Review: जानें कैसी है कुशाल टंडन की वेब सीरिज ‘बेबाकी’

रेटिंग: डेढ़ स्टार

निर्माताः शोभा कपूर और एकता कपूर
निर्देषकः मुजामिल देसाई
कलाकारः कुशल टंडन,  शिवज्योति राजपूत, करण जोतवानी, प्रतीक सहजपाल,  ईशान धवन.
अवधिः तीन घंटे,  20 से 32 मिनट के आठ एपीसोड
ओटीटी प्लेटफार्मः‘‘आल्ट बालाजी’’ और ‘‘जी 5’’


प्यार, नफरत, पजेसिब नेस, सामने वाले को झुकाने के प्रयास पर कई फिल्में व सीरियल आदि बन चुके हैं. अब ऐसे ही घिसे पिटे विषय व कहानी पर निर्माता शोभा कपूर और एकता कपूर तथा निर्देशक मुजामिल देसाई  वेब सीरीज ‘‘बेबाकी’’ लेकर आए हैं. इसके पहले सीजन के आठ एपीसोड तीस अगस्त 2020 से ओटीटी प्लेटफार्म ‘‘ऑल्ट बालाजी’’ और ‘‘जी 5’’पर देखे जा सकते हैं. पर यह वेबसीरी अठारह वर्ष से बड़ी उम्र के लोेगों के लिए है.

कहानीः

यह कहानी है षिमला में ‘‘युनाइटेड इंडिया’’नामक अखबार चलाने वाले दो दोस्तों आदिल अब्दुल्ला(समीर मल्होत्रा ) और फरहाद की. जो चालिस साल पुराने दोस्त हैं और पिछले 25 वर्ष से संगठित होकर व्यापार कर रहे हैं. दोेनो परिवार एक साथ एक ही महल में रहते हैं. इनके बच्चे भी आपस में सिर्फ दोस्त नहीं है, बल्कि इनके बीच सगे भाई जैसा रिश्ता हैं. मगर फरहाद की पत्नी राशिदा(कृतिका देसाई ) को यह दोस्ती अच्छी नहीं लगती. वह बंटवारा चाहती है, उन्हे लगता है कि उनके बच्चों को आदिल के बच्चे बिगाड़ रहे हैं. आदिल अब्दुल्ला की दो पत्नियां हैं.
तो वहीं यह कहानी है आदिल अब्दुल्ला के बड़े बेटे सूफियाना अब्दुल्ला(कुशल टंडन) और एक काॅलेज के प्रोफेसर इंद्रप्रीत सहानी की चार बेटियों में से बड़ी बेटी कायनात सहानी(शिवज्योति राजपूत) की प्रेम कहानी की, जो कि ठंडी हवा का झोका नहीं, बल्कि तूफान है. सूफियाना अब अपने पिता व चाचा के ‘यूनाइटेड इंडिया’ का डिजिटल एडीशन लांच करने की तैयारी कर रहा है. पर बचपन की एक घटना से वह अब तक उबर नहीं पाया है. वह डिजिटल लांच के लिए मंत्री शेखावत के ‘गे’ होने की खबर पर काम कर सारे सबूत जटा रहा है, जिसमें फरहाद का बेटा हामिद भी उसकी मदद कर रहा है. कुछ सबूत जुटाने के बाद सूफियाना अपना मोबाइल फोन कायनात सहानी के पास भूल जाता है. इस तरह अब सबूत कायनात सहानी के पास पहुंच जाते हैं, जो कि प्रतिस्पर्धी अखबार ‘‘ताजा खबर’’की रिपोर्टर है.

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उधर अहमद जानकारी इकट्ठा कर सूफियाना के मोबाइल पर भेजता है,  जो कि कायनात को ही मिलती है. रात्रि के शराब का नशा उतरने के बाद सूफियाना अपने मोबाइल फोन की तलाश शुरू करता है. तभी उसे पता चलता है कि उसने मंत्री शेखावत को उजागर करने की जिस स्टोरी पर काम किया था, वह तो अब ‘ताजा खबर’ पर आने वाली है. तब सूफियाना ‘ताजा खबर’को ही खरीदकर उसे ‘यूनाइटेड इंडिया’का हिस्सा बना लेता है. इससे कायनात नाराज होती है. बाद में सूफियाना भी उसे नौकरी से निकाल देता है. तब कायनात ट्वीटर पर सूफियाना के खिलाफ मुहीम चला देती है. अब सूफियाना जिद पकड़कर कायनात की हर राह को कुचलने पर आमादा हो जाता है. कायनात को कहीं नौकरी नहीं मिलती. पर कायनात के इस जिद्दीपना पर सूफियाना को प्यार हो जाता है. अब वह उसे पाना चाहते हैं, मगर बिना किसी तरह का समझौता किए, बल्कि कायनात से माफी मंगवाकर. उधर कायनात भी झुकने को तैयार नही है. वह तो सूफियाना का ‘युनाईटेड इंडिया’से जुड़ने का आफर भी ठुकरा देती है.

