प्रियंका और वाणी अपनी सहेली मुग्धा से काफी दिनों बाद मिली थीं. थोड़ी देर की औपचारिक बातचीत के बाद मुग्धा हमेशा की तरह अपनी चीजों की तारीफ करने लगी.
वह अपने बाल दिखाती हुई बोली, ‘‘यह देखो प्रियंका, मेरा नया हेयरस्टाइल. पिछले संडे ही पार्लर गई थी. साउथ दिल्ली का जो बैस्ट पार्लर है न, वहीं जाती हूं. वहां की स्टाफ तो मेरे बालों की तारीफ करती नहीं थकती. कहती है, ‘हीरोइनों से भी ज्यादा चमकदार और आकर्षक तेरे बाल हैं.’ मैं ने पूछा कि मु?ा पर कौन सा स्टाइल अच्छा लगेगा तो कहने लगी कि तुम्हारे ऊपर तो हर स्टाइल जमेगा. इन बालों को कैसे भी रख लो बेहतरीन ही लगेंगे. बाद में काफी सोचसम?ा कर मैं ने यह स्टाइल करवाया, बिलकुल लेटैस्ट और गौर्जियस.’’
सो, प्रियंका ने उस की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘वाकई तुम्हारे बाल बेहद खूबसूरत लग रहे हैं.’’
मुग्धा तब बोली, ‘‘और यह ड्रैस देखी तुम ने? बिलकुल लेटैस्ट स्टाइल की है. जानती हो, कनाडा से मेरे अंकल ले कर आए हैं. वे कह रहे थे कि हमारी बच्ची तो एकदम राजकुमारी लग रही है. जानती है ये अंकल जो हैं न मेरे, हमेशा यही कहते हैं कि तू मिस इंडिया कौन्टैस्ट में जाएगी तो जरूर जीत कर आएगी. एक्चुअली, मैं सुंदर हूं और इंटैलिजैंट भी. मगर क्या करूं समय ही नहीं मिलता किसी कंपीटिशन में पार्टिसिपेट करने का. पढ़ाई में भी तो अव्वल रहना है न.’’
प्रियंका ने उस की हां में हां मिलाते हुए कहा, ‘‘सच यार, तू जितनी खूबसूरत है उतनी ही स्मार्ट भी. तेरे जैसी लड़कियां कहां मिलती हैं. मु?ो प्राउड फील होता है यह सोच कर कि तू मेरी दोस्त है. आई एम ग्रेटफुल टू बी योर फ्रैंड. थैंक यू डियर, ओके बाय.’’ यह कह कर प्रियंका वाणी के साथ आगे बढ़ गई.
वाणी आंखें तरेरती हुई बोली, ‘‘क्या यार प्रियंका, क्या जरूरत थी उस की तारीफ करने की? वह हर समय अपना इंप्रैशन जमाने की कोशिश में ही लगी रहती है. तू उस की इस आदत को और हवा देती है.’’
‘‘यार, मैं खुद उस की आदत से परेशान हूं. मगर मैं जानती हूं कि जब तक हम उसे एकनौलेज नहीं करेंगे वह इसी तरह अपना इंप्रैशन जमाने की कोशिश करती रहेगी. मैं तो यह जानती हूं कि जो लोग ज्यादा दिखावा करते हैं और अपने स्टेटस या पैसों का रोब ?ाड़ते हैं, असल में वे अपनी इनसिक्योरिटी छिपा रहे होते हैं. उन के अंदर कुछ खालीपन होता है जिसे छिपाने के लिए वे ऐसा करते हैं. हमें ऐसे लोगों से अलग तरह से पेश आना चाहिए. कभीकभी उन की तारीफ कर देनी चाहिए ताकि वे इस भावना से उबर सकें.’’
वाणी प्रियंका का चेहरा देखती रह गई. उसे अब बात सम?ा में आने लगी थी. प्रियंका के इस साइकोलौजिकल अप्रोच से वह भी इत्तफाक रखने लगी थी.
दरअसल कुछ लोगों की आदत होती है कि वे दूसरों के सामने अपनी ?ाठी तारीफ के पुल बांधने लगते हैं. सच हो या नहीं, उन्हें बस अपना इंप्रैशन जमाना होता है. कोई रुपयों का रोब ?ाड़ता है तो कोई अपनी जौब का. कोई अपने हुनर का तो कोई तेज दिमाग का. कुछ लोग नैगेटिव इंप्रैशन जमाते हैं तो कुछ पौजिटिव. कुछ ऐसे भी होते हैं जिन की बातों से अहंकार ?ालकता है. इस तरह के लोगों के साथ समय बिताना या बातें करना काफी अजीब लगता है. जब हमें पता होता है कि उन की बातों में जरा सी भी सचाई नहीं और वे केवल इंप्रैशन जमाने के लिए अपनी तारीफ किए जा रहे हैं तो बहुत कोफ्त होती है.
हमारी जिंदगी में ऐसे रिश्तेदारों, पड़ोसियों और दोस्तों की कमी नहीं होती. दोस्तों की यह आदत हमें खासतौर पर नागवार गुजरती है क्योंकि हम औलरेडी उन्हें बहुत करीब से जानते हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब कोई दोस्त हमें प्यारा हो मगर उस की इंप्रैशन जमाने वाली बातों से इरिटेशन होने लगे तो क्या करें?
सब से पहला उपाय यह है कि ध्यान दें कि क्या आप का दोस्त पौजिटिव इंप्रैशन जमा रहा है या नैगेटिव बातें कह रहा है या फिर उस की बातों में अहंकार दिख रहा है. यदि वह अपनी खूबियों और अपनी चीजों के बारे में बढ़ाचढ़ा कर कह रहा है तो उस पर ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं. उस की बातें एक कान से सुनें और दूसरे से निकाल दें.
इस के विपरीत यदि वह अपने नैगेटिव पहलू को आप के आगे उभारने की कोशिश कर रहा है ताकि आप उस से डर कर रहें तो ऐसे दोस्तों से दूरी बढ़ा लें. तीसरा यदि वह अहंकारपूर्ण शब्दों का प्रयोग कर रहा है और उस की बातों से उस का घमंड ?ालक रहा है तो भी आप को धैर्य रखने की जरूरत है.
समय के साथ ऐसे दोस्तों से दूरी बढ़ा लें जिन की बातों में सचाई कम, अहंकार ज्यादा हो. आप अपने लिए हम्बल, डाउन टु अर्थ और जैनुइन दोस्त चुनें जो आप के प्रति बिलकुल सच्चे हों. आप के दिमाग में यह बात क्लीयर होनी चाहिए कि आप को कैसा दोस्त चाहिए. अपनी पसंद के इंसान के साथ करीबी बढ़ाएं तो आप को एक तरह से संतुष्टि मिलेगी.
इनसिक्योरिटी का डर
वैसे लोग जो एरोगैंस या दिखावे में ज्यादा विश्वास करते हैं और अपने स्टेटस, पैसों या जौब का रोब ?ाड़ते हैं, दरअसल वे अपनी इनसिक्योरिटी छिपा रहे होते हैं. उन के अंदर कुछ ऐसा खालीपन होता है जिसे छिपाने के लिए वे रोब डालने की कोशिश करते हैं. हमें ऐसे लोगों पर दया करनी चाहिए. हमें यह सम?ाने का प्रयास करना चाहिए कि वे अपनी किसी कमी, डर, असुरक्षा या बुरी यादों से बचने के लिए ऐसा कर सकते हैं.
हमें नहीं पता होता कि वह बंदा बचपन से अब तक क्याक्या डील कर रहा है और किन परेशानियों से गुजरा है. वह शो औफ करने की कोशिश क्यों कर रहा है? ऐसा क्या है जो उसे ऐसे इंप्रैशन जमाना पड़ रहा है या दिखावा करना पड़ रहा है? इसलिए जो वह दिखा रहा है उस के लिए उसे ऐप्रिशिएट करें और एकनौलेज करें. फिर देखें, कैसे वह आप का सब से अच्छा और प्यारा दोस्त बन जाता है.
एकनौलेज करें
इस संदर्भ में मानवीय संबंध विशेषज्ञ आश्मीन मुंजाल कहती हैं, ‘‘आप जितना ही किसी बात से चिढ़ते हों, वह बात उतनी ही आप का पीछा करती है. मोर यू रेसिस्ट, मोर इट विल परसिस्ट. द मोमैंट यू एक्सैप्ट, इट विल डिसऐपियर्ड.’’ यही बात इस केस में भी लागू होती है. आप जितना ही चाहेंगे कि आप का दोस्त आप के आगे फालतू की बातें कर के अपना इंप्रैशन जमाने की कोशिश न करे तो यकीन मानिए ऐसा ही होगा. आप उस से पीछा नहीं छुड़ा पाएंगे.
