रेटिंगःदो स्टार
निर्माताः दीपक मुकुट, निशांत पिट्टी, विजय नांबियार, शिवांशु पांडे व रिकांत पिट्टी
निर्देशकः विजय नांबियार
कलाकारः पुलकित सम्राट, कृतिका खरबंदा, जिम सर्भ, हर्षवर्धन राणे, जोया मोरानी.
अवधिःलगभग तीन घंटे, छह एपिसोड
ओटीटी प्लेटफार्मः जी 5
‘शैतान’’, ‘डेविड’और ‘वजीर’ के बाद बिजॉय नांबियार एक रोमांचक कथानक वाली फिल्म ‘‘तैश’’ लेकर आए हैं, जिसे ओटीटी प्लेटफार्म ‘‘जी 5’’पर 29 अक्टूबर से फिल्म के अलावा छह एपीसोड की वेब सीरीज के रूप में भी देखा जा सकता है. इसमें अधूरे व्यक्तित्व वाले हर किरदार का अपना अतीत है और सभी एक दूसरे से लड़ने को तत्पर हैं. इस वेब सीरीज में इस बात पर रोशनी डाली गयी है कि इंसान अपने गुस्से पर काबू रखना सीखे.
कहानीः
रोहण कालरा(जिम सर्भ) और सनी लालवानी( पुलकित सम्राट) बचपन के दोस्त हैं. भारतीय पंजाबी रोहण कालरा लंदन में पाकिस्तानी मूल की अपनी मुस्लिम प्रेमिका आरफा खान( कृति खरबंदा) के साथ रहता है. रोहण के भाई कृष(अंकुर राठी)की शादी माही( जोया मोरानी) के संग लंदन से दूर ब्रिटेन में ही हो रही है. जहां सनी भी पहुंचता है. रोहण अपनी पे्रमिका आरफा को नही लाया था, क्योकि उसे लगता है कि उसके माता पिता को यह बात पसंद नही आएगी. मगर सनी अपने साथ आरफा को भी लेकर पहुंचता है. सभी के लिए यह एक सप्ताह का मौज मस्ती का समय है.
उधर दक्षिण हॉल लंदन के अंधेरे घने कोनों में कहीं साहूकारों का एक हिंसक अपराधी परिवार रहता है, जिसका मुखिया कुलजिंदर( अभिमन्यू सिंह) अपने दो भाइयों पाली (हर्षवर्धन राणे) और जस्सी(अरमान खेड़ा ) के साथ काम करता है. पाली ने परिवार के व्यवसाय को छोड़ कुलजिंदर की पत्नी की बहन जहान(संजीदा शेख ) के साथ नए जीवन की शुरुआत करने की योजना बनाई है, जिसके साथ उनका संबंध रहे हैं. वैसे कुलजिंदर ने जहान के साथ अवैध संबंध बनाए हैं.
लेकिन रोहण के भाई कृष की शादी में शामिल होने के लिए कुलजिंदर अपने पूरे परिवार के साथ पहुंचते है, तो रोहण को कुलजिंदर से जुड़ा एक पिछला रहस्य याद आता है, जिसके चलते सनी गुस्से में पाली की पिटाई कर देता है और फिर हिंसा की घटनाएं शुरू हो जाती हैं. शादी के ही दिन कृष की हत्या हो जाती है. अदालत से पाली को सजा हो जाती है. पर इससे कोई खुश नही है. माही चाहती है कि पाली को इससे बड़ी सजा मिले. एक वर्ष तक सनी योजना बनाता रहता है. पर कुछ नहीं हो पाता. तब एक दिन माही आत्महत्या कर लेती है. उसके बाद सनी वकील जोफी के साथ योजना बना जेल पहुंचकर इस्माइल की मदद से पाली की हत्या कर देना चाहता है. मगर रोहण व सनोबर(सलोनी बत्रा) के चलते सब गड़बड़ हो जाता है. अंततः पाली व उसका भाई जस्सी मारे जाते है.
लेखन व निर्देशनः
यूं तो फिल्म का ट्रेलर देखकर ही ‘तैश’से उम्मीदे खत्म हो गयी थी. कहानी में बहुत ज्यादा नयापन नही है. लेखन भी कमजोर है. फिल्म के सभी किरदार अधूरे हैं, किसी भी किरदार की कोई इच्छा नहीं है. कहानी का ताना बाना बहुत अजीब सा है. महिला किरदार तो ठीक से गढे़ ही नहीं गए. संजीदा शेेख के किरदार को ठीक से गढ़ा ही नही गया. सच यही है कि फिल्म को वेब सीरीज में बदलते हुए सत्यानाश कर दिया है. बेवजह की चिल्लपों मचा रखी है. लेखन व निर्देशन के स्तर पर बजॉंय नंबियार बुरी तरह से असफल रहे हैं. इसका क्लायमेक्स भी घटिया है.
अभिनयः
रोहण कालरा के किरदार में जिम सर्भ ने अच्छा अभिनय किया है. हर्षवर्धन राणे का अभिनय शानदार है. यदि यह कहा जाए कि यह फिल्म उनके अभिनय की शो रील है, तो कुछ भी गलत नही होगा. हर्षवर्धन राणे की आंखे भी कई दृश्याें में बहुत कुछ कह जाती हैं. उनके अंदर का गुस्सा अन्यथा बाकी के कलाकार आते व जाते रहते हैं. अपने मित्र के साथ हुए अत्याचार का बदला लेने को आतुर पुलकित सम्राट का तैश देखते ही बनता है. उन्होने अपने अभिनय का जलवा दिखाया है. इसके अलावा अभिमन्यू सिंह व अंकुर राठी का अभिनय ठीक ठाक है. संजीदा शेख जरुर लोगों का ध्यान खींचने में सफल रही हैं. बाकी कलाकार अपना प्रभाव छोड़ने में असफल रहे हैं. कृति खरबंदा के हिस्से भी करने को कुछ खास रहा नही.