अब साफ-सफाई की नो टैंशन

घर के कामों में सब से बड़ा काम सफाई का होता है. घर बड़ा हो या छोटा, सफाई का काम सभी को करना पड़ता है औैर वह भी अलगअलग कमरों में अलगअलग तरीके से. मसलन, रसोई हो या बाथरूम, बैडरूम हो या डाइनिंगरूम हर जगह सफाई करने का अलग तरीका होता है. सलीके से सफाई न होने पर घर में पनपने वाले कीटाणु परिवार की सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं.

स्टीम क्लीनिंग

अमूमन गृहिणियां पानी के साथ कैमिकल, साबुन और कास्टिक का इस्तेमाल कर घर की सफाई करती हैं. ये वस्तुएं भले ही घर को चमका दें, लेकिन इन से घर पूरी तरह स्वच्छ होगा, इस की गारंटी नहीं होती. लेकिन स्टीम क्लीनर्स 99.9% तक बैक्टीरिया का खात्मा करने की क्षमता रखते हैं. इन की खासीयत यह है कि इन में 100 डिग्री सैल्सियस तक पानी को गरम कर उस की भाप से सफाई की जाती है.

स्टीम क्लीनिंग का आधार

कार्चर स्टीम क्लीनिंग सिस्टम के साथ मल्टीपल ऐक्सैसरीज मिलती हैं, जिन का इस्तेमाल विभिन्न तरीके से अलगअलग स्थान को साफ करने में किया जा सकता है.

नोजल्स: इस का इस्तेमाल सख्त स्थान को साफ करने के लिए किया जाता है. जैसे कि घर का फर्श. कमर को झुका कर फर्श पर झाड़ू और पोंछा लगाना हर किसी के बस का नहीं होता. बावजूद इस के गंदगी कुछ हद तक ही साफ हो पाती है. लेकिन स्टीम नोजल भाप से फर्श की अच्छी तरह सफाई कर देता है.

ब्रश अटैचमैंट: सिंक और किचन स्लैब्स को साफ करने के लिए अब हाथों को घिसने की जरूरत नहीं है, क्योंकि स्टीम क्लीनिंग सिस्टम में ब्रश अटैचमैंट्स भी मौजूद हैं, जो आसानी से सिंक और स्लैब्स साफ कर देते हैं.

स्टीम हौसेस: अमूमन बाथरूम में टाइल्स लगी होती हैं. बाथरूम की साफसफाई के दौरान ज्यादा ध्यान टाइल्स को चमकाने पर दिया जाता है, जबकि असली गंदगी टाइल्स के बीच की दरारों में होती है. टाइल्स के बीच छिपी गंदगी को साफ करने के लिए स्टीम हौसेस परफैक्ट क्लीनिंग टूल है.

क्लौथ किट: ओवन, फ्रिज और मिरर की सफाई बिना कपड़े के अधूरी है. स्टीम क्लीनिंग सिस्टम की क्लौथ किट इस तरह की चीजों को साफ करने में कामयाब है.

स्टीम क्लीनिंग के फायदे

  1. इस के द्वारा साफसफाई में किसी भी कैमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता, बल्कि सिर्फ पानी की भाप के इस्तेमाल से सफाई की जाती है.
  2. 1 लिटर पानी से 1,700 लिटर भाप तैयार होती है. खास बात यह है कि भाप से उन स्थानों की भी आसानी से सफाई की जा सकती है जहां दूसरे क्लीनिंग टूल्स नहीं पहुंच पाते.
  3. इस विधि से सफाई जल्दी होती है और वह भी कम पैसों में.

घरेलू प्रदूषण से छुटकारा दिलाएंगे ये 8 उपाय

घर हो या बाहर प्रदूषण आज हर जगह है. बाहर के प्रदूषण पर तो हमारा उतना बस नहीं है, लेकिन घर के प्रदूषण को हम अपनी थोड़ी सी कोशिश और सजगता से जरूर कम कर सकते हैं. ठंड में तो हमें और भी सचेत हो जाना चाहिए. इस की वजह यह है कि ठंड के मौसम में धूलधुआं ऊपर नहीं उठ पाता और सारा प्रदूषण हमारे इर्दगिर्द जमा होता रहता है. ठंड के मौसम में कुहरा होने के कारण कार्बन डाईऔक्साइड, मिथेन और नाइट्रस औक्साइड जैसी खतरनाक गैसों का प्रकोप और अधिक बढ़ जाता है.

वैसे कुहरा नुकसानदेह नहीं होता है, लेकिन जब इस में धूल, धुआं मिलता है तो यह खतरनाक हो जाता है. इसलिए ठंड के मौसम में प्रदूषण और बढ़ जाता है. तभी तो इस मौसम में आंखों में जलन, नाक में खुजली, गले में खराश, खांसी जैसी परेशानियां होती हैं. इन के अलावा फेफड़ों में संक्रमण की भी शिकायत हो जाती है. कारण, इस मौसम में वातावरण में तरहतरह के वायरस सक्रिय हो जाते हैं.

आंकड़े बताते हैं कि हर साल 43 लाख लोग घर के प्रदूषण के शिकार हो रहे हैं. अत: घर के प्रदूषण से बचना भी चुनौती ही है. फिर भी थोड़ी सी जागरूकता बरत कर घर को प्रदूषण से बचाया जा सकता है. आइए, जानते हैं कैसे.

1. धूम्रपान सेहत के लिए खतरनाक है, फिर भी लोग धूम्रपान करते हैं. जो इस के आदी हैं, उन के लिए तो यह जानलेवा है ही, उन के लिए भी खतरनाक है, जो धूम्रपान नहीं करते. ऐक्टिव स्मोकिंग से ज्यादा खतरनाक पैसिव स्मोकिंग होती है. इसीलिए सब से पहले तो परिवार के जो सदस्य धूम्रपान के आदी हैं वे घर में इस का धुआं न फैलाएं. धूम्रपान का सब से बुरा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है. इस के अलावा अगर घर का कोई सदस्य दिल की बीमारी या फेफड़ों के संक्रमण से ग्रस्त है, तो उस के लिए पैसिव स्मोकिंग जानलेवा हो सकती है.

2. कीटनाशक के प्रयोग में सावधानी बरतें. घर की मक्खियों, मच्छरों, तिलचट्टों आदि से छुटकारा पाने के लिए बाजार में तरहतरह के रिपेलैंट अगरबत्ती या लिक्विड दोनों ही रूपों में उपलब्ध हैं. ये तमाम तरह के रिपेलैंट कीड़ेमकोड़ों को भगाने के साथसाथ घर में प्रदूषण फैलाने का भी काम करते हैं. दोनों ही तरह के रिपेलैंट से हानिकारक रसायन और जहरीले धुएं से सेहत को नुकसान पहुंचता है. बच्चों और बुजुर्गों को सांस की परेशानी, खांसी और ऐलर्जी की शिकायत हो जाती है.

3. घर में कीड़ेमकोड़े होने से भी घर का प्रदूषण बढ़ता है. घर में चींटियां, मकडि़यां गंदगी फैलाती हैं. इन के अलावा चूहों, तिलचट्टों और छिपकलियों की बीट से भी प्रदूषण फैलता है. अत: घर की नियमित साफसफाई बेहद जरूरी है. परदों और गलीचों में खूब धूल जम जाती है, इसलिए इन की भी समयसमय पर सफाई करते रहें. रसोई और बाथरूम की नालियों की सफाई का भी खासतौर पर ध्यान रखें. कई बार नाली या पानी का पाइप फट जाता है. पर चूंकि नालियां और पानी के पाइप लाइन दीवार में काउंसलिंग सिस्टम से लगाए जाते हैं, इसलिए इन में आई खराबी का तब तक पता नहीं चलता जब तक दीवार में सीलन नजर नहीं आती. इस से रसोई और बाथरूम में तिलचट्टों और सीलन की समस्या बढ़ती है. अत: नाली या पानी के पाइप में कहीं कोई गड़बड़ी आती है, तो उस की तुरंत मरम्मत करवाएं.