कहानी आगे बढ़ती है. राहिल (प्रतीक सेहजपाल) व हामिद प्रोफेसर सहानी से परीक्षा के प्रश्नपत्र हासिल करने की जुगट में है. उधर सूफियान,  कायनात को अपनी कार में बैठने पर मजबूर करता है और फिर उसे उसके कुत्ते के साथ रात के अंधेरे में दूर निर्जन सड़क पर छोड़ देता है. राहिल व हामिद के चार दोस्त उस सड़क से गुजरते हुए कायनात से छेड़छाड़ करते हैं, तभी अफ्रीका से लौट रहा फरहाद का बेटा इम्तियाज (करण जोतवानी) पहुंचता है. कायनात की बातो को सच मानकर वह चारों को जेल भिजवाने के बाद कायनात को लेकर अपने घर पहुंचता है, जहां मुशायरे का आयोजन किया गया है. रास्ते में इम्तियाज उसे ‘युनाइटेड इंडिया’में चीफ रिपोर्टर की नौकरी देने का वादा भी कर देता है.

कायनात को ‘युनाइटेड इंडिया’ में नौकरी मिल जाती है. अब सूफियाना और कायनात के बीच‘हेट एंड लव’का रिश्ता है, जबकि इम्तियाज, कायनात के करीब रहने का प्रयास करता है. अगले दिन इम्तियाज के आगमन पर आयोजित पार्टी में कायनात की कड़वीं बातें सुनने के बाद सूफियान, हामिद को डांटता है. इससे राहिल व हामिद नाराज होकर अब कायनात और उसके पिता प्रोफेसर इंद्रप्रीत सहानी को अपमानित करने के प्रयास में लग जाते हैं. राहिल व हामिद की एक गलती के चलते फरहाद की पत्नी को एक मौका मिल जाता है कि अब बंटवारा हो जाए, सब कुछ तय हो जाता है, मगर दोस्ती इतनी आसानी से टूट सकती है क्या?

लेखन व निर्देशनः

घिसी पिटी, कमजोर व ‘चल मेरे भाई’ सहित कई फिल्मों मंे दोहराई जा चुकी नफरत व प्यार की इस कहानी में कुछ भी नयापन नही है. यह वेब सीरीज पूर्णरूपेण ‘‘एकता कपूर मार्का’’टीवी सीरियल से इतर नही है. इसमें भीं ग्लैमर का तड़के साथ महंगे कास्ट्यूम व ज्वेलरी की भरमार है. अन्यथा इसमें अविश्वसनीय व अतार्किक दृष्यांे की भरमार है. वेब सीरीज की शुरूआत ही मूर्खतापूर्ण दृश्य के साथ होती है. सूफियान का मोबाइल फोन गायब है, पर वह इसे खोजने की कोई जरुरत महसूस नही करता. सूफियान के मोबाइल पर हामिद द्वारा भेजे जाने वाले सारे संदेश और मोबाइल में मौजूद सबूत कायनात आराम से देख लेती है. क्या ऐसा संभव है?आम इंसान भी अपना मोबाइल लॉक रखता है, यहां तो दोनो किरदार पत्रकार हैं, पर इन्हें मोबाइल के गुम होने की कोई फिक्र नहीं. एकता कपूर ने अपने सीरियलों की तरह किरदारों की भरमार कर दी है और कई किरदारों के साथ न्याय नही हुआ है, आगे दूसरे सीजन में क्या होगा, पता नहीं?
इस वेब सीरीज को खूबसूरत लोकेशन की खातिर जरुर देख जा सकता है, पर यह खूबसूरत लोकेशन बड़े परदे पर ज्यादा सुंदर व आकर्षक लगेंगे. दूसरी अच्छाई यह है कि इसमें दोस्ती को लेकर बहुत ही सकारात्मक बात की गयी है.
उद्भव ओझा का संगीत अच्छा है.

अभिनयः

सूफियान के किरदार में कुशल टंडन तमाम दृश्यों में एक रोबोट के अलावा कुछ नजर नही आते. पर कुछ दृश्यों में उन्होने अपनी आंखों के माध्यम से काफी कुछ कहने का प्रयास किया है. कायनात के किरदार में शिवज्योति राजपूत ने ठीक ठाक अभिनय किया है. इम्तियाज के किरदार में करण जोतवानी अवष्य ध्यान आकर्षित करते हैं. सुचित्रा पिल्लैय व कृतिका देसाई की प्रतिभा को जाया किया गया है.

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