सोलो ट्रिप पर निकलीं ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की ‘बबीता जी’, देखें फोटोज

कॉमेडी सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ कई सालों से दर्शकों का दिल जीत रहा है. सीरियल की कास्ट अपने किरदार के नाम से दुनियाभर में फेमस हो चुकी है. वहीं जेठालाल से लेकर बबीता जी का हर कोई फैन है. इसी बीच बबीता जी यानी एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता (Munmun Dutta) शूटिंग छोड़ सोलो ट्रिप का लुत्फ उठाती दिख रही हैं. वहीं उनकी ट्रैवलिंग की फोटोज सोशलमीडिया पर वायरल हो रही है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

थाइलैंड पहुंची बबीता जी

ट्रैवलिंग और फिटनेस की शौकीन एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता इन दिनों थाईलैंड पहुंची हुई हैं. जहां से वह अपने फैंस के लिए अपडेट शेयर कर रही हैं. इसी बीच एक्ट्रेस ने केरेन आदिवासियों के साथ अपनी कुछ फोटोज शेयर की हैं, जिसमें वह अकेले ही नेचर का आनंद लेती दिख रही हैं.

फैंस कर रहे तारीफ

थाइलैंड की एक से बढ़कर एक नजारे को दिखाते हुए मुनमुन अपनी खूबसूरत फोटोज को फैंस के साथ शेयर कर रही हैं. वहीं तारक मेहता के फैंस उनकी इन फोटोज पर जमकर प्यार लुटा रहे हैं. फोटोज की बात करें तो एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता ने कैप्शन में फैंस को बताया कि ‘बरसों पहले उन्होंने केरेन आदिवासियों के बारे में पढ़ा था या उन्हें डॉक्यूमेंट्री में देखा था, जिसके बाद वह इन्हें देखना चाहती थीं. आखिरकार करेन ट्राइब महिलाओं से मिलने का मौका मिला.

बबीता जी से मांगी जेठालाल ने माफी

सीरियल तारक मेहता के लेटेस्ट ट्रैक की बात करें तो हाल ही में जेठालाल, बबीता जी से माफी मांगते हुए नजर आए. दरअसल, शो में बबीता का झुमका सोसायटी कम्पाउंड में कहीं गिर जाता है, जिसे अय्यर और वह दोनों ढूंढते हैं. वहीं जेठालाल भी मदद करने आ जाता है. लेकिन गलती से जेठालाल से झुमका टूट जाता है और वह दोनों से छिपाने की कोशिश करता है. लेकिन अय्यर, बबीता को बता देता है, जिसके बाद जेठालाल को माफी मांगनी पड़ती है.

सोलो ट्रिप न भूलें  बातें

सोलो ट्रिप पर जाने के लिए केवल घूमना जरूरी नही है. आप अपनी सोलो ट्रिप को कैसे इन्जौय करें, इसके लिए आज हम आपको टिप्स बताएंगे.

1. अकेले घूमने वालों को हमेशा अपने साथ एक गेम जैसे चेस, ताश, लूडो आदि रखना चाहिए. पूरी दुनिया के लोग इस तरह के गेम खेलने का आनद लेते हैं. गेम के बहाने वे आप से जुड़ सकते हैं.

2. सामान जितना कम होगा ट्रैवलिंग का मजा उतना ज्यादा आएगा. वरना घूमने से पहले सामान रखने के लिए क्लॉकरूम और होटल ढूंढने में ही वक्त, ताकत और पैसा खर्च होता रहेगा.

3. अपने साथ बहुत सारे कपड़े या सामान रखने के बजाय होठों पर मुस्कान और मन में धैर्य ले कर चलिए. इसी तरह दूसरों से अपेक्षाएं न रखें. इन्हें घर में ही छोड़ कर आगे बढ़े.

4. लोकल मार्केट में घूमना न भूलें. यहाँ आप को सांस्कृतिक, सामाजिक और पारिवारिक विभिन्नताओ के बीच एक जुड़ाव महसूस होगा. लोग हमेशा आप को कुछ नया सिखाने को तत्पर मिलेंगे.