4. घर की दीवारों में इस्तेमाल होने वाले रंग में कम से कम मात्रा में सीसा और वीओसी (वाष्पशील कार्बनिक यौगिक) हो, इस का ध्यान रखें. ऐसी कंपनी के रंग का चुनाव करें, जिस में सीसा और वीओसी हो ही न. इस का कारण यह है कि वीओसी में फौर्मैलडिहाइड और ऐसिटैलडिहाइड जैसे खतरनाक रसायन होते हैं, जो स्नायुतंत्र को प्रभावित करते हैं. बच्चों पर इन का असर और भी खतरनाक होता है. सीसा बच्चों के दिमागी विकास में रुकावट डालता है, इसलिए ऐसे रंगों का चुनाव करें, जिन में कम से कम मात्रा में सीसा और वीओसी हो.

5. घर के प्रदूषण से छुटकारा पाने के लिए ऐरोगार्ड या एअरप्यूरिफायर का इस्तेमाल करें.

6. घर के प्रदूषण में सब से बड़ी भूमिका रसोई की होती है. खाना बनाते वक्त निकलने वाला धुआं प्रदूषण फैलाता है. यह धुआं दमे के मरीज के लिए बहुत ही तकलीफदायक होता है. स्वस्थ व्यक्ति को भी छींक और खांसी की तकलीफ होती है. इसलिए रसोई के प्रदूषण से निबटने के लिए चिमनी या ऐग्जौस्ट फैन का इस्तेमाल करें. ये धुएं को घर में फैलने से रोकते हैं. कुछ होम ऐप्लायंस भी प्रदूषण फैलाते हैं खासतौर पर एअरकंडीशनर. इसलिए समयसमय पर भी इन की भी साफसफाई करती रहें. अगर एअरकंडीशनर के फिल्टर को नियमित रूप से साफ न किया जाए, तो यह सेहत के लिए नुकसानदेह होता है. इस के फिल्टर पर जमने वाली धूल की परत सांस की तकलीफ बढ़ाती है. इतना ही नहीं यह ऐलर्जी का भी कारण बनती है. इस से फेफड़ों में संक्रमण से खांसी की शिकायत भी हो सकती है.

7. घर की दीवार में दरार भी प्रदूषण के लिहाज से नुकसानदेह हो सकती है. छत या दीवार में दरार से कमरों में सीलन आती है. सीलन से सर्दी, खांसी ओर सांस से संबंधित तमाम बीमारियां परिवार के सदस्यों को हो सकती हैं. इसलिए घर की दीवार या छत में कहीं कोई दरार दिखाई दे तो उस की तुरंत मरम्मत करा लें.

8. घर में वैंटिलेशन का पूरा इंतजाम हो. सुबह के समय घर की सभी खिड़कियां और दरवाजे खोल दें. परदों को भी हटा दें ताकि घर में ताजा हवा आ सके. ताजा हवा घर के भीतर की प्रदूषित हवा का असर कम कर देती है.

फ्रिज साफ करने के लिए अपनाएं ये टिप्स

फ्रिज सबसे महत्वपूर्ण किचन वर्किंग ऐप्लायेंस है. अगर फ्रिज किसी कारण खराब हो जाए तो किचन की बहुत सी चीजों पर भी खराब होने का खतरा मंडराने लगता है. पर फ्रिज में चीजें प्रिजर्व करना जीतना आसान है, फ्रिज की साफ सफाई उतनी ही मुश्किल. फ्रिज के लेटेस्ट मौडल्स में ऐसे फिचर्स आते हैं जिससे खाना लंबे वक्त तक फ्रेश रहता है और ऐसे फ्रिज को साफ करना भी आसान होता है.

जिस तरह घर की बाकी चीजों को साफ करना जरूरी है उसी तरह फ्रिज को भी सफाई भी जरूरी है. लंबे समय तक फ्रिज की सफाई नहीं करने से उसमें से बदबू आने लगती है. फ्रिज में रखी चीजें भी जल्दी खराब होने लगती हैं. इसलिए थोड़े थोड़े समय पर फ्रिच की सफाई करना बहुत जरूरी है.

ये टिप्स अपनाकर आप आसानी से फ्रिज की सफाई कर सकती हैं-

1. फ्रिज करें खाली

सबसे पहले फ्रिज के मेन स्वीच बंद करें और उसके प्लग को निकाल लें. इसके बाद फ्रिज को खाली करें. फ्रिज में रखी सारी चीजों को बाहर निकालें. फ्रिज में रखी बेकार चीजों को बाहर फेंके. जो बोतल और शीशयां इस्तेमाल करने लायक हैं उन्हें साफ करें. फ्रिज को बंद न करें और उसके डोर्स को खुला छोड़ दें. इससे फ्रिज की बदबू कम होगी.

2. फ्रिज को करें डी-फ्रॉस्ट

फ्रिज को खाली करने के बाद फ्रिज को डी-फ्रॉस्ट करना भी जरूरी है. फ्रिज के बेस पर एक मोटा पेपर बिछा दें. ताकि जब बर्फ पिघलकर आए तो पेपर उसे सोख ले.

3. साफ करें फ्रिज का इंटीरियर

फ्रिज के अंदर नैचुरल क्लिनर से स्प्रे करें. इसके बाद एक सुखे कपड़े से फ्रिज को अच्छे से पोंछे.

4. शेल्फ, ड्रॉर और डीवाइडेर को धोएं

गुनगुने पानी में शेल्फ, ड्रॉर और डीवाइडेर को धो डालें. डिटर्जैंट के घोल और ब्रश से इनकी सफाई करें.

5. अंत में साफ करे फ्रिज का बाहरी हिस्सा

सबसे अंत में फ्रिज का बाहरी हिस्सा साफ करे. नैचुरल क्लिनर से स्प्रे करें और सुखे कपड़े से पोंछे.

संडे को निपटा लें ये 7 काम

संडे मस्‍ती भरा दिन होता है. इस दिन आपको कोई बोझ लगने वाला काम नहीं करना होता, आप अपनी मर्जी के मालिक होते हैं. लेकिन अगर आपको पूरा एक दिन मिलता है तो क्‍यों न उसका सदुपयोग कर लिया जाए. जैसे- संडे को आप घर पर ही पॉर्लर प्रोग्राम चला सकती हैं और सारी ब्‍यूटी वाले काम कर सकती हैं. बालों में कलर लगाना, पैडीक्‍योर करना आदि.

कई ऐसे काम भी होते हैं जो काफी दिनों से पेंडिंग होते हैं जिन्‍हें समय न मिलने की वजह से लटकाये रखना पड़ता है उन्‍हें भी किया जा सकता है. आप पूरे परिवार को उसमें लगा सकते हैं और उनकी मदद से चुटकियों में ये सारे काम निपटा सकते हैं.

ये काम आपको आम दिनों में काफी सहायता पहुंचाते हैं और आपका संडे भी खराब नहीं होता है. आइए जानते हैं संडे को कैसे यूजफूल बना सकते हैं.

1. फ्रिज की सफाई

संडे के दिन फ्रिज को पूरा साफ करें. फ्रीजर से लेकर कंडी तक को अच्‍छे से साफ करें. गंदे पानी को निकाल दें और साफ कपड़े से पोंछ दें. इससे फ्रिज में खाने के सामान को रखने में हाईजीन बनी रहेगी. वैसे भी फ्रिज ऑलटाइम साफ रहना चाहिए.

2. टॉयलेट सीट की सफाई

टॉयलेट सीट को हर संडे साफ करना बेहद जरूरी होता है वरना संक्रमण होने का डर रहता है. अच्‍छी क्‍लीनिंग एजेंट डालकर उसे साफ कर दें.

3. स्‍टडी टेबल की सफाई

स्‍टडी टेबल में सबसे ज्‍यादा कचरा होता है. बेकार की पर्ची, पेपर आदि को फेंक दें. सही सामान ही रखें. अखबार या पेपर को बदल दें. गीले कपड़े से पोंछ दें और डस्‍ट हटा दें.

4. वॉर्डरोब की सफाई

कपड़ों की अलमारी को संडे को सेट करना बेस्‍ट ऑप्‍शन होता है. हर कैटेगरी के कपड़े को अलग हिसाब से रखें. इससे आपको रेगुलर दिनों में ढूंढनें में दिक्‍कत नहीं होगी.

5. माइक्रोवेब साफ करना

एक कटोरे में सिरका और पानी लें और उच्‍च तापमान पर माईकक्रोवेब में ही गर्म करें और फिर उसे खोलें, अंदर भाप भर जाती है उसे पोंछ लें और पूरे माईक्रोवेब को पोंछ दें. इससे माईकक्रोवेब पूरी तरह साफ हो जाएगा और बदबू भी चली जाएगी.