ऐसे में आप उसे अवौयड कर सकते हैं तो कर दें. दरअसल अपनी जिंदगी में कुछ लोगों को तो आप अवौयड कर ही सकते हैं, जैसे पड़ोसी, कलीग्स या सहपाठी. मगर कुछ, रिश्तेदार या करीबी दोस्त को आप अवौयड नहीं कर सकते. इसलिए इन के साथ आप को अलग तरह से पेश आना होगा.
आप कुछ समय तक बिना परेशान हुए उस की बातें सुनें. सिर्फ सुनें ही नहीं, बल्कि जो वह दिखाना या बताना चाह रहा है उस के लिए उसे ऐप्रिशिएट भी करें. उस की बातों को एकनौलेज करें. उसे एहसास दिलाएं कि आप उस से प्रभावित हैं.
खुले दिल से उस की तारीफ करें
अगर आप का दोस्त अपनी सैलरी और एक्स्ट्रा प्रिविलेजेज के बारे में बढ़ाचढ़ा कर बता रहा है तो आप उस की तारीफ करते हुए कहें, ‘‘वाओ, कितना बढि़या है. तुम कितने हार्ड वर्किंग हो. तुम ने बहुत मेहनत कर इतनी तरक्की हासिल की है. सच, कमाल ही कर दिया. हम बहुत थैंकफुल हैं कि तुम्हारे जैसा दोस्त मु?ो मिला.’’
उस से यह सब कहने के बाद उस का रिऐक्शन देखिए. वह आप के प्रति औब्लाइज और थैंकफुल नजर आएगा. उस के चेहरे की सारी हेकड़ी गायब हो जाएगी और वह आप को गले लगाने की कोशिश करेगा. अगर आप ऐसा दोचार बार करेंगे तो यकीन मानिए, वह आप का बहुत रियल और करीबी दोस्त बन जाएगा.
दिल से तारीफ करें
हर इंसान को तारीफ और रिकग्निशन चाहिए. आप के दोस्त को जो प्रशंसा चाहिए, वह उसे दे दीजिए. रैसिस्ट करने के बजाय उसे एक्सैप्ट करें. दिल से एैप्रिशिएट करें. इस से वह शांत हो जाएगा. आप के आगे उस की शोऔफ करने की आदत भी कम हो जाएगी. वह आप के साथ रियल हो जाएगा. उस का एरोगैंस गायब हो जाएगा. आप का उस से एक अलग सा रिश्ता बन जाएगा. वह दूसरों के साथ जैसा था वैसा ही रहेगा, मगर आप के लिए बदल जाएगा.
याद रखें, हर इंसान में कुछ न कुछ अच्छी बात या विशेषता जरूर होती है. आप के दोस्त में सच में जो अच्छाई है उस पर ध्यान दें. अच्छाइयां ढूंढ़नी पड़ती हैं जबकि बुराई तो तुरंत नजर आ जाती है. एकनौलेज करना एक क्रिएटेड एक्ट होता है. आप वैसी चीज को फोकस में ला सकते हैं जिस पर कभी ध्यान जाता ही नहीं है. यानी आप क्रिएट कर सकते हैं. इस के लिए आप को बहुत सी चीजें मिल जाएंगी.
किसी की आंखें सुंदर हैं, किसी की बिंदी, किसी की ड्रैस और किसी का स्टाइल अच्छा लग सकता है. दुनिया में हर इंसान इस बात के लिए तड़प रहा है कि कोई उस की तारीफ करे. इसी तरह आप का दोस्त भी अटैंशन चाहता है तो वह उसे दे दो. ऐक्चुअली, बैस्ट गिफ्ट जो आप किसी को दे सकते हैं वह है रियल और जैनुइन एैप्रिसिएशन. उसे यह एहसास दिलाना कि उस ने यह काम अच्छा किया. इस से उस की कुछ पाने, बनने या प्रूव करने की तड़प को शांति मिलेगी. सच्चे दिल से यदि आप ऐसा कुछ दिनों तक करेंगे तो उस का एरोगैंस गायब हो जाएगा और एक अलग सा मैजिक होगा.