मौनसून में बीमारियों का खतरा सब से ज्यादा होता है क्योंकि इस समय आसपास जमा हुए पानी में मच्छर तेजी से पनपने लगते हैं, जो डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को जन्म देते हैं. वहीं दूसरी ओर कपड़ों, दीवारों और हवा में मौजूद नमी के कारण बैक्टीरिया भी बढ़ने लगते है. ऐसे में इस मौसम में हाइजीन और मच्छरों से सुरक्षित रहना बहुत जरूरी होता है खासकर छोटे बच्चों को ले कर सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि उन के बीमार होने की संभावना अधिक होती है.
इस बारे में माइलो ऐक्सपर्ट श्वेता गुप्ता कहती हैं कि मच्छरों को भगाने में कौइल और स्प्रे जैसी चीजों का इस्तेमाल करना इफैक्टिव हो सकता है, लेकिन इस से बच्चे को हैल्थ संबंधित समस्याएं होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इसलिए मौनसून के मौसम में बच्चे का ध्यान रखने के लिए कुछ सु झाव निम्न हैं:
– 6 माह से कम उम्र के बच्चे को मच्छरों और कीटों से सुरक्षा देने के लिए सिर्फ अच्छे कपड़ों और बैड नैट का ही इस्तेमाल करें.
– हमेशा बच्चे को उठाने से पहले हाथों को अच्छी तरह साफ कर लें. हाथों को कुछ समय के अंतराल में धोते रहें. बच्चे की इम्यूनिटी कमजोर होती है, जिस वजह से वह जल्दी बीमार पड़ जाता है. साथ ही बच्चे के हाथों को भी साफ़ रखें. असल में बच्चा जिस भी चीज को देखता है उसे मुंह में डालने की कोशिश करते है. ऐसे में बच्चे के हाथों की सफाई भी मैडिकेटेड साबुन से करनी चाहिए क्योंकि उस की त्वचा बहुत ही नाजुक होती है.
– बच्चे को कौटन के ऐसे ढीले कपड़े पहनाएं, जो उस के हाथों और पैरों को अच्छे से कवर करते हों ताकि मच्छर उस की त्वचा तक न पहुंच सकें और उस की त्वचा को हवा भी लगती रहे. ध्यान रखें कि बच्चे को कपड़े पहनाने से पहले उस का शरीर पूरी तरह से सूख चुका हो क्योंकि अकसर गीली त्वचा पर बैक्टीरिया पनपने लगते हैं जिस से त्वचा पर फंगल इन्फैक्शन होने की संभावना रहती है.
– मच्छरों को दूर रखने में मौस्किटो रेपलैंट बहुत ही इफैक्टिव तरीके से काम करता है. इस में नैचुरल पदार्थ से बने रेपलैंट होता है और ये आसानी से मच्छरों को दूर भगा सकता है, लेकिन इस का ज्यादा उपयोग फफोले, मैमोरी लौस और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है. इसलिए बच्चे की सुरक्षा के लिए डीईईटी फ्री और लैमनग्रास, सिट्रोनेला, नीलगिरी और लैवेंडर जैसी चीजों से बने रेपलैंट का ही इस्तेमाल करें.
– मौस्किटो पैचेस मच्छरों को दूर रखने में इफैक्टिव तरीके से काम करता है. आप इसे बच्चे के कपड़ों, क्रिब, बैड और स्ट्रौलर पर लगा सकते हैं.
– अपने बच्चे के स्ट्रौलर, कैरियर या क्रिब को मच्छरदानी से कवर कर दें ताकि मच्छर आप के बच्चे तक न पहुंच सकें. आप घर के अंदर और बाहर जाने पर भी मच्छरदानी का उपयोग कर सकते हैं. ऐसा करने से मच्छर आप के बच्चे की त्वचा तक नहीं पहुंच पाएंगे.
– घर में साफसफाई का विशेष तौर पर ध्यान रखें. एसी की पानी की ट्रे, प्लांट गमलों में पानी आदि किसी जगह पर पानी जमा न होने दें. यहां तक कि वाशरूम में बालटी में पानी भर कर न रखें. अगर कहीं से पानी लीक होता हो तो उस का भी ध्यान रखें. दरअसल, जमे हुए पानी में मच्छर और कीड़े तेजी से पनपते हैं.
– भले ही आप का घर कितना ही साफ क्यों न हो, लेकिन आप अपने बच्चे को किसी भी चीज को मुंह में रखने से नहीं रोक सकते. इसलिए यह जरूरी है कि आप के बच्चे के संपर्क में आने वाली हर चीज साफ हो, खासकर खिलौने. आप जहां ठोस खिलौनों को साबुन की मदद से धो सकते हैं, वहीं सौफ्ट खिलौनों को वौशिंग मशीन में धो सकते हैं.
– बेबी वाइप्स के साथ उस साबुन का ही इस्तेमाल करें जो आप के बच्चे की नाजुक त्वचा के अनुकूल हो. न्यू बौर्न बेबी के लिए अल्कोहलफ्री और पानी पर आधारित वाइप्स का ही उपयोग करें क्योंकि इस तरह कि वाइप्स बच्चे की त्वचा को खासतौर पर पोषण देती है.
– अगर आप के बच्चे को डेंगू हो जाता है, तो उस के लक्षणों पर नजर रखें ताकि उसे सही ट्रीटमैंट दिया जा सके. बुखार, उलटी, सिरदर्द, मुंह का सूखापन, पेशाब में कमी, रैशेज और ग्रंथि में सूजन आना आदि कुछ आम लक्षण हैं. इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. बच्चे में इन में से कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डाक्टर से संपर्क करें.
इस छोटी उम्र में बच्चे अपना खयाल खुद नहीं रख सकते हैं. बीमारियों से बचने के लिए उन्हें खास केयर की जरूरत होती है. इसलिए इस मौनसून में आप इन टिप्स को फौलो कर अपना और अपने परिवार का बेहतर तरीके से खयाल रख सकती हैं.