6. बुकशेल्‍फ की सफाई

संडे के दिन बुकशेल्‍फ को सही से सेट कर सकते हैं. जिन किताबों की आपको जरूरत नहीं हो उसे अलग कर दें.

7. पंखों की सफाई

घर के पंखों को सफाई की सबसे ज्‍यादा आवश्‍यकता होती है क्‍योंकि वही सबसे ज्‍यादा गंदे होते हैं. संडे के दिन सभी लोग घर में होते हैं तो स्‍टूल पर चढ़कर सफाई करने में कोई दिक्‍कत भी नहीं होगी.

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घर की सफाई का रखें ख्याल

स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है तथा इस की शुरुआत घर से ही होती है,जहां हम अपना अत्यधिक समय व्यतीत करते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े दर्शाते हैं कि विश्व में लगभग 3.2% मृत्यु एवं 4.2% अशक्तता असुरक्षित जल, साफसफाई एवं स्वच्छता के कारण होती है, जिन में से 99.8% घटनाएं विकासशील देशों में होती हैं संक्रमण से संबंधित अधिकांश अनुसंधान, अस्पतालों, डे-केअर सुविधाओं तथा स्कूल तक ही सीमित रहे हैं और घरों पर बहुत कम ध्यान दिया गया है.

हालांकि घर में रोगाणुओं के पनपने एवं संक्रमण को फैलाने के लिए प्रचुर अवसर उपलब्ध रहते हैं. घर के वातावरण के अलावा परिवार के किसी सदस्य के द्वारा बाहर से संक्रमण के फलस्वरूप अन्य सदस्यों में भी इस के फैलने के अवसर बढ़ जाते हैं. अत: यह जानना आवश्यक हो जाता है कि घर में संक्रमण फैलने के कौनकौन से स्थान हैं तथा स्वच्छ वातावरण बना कर इन पर कैसे नियंत्रण रखा जा सकता है.

संक्रामक रोग जीवाणुओं, विषाणुओं अथवा प्रोटोजोआ संक्रमण के कारण उत्पन्न होते हैं. प्रमुख जीवाणुओं में सालमोनेला, कैम्पाइलोबैक्टर, ई-कोलि, स्टेफाइलोकोकस आदि शामिल हैं, जबकि कवक के अंतर्गत कैंडिडा, एस्परजिलस एवं विषाणुओं के अंतर्गत नोरोविषाणु, रोटाविषाणु, कोल्ड, फ्लू एवं मीजल्स आदि के विषाणु शामिल हैं. घर पर इन सब के उपस्थित रहने के अवसर रहते हैं.

खूबसूरत किचन

अकसर हम अपने घर के कमरों, खिड़कियों, दरवाजों की साफसफाई तो करते हैं लेकिन अपनी चमकदार टाइल्स और सुंदर, सुसज्जित बने किचन की सफाई की ओर ध्यान नहीं देते या यह सोच कर कि किचन में कौन  आएगा, किचन की सफाई को नजरअंदाज कर  जाते हैं. आप के इस प्रकार के विचार की वजह से ही आप अपने घर के सदस्यों और मेहमानों के बीच तारीफ पाने से वंचित रह जाती हैं. हैरान न हों, हम ले कर आए हैं आप के लिए कुछ खास टिप्स:

– किचन में जब भी प्रवेश करें, गैस को पोंछें. फिर किचन के फर्श पर झाड़ूपोंछा दोनों लगाएं. इस से आप दिन भर ताजगी महसूस करेंगी. कभीकभी फ र्श को फिनाइल से भी धोएं.

– किचन में प्रयोग की जाने वाली चप्पल अलग रखें.

– खाना बनाते समय किचन की खिड़की और दरवाजे को हमेशा खुला रखें.

– किचन में यदि नल नहीं है और आप का किचन छोटा है तो खाने की तैयारी जैसे सब्जी काटने, आटा गूंधने आदि कामों को अलग स्थान पर पूर्ण कर किचन में खाना बनाने जाएं.

– किचन में मकड़ी का जाला दिखाई दे तो उस की तुरंत सफाई करें अन्यथा वह आप के खाने को नुकसान पहुंचा सकता है.

– किचन में कभी भी न खाएं क्योंकि चूहे, काकरोच आदि कीट फर्श पर गिरे खाद्यपदार्थ को इधरउधर ले जा कर नुकसान पहुंचाते हैं.

– खाना बनाने के बाद खाने को सदैव ढककर रखें.

– यदि आप किचन में बरतन साफ करती हैं तो खाना बनाने के बाद बरतनों को साफ कर के रखें ताकि मक्खी आदि का आगमन न हो.

– किचन में प्रयोग में आने वाले चीनी, चाय, मसाले आदि के डब्बों को महीने में एक बार खाली कर के उन्हें अवश्य साफ कर लें, साथ ही मसाले, चाय, चीनी आदि का इस्तेमाल सदैव चम्मच से करें.

– यदि कड़ाही में तलने वाला व्यंजन बनाएं,तो उसे जालीदार कलछी से निकालें ताकि तेल बाहर न गिरे और सफाई में भी दिक्कत न हो.

– कभीकभी महिलाएं किचन के शैल्फ पर ही रोटियां बेलती हैं, लेकिन उस के बाद उसे साफ नहीं करतीं. रोटियां बनाने के बाद वहां गीले कपड़े से अवश्य सफाई करें.

– किचन में यदि सब्जी काटने और मसाला तैयार करने के कार्यों को करें तो छिलके नियमित स्थान पर और मिक्सी को धो कर रखना न भूलें.

– खाना पूरा बनाने के बाद गैस और किचन की पुन: सफाई करना कभी न भूलें.

– किचन में प्रयोग की गई चीजों को सदैव नियमित स्थान पर रखें ताकि आप की अनुपस्थिति में आप की किचन में किसी को कोई दिक्कत न हो.

– किचन में सदैव ताजे फूल रखें ताकि आप जब भी वहां जाएं तो फूलों की तरह प्रफुल्लित मन से खाना बनाएं.

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खतरे का आकलन

खाद्यपदार्थों एवं उत्पादन से संबंधित वातावरण में सूक्ष्म जीवों के खतरे के नियंत्रण के लिए हेजार्ड एनालिसिस क्रिटिकल कंट्रोल प्वाइंट को प्रयोग किया गया है. घर के अंदर प्रदूषित खाद्यपदार्थ, संक्रमित व्यक्ति, पालतू जानवर, कीट रोगवाहक, कभीकभार प्रदूषित वायु तथा जल इन रोगाणुओं के प्राथमिक स्रोत होते हैं. अन्य दूसरे स्रोतों के अंतर्गत ऐसे स्थल, जहां पानी की अधिकता हो, जैसे सिंक, टायलेट, कपड़े धोने का स्थान आदि हैं, जो जीवाणुओं एवं कवकों को पनपने का मौका प्रदान करते हैं.

संक्रमण फैलाने के स्रोत

हाथों की स्वच्छता :

हाथों के संक्रमित होने से रोगाणु अन्य स्थलों तक पहुंच सकते हैं. हाथों को साबुन एवं गरम पानी से धोना चाहिए ताकि रोगाणु नष्ट हो जाएं. हाथों को ठीक तरह से सूखने देना चाहिए. बेहतर हो कि लिक्विड सोप या एंटीसेप्टिक सोप का प्रयोग हो. बिना धुले हाथों के कारण सालमोनेला, मीजल्स, ई-कोलि तथा स्टेफाइलोकोकस जैसे जीवाणु, रोटाविषाणु एवं नोरोविषाणु अन्य लोगों, सतहों तथा खाद्यपदार्थों में पहुंच सकते हैं. कुछ रोगाणु सीधे हाथ से मुंह एवं आंखों के रगड़ने से अन्य स्थलों पर पहुंच सकते हैं.

कपड़े तथा सफाई के साधनों की स्वच्छता :

कपड़ों, बरतन पोंछने के कपड़ों, पोंछे तथा अन्य साधनों में भी रोगाणुओं के पनपने का बेहतर वातावरण होता है. इन के द्वारा क्रास प्रदूषण का उच्च खतरा बना रहता है. इन को हाथ से छूने पर हाथों में प्रदूषण अथवा बरतनों को पोंछने पर वहां संक्रमण हो सकता है. कपड़े धोने के लिए बाजार में तरहतरह के डिटरजेंट, ब्लीचिंग एजेंट आदि उपलब्ध हैं. ये क्लोरीन बेस्ड, सोडियम हाइपोक्लोराइड या आक्सीजन बेस्ड होते हैं.

सामान्य हाथों के संपर्क में आने वाली सतह :

घरों में बहुत सी ऐसी सतहें होती हैं जिन्हें हमें बारबार हाथ से छूना पड़ता है जैसे- पानी के नल, टायलेट हैंडल, टायलेट सीट कवर, कपबोर्ड, ओवन, फ्रिज आदि के हैंडल, खिलौने, टेलीफोन, कंप्यूटर, सब्जी या मीट आदि काटने के बोर्ड आदि. इन सतहों पर रोगाणु काफी समय तक जीवित रह सकते हैं. इन सतहों को हाथ से छूने पर ये दूसरे लोगों व अन्य जगहों पर फैल सकते हैं.

टायलेट, पैड्स एवं मैट्स की साफ-सफाई :

यह स्थान संक्रमण फैलने के मुख्य स्रोत होते हैं. अत: बेहतर है कि इन की सफाई के समय दस्तानों का प्रयोग किया जाए. बाथरूम को भी साफसफाई के पश्चात हवा में सूखने देना चाहिए. सफाई के लिए पानी में क्लोरीन का प्रयोग करना चाहिए. नैपीज को उचित स्थान पर रखना चाहिए तथा डिस्पोजेबल नैपीज का प्रयोग करना चाहिए.

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फर्श एवं सजावट के साधनों की  स्वच्छता :

सूक्ष्म जीव घर के फर्श पर प्राय: जूतेचप्पलों, पालतू जानवरों के पैरों आदि से प्रवेश कर जाते हैं. वायु द्वारा भी प्रदूषण का खतरा रहता है. धूलकण परदों व अन्य सामान पर जमा होते रहते हैं. डिसइन्फेक्शन के साथ फर्श की सफाई नियमित रूप से करनी चाहिए.

खाद्य संदूषण:

खाद्यपदार्थों के द्वारा संक्रमण का खतरा सर्वाधिक होता है, जिसे आम भाषा में फूड पौयजनिंग कहा जाता है. फूड (खाद्य) विषाक्तता जीवाणुओं, विषाणुओं, कवकों एवं प्रोटोजोआ के संक्रमण/प्रदूषण के द्वारा होती है. इस के अतिरिक्त जहरीले पादपों, रसायनों एवं कुछ खाद्यपदार्थों के प्रति एलर्जी के कारण भी संक्रमण हो सकता है. खाद्य विषाक्तता होने के प्रमुख कारणों में शामिल हैं- इस का ठीक से नहीं पकाया जाना, खाने को बहुत पहले से ही तैयार कर के रख देना, खाने को गलत तरीके से रखना, रसोई में प्रदूषण होना अथवा खाना बनाने वाले एवं उस को हैंडल करने वाले व्यक्ति का संक्रमित होना.

कई सब्जियों में प्रदूषित पानी से सिंचाई के कारण उन में अनेक प्रकार के रोगाणु प्रवेश कर जाते हैं. देखा गया है कि कच्चा सलाद खाने से कभीकभार टीनिया सोलियम का संक्रमण हो जाता है एवं सिस्टीसर्कोसिस जैसी गंभीर बीमारी उत्पन्न हो जाती है.अत: खाद्यपदार्थ की उचित देखभाल जरूरी है.

होम क्लीनिंग के लिए जानें टूथपेस्ट के ये 10 फायदे

घर में सुबह और शाम दोनों टाइम टूथपेस्ट का इस्तेमाल का दांतों को साफ करने और मुंह की बदबू को दूर करने के लिए किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर से जुड़ी कुछ प्रौब्लम्स को दूर करने के लिए टूथपेस्ट के कुछ ऐसे ट्रिक्स हैं, जिसे अपनाकर आप होमकेयर प्रौब्लमस से छुटकारा पा सकते हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है टूथपेस्ट ट्रिक्स…

1. जिद्दी दाग

सफाई किसे पसंद नहीं होती ? पर घर पर अगर बच्चें हों तो साफ-सफाई रखना और भी मुश्किल हो जाता है. कभी कभी आप खुद ही अपनी महंगी सफेद ड्रेस पर स्याही या सौस उड़ेल लेती हैं. इन सब से छुटकारा दिलाएगा सिर्फ जरा सा टूथपेस्ट. जिद्दी दाग पर जरा सा टूथपेस्ट लगाएं. थोड़ी देर के लिए छोड़ दें और ठंडे पानी से धो लें. अगर एक बार में दाग न जाए तो इस प्रोसेस को दोहराएं.

2. गौगल्स

काला चश्मा तो सभी पर जचदा है. पर चश्मे को डस्ट फ्री रखना भी जरूरी है. चश्मे पर गंदगी बैठ जाती है, और पूरी तरह से साफ करने में दिक्कत होती है. जरा से टूथपेस्ट से आपके गौगल्स नए जैसे हो जाएंगे.

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3. डायमंड ज्वेलरी

डायमंड ज्वेलरी की चमक बरकरार रखना भी आसान नहीं है. हीरे के गहने आपकी सुंदरता तो बढ़ाते हैं. पर इन्हें चमकदार बनाए रखने में परेशानी होती है. डायमंड ज्वेलरी को आप टूथपेस्ट की सहायता से आसानी से साफ कर सकती हैं. ब्रश और टूथपेस्ट से साफ करें डायमंड ज्वेलरी और अपने गहनों को सालो साल बनाए रखें नए जैसा.

4. हाथों का ड्योड्रेंट

प्याज और लहसुन छिलने और काटने से इनकी खुशबू हाथों में ही रह जाती है. हाथों पर जरा सा टूथपेस्ट लगाएं और हाथों को धो लें. प्याज, लहसुन की महक चली जाएगी. वैसे तो आप हैंडवॉश का यूज करती ही होंगी, पर टूथपेस्ट भी इस काम के लिए कारगर है.

5. बालों से हटाएं च्युइंग गम

बच्चे शरारती होते हैं. खेल-खेल में वे कई शैतानियां करते हैं. कई बार च्युइंग गम चबाने के अलावा बालों में भी लगा लेते हैं. च्युइंग गम बालों से आसानी से नहीं निकलता. पर टूथपेस्ट से यह आसानी से निकल जाएगा. बालों में लगे च्युइंग गम पर टूथपेस्ट लगाएं, इससे च्युइंग गम आसानी से निकल जाएगा.

6. कार्पेट स्टेन्स

कार्पेट पर स्टेन्स तो लग ही जाते हैं. चाहे आप कितनी भी सावधानी क्यों न बरतें. पर ये दाग छुड़ाने में शामत आपकी आती है. पर टूथपेस्ट से ये काम आसान हो जाएगा. दाग पर टूथपेस्ट लगाएं, और गीले टूथब्रश से रगड़ें. अगर दाग एक बार में न निकले, तो यह प्रोसेस दोहराएं.

7. दीवारों पर क्रेयौन

बच्चे अपनी करामात दीवारों पर भी दिखाते हैं. इन नन्हे-मुन्ने चित्रकारों को डांटने के बजाय अपने ख्यालों को आकार देने दीजिए. गंदी दीवारों की सफाई का जिम्मा टूथपेस्ट पर छोड़ दीजिए. दीवारों पर टूथपेस्ट लगाएं. गिले कपड़े से साफ कर लें. दीवारों पर बने क्रेयॉन के दाग साफ हो जाएंगे.

8. कौफी टेबल पर बने पानी के दाग

कौफी टेबल पर बने पानी के दाग आपके खूबसूरत से कॉफी टेबल की रंगत बिगाड़ देते हैं. कौफी टेबल पर बने इन दागों को भी आप आसानी से टूथपेस्ट से साफ कर सकती हैं. दाग पर टूथपेस्ट लगाएं और भीगे कपड़े से पोछें करें. दाग साफ हो जाएंगे.

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9. हेडलाइट्स

स्कूटी या कार से घूमना जितना मजेदार होता है, इसके रख-रखाव पर उतना ही ध्यान देना पड़ता है. हेडलाइट पर पड़े स्क्रैच और गंदे लगते हैं. पर जरा से टूथपेस्ट से आप अपने गाड़ी की हेडलाइट भी चमका सकती हैं. टूथपेस्ट को हल्के से पानी के साथ मिलाकर हेडलाइट पर लगाएं. जरा सा रगड़कर कपड़े से पोंछ लें. हेडलाइट साफ करने की यह टिप आजमाइए और फर्क खुद ही देख लीजिए.

10. सफेद जूते

सफेद जूते आजकल फैशन का नया ट्रेन्ड हैं. पर इनको भी चमकदार बनाए रखना आसान नहीं है. पर टूथपेस्ट से आपका यह काम भी आसान हो जाएगा. गंदे जूतों पर टूथपेस्ट लगाएं, और ब्रश से साफ करें. जूते नए जैसे चमकेंगे.

टूथपेस्ट आपके कई काम आसान हो जाएंगे. वैसे भी साफ-सफाई में आपका बहुत सारा वक्त लग जाता है. पर ध्यान रखें की आप सफेद टूथपेस्ट जैसे कोल्गेट, बबूल आदि का ही इस्तमाल करें, न की जेल-बेस्ड टूथपेस्ट का.

अपने आशियाने को संवारें ऐसे

आजकल घरों को सजाने के लिए जितनी नई-नई चीजों का इस्तेमाल हो रहा है उतना पहले कभी नहीं हुआ. जो ट्रैंड चल रहा है वह बहुत मैचिंग-मैचिंग वाला नहीं है. जब आप भी अपने घर को सजाएं तो अलगअलग चीजों को मिक्सअप करने से न हिचकिचाएं. हमेशा ध्यान रखें कि घर को बहुत अधिक परफैक्ट भी नहीं लगना चाहिए.

घर सजाते समय जरूरी है कि कौन सा ट्रैंड चल रहा है, आप का बजट कितना है, आप को कितने समय में घर तैयार करना है के साथसाथ इस बात का भी ध्यान रखें कि आप कैसे घर में रहने में सहज महसूस करेंगे. ट्रैंड के साथसाथ अपनी पसंद का ध्यान भी रखें तभी आप इस में रहने का आनंद उठा पाएंगे.

सिमिट्री का ध्यान रखें

घर को एक सिमिट्री में सजाएं. इस से न केवल आप का घर सुंदर लगेगा, बल्कि आप के डैकोरेटिव पीसेस का आकर्षण भी बढ़ेगा. आप ने कितनी भी सुंदर और कलात्मक चीजें खरीदी हों अगर आप इन्हें व्यवस्थित रूप से नहीं रखेंगे तो ये घर का लुक बढ़ाने के बजाय कम कर देंगी.

सादगी से सजाएं

घर को संवारते समय आप को सादगी में ही सौंदर्य है वाली कहावत को हमेशा याद रखना है. थोड़ा व्यावहारिक बनें, बिना सोचेसमझे खरीदारी न करें. आप बहुत सारी ऐक्सैसरीज चुन सकते हैं, मूर्तियां, कैंडल होल्डर आर्ट पीसेस आदि. जब भी कोई ऐंटिक चीज खरीदें, सोच लें कि वह आप के इंटीरियर से मैच खाएगी या नहीं. कमरे में अधिक चीजें न रखें. वैसे भी आजकल सिंपल लुक का प्रचलन अधिक है.

पेंट: कलर थेरैपिस्ट का मानना है कि जो रंग आप घर में इस्तेमाल करते हैं उन का आप की भावनात्मक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ता है. डल कलर घर को उदास लुक देते हैं. दीवारों पर ब्राइट रंग कराएं. आजकल पिंक और पर्पल के शेड बहुत चल रहे हैं. आप लाइट रंग की थीम भी रख सकते हैं. लेकिन उस में थोड़ी ब्राइटनैस होनी चाहिए. ब्राइट कलर और अच्छी लाइटिंग कमरों में पौजिटीविटी बढ़ाती है.

कमरे की एक दीवार को अपने मनपसंद रंग में पेंट करें. इसे फोकल पौइंट बनाएं. उस दीवार पर कोई आर्ट पीस लगाएं.

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फर्नीचर: वुडन फर्नीचर के लिए वुड पौलिश के बजाय फैब्रिक का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इस का इस्तेमाल पुराने और नए दोनों फर्नीचर में किया जा सकता है. फ्लोरल, प्लेन, ज्योमैट्रिकल पैटर्र्न जो भी आप को अच्छा लगे आप चुन सकते हैं. कई लोग कैनवास का इस्तेमाल भी करते हैं.

लाइट्स: अगर आप के घर के लैंप पुराने हो गए हैं तो उन्हें बदल दें, क्योंकि इससे देखने वाले को समझ में आ जाएगा कि आप का घर आउटडेटेड है. नई डिजाइन के लैंप लगाएं.

लिविंग रूम में हमेशा सौफ्ट लाइट का इस्तेमाल करें जैसे कैंडल्स या वोटिव्स. बैडरूम के लैंप पर लैंप शेड जरूर लगाएं जिस से बैडरूम आकर्षक लगे. अपनी डाइनिंग टेबल के ऊपर शैंडलियर लटकाएं. इस से खाना खाते समय सीधा ग्लेयर नहीं पड़ेगा और यह रमणीय लगेगा.

सीलिंग लाइट के बजाय हैंगिग लाइट का इस्तेमाल कर सकते हैं. छोटी लाइट्स को मिला कर आप शैंडलर्स बना सकते हैं. आप घर को सजाने के लिए रंगबिरंगी लाइटों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.

किचन: किचन को थोड़ा खुलाखुला रखें. अपनी कटलरी और क्रौकरी को ऐसी अलमारी में रखें जिस के दरवाजों पर कांच लगी हो. किचन में प्राकृतिक प्रकाश आने की व्यवस्था करें, इस से किचन न केवल आकर्षक लगेगा, बल्कि उस में ताजगी भी बनी रहेगी. कटलरी और क्रौकरी को डिस्प्ले करने के लिए आप किचन में अलग से अलमारियां भी बनवा सकते हैं.

शीशे और पेंटिंग्स: हर कमरे में कम से कम एक शीशा लगाएं. शीशों को हमेशा इस तरह लगाएं कि उन में कमरे की किसी सुंदर चीज का प्रतिबिंब दिखाई दे. इस की फ्रेम ऐसी हो जो कमरे के फर्नीचर से मैच खाए. आप छोटीबड़ी आकर्षक पेंटिंग्स से अपने घर की दीवारों को सजा सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि  बहुत अधिक संख्या में पेंटिंग्स न लगाएं.

डैकोरेटिव पिलो व कुशन: बैड और सोफा दोनों के लिए कलरफुल कुशन व पिलो का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं और आप के कमरे का टैक्सचर और पैटर्न बढ़ाने में योगदान देते हैं.

परदे: परदे कमरे को हाईलाइट करते हैं, इसलिए इन का चयन बहुत सोचसमझ कर करना चाहिए. परदे पसंद करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप की दीवारों पर किस रंग का पेंट है, किस कमरे के लिए आप परदे ले रहे हैं, कमरे का फर्नीचर कैसा है आदि. परदे कई पैटर्न और प्रिंट्स में आते हैं जैसे फ्लोरल, प्लेन, ज्योमैट्रिकल आदि. आजकल नैट के परदों का प्रचलन भी काफी है.

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बैडशीट्स: कौटन या लिनेन की बैडशीट इस्तेमाल करें. बैडशीट के साथ मैचिंग पिलो कवर भी लें. बैडरूम की दीवारों से मैच करती हुई या कंट्रास्ट कलर वाली बैडशीट्स खरीदें.

वाल पेपर या फोटो वाल: घर को स्पोर्टी लुक देने के लिए वाल पेपर या फोटो वाल क्रिएट कर सकते हैं. इस से कमरे को नया लुक भी मिलेगा और उस का आकर्षण भी बढ़ेगा. वाल पेपर और कैनवास का इस्तेमाल कर सकते हैं.

फ्लोर: आजकल फ्लोर पर डैकवुड चलन में है. टाइल्स लगवाने के बाद जगह छोड़ कर डैकवुड लगवा सकते हैं. इस का प्रयोग अधिकतर लिविंग रूम में किया जाता है.

इनडोर प्लांट्स: नैचुरल फील देने के लिए इनडोर प्लांट्स लगाएं. आजकल के घर बहुत बंदबंद होते हैं. प्रदूषण की भी बहुत समस्या है. ऐसे में ये पौधे हवा को साफ रखते हैं और घर में ताजगी का एहसास दिलाते हैं. ये केवल आप के घर का आकर्षण ही नहीं बढ़ाएंगे, बल्कि आप की सेहत भी सही रखेंगे. लेकिन पौधों का चयन करने से पहले इस बात का भी खयाल रखना चाहिए कि कहां कौन सा पौधा लगाएं. स्पाइडर प्लांट, स्नैक प्लांट, फिलोडैंड्रौन, लिली, गरबेरा डेजी, मनीप्लांट और पोथोस से अपने घर को सजाएं.

अगर आप को पौधों के रखरखाव में रुचि नहीं है और आप केवल सुंदरता बढ़ाना चाहते हैं, तो आप कृत्रिम पौधों का चयन कर सकते हैं.

बालकनी: अधिकतर अपार्टमैंट्स में बालकनी होती है लकिन कई लोग अपनी बालकनी को सजाने में रुचि नहीं लेते हैं. आप को अपनी बालकनी को इस प्रकार सजाना चाहिए कि वह न केवल दिखने में सुंदर लगे, बल्कि आप इस का बेहतर तरीके से इस्तेमाल भी कर सकें. बालकनी में ऐंटीक फर्नीचर सब से बेहतर लगता है, इसलिए मौडर्न के बजाय एेंटीक फर्नीचर का चयन करें. बालकनी की दीवार पर कोई आर्ट पीस लगाएं. बालकनी को न पूरी तरह कवर करें, न ही पूरी खुली रखें.

कौरिडोर: अगर आप का घर काफी बड़ा है और इस में कौरिडोर भी है तो इसे खाली न छोडे़ं. यहां की दीवारों पर कोईर् पेंटिंग या फोटो वाल क्रिएट करें. अगर कौरिडोर में जगह ज्यादा है तो इस में 2-3 जगह अलगअलग शोपीस रखे जा सकते हैं

टैरेस: अगर आप के घर में टैरेस है, तो उसे एक आउटिंग स्पौट का लुक दें. आप यहां एक छोटा सा गार्डन बना सकते हैं, सुंदर लैंप लगा सकते हैं. थोड़ी जगह को कवर कर के वहां फर्नीचर रख सकते हैं. टैरेस पर केन का फर्नीचर काफी आकर्षक लगता है, टैरेस गार्डन के साथ इस का कौंबिनेशन आप की टैरेस को एक अलग ही लुक देगा. अगर आप की टैरेस पर जगह अधिक है तो आप झूला भी लगा सकते हैं.

– सरवेश चड्ढा आर्किटैक्ट, ग्रे इन स्टुडियो, दिल्ली

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जानें रैफ्रिजरेटर ऐटिकेट्स से जुड़ी बातें

मिसेज कपूर डाक्टर हैं इसलिए जानती हैं कि घर की सफाई का मतलब सुबहसवेरे केवल झाड़ूपोंछा कर देना भर नहीं होता. सफाई के साथसाथ स्वास्थ्य की दृष्टि से उस का हाइजीनिक होना भी जरूरी होता है. बीमार बच्चों के साथ अपने पास आने वाली सभी मांओं को तो वे यही सलाह देती हैं कि घर साफ होने से ज्यादा जरूरी है घर का हाइजीनिक होना. हाइजीनिक होम यानी वह घर जहां घर की खूबसूरती के साथसाथ उस के बैक्टीरियाफ्री होने की जरूरत को भी उतना ही महत्त्व दिया जाता हो. जहां साजोसामान को करीने से रखा जाता हो, तो खानेपीने की चीजों का भी खासतौर से ध्यान रखा जाता हो. खाने की चीजों की खरीदारी से ले कर उन के पकने और खाने तक, हर स्तर पर उन्हें साफ और ताजा रखने के इंतजाम किए जाते हों. यही नहीं, खानेपीने की चीजों को सहेज कर रखने वाले रैफ्रिजरेटर की सफाई और हाइजीन का भी पूरापूरा खयाल रखा जाता हो.

यों तो आज ज्यादातर घरों में फ्रौस्टफ्री रैफ्रिजरेटर ही रखे जाते हैं, लेकिन फ्रिज के कई नएपुराने मौडल्स आज भी ऐसे हैं, जिन्हें समयसमय पर डीफ्रौस्ट करने की जरूरत महसूस की जाती है. फ्रिज के इन मौडल्स के डीफ्रौस्ट के सही तरीके की जानकारी सहित यह समझना भी जरूरी है कि रैफ्रिजरेटर को डीफ्रौस्ट करने की जरूरत क्या है.

डीफ्रौस्ट क्यों है जरूरी

कई नौन फ्रौस्टफ्री रैफ्रिजरेटर्स ऐसे हैं, जिन्हें कुछ दिनों तक औन रखने के बाद फ्रीजर एरिया में बर्फ का ढेर लग जाता है. ऐसे रैफ्रिजरेटर्स को यदि समय रहते डीफ्रौस्ट न कर लिया जाए, तो फ्रीजर में जमी बर्फ जल्दी ही रैफ्रिजरेटर एरिया में भी बर्फ का ढेर लगा देती है, जिस से रैफ्रिजरेटर को नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे रैफ्रिजरेटर्स को हफ्ते में कम से कम 1 बार डीफ्रौस्ट अवश्य करना चाहिए. समय पर यदि इसे डीफ्रौस्ट न किया जाए, तो कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. जैसे: द्य यदि पूरे फ्रिज में बर्फ जम गई तो उस के प्लास्टिक या अन्य पार्ट्स क्रैक हो सकते हैं.

बाहर तक बर्फ जम जाने की वजह से फ्रिज का दरवाजा बंद करने में भी परेशानी हो सकती है.

फ्रीजर का टूटा दरवाजा रैफ्रिजरेटर व फ्रीजर की कूलिंग ऐबिलिटी यानी ठंडा करने की क्षमता को भी नुकसान पहुंचा सकता है.

इस से बिजली की खपत भी बढ़ जाती है.

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जब जल्दी करना हो डीफ्रौस्ट

समय कम हो और फ्रिज की जल्दी सफाई करनी हो तो पहले उस में रखी खानेपीने की चीजें और ट्रे, आइसक्यूब टे्र, बौक्स व शैल्फ वगैरह पार्ट्स निकाल कर सुरक्षित रख दें. बर्फ जल्दी पिघलाने के लिए फ्रिज का दरवाजा खुला छोड़ सकते हैं. इस से बाहर की गरम हवा अंदर पहुंच कर उसे जल्दी डीफ्रौस्ट करने में मदद करेगी. बर्फ को जल्दी पिघलाने के लिए आप फ्रिज के खुले दरवाजों की ओर टेबलफैन भी चला सकते हैं. इस के लिए आप फ्रीजर में गरम पानी का बाउल भी रख सकते हैं. इस से बर्फ जल्दी पिघल जाएगी. फ्रिज में कहींकहीं जमी बर्फ को जल्दी हटाने के लिए गरम पानी में डुबोया हुआ कपड़ा रख सकते हैं.

हाइजीन का रखें ध्यान

पूरी तरह से बर्फ के पिघल जाने के बाद आप रैफ्रिजरेटर की सफाई शुरू कर दें. रैफ्रिजरेटर के अंदर के भाग की सफाई के लिए आप किसी भी तरह का हार्ड या अमोनियाबेस्ड उत्पाद का इस्तेमाल न करें. 1 बालटी ठंडा पानी ले कर उस में बेकिंग सोडा और माइल्ड साबुन मिला लें. अब इस में स्पंज डाल कर उस से फ्रिज व उस के सभी पार्ट्स की अच्छी तरह सफाई कर लें. आप चाहें तो सिंक या किसी बड़े बरतन में गरम पानी भर कर उस में डिटर्जेंट पाउडर मिला लें और एक ही बार में सारे पार्ट्स साफ कर लें. अब पानी से फ्रिज साफ कर लें ताकि डिटर्जेंट अच्छी तरह से निकल जाए. इस के बाद साफ कपड़े या पेपर टौवल से फ्रिज साफ कर 1 घंटे के लिए उस का दरवाजा खुला छोड़ दें ताकि फ्रिज अच्छी तरह सूख जाए. 1 घंटे बाद फ्रिज में सारा सामान वापस रख कर टैंपरेचर रीसेट कर दें. लीजिए, फ्रिज डीफ्रौस्ट भी हो गया और क्लीन भी.

दुर्गंध रखें दूर

दुर्गंध को दूर करने के लिए आप बेकिंग सोडा के सहित डिटर्जेंट वाले पानी में वैनिला एक्सट्रैक्ट भी मिला सकती हैं.

आप चाहें तो कुछ समय के लिए फ्रिज में कौफी भी रख सकती हैं. इस से भी बदबू दूर हो जाएगी.

