‘‘कैरियर शुरू करने की कोई उम्र नहीं होती.’’ राजी गुप्ता शैफ

कोई टैलेंट छोटा या बड़ा नहीं होता. बस काम करने की लगन और हौसला होना चाहिए. यकीन मानिए सफलता खुदबखुद कदम चूमती है. अपनी लगन और मेहनत के बल पर शैफ राजी आज महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई हैं. उन के लिए कुकिंग काम ही नहीं है, बल्कि जनून भी है, जिस ने उन्हें विभिन्न व्यंजनों में दक्षता हासिल करने के लिए प्रेरित किया है. राजी की जर्नी घर पर विभिन्न पारंपरिक भारतीय व्यंजन बनाने से शुरू हुई. अपने पति के प्यार व प्रोत्साहन के कारण वे खुद को इस दिशा में आगे बढ़ा पाईं. इस फील्ड में दक्षता हासिल करने के लिए शैफ राजी ने 36 वर्ष की आयु में मुंबई की एक नामी पाक अकादमी जौइन की. फिर थाईलैंड के ब्लू ऐलिफैंट कुकिंग स्कूल से एशियन खाना बनाना सीखा. इस तरह उन का सीखना आज तक जारी है. शैफ राजी को ड्रिंक्स व कौकटेल फूड सर्विंग जैसे पान का लड्डू, स्टफ्ड ब्रैड वड़ा, केक, कुकीज बनाने में महारत हासिल है. वे अपनी लगन व मेहनत के कारण कुकिंग की दुनिया में छा गई हैं. आइए, जानते हैं उन से इस बारे में:

आपने अपनी जर्नी कैसे शुरू की?

मैं ने अपने कैरियर की शुरुआत 36 साल की उम्र में की. लेकिन कभी सोचा नहीं था कि इस फील्ड में अपना कैरियर बनाऊंगी. मैं ने शुरुआत में कुकिंग अकादमी जौइन करने का निर्णय अपनी फैमिली के लिए लिया था, लेकिन मेरा पैशन कब कैरियर बन गया, पता ही नहीं चला. देखते ही देखते मैं ने कई टौप स्कूलों से कोर्स तक किए, जिन्होंने आज मुझे ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है.

यह भी पढ़ें- ‘आगे बढ़ने के लिए अपने विवेक और अपनी भावनाओं में संतुलन रखें.’’

आज लोग बहुत हैल्थ कौंशस हो गए हैं. ऐसे में आप किस तरह से हैल्दी डिशेज बना कर टेस्ट को मैंटेन रख पा रही हैं?

वास्तव में अब लोग हैल्थ कौंशस हो गए हैं, पर उस के साथ ही उन्हें टेस्टी रैसिपीज भी चाहिए. ऐसे में मैं प्रोटीन रिच डिशेज बनाने पर ज्यादा जोर देती हूं, जो टेस्टी होने के साथसाथ हैल्थ को भी मैंटेन रखती हैं. मेरी हर डिश लोगों को बहुत पसंद आती है. इसीलिए मैं हर बार कुछ नया करने की कोशिश करती हूं.

फैमिली की सपोर्ट कितनी रही?

मेरी लाइफ मेरी फैमिली ही है और आज मैं जो कुछ भी हूं अपनी फैमिली के सहयोग की वजह से हूं. मेरे परिवार में मेरे पति व 2 बेटियां हैं, जो मेरी सब से बड़ी ताकत हैं. उन की सपोर्ट मुझे आगे बढ़ने और कुछ नया करने की प्रेरणा देती है.

आप किस शैफ से प्रभावित हैं?

मैं जुलिए चाइल्ड से काफी प्रभावित हूं, क्योंकि उन्होंने अपने पति से मिलने के बाद कुकिंग को प्रोफैशन बनाया और मैं ने भी.

आप काम और फैमिली दोनों को कैसे मैनेज करती हैं?

मैंने जब अपने कैरियर की शुरुआत की थी तब तक मेरी दोनों बेटियां बड़ी हो चुकी थीं. अब वे अपनी सारी चीजें खुद मैनेज कर लेती हैं. फैमिली सपोर्ट न दे तो कुछ भी करना मुश्किल हो जाता है.

आपको इस फील्ड में किस तरह की चुनौतियां फेस करनी पड़ती हैं?

अब इस फील्ड में काफी प्रतिस्पर्धा है, पर मेरा सोचना है कि आप अपनी चुनौतियों को अपनी ताकत बनाएं न कि कमजोरी. खुद को बढ़ते ट्रैंड के साथ अपडेट करते रहें. एक शैफ के रूप में सब से बड़ी चुनौती यह होती है कि आप की बनाई डिश खाने वाले को बारबार रैस्टोरैंट में आ कर वही डिश खाने को प्रेरित करे. इस के लिए स्वाद में एकरूपता बनाए रखनी बेहद जरूरी है.

यह भी पढ़ें- हार्ड वर्क और कमिंटमेंट है सफलता का राज- प्रीति शिनौय

आप खुद को और महिलाओं के लिए कैसे प्रेरणास्रोत मानती हैं?

पहले तो मैं यह कहना चाहूंगी कि खुद को कमजोर समझना बंद कीजिए, कोई टैलेंट छोटा या बड़ा नहीं होता. बस एक स्टैप उठाने की जरूरत होती है. ध्यान रखें कि किसी नए कैरियर की शुरुआत करने की कोई उम्र नहीं होती. वक्त और अवसर आप को खुद क्रिएट करने होंगे.

आपको किस-किस तरह के फूड में विशेषज्ञता हासिल है?

मैं गोअन व यूरोपियन खाना बनाने में माहिर हूं.

आगे की क्या योजना है?

मैं आगे इसी तरह नएनए पकवान बनाना सीखते रहना चाहती हूं. अगर आप को इस फील्ड में कुछ नया कर दिखाना है तो आप को हमेशा एक स्टूडैंट के माध्यम से सीखना होगा. आप जब भी कहीं घूमने जाते हैं तो वहां की स्पैश्यलिटी जरूर ट्राई करें. वह डिश कैसे बनती है, यह जानने की कोशिश करें.

यह भी पढ़ें- एक्टिंग में आने से पहले मां से किया था ये वादा- दीपिका

Edited by Rosy

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें