ध्यान रखते हैं ताकि कुछ हो न हो, इंस्टाग्राम के लिए तसवीरें तो आ ही जाएं.

डिजाइनर नेहा सिंह कहती है कि होली में 2 तरह के कपड़े प्रयोग करने होते हैं, एक जिन को पहन कर होली खेल सकें और दूसरे जिन को पहन कर होली मिलन कर सकें. दोनों ही तरह के कपड़े स्टाइलिश और फैशनेबल होने चाहिए. रंग खेलने वाले कपड़े सस्ते होने चाहिए. ऐसे में होली के रंगों पर भी अब फैशन का रंग चढ़ गया है. होली केवल रंगों से भरा त्योहार नहीं रह गया अब यह बाजार बन गया है.

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