कौटन बौल या स्पंज में नीबू के रस की कुछ बूंदें डाल कर कुछ घंटों के लिए उसे फ्रिज में ही रहने दें. दुर्गंध गायब हो जाएगी.

इन दिनों बिजली की समस्या हर जगह बढ़ रही है. कई बार ऐसा होता है कि देर तक लाइट न आने की वजह से फ्रिज में रखे खाद्यपदार्थ से दुर्गंध आने लगती है. इस दुर्गंध को दूर करने के लिए आप टोमैटो जूस की मदद ले सकते हैं. बस, ध्यान रहे कि इस जूस को तैयार करते हुए पानी का इस्तेमाल बिलकुल भी न किया गया हो. साफ कपड़े या स्पंज को इस टोमैटो जूस में डाल कर फ्रिज के अंदर के भाग को अच्छी तरह से साफ कर दें. अब एक बार फिर से डिटर्जेंट मिले गरम पानी से फ्रिज साफ कर के उसे सुखा लें.

टोमैटो जूस की जगह यह बदबू दूर करने के लिए आप वेनेगर यानी सिरका भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

फ्रैश मिंट यानी पुदीना का इस्तेमाल खाने से ले कर घर को खुशबू से महकाने तक के लिए किया जाता है. आप चाहें तो इसे फ्रिज महकाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

बैक्टीरियाफ्री खाना

कुछ ऐसे भी बैक्टीरिया हैं, जो खाने को दूषित तो करते हैं, लेकिन हमें बीमार नहीं बनाते. ऐसे बैक्टीरिया का प्रभाव सब से ज्यादा फलों और सब्जियों पर रहता है. सेब पर इस का असर होते ही सेब मुलायम होने और सिकुड़ने लगता है जबकि गाजर सूखी और रंगहीन होने लगती है. ऐसे सेब, गाजर व अन्य फल ज्यादा दिनों तक फ्रिज में रखने की वजह से देखने में बेशक अच्छे न लग रहे हों, लेकिन उन्हें खाने से नुकसान नहीं होता. खाने की चीजों पर बैक्टीरिया के प्रभावों को रोकने के लिए निम्न बातें जरूरी हैं:

खरीदारी के समय ध्यान रखें कि आप कीड़ेमकौड़े या दाग लगे हुए फल या सब्जियां तो नहीं खरीद रहे.

फल व सब्जियां अच्छी क्वालिटी की ही खरीदें ताकि फ्रिज में उन्हें सहेजना आसान रहे.

यदि अच्छी क्वालिटी की चीजें न मिल पा रही हों तो बेहतर होगा कि आप फ्रोजन फल व सब्जियां खरीद लें.

 ध्यान रखें कि फ्रिज में रखा गया कोई सामान खराब तो नहीं हो रहा. यदि ऐसा है तो तुरंत उसे निकाल फेंकें.

हफ्ते में 1 बार फ्रिज की सफाई अवश्य करें.

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फ्रिज में भी फल व सब्जियों को हफ्ते भर से ज्यादा न रखें.

फ्रिज को कीड़ेमकोड़ों से सुरक्षित रखने के लिए फलों, सब्जियों और मीट के लिए अलगअलग जगह तय कर दें और उन्हें वहीं रखें.

मीट और सब्जियां काटने के लिए अलगअलग कटिंग बोर्ड्स व बरतन रखें. हर बार इस्तेमाल करने के बाद उन्हें साफ करना न भूलें.

लकड़ी के बोर्ड्स का प्रयोग न करें.

छिलकों को खाने में यूज करें या न करें, लेकिन स्क्रब ब्रश से फलों व सब्जियों की अच्छी तरह सफाई जरूर कर लें.

घर से बाहर यदि आप सलाद ले रहे हैं तो बेहतर होगा कि उन्हें पानी से साफ कर लें, चाहे उस पर धुला हुआ ही क्यों न लिखा हो.

खाने की कुछ चीजें ऐसी भी होती हैं, जिन्हें जब हम खरीद कर लाते हैं और तभी से उन में बैक्टीरिया के कुछ अंश होते हैं. इन में रौ मीट, फै्रश फिश, सी फूड सहित कुछ सब्जियां भी हैं. ऐसी चीजों को अधिक से अधिक तापमान पर अच्छी तरह पकाने के बाद ही उन के बैक्टीरिया को नष्ट किया जा सकता है.

जल्दी खराब होने वाली खाने की कुछ ऐसी चीजें भी हैं, जिन्हें फ्रिज में रखने के बाद भी खाना नुकसानदेह हो सकता है. खासकर नौनवेज को. जहां तक संभव हो नौनवेज खरीदने के बाद जल्द से जल्द फ्रीजर में रख दें, क्योंकि खुली हवा में मीट रखना नुकसानदेह हो सकता है.

गरम भोजन को सीधे फ्रिज में न रखें, बल्कि पहले उसे सामान्य हो जाने दें, फिर फ्रिज में रखें तो बेहतर होगा. जल्दबाजी में हों तो ऐसे भोजन को एअरटाइट बरतन में रखने के बाद फ्रिज में रख सकती हैं.

पके नौनवेज भोजन को फ्रिज में रखने से पहले उसे एल्युमीनियम फौयल में अवश्य लपेट लें.

फ्रिज में रखे तैयार भोजन को दोबारा खाना है तो उसे तेज आंच पर गरम करें ताकि उस में बैक्टीरिया न रह जाए.

इन दिनों बाजार में उपलब्ध वैक्यूम पाउच या गिफ्ट पाउच हर तरह के वैक्यूम चैंबर मशीनों के लिए योग्य हैं. खानेपीने की चीजों, खासकर मीट और पनीर को सील्ड वातावरण में सुरक्षित रखने के लिए ऐसे पाउच इस्तेमाल किए जाते हैं. ये पैक्ड डिश की गंध को बाहर फैलने नहीं देते. यही वजह है कि इन दिनों इन का इस्तेमाल भी खूब किया जाने लगा है.

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Bathroom इस्तेमाल करते समय इन 8 बातों का रखें ध्यान

कई लोग बाथरूम उपयोग करते वक्‍त छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं जिस वजह से उनका बाथरूम गंदा नजर आता है. लेकिन कुछ बातों का ध्‍यान रखकर आप अपने बाथरूम को साफ रख सकते हैं.

1. टॉयलेट ढक्कन को बंद करें

ज्यादातर लोग फ्लश करते हुए लिड बंद नहीं करते हैं. ऐसा करना वाकई जरूरी है. जर्म्स वाले छींटे पूरे बाथरूम में फैल जाते हैं अगर हम लिड बंद नहीं करते. ये ऊपर और आसपास तकरीबन छह फीट तक उछलते हैं, तो अगली बार जब फ्लश करें तो लिड बंद करना नहीं भूलें.

2. टूथब्रश स्टोरिंग

अगर आप सोचते हैं कि मेडिसिन कैबिनेट में ब्रश रखने से वे साफ रहेंगे तो ऐसा नहीं है. जब ब्रश कैबिनेट या कंटेनर में रखे हों तो वे सूख नहीं पाते हैं. सूखते नहीं तो इनमें बैक्टीरिया पनपने लगते हैं. अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन ने जारी किया है कि ब्रश को हमेशा ऐसे रखें की वे अन्य ब्रश से दूर रखें.

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3. प्रोडक्ट्स

जो कुछ भी आप अपने चेहरे पर लगाते हैं उसे बाथरूम जर्म्स से काफी दूर ही रखें. इसके अलावा अगर आप अपना मेकअप बाथरूम में स्टोर करते हैं तो मॉइस्चर से उसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं. ब्यूटी प्रोडक्ट्स डब्बों में बंद करके सूखे कमरे में रखें. वो आपका ड्रेसिंग रूम तो हो सकता है लेकिन बाथरूम नहीं.

4. लूफा

लूफा में बहुत जल्दी बैक्टीरिया लग जाते हैं, इसलिए ऐसा न हो इस बात का पूरा ध्यान रखें. हर तीन से चार हफ्ते में अपना लूफा बदल लें.

