चटकदार रंगों से सजा Lakme Fashion Week विंटर कलेक्शन

कोविड 19 की स्थिरता को देखते हुए और पिछले दो सालों बाद ‘ऍफ़डीसीआई लेक्मे फैशन वीक विंटर कलेक्शन 2022’बड़े जोर शोर से मुंबई के बांद्रा ईस्ट के जीओवर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर, में 5 दिनों तक चली, इसमें देश के कई बड़े-बड़े डिजाईनरों के साथ नए डिजाईनरों ने भी ने भाग लेकर अपनी उत्कृष्ट कारीगरी और पोशाकों से पूरे विश्व में परिचय करवाया है, साथ ही हिंदी सिनेमा जगत के काई अभिनेता और अभिनेत्रियों ने इन्ही पोशाको को पहनकर रैम्प पर चलकर इसकी शोभा बढाई है. इस बार चटकदार रंगों का अधिक प्रयोग हुआ है, जिसमे खासकर लाल, पीला, हरा, जमुनी आदि रंग के पोशाक डेली वियर से लेकर ब्राइडल लुक का सम्मिलित रूप देखने को मिला.

रंगों का उत्सव

इस बार लेक्मे का ओपनिंग शो काफी कलरफुल रहा, जिसे डिज़ाइनर अनामिका खन्ना ने प्रस्तुत किया. आलोकित फव्वारों के साथ ग्लिटर करते हुए उनके पोशाक ‘फाउंटेन ऑफ़ जॉय’ थीम को पूरी तरह से प्रूव कर रहे थे. अनामिका का ‘एके-ओके’ में उन्होंने स्ट्रीट पोशाक को काफी सुन्दरता से दिखाया है, जिसमे ड्रेप्ड ड्रेस, पजामा सेट, जैकेट्स आदि की खूबसूरती के साथ थ्री डी फ्लोरल प्रिंट ने सबका मन मोह लिया.

नए लोग नए फैशन

हर बार की तरह इस फैशन वीक में नई-नई डिजाईनरों को अपनी क्रिएटिविटी को प्रस्तुत करने का मौका ‘जेन नेक्स्ट’ के द्वारा दी गई है, जिसमे इस बार असीम कपूर और पूजा का ‘आम्बी’ कलेक्शन में जारदोजी, एप्लिक वर्क, मशरूम टुइल आदि के पोशाक बहुत ही सुंदर रहे. इसके अलावा यंग डिज़ाइनर सौम्या गोयल की ‘न्यू लाइट’ के जरिये फैशन दुनिया को प्रकाशित किया जाना भी काफी सराहनीय रहा. वेगन फेब्रिक पर कारीगरी करते हुए उन्होंने साड़ी के कई कलेक्शन को रैंप पर उतारें. डिज़ाइनर अतीव कुमार की ब्रांड ‘रि’के तहत टेक्सटाइल में शोध के द्वारा एक अनोखा रूप देना भी देखने लायक था.

जलवा सस्टेनेबल फैशन का

सस्टेनेबल फैशन पर आज सबकी नजरहै, क्योंकि फैशन इंडस्ट्री से निकले मलवे से सबसे अधिक पर्यावरण प्रदूषित होता है. इसलिएइसमें हाथ से बुने फेब्रिक, प्राकृतिक रंग और उससे बने पोशाक, जिसे किसी भी अवसर पर कई बार पहना जा सकें, ऐसी कपड़ों को रैंप पर उतारा गया.डिज़ाइनर स्वाति कपूर ने ग्रीक स्टाइल में अपने परिधान रैंप पर उतारे,इसमें उन्होंने प्राकृतिक उपादानो का प्रयोग अपने कपड़ों में किया है, जिसमे चंदेरी और हलके खादी कपड़ों पर ब्लाक प्रिंट,महीन कढ़ाई का काम कर एक नया रूप दिया है. इसके अलावा रिद्धि जैन, रेबी जिंदाल,आबिर एन, रीना सिंह आदि सभी डिजाईनरों ने हेयर स्टाइल में मेस्सी बन पर फ्लूइड ओर्गेंजा, क्रेप सिल्क, थ्री डी की कढ़ाई से कपड़ों को खूबसूरती से रैम्प पर उतारा. इन कपड़ों के रंग ब्लश पिंक, पाउडर ब्लू, ब्राउन, रस्ट और बेज रंग थे, जिसे किसी भी समय किसी भी उम्र के व्यक्ति पहन सकता है.

चटकार रंगों का समावेश

डिज़ाइनर अनुश्री रेड्डी ने ब्राइड और फेस्टिवल को ध्यान में रखते हुए खूबसूरत परिधान पर अधिक फोकस किया, जिसमे सिल्क फेब्रिक पर चूड़ीदार, कुरता, बंद गला जैकेट,रेड, ग्रीन, ब्लैक, ग्रे लिनेन फेब्रिक, फर युक्त गाउन, फ्रॉक, स्टाइलिश शूज, ज्वेलरी, फ्लोरल प्रिंट एंड गाउन, नेट के कपडे,लॉन्ग फ्रॉक,स्टाइलिश रिबन वाली शूज आदि रहे. डिज़ाइनर गौरांग ने ‘सिन्दूर’ यानि लालरंग के कलेक्शन को एक रक्तिम आभा को लिए हुए मॉडल्स को रैंप पर उतारा. इसमें उन्होंने देश की विलुप्त होती कारीगरी को जिन्दा रखने की कोशिश की है,इसकी कल्पना उन्होंने वर्ष 2019 के मध्य में की थी. इसे बनने में करीब दो साल लगे है. कांजीवरम, पैठनी, बनारसी ब्रोकेड, कोटा, उप्पादा, खादी, मसलिन, शिभरी, कलमकारी, बाधनी, पतचित्र, चिकन, गारा और कच्छ की डिजाईन आदि को अपने कपड़ों में डाला है. गौरांग कहते है कि इतने सारे पोशाक को एक साथ उतारना बहुत कठिन था. इसमें सुंदर बीड्स के साथ हैण्ड पेंटिंग, ब्लाक प्रिंटिंग, कढ़ाई और अलग-अलग तरीके की क्राफ्ट जो लाल रंग में बनाई गई है. 40 घाघरे को मैंने इस बार रैंप पर उतारा है, मेरी शो स्टॉपर अदिति राव हैदरी ने पटोला साड़ी को काफी अच्छी तरीके से कैरी की है. रेड कलर की कल्पना सिंदूर से आती है. जिसे पहनने पर एक स्त्री विश्व की सबसे खूबसूरत दिखती है. मैंने इस कलेक्शन के द्वारा पूरे विश्व को साड़ी की सुन्दरता को दिखाने की कोशिश की है. इसके अलावा शांतनु और निखिल ने भी उत्सव और ब्राइडल कलेक्शन को लांच किया जिसमें डोरी काम पर सुंदर लेस, नेट कढ़ाई के द्वारा, चटकदार रंगों का मिश्रण को उतारा. डिज़ाइनर पंकज निधि की कलर पैलेट था सनसाइन ओरेंज, जिसमे पीला, इजराइल पिंक, बैगनी और डस्की ग्रीन. इन दोनों डिजाईनरों ने ब्लेजर, फ्लूइड पेंटशूट, मॉडर्न जैकेट, पेंसिल स्कर्ट आदि.

कुछ खास त्योहारों में

सुदूर आसाम की डिज़ाइनर संयुक्त दत्ता ने दिवाली के अवसर पर अपने कलेक्शन ‘पलाश’ को लांच किया, उन्होंने भी इस बार अधिकतर गहरे रंगों का प्रयोग किया है, जिसमे लाल रंग के साथ, ऑरेंज, बैगनी, काले आदि रंगों के मिश्रण से बने मेखला चादोर, लहंगा चोली,लॉन्ग स्कर्ट, साड़ी आदि की खूबसूरती को उन्होंने देश की संकृति और कारीगरी को अद्भुत तरीके से रैंप पर उतारा.

भ्रमणकालीन पोशाक

डिज़ाइनर रीना ढाका ने ‘बैक टू फ्यूचर’ पर आधारित 70 और 80 के दशक के पोशाक को नए रूप में डिजाईन किये, जिसमे मिरर वर्क, क्रोशिये वर्क, नेट का प्रयोग किया गया,जिसे पहनकर कही घूमने जाया जा सकता है, इसमें कूल मैक्सी, मिडी ट्यूनिक विथ पलाजो और शोर्ट ड्रेसेस आदि रहे. बीच के पोशाक भी उन्होंने रैंप पर उतारे, जिसमे बिकिनी, श्रग के साथ केप्री पैंट, शोर्ट स्कर्ट आदि.

आगाज़ फ्यूचर फैशन का

डिज़ाइनर पवन सचदेवा अपने खास तरह की डिजाईन के लिए जाने जाते है, उन्होंने पुरुषों के लिए ‘पीपल ऑफ़ टूमारों’कलेक्शन के तहत ट्रेंडी से लेकर फेस्टिवल लुक को खास अंदाज में पेश किया, उनके अनुसार ये पोशाक पुरुषों के फ्यूचर फैशन है, जिसे सभी यूथ पसंद करने पर मजबूर होंगे. डिज़ाइनर नचिकेता ने भी ट्रेंडी से उत्सवी परिधान पर विशेष ध्यान दिया है. उन्होंने सिल्क, लक्ज़री, वेलवेट, लहंगा चोली, साड़ी गाउन, जम्प सूट आदि के साथ तरह-तरह के वस्त्रों की शोभा देखते ही बनती थी. लेक्मे का समापन समरोह डिज़ाइनर राजेश प्रताप सिंह ने अपने कलेक्शन से किया, जिसमे शो स्टॉपर अभिनेत्री मृणाल ठाकुर ने कॉलर वाले सफ़ेद फुल शर्ट के साथ साड़ी पैंट पहनकर रैंप पर आई. राजेश की ये ब्लैक एंड वाइट कलेक्शन मोनोक्रोमेटिक पैलेट से पेस्टल डिजाईन पर आधारित रही.

कोविड के बाद एक्ट्रेसेस ने Lakme Fashion Week रैंप पर बिखेरे जलवे

पिछले दो वर्षों में कोविड वायरस ने हमारे नियमित जीवन शैली को बाधित करने के साथ-साथ हम सभी से बहुत कुछ छीन लिया है. इसमें फैशन इंडस्ट्री, जो अपने फेस्टिवल के द्वारा नई-नई ड्रेसेज से ग्राहकों को परिचय करवाती है, प्राय: खत्म होने की कगार पर थी. इससे थोडा उबरने के लिए लक्मे फैशन वीक भी तीन सीजन डिजिटल हुआ, लेकिन उसमें कपड़ो की क्वालिटी रंग और टेक्सचर को समझना मुश्किल था. ऐसे में इस बार बहुत उमंग के साथ सभी डिजाईनरों ने भाग लिया. इस बार FDCI x Lakme Fashion Week 2022का आयोजन दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में 5 दिन चली, जो फिजिकल थी.

जमावड़ा बड़े डिजाईनर्स का

इसमें सभी बड़े-बड़े डिज़ाइनर्स ने भाग लिया, जिसमें तरुण तहिलियानी, मनीष मल्होत्रा, शांतनु &निखिल,अंजू मोदी, आशीष सोनी, श्रुति संचेती आदि के अलावा कुछ नए डिजाईनरों ने भी अपने खूबसूरत पोशाको से रैंप को आलोकित कर दिया,हालाँकि इस बार फैशन मुंबई से दिल्ली शिफ्ट हुआ, इससे फैशन प्रिय दिल्ली वाले बहुत खुश हुए और हर दिन हर शो में विजिटर्स खचाखच भरे हुए रहे.

ध्यान प्रकृति पर

इस बार की शो में सभी डिजाईनरों ने प्रकृति और उसकी अहमियत पर अधिक ध्यान दिया जिसमें सभी ने सस्टेनेबल फैशन को जरुरी समझा, क्योंकि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इसे करना बहुत जरुरी था. राहुल मिश्रा की इटालियन एम्बेसी के साथ जुड़कर बनाए गए पोशाक डिजाईनर की प्रकृति के प्रति प्रेम को दिखाती है, जिसमे सिनिक ब्यूटी, कलर्डबीड्स और फ्लोरल डिजाईन मुख्य थे.

सोनल वर्मा की ब्रांड ‘Rara Avis ने सफ़ेद, पीला, सी ग्रीन, पर्पल आदि सभी सूदिंग कलर के अलावा फायरी रेड और रिफ्रेशिंग ग्रीन पेश किये, जो उज्बेकी फेब्रिक सिल्क और इंडियन मशरू को मिक्स कर बनाया गया आरामदायक पोशाक है, जिसे आने वाले किसी भी मौसम में किसी भी अवसर पर पहना जा सकता है. जिसमें जैकेट्स, मेक्सिस, लॉन्ग फ्रॉक आदि के साथ हल्के गहने भी थे, जो हर ड्रेस से मैच करती थी.

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डिज़ाइनर श्रुति संचेती की ब्रांड पिनाकल के तहत Alchemy कलेक्शन को मंच पर लाया गयाजो काबिलेतारीफ थी. इस बारें में श्रुति कहती है कि इस बार की फैशन वीक को मैंने बहुत एन्जॉय किया है, मॉडल्स को पोशाक, केश, मेकअप, हेयर आदि के साथरैंप पर उतारना एक अलग बात होती है, इसमें सब लाइव होती है, जिससे किसी भी गलती पकड़ में आ जाती है. 10 मिनट के इस समय में फेब्रिक, फिनिशिंग, रंग सबकुछ सामने दिखता है. इसलिए इसे फ्लालेस बनाया जाता है, इसमें डिज़ाइनर की कैपबिलिटी भी सामने होती है. डिजिटल में व्यवसाय करना मुश्किल होता है. टाइमलेस, सीजन फ्लूइड, अच्छे कपडे आज की मांग है और पेंड़ेमिक ने ये सबको सीखा दिया हैकि आजकल सबकुछ अनस्टेबल हो चुका है, कब क्या हो, किसी को पता नहीं. इसलिए सभी ने इस बार सस्टेनेबल फैशन और अच्छे कपड़ों पर अधिक जोर दिया है,जिसमें कारीगर की मजदूरी, ओरगेनिक रंग, सही टिकाऊ फेब्रिक आदि सब इसके अंतर्गत आते है. जिससे लोग उसे सालों तक पहन सकते है और बाद में माँ अपनी बेटी को भी दे सकें, ताकि ये सालों साल तक नयी लगे. इसके अलावा मैंने इंडियन आउट फिट के साथ वेस्टर्न का मिश्रण किया है, जिसमें एकतार की कढ़ाई, उदयपुर की रॉयल कढ़ाई, पीटा वर्क, जो महेश्वरी सिल्क और चंदेरी फेब्रिक पर बनी थी ये 10 साल बाद भी बिना सोचे पहनी जा सकती है. रंग मेरे कलेक्शन में अधिक रहते है. सफ़ेद से शुरू कर रस्ट, ब्लूज, पिंक, रानी, ओरेंज आदि सभी रंग, जो इंडियन और ग्लोबल के लिए भी सही होता है. इसमें साड़ी, कुर्ता, पैजामा, जैकेट घाघरा चोली, आदि  है.

भारतीय कारीगरी को आगे लाने की कोशिश

डिज़ाइनर जोड़ी नीलांजन घोष और कनिका सचदेवा की ब्रांड ‘जाजबर’ ने Wah Usta Wah ‘ समर कलेक्शन को रैंप पर उतारा. उस्ता शब्द पर्सियन वर्ड उस्ताद से निकला है, जो परसिया से होते हुए राजस्थान में बीकानेर के रॉयल परिवार महाराजा राय सिंह तक पहुंचा है. इसमें भारत और यूरोपियन स्टाइल को मिलाकर की गई कारीगरी देखने लायक थी. नीलांजन इस बारें में कहते है कि कोविड की वजह से सबकुछ लॉक हो गया था, इस फेस्टिवल के द्वारा मैंने अपने कलेक्शन को रैंप पर उतारा है. हमारे डिजाईन सबसे अलग होने की वजह हमारा ट्रेवल करना है, जिससे नए कांसेप्ट का जन्म होता है और ये कारीगरी भारत की कला को आगे ले जाने की कोशिश भी है. इस बार समर और विंटर कुछ ऐसा अलग फेब्रिक मटेरिअल देखा नहीं गया है, इससे कपड़ों और डिजाईन को लोगों तक पहुँचाना आसान था.

यूथ पॉवर

इस शो के पूरे सप्ताह के दौरान यूथ को भी अपनी कला के प्रदर्शन के लिए समय मिला, जिसमें सोहन आचार्य और श्रिया खन्ना के पोशाक ने सबका मन मोह लिया. इसके अलावा पर्ल एकादमी के छात्रों के इनोवेटिव काम सभी को आकर्षित किये, इससे ऐसे नये बडिंग डिजाईनर्स को आगे बढ़ने को अच्छा अवसरमिलता है.

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बिग बोल्ड फैशन

इस बार ऑल ने बिग बोल्ड फैशन को रैंप पर उतारा, जिसमें ह्यूज, शानदार और चुस्ती-फुर्ती  वाले फैशन बॉडी टाइप के हिसाब से ‘टाई एंड डाई कलेक्शन’ को खूबसूरत रंगों के साथ मॉडल्स का रैंप पर चलना आकर्षक रहा.

दिखी सेलेब्स की शान

FDCI x Lakme Fashion Weeksummer collection 2022 में इस बार रैंप पर शो स्टॉपर सभी सेलेब्स ने रैम्प पर चलकर अपनी ख़ुशी जताई, क्योंकि कोविड से पूरी तरह से बाधित फैशन इंडस्ट्री फिर से एक बार चल पड़ी है. इसमें कंगना रनौत, श्रुति हसन, हुमा कुरैशी, मनोज बाजपेयी, साकिब सलीम मृणाल ठाकुर, सोहा अली खान, पूजा हेगड़े, फैशन इनफ्लुएंसर मासूम मिनावाला आदि सभी ने रैंप पर डिज़ाइनर्स के खूबसूरत ड्रेसेज पहनकर जलवे बिखेरे.

इसके अलावा लक्मे की ब्रांड एम्बेसेडर अनन्या पांडे ने पिछले साल की तरह इस साल भी ग्रैंड फिनाले को प्रभावशाली बनाया. रैम्प पर उन्होंने पहले की तरह दर्शकों को शो स्टॉपर बनकर चकित कर दिया. उन्होंने प्रसिद्ध डिज़ाइनर जोड़ी फाल्गुनी शाने पीकॉकके पोशाक में नजर आई, जो आज और आने वाले समय में भी ट्रेंड में रहेगा.

असम की खूबसूरती से जुडी है पोशाक मेखला चादोर, जानें कैसे

असम की हरी-भरी वादियाँ और सुंदर पर्वत श्रृंखला अनायास ही किसी को आकर्षित करती है. वहां की रहन-सहन, खान-पान और मौसम बहुत ही मनोरम होता है. वहां की महिलाओं का खास परिधान मेखला चादोर है. पारंपरिक इस परिधान अधिकतर सिल्क या कॉटन होते है. उस पर खुबसूरत डिजाईन की बुनाई कर सुंदर रूप दिया जाता है, लेकिन ऐसी खूबसूरत परिधानों का चलन पहले की अपेक्षा कम होने लगी है, क्योंकि नए जेनरेशन को पुरानी डिजाईन आकर्षित नहीं करती, जिससे इन्हें बनाने वाले बुनकरों का पेट भरना भी मुश्किल होने लगा. इनके बच्चे घर छोड़कर बाहर काम की तलाश में जाने लगे.

फैला रही है विश्व में

असम की राजधानी गौहाटी में रहने वाली डिज़ाइनर संयुक्ता दत्ता ने इन्ही कारीगरों को जोड़कर उनके काम को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है और उनके द्वारा बनाये गए आसाम सिल्क और मूंगा सिल्क के काम को मार्केट तक पहुंचाकर उनके काम को विश्व में फैला रही है. यही वजह है कि आज इन बुनकरों के बच्चे भी धीरे-धीरे इस काम की ओर रुख कर रहे है. आज मेखला चादोर विश्व में बहुत स्टाइलिस्ट और चर्चित पहनावा बन चुका है. लक्मे फैशन वीक विंटर कलेक्शन में संयुक्ता ने कांसेप्ट ‘चिकी-मिकी’ को रैम्प पर उतारी और उनकी शो स्टॉपर अभिनेत्री दिव्या खोसला कुमार ने ब्लैक मेखला चादोर बेल्टेड साडी स्ट्रेपिंग चोली के साथ पहन रखी थी.

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विलुप्त होती कला कोबचाने की कोशिश

इस कला के बारें में संयुक्ता कहती है कि हैंडलूम कपड़ों को लोगों तक पहुँचाना बहुत कठिन होता है, क्योंकि ये कपडे महंगे होते है.पॉवरलूम को अधिक अहमियत इसलिए मिल रही है, क्योंकि इनके कपडे जल्दी बन जाने की वजह से सस्ते होते है, जबकि पारंपरिक असम सिल्क हाथ से बुनाई कर तैयार किये जाते है इसलिए थोड़े महंगे होते है,लेकिन सालों तक इसकी खूबसूरती बनी रहती है. पॉवरलूम पर वे आसाम सिल्क की खूबसूरती को नहीं ला पाते. इसी वजह से आज भी इन कारीगरों की चाह लोगों में है और मेरी ये कोशिश है कि इन कारीगरों की कारीगरी को विलुप्त होने से बचाई जाय और मेखला चादोर को सब लोग जाने. पहले मैं जब असम से दूर किसी दूसरी जगह जाती थी, तो लोग हर प्रकार के कपड़ों को जानते है, लेकिन आसाम सिल्क और मेखला चादोर से परिचित नहीं थे. मैं हर फैशन शो में मेखला चादोर को ही शो केस करती हूँ, क्योंकि वहां हर तरह के व्यवसायी से लेकर ब्लॉगर सभी आते है और इसे लोगों तक पहुँचाना आसान होता है.

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छोड़नी पडीजॉब 

संयुक्ता ने अपनी जर्नी सरकारी नौकरी, एक इंजिनीयर के रूप में शुरू की थी. 10 साल काम करने के बाद उन्होंने जॉब छोड़ दिया और आसाम सिल्क को पोपुलर करने का बीड़ा उठाया. ये निर्णय लेना उनके लिए आसान नहीं था, क्योंकि संयुक्ता के पिता की मृत्यु के बाद उनकी माँ ने पूरे परिवार का पालन-पोषण बहुत मुश्किल से किया था, ऐसे में माँ ने संयुक्ता को नौकरी न छोड़ने की सलाह दी थी. संयुक्ता आगे कहती है कि माँ के मना करने की वजह मेरा डिज़ाइनर के क्षेत्र में ज्ञान का न होना है, पर मुझे विश्वास था कि मैं कुछ अच्छा कर सकूँगी.पति ने सपोर्ट दिया और दिल की बात सुनने की सलाह दी. नौकरी छोड़ मैं डिज़ाइनर बन गयी. तब मेरे पास कोई फैक्ट्री नहीं थी और बुनकर किसी काम के लिए एडवांस में पैसे लेते थे, पर उन्हें मेरी डिजाईन को बनाना पसंद नहीं था, क्योंकि उन्हें मार्केट की जानकारी नहीं थी. गांव में रहकर वे एक ही डिजाईन को बार-बार बनाते थे. वे किसी नयी डिजाईन को एक्सपेरिमेंट करना नहीं चाहते थे. मेरे लिए ये सबसे बड़ी चुनौती थी.

