फिल्म ‘सब कुशल मंगल’ से डेब्यू करने वाली अभिनेत्री रीवा किशन, अभिनेता रवि किशन की बेटी है. बचपन से फ़िल्मी माहौल में पैदा हुई रीवा को अभिनय के अलावा किसी और क्षेत्र में जाना नहीं था. जौनपुर में जन्मी रीवा की परवरिश मुंबई में हुई. छोटी उम्र से ही उसने नाटकों में अभिनय करना शुरू कर दिया. इसके बाद विदेश गयी और अभिनय की बारीकियां सीखी. इस फिल्म का मिलना उसके लिए बहुत अच्छी और उत्साहित बात थी. रीवा पहली बड़ी फिल्म को लेकर बहुत खुश है,पेश है कुछ अंश.
सवाल-इस फिल्म में आपकी भूमिका क्या है?आपसे कितना मेल खाती है?
ये एक फन लविंग और साधारण गाँव लड़की की कहानी है. जो किसी भी बात को कहने में हिम्मत रखती है और अपने पिता की लाडली है.
मैं शहर में पली बड़ी हुई हूँ, पर गाँव जौनपुर से लगाव अभी भी है वहां जाती रहती हूँ. मुझे वहां की लाइफ बहुत पसंद है. मैं बड़ा पाव हो या बर्गर दोनों के साथ खुश रह सकती हूँ, क्योंकि मेरी परवरिश वैसे ही माहौल में हुई है. मैं इस फिल्म से अपने आप को पूरी तरह से रिलेट कर सकती हूँ.
सवाल-आप के पिता एक जाने-माने अभिनेता है, इसका प्रेशर आप पर कितना है?
मेरे पिता ने काफी मेहनत कर नाम कमाया है और दर्शक भी मुझसे अच्छी एक्टिंग की उम्मीद करेंगे ये मैं जानती हूँ. ये सही भी है इसलिए मैंने काफी मेहनत अपनी भूमिका के लिए किया है. मेरा प्यार और मेहनत ही मुझे आगे ले जा सकेगी. इससे अधिक मैं कुछ नहीं समझती.
सवाल-क्या अभिनय से इतर आपने कुछ करने की नहीं सोची?
बहुत छोटी उम्र में समझ कम थी, लेकिन ये जरुर था कि कला से जुडी हुई कोई काम करुँगी. जैसे-जैसे बड़ी होती गयी टीवी और फिल्में देखने की इच्छा जागती गयी. फिर मैंने थिएटर किया और अभिनय पसंद आने लगा. मैंने साल 2015 में नसीरुद्दीन शाह की बेटी के साथ एक नाटक में काम किया था, जो बहुत अच्छा लगा था. वहां से मैंने अभिनय की शिक्षा देश और विदेश में लिया.
सवाल-पहली बार जब पिता से अपने अभिनय रूचि की बात कही तो उनका रुख कैसा था?
चार भाई बहनों में मैं सबसे बड़ी हूँ, लेकिन उन्होंने मुझपर कोई प्रेशर नहीं बनाया. मेरी इच्छा का पिता ने सम्मान दिया और कहा कि इसमें मेहनत अधिक है और आपकी जर्नी अलग होगी. पिता ने काफी संघर्ष और मेहनत के बाद मंजिल पाई है और मैं इस परिवार में दूसरी कलाकार हूँ, जो फिल्मों में जा रही हूँ. बहुत स्पेशल फीलिंग थी.
सवाल-पिता की किस सीख को आप अपने जीवन में उतारना चाहती है?
पिता की एक नहीं कई सीख है,जिसे मैं जीवन में उतारना चाहती हूँ. उन्होंने हमेशा ये कहा है कि आप कितना भी ग्लैमर वर्ल्ड में रहो, पर परिवार को कभी मत छोड़ना. खुशियाँ जितनी परिवार के साथ बिताने से मिलती है, वह कही नहीं मिलता. उन्होंने भी अपने जीवन में आजतक यही करते आये है. इसके अलावा कभी हार न मानने की बात वे कहते है, जीवन में हमेशा लड़ते रहने से ही आप अपनी मंजिल तक पहुँच सकते है.
सवाल-फिल्मों में अन्तरंग दृश्यों को करने में आप कितनी सहज होती है?
अन्तरंग दृश्य फिल्मों में होते है, ये उन कलाकारों की चॉइस है, जो सहजता से करते है. मैं एक पारिवारिक माहौल में पैदा हुई हूँ और ऐसे दृश्यों के लिए कभी भी सहज नहीं. जिस फिल्म को बच्चे से लेकर बूढ़े साथ बैठकर देख पाए, मैं वैसी फिल्में करना चाहती हूँ.
सवाल-फिल्म इंडस्ट्री की एक डार्क साइड है, जहाँ भाई भतीजेवाद के अलावा मी टू जैसी घटनाएं भी होती है, आप इससे कितनी परिचित है?
मुझे पता है और मैं ऐसे सबसे निपटना अच्छी तरह से जानती भी हूँ. डार्क साइड तो मुझे कभी लगा नहीं. इसे हम सभी ने क्रिएट किया है और इसे हटाना भी हम सबका काम है. मेरे लिए चारों तरफ अच्छाई है और यही मेरी सोच है.
सवाल-यूथ के लिए क्या मेसेज है, जो इस क्षेत्र में आना चाहते है?
रूचि है , तो इस क्षेत्र में अवश्य आयें और धीरज रखे. ये जान लें कि अभिनय किसी को सिखाया नहीं जा सकता ये अपने आप आपमें आती है. इस क्षेत्र में मेहनत, लगन और धीरज सबकुछ चाहिए.
सवाल-आप कितनी फैशनेबल और फूडी है?
मुझे डिज़ाइनर और स्टाइलिस्ट की सहायता लेनी पड़ती है, पर मुझे ट्रैक पेंट और टी शर्ट बहुत पसंद है. साधारण पहनावा पसंद है. मैं बहुत फूडी हूँ और माँ के हाथ का बनाया हरे मटर का निमोना, चावल और दाल बहुत पसंद है. मुझे खुद भी खाना बनाना बहुत पसंद है.
सवाल-साल 2020 में क्या संदेश देना चाहती है?
घर परिवार का साथ दें, माता-पिता, दादा-दादी और भाई बहन का साथ कभी न छोड़े. रिश्तों को हमेशा ईमानदारी से निभाएं.