5. तौलिया

अपने बाथ-टॉवेल्स को दो बार यूज करने के बाद जरूर धुलवा लें. लेकिन ध्यान रखें कि पहली बार यूज करने के बाद इन्हे बाथरूम हुक पर नहीं टांगे बल्कि इसे बाहर खुली हवा और धूप में सुखाएं. बाथरूम में टॉवल पर मॉइस्चर बना रहता है और ये फोल्ड्स के बीच में बैक्टीरिया को जन्म देता है. जब आप इसे यूज करेंगे तो बैक्टीरिया आपके स्किन पर ट्रांसफर हो जाएंगे जिससे गंभीर स्किन की बीमारियां हो सकती हैं.

6. बाथरूम में पंखा

बाथरूम का मॉइस्चर बहुत सी बुरी चीजों के लिए जिम्मेदार है. इससे बचें, या तो बाथरूम में पंखा लगवाएं या जब बाथरूम यूज नहीं करें तो खिड़की हमेशा खुली ही रखें. ऐसा नहाने के बाद तो जरूर ही करें.

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7. शॉवर कर्टेन साफ करें

शॉवर कर्टेन बहुत से लोग साफ नहीं रखते जो कि सही नहीं है. इसे साफ रखने से भी बाथरूम में बैक्टीरिया ग्रोथ कम की जा सकती है. अगर आप शॉवर कर्टेन को स्क्रब करने में आलस करते हैं तो इन्हें बार-बार वॉशिंग मशीन में भी धोया जा सकता है.

8. बाथरूम में सेल फोन

अगर आप इंस्टाग्राम चेक करने के लिए या कैंडीक्रश खेलने के लिए अपना सेल फोन बाथरूम में ले जाते हैं तो ध्यान रखें कि जो भी चीज बाथरूम में एंटर करेगी उसमें जर्म्स का चिपकना निश्चित है. बाथरूम से बाहर आने पर आप तो हाथ धोकर आते हैं लेकिन अपने फोन को नहीं धोते और फिर तुरंत ही आप फोन सुनने के लिए वही इन्फेक्टेड फोन चेहरे पर लगा लेते हैं.

10 Tips: टूथपेस्ट से करें इन चीजों की सफाई

टूथपेस्ट… दिन में दो बार साफ दांतों और ताजगी भरी सांसों के लिए इसका उपयोग किया जाता है. बस जरा सा टूथपेस्ट और दांत मोतियों जैसे चमकेंगे, कई टूथपेस्ट बनाने वाली कंपनियां ऐसे दावे करती हैं. गौरतलब है कि सिर्फ अच्छे टूथपेस्ट से ही दांत साफ और मजबूत नहीं बनते. सही खान-पान भी बहुत जरूरी है.

पर क्या आप जानती हैं कि जरा से टूथपेस्ट से आप अपने दांतों के अलावा भी कई चीजों को चमका सकती हैं. साफ-सफाई से लेकर फर्स्ट एड तक, ये सब काम आपके बाथरूम सिंक के ऊपर रखा टूथपेस्ट करता है. बहुत से लोग इसका इस्तमाल पिंपल्स और मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए भी करते हैं. पर हम आपको ऐसा करने से पहले केमिस्ट की सलाह लेने की हिदायत देंगे. क्योंकि आपको आपकी त्वचा के अनुसार ही ऐसे ऐक्सपेरिमेंट करना चाहिए.

1. जिद्दी दाग

सफाई किसे पसंद नहीं होती ? पर घर पर अगर बच्चें हों तो साफ-सफाई रखना और भी मुश्किल हो जाता है. कभी कभी आप खुद ही अपनी महंगी सफेद ड्रेस पर स्याही या सॉस उड़ेल लेती हैं. इन सब से छुटकारा दिलाएगा सिर्फ जरा सा टूथपेस्ट.

जिद्दी दाग पर जरा सा टूथपेस्ट लगाएं. थोड़ी देर के लिए छोड़ दें और ठंडे पानी से धो लें. अगर एक बार में दाग न जाए तो इस प्रोसेस को दोहराएं.

2. गौगल्स

काला चश्मा तो सभी पर जचदा है. पर चश्मे को डस्ट फ्री रखना भी जरूरी है. चश्मे पर गंदगी बैठ जाती है, और पूरी तरह से साफ करने में दिक्कत होती है. जरा से टूथपेस्ट से आपके गौगल्स नए जैसे हो जाएंगे.

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3. डायमंड ज्वेलरी

डायमंड ज्वेलरी की चमक बरकरार रखना भी आसान नहीं है. हीरे के गहने आपकी सुंदरता तो बढ़ाते हैं. पर इन्हें चमकदार बनाए रखने में परेशानी होती है. डायमंड ज्वेलरी को आप टूथपेस्ट की सहायता से आसानी से साफ कर सकती हैं. ब्रश और टूथपेस्ट से साफ करें डायमंड ज्वेलरी और अपने गहनों को सालो साल बनाए रखें नए जैसा.

4. हाथों का ड्योड्रेंट
प्याज और लहसुन छिलने और काटने से इनकी खुशबू हाथों में ही रह जाती है. हाथों पर जरा सा टूथपेस्ट लगाएं और हाथों को धो लें. प्याज, लहसुन की महक चली जाएगी. वैसे तो आप हैंडवॉश का यूज करती ही होंगी, पर टूथपेस्ट भी इस काम के लिए कारगर है.

5. बालों से हटाएं च्युइंग गम

बच्चे शरारती होते हैं. खेल-खेल में वे कई शैतानियां करते हैं. कई बार च्युइंग गम चबाने के अलावा बालों में भी लगा लेते हैं. च्युइंग गम बालों से आसानी से नहीं निकलता. पर टूथपेस्ट से यह आसानी से निकल जाएगा. बालों में लगे च्युइंग गम पर टूथपेस्ट लगाएं, इससे च्युइंग गम आसानी से निकल जाएगा.

6. कार्पेट स्टेन्स

कार्पेट पर स्टेन्स तो लग ही जाते हैं. चाहे आप कितनी भी सावधानी क्यों न बरतें. पर ये दाग छुड़ाने में शामत आपकी आती है. पर टूथपेस्ट से ये काम आसान हो जाएगा. दाग पर टूथपेस्ट लगाएं, और गीले टूथब्रश से रगड़ें. अगर दाग एक बार में न निकले, तो यह प्रोसेस दोहराएं.

7. दीवारों पर क्रेयॉन (crayons)

बच्चे अपनी करामात दीवारों पर भी दिखाते हैं. इन नन्हे-मुन्ने चित्रकारों को डांटने के बजाय अपने ख्यालों को आकार देने दीजिए. गंदी दीवारों की सफाई का जिम्मा टूथपेस्ट पर छोड़ दीजिए. दीवारों पर टूथपेस्ट लगाएं. गिले कपड़े से साफ कर लें. दीवारों पर बने क्रेयॉन के दाग साफ हो जाएंगे.

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8. कॉफी टेबल पर बने पानी के दाग

कॉफी टेबल पर बने पानी के दाग आपके खूबसूरत से कॉफी टेबल की रंगत बिगाड़ देते हैं. कॉफी टेबल पर बने इन दागों को भी आप आसानी से टूथपेस्ट से साफ कर सकती हैं. दाग पर टूथपेस्ट लगाएं और भीगे कपड़े से पोछें करें. दाग साफ हो जाएंगे.

9. हेडलाइट्स

स्कूटी या कार से घूमना जितना मजेदार होता है, इसके रख-रखाव पर उतना ही ध्यान देना पड़ता है. हेडलाइट पर पड़े स्क्रैच और गंदे लगते हैं. पर जरा से टूथपेस्ट से आप अपने गाड़ी की हेडलाइट भी चमका सकती हैं. टूथपेस्ट को हल्के से पानी के साथ मिलाकर हेडलाइट पर लगाएं. जरा सा रगड़कर कपड़े से पोंछ लें. हेडलाइट साफ करने की यह टिप आजमाइए और फर्क खुद ही देख लीजिए.

10. सफेद जूते

सफेद जूते आजकल फैशन का नया ट्रेन्ड हैं. पर इनको भी चमकदार बनाए रखना आसान नहीं है. पर टूथपेस्ट से आपका यह काम भी आसान हो जाएगा. गंदे जूतों पर टूथपेस्ट लगाएं, और ब्रश से साफ करें. जूते नए जैसे चमकेंगे.

टूथपेस्ट आपके कई काम आसान हो जाएंगे. वैसे भी साफ-सफाई में आपका बहुत सारा वक्त लग जाता है. पर ध्यान रखें की आप सफेद टूथपेस्ट जैसे कोल्गेट, बबूल आदि का ही इस्तमाल करें, न की जेल-बेस्ड टूथपेस्ट का.

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