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हैंडलूम में लगती है अधिक श्रम

असल में एक मेखला चादोर को बनाने में 25 से 30 दिन की कठिन श्रम लगते है, लेकिन उनकी मजदूरी उनके मेहनत के हिसाब से नहीं थी. इसलिए वे इस काम को छोड़ दूसरे क्षेत्र में जाना चाह रहे थे. मैंने उनकी जरूरतों को देखते हुए उन्हें अच्छी मजदूरी के साथ-साथ मुफ्त में खाना, मुफ्त में ठहरने की व्यवस्था, मेडिकल की सुविधा देनी शुरू कर दी. तब उन्हें समझ में आया कि मैं कुछ अच्छा काम उनके लिए कर रही हूँ. अभी मेरे पास 150 लूम्स है और इन सभी बुनकरों को मैं हर तरीके की सपोर्ट करती हूँ. मैंने खुद की फैक्ट्री साल 2015 में शुरू की है. अभी मुझे कोई समस्या नहीं है, बुनकर खुद काम की तलाश में मेरे पास आते है. इसमें व्यस्क ही नहीं, यूथ भी आकर काम सीख रहे है, क्योंकि उनकी बेसिक जरूरतें यहाँ पूरी हो रही है. साथ ही अच्छे और अधिक काम के लिए उन्हें इन्सेन्टिव भी देती हूँ.

मिला बुनकरों का समर्थन

अभी ये बुनकर इस इंडस्ट्री की ओर अधिक से अधिक आकर्षित हो इसकी कोशिश चल रही है. मेरा काम आसाम की मलबरी सिल्क, मूंगा सिल्क और हैंडलूम है. मैं हैंडलूम को जिन्दा रखना चाहती हूँ, क्योंकि पॉवरलूम बहुत तेजी से इस पर हावी हो रहा है और यहाँ एक मेखला चादोर को बनाने में केवल एक दिन लगता है, इसलिए ये सस्ती होती है, पर सस्टेनेबल नहीं होती. बुनकरों को सपोर्ट न करने पर हैण्डलूम एक दिन मर जायेगी. सरकार की तरफ से किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिलती. इसलिए मैं अधिक से अधिक फैशन शो कर इस कला को विलुप्त होने से बचाना चाहती हूँ. हर साल दो से तीन फैशन शो करती हूँ, जो काफी खर्चीला होता है, लेकिन इसका खर्चा मैं अपनी कमाई से पूरा करती हूँ. मैने जितना कमाया, उसे इन्ही चीजों पर खर्च कर किया है. आसाम सिल्क से बने मेखला चादोर को किसी भी अवसर पर पहना जा सकता है.

सोचनी पड़ती है नयी डिजाईन

डिजाईन में नयापन लाने के लिए वह खुद डिजाईन ड्रा करती है,इस काम में एक लम्बा प्रोसेस होता है. इसके लिए उन्हें बहुत सोचना पड़ता है, इसके बाद उस डिजाईन को कम्प्यूटर पर बनाकर कार्ड्सबनाये जाते है, जिसे लूम से जोड़ा जाता है फिर डिजाईन की बुनाई कपड़ों पर होती है. इस प्रकार कई प्रोसेस से गुजर कर ही ड्रेसेज बनती है. संयुक्ता को ख़ुशी इस बात से है कि उन्हें अगले साल न्यूयार्क फैशन वीक में उनकी यूनिक पोशाक के लिए  आमंत्रित किया गया है.

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विदेशों में है इसकी मांग

संयुक्ता आगे कहती है कि कोविड में पूरा देश लॉकडाउन में था, पर मेरे फैक्ट्री का काम चलता रहा, क्योंकि बुनकर फैक्ट्री में रहते और काम करते रहे. उन्हें बाहर जाने की जरुरत नहीं थी, उनकी देखभाल मैं करती थी. ऐसे में जब लॉकडाउन खुला तो मेरे पास ही केवल ड्रेसेज थे और मैंने 3 महीने का व्यवसाय एक महीने में किया.बांग्लादेश में बहुत सारे लोग मेरे इस काम की बहुत तारीफ़ करते है और मैं उन्हें अपनी ड्रेसेज भेजती हूँ. इसके अलावा यूके, अमेरिका, इंडोनेशिया, दोहा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आदि सभी जगहों पर मैं आसाम सिल्क को पहनना लोग चाहते है. ये लोग आसामीज नहीं, फिर भी मेखला चादोर को पहनना पसंद करते है.

Climate Change से प्रेरित था, इस बार का Winter Fashion Week

बारिश की रिमझिम फुहारके बाद सर्दी की ऋतु का आभास होने लगता है और ऐसे वतावरण में सारे त्यौहार शुरू होने लगते है, जिसमें प्रकृति से लेकर जीव-जंतु सभी खुश हो जाते है. तरह-तरह के रंग और पोशाकों से जीवन आनंदमय हो उठता है, ऐसे समय में ऍफ़डीसीआई लक्मे फैशन वीक 2021 का रंग-बिरंगे परिधान के साथ ख़त्म हुआ. कोविड की दूसरी लहर के बाद इस फैशन शो का आयोजन कुछ फिजीकलीतो कुछ डिजिटली किया गया. इसमें भाग लेने वाले नए डिज़ाइनर मनीष मल्होत्रा से लेकर पायल जैन, संयुक्ता दत्ता,गौरांग शाह, श्रुति संचेती, गौरव गुप्ता आदि के अलावा नए डिज़ाइनर को भी मौका जेन नेक्स्ट में दिया गया. सभी ने अपने ब्रांड के परिधान खूबसूरत ढंग से पेश किये. इस बार का ट्रेंड चटकदार रंगों के साथ फ्लावरी डिजाईन का है. इसके अलावा कई ऐक्ट्रेस और मॉडल्स ने भी रैंप पर जलवे बिखेरे, जिसमें अभिनेत्री करीना कपूर, मलायका अरोड़ा, दिया मिर्ज़ा, तापसी पन्नू, सोहा अली खान आदि प्रमुख रहे.

जलवा सस्टेनेबल और इको फ्रेंडली फैशन का

क्लाइमेट चेंज को ध्यान में रखते हुए इस बार के सभी डिजाईनरों ने सस्टेनेबल और इको फ्रेंडली ड्रेसेज को ही रैंप पर उतारने की कोशिश की है, क्योंकि सबसे अधिक वेस्ट प्रोडक्ट टेक्सटाइल इंडस्ट्री से निकलता है, जिसका सही तरह से डिस्पोज करना अभी तक संभव नहीं हो पाया है. यही वजह है कि इस बार की फैशन शो में रंगों के साथ प्रकृति को किसी न किसी रूप में शामिल किया गया है. हर शो की एक थीम होने की वजह से कपड़ों के फैशन भी उसके इर्द-गिर्द ही दिखे. इसमें हाई फैशन से लेकर आरामदायक पोशाक सभी की प्रस्तुति की गयी.

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नए डिजाईनरों को मिला मंच

जेन नेक्स्ट में नए और यूथ डिजाईनर्स दीपित चुग और ट्विंकल हंसपाल ने अपने पार्टी वेयर और इजी टू वेअर कपड़ों का शो केस किया. दीपित ने स्टाइलिश मेंस वेअर, जिसमें कालर ब्लॉकिंग और मॉडर्न डिजाईन को अधिक महत्व दिया, जबकि ट्विंकल ने धोती की तरह ड्रेप्ड साड़ी, जिसके साथ फूल स्लीव्स ब्लाउज, जिसे आज के यूथ आसानी से कैरी कर सकती है.

साज नववधु की

आने वाली विंटर वेडिंग मौसम को देखते हुए डिज़ाइनरों ने नयी दुल्हन के लिए अलग-अलग डिजाईनों के कपड़ों को मंच पर उतारा. लाल, हल्के गुलाबी, हल्के ग्रीन आदि रंगों की लहंगा चोली पर कढ़ाई और मिरर वर्क की शोभा आकर्षक रही. प्रसिद्ध डिज़ाइनर जे जे वलाया ने तुर्की कला को भारतीय पोशाक में क्रिएट कर नववधू को एक अलग पहचान देने की कोशिश की. मॉडर्न वेडिंग और लुक को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइनर तरुण ताहिलियानी ने ‘द रियूनियनकलेक्शन’ को मॉडर्न लुक में उतारा, जिसे किसी रंग रूप या शेप वाली लड़कियां पहनकर अपनी वेडिंग को यादगार बना सकती है.

बहार रंगों की

प्रसिद्ध डिज़ाइनर राजेश प्रताप सिंह ने 70 और 80 दशक के स्टाइल को नए लुक में परिवर्तित कर एक अलग पहचान दी है. डिज़ाइनर सत्यपाल की थीम ‘मास्टर्स वर्ड्स’ कलेक्शन में फैशन को थिएटर और फिल्म के मिश्रण से मेट्रो लुक को अधिक महत्व दिया गया, इसके अलावा उन्होंने अपने कपड़ों के माध्यम से इस कोविड में मारें जाने वालों को ट्रिब्यूट दिया है. इन दोनों डिजाईनरों ने सस्टेनेबल फैशन और एनवायरनमेंट फ्रेंडली फैब्रिक को अधिक महत्व दिया. उनके ड्रेसेस में पेंट, ड्रेस्ड स्कर्ट, हुडी, जम्पसूट आदि देखने को मिले, जबकि पुरुषों के लिए शर्ट, ट्राउजर्स और टी शर्ट्स थे. इसके अलावा राजेश ने अपने पोशाक  में सफ़ेद, लाल, गुलाबी,हरा आदि कई रंगों को शामिल कर वाईब्रेंट लुक दिया है.

डिस्को लुक

लक्मे फैशन वीक के इस मंच पर डिज़ाइनर के रूप में श्वेता नंदा के कलेक्शन पहली बार दिखी. उन्होंने डिज़ाइनर मनीषा जयसिंह के साथ मिलकर अपनी ब्रांड ‘एम्एक्सएस’ के तहत 80 के दशक की रेट्रो और स्ट्रीट वेयर लुक को फिर से रैंप पर जीवंत किया. पर्पल रेन, मियामी पिंक, नियुन येलो, यूऍफ़ओ ग्रीन आदि कई रंगों की परिधानोंके अलावा स्पोर्टी लुक वाले वस्त्रों से रैंप को कलरफुल बना दिया. इसमें सिल्क के साथ रिब्ड निट का प्रयोग किया गया, जो स्किन फ्रेंडली है.

एम्ब्रॉयडरी को मिला नया लुक

डिज़ाइनर पायल जैन ने पोशाक में कढ़ाई को एक अलग अंदाज में पेश किया, इससे सुजनी, शिशो, राबारी आदि हस्त कला को बल मिला. इसके अलावा विलुप्त होती मिरर वर्क, लेस, पेचवर्क,टसेल, बीड वर्क आदि को रैम्प पर उन्होंने एक अलग ढंग में प्रस्तुत किया.

मांग आरामदायक पोशाकों की

आज की जेनरेशन आरामदायक पोशाकों को अधिक पसंद करती है,जो जल्दी पहनी जाय, इसलिए डिज़ाइनर जोड़ी डेविड अब्राहम और राकेश ठाकोरी ने अपने लेबल ‘अब्राहम एंडठाकोरी’ के कलेक्शन को रैंप पर उतारे.इनके परिधानों में टियुनिक, पेंट, कीमोनो विथ जैकेट, रैप स्कर्ट आदि आरामदायक होने के साथ-साथ आधुनिकता को प्रदर्शित करने वाली रही.

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समुद्री आभास

लक्मे का ग्रैंड फिनाले में डिज़ाइनर गौरव गुप्ता ने अपने पोशाकों के माध्यम से समुद्र की कहानी कह डाली. समुद्र में हजारों रंग के जीव-जंतु और पौधे अपनी लाइफ सायकल को बिना किसी से कुछ कहेचलाते रहते है, पर मानव उनकेध्यान और आवाज को इग्नोर करता है और समुद्र दूषित होता रहता है. गौरव ने प्लास्ट‍िक बोतल, क्रिस्प्स व बिस्क‍िट के रैपर और समुद्री वेस्ट से इसफेब्र‍िक को बनाया है, जो सस्टेनेबल है. ये कलेक्शन ‘डिफाइन टू रिडिफाइन’ है जो ब्यूटी को बताता है. उनके कलेक्शन में शार्प डिटेलिंग, पावरफुल स्टाइल, बारीक व जटिल कढ़ाई और बोल्ड रंगों में मेटलिक शिमर का तालमेल था, जो समुद्री जीवन से प्रेरित था.

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सालों से फैशन इंडस्ट्री में नाम कर चुके बेस्ट कॉस्टयूम डिजाईन नेशनल अवार्ड 2019 पुरस्कार विजेता टेक्सटाइल और फैशन डिज़ाइनर गौरांग शाह ने विलुप्त होती कारीगरी को नए रूप में लाकर इस विधा में काम करने वालों के हौसले को बढाया है, पहले जो कारीगर अपनी रोजी-रोटी के लिए तरस रहे थे, उन्हें काम और भरपेट भोजन मिला. गौरांग ने हर एक कारीगरी को अलग रंग और फैब्रिक देकर आज के परिवेश में पहनने योग्य बनाया है. वे मानते है कि हैण्डलूम टाइमलेस होता है और किसी भी डिजाईन में उसे बनाने पर खुबसूरत दिखता है. इसलिए हैंडलूम कपड़ों की सुन्दरता कभी ख़त्म नहीं होती.

मुश्किल है विलुप्त कारीगरी को बचाना

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फैशन के क्षेत्र में 20 साल से अधिक समय गुजार चुके गौरांग को हर एक विलुप्त होती कारीगरी को रैंप पर लाने की चुनौती आकर्षित करती है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि हैंडलूम, पॉवरलूम के आने से ख़त्म हो चुकी थी, क्योंकि पॉवरलूम से बने कपडे जल्दी बनने की वजह से सस्ते होते है, जबकि हैंडलूम से बने कपडे महंगे हुआ करते है, क्योंकि इसे बनाने में समय अधिक लगता है.इसलिए हैंडलूम को मॉस में पहुँचाना मुश्किल होता है. FDCIलेक्मे फैशन वीक विंटर कलेक्शन में डिज़ाइनर गौरांग ने ‘चाँद’ कांसेप्ट पर आधारित कपडे रैम्प पर उतारे.

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चाँद जैसी खूबसूरती

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कांसेप्ट ‘चाँद’की गरिमा को उन्होंने अलग तरीके से प्रस्तुत कीहै. उनके अनुसार चाँद के उगने परजब उसकी शीतल किरणें धरती पर पड़ती है, तो पूरी धरती पर मानो सफ़ेद चादर बिछ जाती है, इसी कल्पना के साथ उन्होंने पूरे भारत की कारीगरी को जामदानी सिल्क साड़ियों में उतारा. शो की शुरुआत को अधिक आकर्षक बनाने के लिए उन्होंने ग़ज़ल सम्राट अनूप जलोटा की ग़ज़ल‘चाँद अंगड़ाईयाँ ले रही है, चांदनी मुस्कुराने लगी है…… का लाइव सिंगिग प्रस्तुत किया. इससे रैंप पर उतरी मॉडल्स की भव्य प्रस्तुति भी देखने लायक रही. शो स्टोपरअभिनेत्री तापसी पन्नू कीजामदानी सिल्क साड़ी पर ‘वाइड फ्लोरल बॉर्डर’और अनूप जलोटा द्वारा लाइव गीत ‘चौदहवी का चाँद हो……गाने ने इस शो में चार चाँद लगाये.

जामदानी की तकनीक है कठिन

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डिज़ाइनर गौरांग कोविड 19 के लॉकडाउन के बाद पहली बार ‘चाँद’कलेक्शन को रैंप पर उतारे है. इस कांसेप्ट के बारें में उनका कहना है किये कलेक्शन मानव क्रिएटिविटी को कपड़ों के द्वारा प्रस्तुत करने काएक बेहतरीन उदाहरण है,जो लगातार जारी है. ये कला फैशन से हटकर महिला को एक अलग दुनिया के बारें में सोचने का मौका देती है, जो रोमांस और टाइमलेस सोफिस्टीकेशन होने का एहसास दिलाती है.

जामदानी कपड़ो की बुनाई की तकनीक सबसे कठिन होती है, ये कला ढाका, बनारस, कोटा, श्रीकाकुलम, उप्पदा, वेंकटगिरी, कश्मीर और पैठन में बुनी जाती है. इसे मॉडर्न लुक देने के लिए गौरांग ने पेस्टल, लाइट पिंक, लाइट ग्रीन जैसे आकर्षक रंगों के साथ कढ़ाई की सहायता ली है. इन 40 साड़ियों को बुनकरों ने पेंडेमिक और लॉकडाउन के दौरान पिछले 3 सालों से अपने-अपने घरों में बैठकर तैयार किया है.

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पेंड़ेमिक का असर फैशन इंडस्ट्री पर पड़ने के बारें में गौरांग का कहना है कि कोविड 19 की वजह से काम थोडा धीमा था, क्योंकि इसका असर कारीगरों पर अधिक हुआ है, उनकी रोजी-रोटी ख़त्म हो रही थी,लेकिन अब वे धीरे-धीरे सामान्य होते जा रहे है. फैशन का काम जो पहले महीनों में पूरा होता था, अब कोविड की वजह से पूरा साल लग गया है और नए-नए डिजाईनों पर अधिक काम नहीं हो पाया है.इसके अलावा कोविड की वजह से शोरूम बंद करने पड़े, जिससे कपड़ों की बिक्री पर काफी प्रभाव पड़ा है. अभी मेरे सारे शो रूम फिर से खुल चुके है.

बसंत ऋतु के रंग में रंगा Lakme Fashion Week, रेड कारपेट पर छाईं Hina Khan और ये एक्ट्रेसेस

बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा माना जाता है और इसके आगमन से ही प्रकृति की खूबसूरती के रंग चारों ओर फ़ैल जाती है. कोयल भी अपनी सुर निकालना शुरू कर देती है, ऐसे सुंदर रंग के माहौल में ‘ऍफ़ डी सी आई, लक्मे फैशन वीक 2021 शुरू की.

5 दिनों तक चलने वाले इस फैशन उत्सव को कोविड 19 की वजह से फिजिकल और डिजिटल दोनों में करना पड़ा. हर बार की तरह इस बार भी शो में बड़े-बड़े डिज़ाइनर्स से लेकर बॉलीवुड के कलाकार शामिल हुए और रैम्प की शोभा बढाई. इस बार फैशन वीक का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण फ्रेंडली, गर्मी में पहनने योग्य, रिजनेबल, कम्फ़र्टेबल और सस्टेनेबल का रहा. 

टाइमलेस द वर्ल्ड 

इस शीर्षक के साथ लोगों के इमोशन को ध्यान में रखते हुए पहली रात डिजाईनर कपड़ों के साथ रैम्प पर उतरी डिज़ाइनर अनामिका खन्ना, जिन्होंने अपने डिजाईन किये कपड़ों में अधिकतर कढ़ाई और क्रोशिया का प्रयोग कर परम्परागत, डेली वेअर, रंग-बिरंगे पुरुष और महिलाओं के कपड़ो से रैम्प को आलोकित कर दिया. पुरुषों के लिए शेरवानी और महिलाओं के लिए क्रोप्ट पेंट, फ्लूइड पायजामा आदि अलग-अलग रंगों में दिखाई पड़ी, जिसे किसी भी अवसर पर पहना जा सकता है.

 

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नवीनता की झलक 

 

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नए-नए डिजाईनरों को उत्साह देने की दिशा में लक्मे फैशन वीक का पहले दिन का पहला शो आई एन आई ऍफ़ डी की तरफ से ‘जेन नेक्स्ट’ रहा. इसमें बंगाल और कश्मीर के 2 डिजाईनरों को शामिल किया गया. बंगाल के नवोदय डिज़ाइनर राहुल दास गुप्ता, जिन्होंने ‘क्राफ्ट इन द फॉरफ्रंट’ के अंतर्गत एथनिक स्टाइल में और कश्मीर के वजाहत ने अपनी ब्रांड ‘रफुघर’ के अंतर्गत परंपरागत स्टाइलिश लुक में परिधान प्रस्तुत किये. इसमें दोनों डिजाईनर्स ने लुप्तप्राय मोटिफ्स और कारीगरी को अधिक महत्व दिया. 

प्रतिबिम्ब   

 

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गर्मियों में सभी को हल्के और आरामदायक कपडे पहनना पसंद होता है और इस उद्देश्य से रैम्प पर उतरी अर्पिता मेहता. उनके कलेक्शन का नाम रिफ्लेक्शन रहा, जिसमें वह प्रकृति के रूप को कपड़ों के जरिये दिखाने का प्रयास किया. यही वजह है कि उनकी पोशाकों में तरह-तरह के रंगीन फूल, पत्ते, बेल आदि दिखाई पड़े. उन्होंने अपने इस कलेक्शन में कफ्तान, शरारा, समर पेंट, गाउन आदि शामिल किया है.

कलाईडो

डिज़ाइनर पंकज और निधि हर साल की तरह इस बार अपनी नई कलेक्शन ‘कलाईडो’ के अंतर्गत रंग-बिरंगे, हल्के और ट्रेंडी पोशाक को रैम्प पर उतारें. शिफोन, जार्जेट के फेब्रिक्स पर रेट्रो-ग्राफिक डिजाईन्स देखने लायक रही, जिसे पंकज और निधि ने हल्के लाल, ऑरेंज, अल्ट्रा-वायलेट, ब्लू, आदि रंगों के साथ पेश किये. रंग दोनों डिजाईनर्स के जीवन में बहुत महत्व रखती है, जिसका आभास कपड़ों के माध्यम से दिखा. 

जाजाबर

 

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प्रसिद्ध डिज़ाइनर ऋतु कुमार की शो को देखने के लिए सबकी निगाहे रैम्प पर रही. इसबार उन्होंने ‘बोहो’ (जाजाबर) स्टाइल को अपने पोशाकों में जगह दी. फ्लोरल प्रिंट, पैचवर्क, लेस, कढ़ाई आदि से बनाये गए टियुनिक, कफ्तान, धोती पेंट, स्मार्ट ड्रेस आदि सभी बहुत अलग और ट्रेंडी लुक में दिखे. ऋतु कुमार की बोहेमियन लुक को टीवी शो के डिज़ाइनर निधि इयाशा ने बखूबी पेश किया. इस बार ऋतु कुमार की कलेक्शन का नाम ‘द ज़िप्सिस वाइफ’ रही.

कलर्ड गार्डन 

 

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गौरी- नयनिका ने इस बार अपने कपड़ो में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक प्रकृति में बदलाव को दिखाने की कोशिश की है. अलग-अलग रंगों के पोशाक समर/स्प्रिंग को ध्यान में रखकर आरामदायक और फ्री फ्लो बनायीं गयी है, जो देखने लायक रही.  

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समर 21

डिज़ाइनर मसाबा के कपडे हमेशा खूबसूरत और ट्रेंडी होते है. इस बार ‘समर 21’ में उन्होंने रिसोर्ट में जाने के लिए पहनी जाने वाली ट्रेंडी लुक को प्रस्तुत किया, जिसमें यूथ के लिए ट्रैक पेंट, जोगर्स पेंट, ऑफ़ शोल्डर गाउन, स्कर्ट ब्लाउज, मेक्सी स्कर्ट आदि परिधानों पर नेचर के मोटिफ्स दिए है.

किसमेट  

आर एलान के फेब्रिक्स को नए रूप में प्रस्तुत किया, डिज़ाइनर पायल सिंघल ने. उन्होंने एथ्लेजर पोशाक को ‘किसमेट’ के अंतर्गत कम्फ़र्टेबल और ऑफिस वेअर ड्रेस को रैंप पर उतारा. हल्के लेमन और पीले रंग के फ्लोरल डिजाईन के साथ ट्रेंडी लहंगा चोली और जैकेट के साथ अभिनेत्री आथिया शेट्टी ने रैंप पर जलवे बिखेरे. सभी परिधान के साथ मैचिंग बैग, स्कार्फ और ज्वेलरी भी इन्हें खूबसूरत बना रहे थे.   

झंकार पोशाक की 

डिज़ाइनर मनीष मल्होत्रा ने अपना नया कलेक्शन रैंप पर उतारे, जो किसी ख़ास अवसर या त्यौहार में पहने जा सकते है. उनके उतारे गए परिधानों में महिलाओं के लिए लहंगा, गाउन, जैकेट, शरारा, कुर्ता,पलाजो पेंट और पुरुषों के लिए कुर्ता पजामा, शेरवानी, आदि रहा, ये पोशाक शिमर, ग्लिटर जरदोजी, कढाई से भरे हुए होने की वजह से बहुत ही सुंदर दिखे. बॉलीवुड की कियारा अडवानी लहंगा चोली और कार्तिक आर्यन शेरवानी, पेंट कट ट्राउजर में रैम्प पर चलकर मनीष के कपड़ों की खूबसूरती बढ़ा दी. 

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लेक्मे फैशन वीक का अंतिम दिन बॉलीवुड सितारों के जगमगा उठी, क्योंकि इस दिन अभिनेत्री अनन्या पांडे, लारा दत्ता, अहाना कुमरा, पूजा हेगड़े, हिना खान, दिव्या खोसला कुमार, दिया मिर्ज़ा आदि सभी ने रैंप पर डिज़ाइनर कपडे पहनकर वाक किया. डिज़ाइनर संयुक्ता की मेखला चादोर जिसे लारा दत्ता ने पहनी, आसाम की कारीगरी को जिन्दा रखने की दिशा में सफल प्रयास है. इसके अलावा डिज़ाइनर वरुण चक्किलम, स्वेता एंड अनुजा ग़ज़ल मिश्रा, अभिषेक और विनीता आदि सभी ने इस मौसम के हिसाब से रंग और डिजाईन पेश किये. अंतिम दिन का अंतिम शो रुचिका सचदेवा ने अपनी कलेक्शन ‘बोडिस’ से लाइव ओर्केस्ट्रा के बीच लक्मे की फेस शो स्टॉपर अभिनेत्री अनन्या पांडे के साथ बहुत ही रंगारंग कार्यक्रम के साथ संपन्न किया.

गौरी एंड नयनिका की ब्रांड ने करीना कपूर खान के साथ दिया नया आयाम

लैक्मे फैशन वीक विंटर/फेस्टिव 2019 के ग्रैंड फिनाले में गौरी और नयनिका की डिज़ाइनर जोड़ी ने एक्ट्रेस करीना कपूर खान को बैकलेस मैट ब्लैक गाउन में मंच पर उतारकर सबको मोहित कर लिया. करीना कपूर खान इस पोशाक में बहुत ही सुंदर दिख रही थी.

करीना ने जीता सब का दिल

खूबसूरती की मिसाल, करीना के लहराते हुए केशों के साथ हल्के मेकअप और बोल्ड मैट लिप कलर उन्हें और भी आकर्षक बना रहे थे. इस मौके पर ‘गौरी एंड नयनिका’ ब्रांड की गौरी का कहना है कि हमारा ‘फेमिनिन फेमिनिन’ महिलाओं की खूबसूरती को उभारता है,ऐसे में करीना कपूर खान से अलग कोई भी इसे इतना खूबसूरत नहीं बना सकता है.  वह बqलीवुड की सफल और सुंदर महिला है, इसलिए हमें उन्हें शो स्टौपर बनाने के लिए एक बार भी सोचना नहीं पड़ा.

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 रैंप वौक पर करीना ने कहा ये…

करीना कपूर खान का इस बारें में कहना है कि हर बार ग्रैंड फिनाले में रैंप पर चलना मुझे पसंद है और इस बार गौरी और नयनिका की ब्रांड के साथ मंच पर चलना मेरे लिए बहुत अच्छी रही, क्योंकि इन दोनों की ब्रांड महिलाओं के शक्ति को उजागर करती है. मैं पिछले 10 सालों से लैक्मे मेकअप ब्रांड के साथ जुडी हुई हूँ, ऐसे में मैं महिलाओं को बताना चाहती हूँ कि शादीशुदा हो या कुवांरी, अपनी उपस्थिति सभी दर्ज करवाना चाहती है, ऐसे में सही पोशाक और मेकअप का होना बहुत जरुरी है, जो मुझे आजादी का एहसास करवायें और ये फीलिंग मुझे इनके ब्रांड से मिला है.

फैशन की कोई सीमा रेखा नहीं

फैशन की कोई सीमा रेखा नहीं होती, सही अवसर पर सही परिधान पहनी जाय, तो सबकी नज़र आप पर ही होती है. विंटर फैशन ट्रेंड के बारें में पूछे जाने पर गौरी कहती है कि इस साल विंटर फैशन में ग्लैमर के साथ-साथ स्लीव्स पर अधिक ध्यान दिया जायेगा. मैंने भी अपने कलेक्शन  पर इसका विशेष ध्यान दिया है. हमने अपने कलेक्शन में ‘शिमर’ का अधिक प्रयोग किया है, ताकि हर ड्रेस पहने जाने के साथ-साथ ग्लैमरस भी दिखे.

युवाओं को नए-नए प्रयोग हैं पसंद

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आज के यूथ हमेशा कुछ नयी-नयी प्रयोग अपने परिधान में करते है. उन्हें हर अलग डिजाईन आकर्षित करती है. नयनिका कहती है कि युवाओं को नए-नए प्रयोग पसंद है, जिसकी कोशिश हमें लगातार करनी पड़ती है, क्योंकि आज के यूथ बड़े होते ही नयी-नयी एक्सपेरिमेंट करना पसंद करते है.

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बता दें, दिल्ली की गौरी और नयनिका की ब्रांड केवल देश में ही नहीं विदेश में भी पसंद किये जाते है. इसलिए इनके कपड़ो की मांग बहुत अधिक है. गौरी कहती है कि हमारे कपड़ों की खासियत उनकी फेब्रिक, डिजाईन, कट्स और कलर पर आधारित है. जो महिला एलीगेंट लुक के साथ-साथ अलग दिखना चाहे, उन्हें ये पूरी तरह से संतुष्ट करती है. पोशाक के साथ-साथ मेकअप भी बहुत अधिक महत्व रखते है. लैक्मे की मैट लिपस्टिक की रेंज ने इसे और अधिक सुंदर बनाया है.

लैक्मे फैशन वीक में दिखा सस्टेनेबल फैशन का जलवा

फैशन की दुनिया में नयी तकनीक और नए ट्रेंड सबको पसंद आते है और यही वजह है कि डिज़ाइनर्स इसमें नए-नए प्रयोग करते रहते है. इसी कड़ी में साल 2019 के लैक्मे फैशन वीक विंटर फेस्टिव में भारत के सूत और उससे बनी कपड़ों की प्रधानता रही, जिसमें डिज़ाइनरों ने इंडियन टेक्सटाइल्स को लेकर प्राचीन भारत में प्रचलित कला और संस्कृति को दिखाने की कोशिश की. इसमें मध्यप्रदेश के छिंदवाडा से आये किसान संगीता कुमारी और अंकुश भाटिया ने जैविक खेती के द्वारा कपास का उत्पादन किया और डिज़ाइनरों ने  साथ मिलकर उससे बनाये गए कपड़ो को मंच पर उतारा,जो दिखने में बहुत ही अलग और आकर्षक रहे.

कौटन के ड्रेसेस करें ट्राय

इस बारें में स्नातक कर चुके अंकुश कहते है कि सूती कपड़े सभी पहनना चाहते है और  कपास की मांग अधिक है, लेकिन किसान अधिकतर रसायनिक खाद प्रयोग करते है, जिससे जमीन की उपजाऊ कम हो जाती है और त्वचा के लिए भी यह हानिकारक होता है. जबकि जैविक पद्यति से कपास के उत्पादन में लागत अधिक और उत्पादन कम होता है,जिसे किसान करना नहीं चाहते, ऐसे में डिज़ाइनर्स के सहयोग की अधिक जरुरत है,ताकि जैविक पद्यति से ही कपास की खेती हो ,जिससे पर्यावरण और पहनने वाले को किसी प्रकार की परेशानी न हो. किसानी संगीता कहती है कि इसमें कपास के साथ-साथ बीच में एक लाइन अरहर दाल की लगाई जाती है,ताकि व्यवसाय के साथ-साथ खाद्य पदार्थ भी मिले.

 

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खादी के आउटफिट करें ट्राय

इसी बात को ध्यान में रखते हुए खादी इण्डिया के अंतर्गत डिज़ाइनर अनुज भूटानी ने खादी को इस साल का ट्रेंड बताया. उनके डिजाइन किये हुए गैलेस वाले पेंट, ट्राउजर ,फुल स्लीव जैकेट ,लिनेन शर्ट आदि के साथ मौडल्स ने रैंप पर अपने जलवे बिखेरे,जिसमें खास आकर्षक था सुनहरे रंग की साड़ी. श्री ब्रांड के अंतर्गत पल्लवी धिवानी ने ब्लैक, पिंक, ब्राउन, सफेद, ग्रे रंग के खूबसूरत शोर्टकुर्ता, पेंट कोट, लौन्ग स्कर्ट आदि रैम्प पर उतारे.इन सभी पोशाक के साथ कान के बड़े-बड़े ज्वेल्लरी भी इस शो की अलग शोभा बढ़ा रहे थे. इसमें पुरुषों के लिए भी स्टाइलिश लौन्ग कुर्ता, शौर्ट्स,फौर्मर सूट पेंट आदि थे. शो स्टॉपर अभिनेतासुमित व्यास नेग्रे कलर के फौर्मल सूट पेंट में शो की शोभा बढाई. जीरो वेस्ट को ध्यानमें रखते हुए डिजाइनर गौरव खनिजो ने टाई एन डाई कोकपड़ोमें खास जगह दी. स्कार्फ कोट, धोती पेंट, जैकेट,कोट आदि  के साथ मॉडल्स के पोशाकको आकर्षक बनाने के लिए कॉटन बैग,कॉटन सैंडलभी थे.

राजस्थानी आउट्फिट्स करें ट्राय

सबसे अधिक आकर्षक दिखा अलका शर्मा का ‘आवरन’,जिसमेंउन्होंने राजस्थान के प्राचीन मेवाड़ शिल्पकला ‘एन ओडे टू डाबू’ को रैंप पर उतारा ,जिसमें राजस्थानी संगीत के साथ मॉडल्सनेअंगरखा,सिल्क की घेर के साथ लॉन्ग स्कर्ट, सलवार कुर्ता,पलाजोपेंट,लौन्ग स्कर्ट के साथ लॉन्ग टॉप,प्रिंस कोट, सफ़ेद साड़ी पर जारदोजी वर्क,मैक्सी कट गाउनआदि से सबका मन मोह लिया. अलका ने इस पोशाक के लिए चाय की पत्ती,हल्दी आदि के साथ सभी प्राकृतिक उपादान का प्रयोग किया है. इसकी शो स्टौपर अभिनेत्री मृनाल ठाकुर ने लौन्ग स्कर्ट और लूज टौप के साथ सबको मोहित कर दिया.

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लैक्मे फैशन वीक: प्रेग्नेंट लीजा ने हार्दिक पांड्या के साथ किया रैम्प वौक, देखें Photos

बौलीवुड एक्ट्रेस लीजा हेडन दूसरी बार मां बनने जा रही हैं. कुछ दिनों पहले ही लीजा ने अपनी प्रेग्नेंसी की न्यूज सोशल मीडिया पर दी थी, जिसमें लीजा काफी दिनों से बौलीवुड इवेंट्स से दूर परिवार के साथ टाइम स्पेंड करती हुईं नजर आ रही थीं, लेकिन अब हाल ही में चल रहे लैक्मे फैशन वीक में लीजा धमाकेदार अंदाज में रैंप वौक करती हुईं दिखीं. वहीं रैम्प पर उनका साथ इंडियन क्रिकेटर हार्दिक पंड्या ने दिया. आइए आपको दिखाते हैं लीजा की लैक्मे फैशन वीक की कुछ खास फोटोज…

रैम्प वौक पर नजर आईं लीजा हेडन

लीजा के खूबसूरत अंदाज को देख सबकी निगाहें बल उन्ही पर टिक गईं. लीजा ने अमित अग्रवाल के लिए रैंप वौक किया. लीजा ने इस दौरान स्टाइलिश साड़ी पहनी थी जिसमें उनका ग्लैमरस लुक दिख रहा था. इसके साथ ही उनके चेहरे पर प्रेगनेंसी का ग्लो उनकी खूबसूरती को और बढ़ा रहा था.

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हार्दिक के साथ रैंप पर लीजा आईं नजर

लीजा के साथ फिर हार्दिक ने भी उन्हें रैम्प पर ज्वाइन किया. हार्दिक ने भी सेम कलर का आउटफिट पहना था.

ऐसे स्पेशल तरीके से दी थी प्रेग्नेंसी की न्यूज

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Party of four on the way ?

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लीजा ने पति और बेटे के साथ अपनी फोटो इंस्टाग्राम पर शेयर की थी, जिसमें वो तीनों बीच पर नजर आ रहे हैं. लीजा ने इस दौरान स्विमसूट पहना है जिसमें उनका बेबी बंप साफ दिख रहा है. लीजा ने फोटो शेयर करते हुए लिखा था. ‘चौथे की आने की खुशी में पार्टी’. इस फोटो में पूरा परिवार खुश नजर आ रहा है.

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बता दें कि लीजा ने अक्टूबर 2016 में डिनो लालवानी से शादी की थी. मई 2017 में उन्होंने अपने पहले बेटे जैक को जन्म दिया था. जैक के साथ लीजा फोटोज शेयर करती रहती हैं.

Edited by Rosy

लैक्मे फैशन वीक 2019: Katrina Kaif ने रैंप पर मारी रौयल एंट्री 

Lakme Fashion Winter Festive का इंतजार हर किसी को रहता है, जिसमें बौलीवुड के फेमस एक्ट्रेसेस के साथ फेमस डिजाइनर रैंप वौक पर नजर आते हैं. हाल ही में Lakme Fashion Winter Festive 2019 का आगाज मुंबई में हुआ. जहां विंटर कलेक्शन को शो केस करने कटरीना कैफ शोज टौपर बनकर जलवे बिखेरती नजर आईं. आइए आपको दिखाते हैं कटरीना के लुक की खूबसूरत फोटोज…

रैंप पर दिखा कटरीना के हुस्न का जलवा

Lakme Fashion Winter Festive 2019 की शानदार शुरुआत हो चुकी है जहां पर कैटरीना कैफ रैंप पर शानदार वौक करती नजर आईं. रैंप पर कटरीना इतनी खूबसूरत लग रही थीं.

 

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अबाउट लास्ट नाईट ?@manishmalhotra05

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विंटर कलेक्शन को शो केस करती दिखीं कटरीना

सरदी के वेडिंग सीजन फैशन को शो केस करने के लिए कटरीना बौलीवुड के जाने-माने फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के लिए रैंप पर उतरी थीं. वहीं कटरीना का ये लुक स्टाइलिश लग रहा था.

रैंप पर कुछ ऐसा था कटरीना का अंदाज

रैंप पर कटरीना ब्लैक और गोल्डन कलर के लहंगे में नजर आई. इस लहंगे के साथ कटरीना ने डीप नेक का टौप कैरी किया था. इस लहंगे का दुपट्टा कटरीना ने अपने हाथ में बांधा हुआ था. कटरीना का यह अंदाज विंटर वेडिंग सीजन के लिए परफेक्ट औप्शन है.

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रैंप पर मस्ती के अंदाज में दिखीं कटरीना

जहां एकतरफ अपने हुस्न के जलवे बिखेरती हुए कटरीना एलिंगेट लुक में नजर आईं तो वहीं रैंप पर मस्ती भरे अंदाज में रिलेक्स करते हुए रैंप वौक करते हुए नजर आईं.

अपने ब्लैक लहंगे के साथ कटरीना ने बड़ा ही शानदार नेकपीस भी पहना हुआ था। इस गोल्डन नेकपीस की वजह से उनका लहंगा और भी ज्यादा खूबसूरत लग रहा था। एकदम अलग डिजाइन होने की वजह से हर किसी की निगाहें इस नेकपीस पर ही जा टिकी थीं.

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