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5. अजनबियों से दोस्ती करें. खास कर ऐसे अजनबियों से दोस्ती करने का मौका कतई न चूकें जिन के पास हर तरह के ज्ञान का भंडार हो. अकेले घूमते हुए अपने आप को अजनबियों से दोस्ती का तोहफ़ा दीजिए. उन से सवाल पूछिए. हर विषय पर उन के विचार जानिए.

6. ध्यान रखें कि आप दिन की रोशनी में ही अपने लक्ष्य तक पहुंच जाएं. जब भी आप को किसी नई जगह जाना हो तो दिन का समय चुनिए. क्यों कि दिन में रास्ता ढूंढना आसान होता है. दिन में आप खुली हुई दुकानों या आतेजाते लोगों से सही दिशा का पता लगा सकते हैं.

7. आप अकेले निकलें हैं तो छोटीछोटी चीजें अब्जॉर्ब कर बहुत कुछ सीख सकते हैं. कभी पार्क की बेंच पर, कभी किसी कैफे में बैठ कर और कभी यों ही कहीं खड़े हो कर लोगों की गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं. इस से आप को बहुत कुछ नया जानने को मिलेगा.

8. जब आप अकेले ट्रेन में हो तो अपने सामान का खास ख़याल रखें. सब से पहले तो बड़े सामान सीट के नीचे डाल कर चेन लगा ले. इन के अलावा यदि बैगपैक पास में है तो उसे भी बगल की सीट से बांध दीजिए ताकि कोई चुपके से इसे उठा कर चलता न बने.

9. झपटमारों और पीछा करने वालों से सावधान रहें. अपने आसपास के लोगों पर नजर रखें. ध्यान रखें कि भले ही आप अकेले होने के बावजूद कंफर्टेबल महसूस कर रहे हो मगर सामने वाला बहुत ही चालाकी से आप पर नजर रख सकता है. डरें नहीं मगर आप अकेले हैं इसलिए झपटमारों से ख़ास सावधान रहे.

10. यदि आप किसी सुनसान इलाके की तरफ जा रहे हैं तो किसी न किसी को यह बात बता कर निकलिये कि आप कहां जा रहे हैं. क्यों कि यदि आप किसी प्रॉब्लम में फंस जाएं तो कोई तो हो जो आप की खोज खबर ले सके.

11. जिंदगी में जब भी आप अकेले निकले तो अपने साथ कुछ खानेपीने की हैल्थी चीजें जैसे नट्स, ड्राइफ्रूट्स, डार्क चॉकलेट वगैरह रख लें ताकि आप जब चाहें अपनी एनर्जी वापस पा सकें और स्नैक्स खिला कर दूसरों से भी दोस्ती बढ़ा सकें.

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जब सोलो ट्रिप पर निकलें अकेली महिलाएं

महिलायें और लड़कियां कई बार सोलो ट्रिप पर निकलती हैं. कभी किसी जरुरी काम से तो कभी यों ही घूमने के ख्याल से. कई बार वे रात को भी बाहर अकेले सफ़र करती हैं. ऐसे में उन के साथ छेड़छाड़ या बलात्कार जैसी घटनाएं हो सकती हैं. यही नहीं उन्हें झपटमारों या धोखेबाजो से भी दोचार होना पड़ता है. जरुरी है कि अकेली जा रही महिलाओं और लड़कियों को अपनी खुद की सुरक्षा खुद करनी आनी चाहिए. हर महिला या लड़की जुडोकराटे की एक्सपर्ट नहीं हो सकती. लेकिन थोड़ी सी सतर्कता बरत कर वे सुरक्षित सफर कर सकती हैं.

आइए जानते हैं कुछ ऐसे छोटेछोटे उपाय जिन्हें अपना कर आप अपनी सुरक्षा खुद कर सकती हैं…

1. अगर घर से बाहर अकेली पैदल जा रहीं हैं तो

हमेशा अपना मोबाइल फुल चार्ज रख कर उसे ऑन रखें. जहां घूमने गईं हैं वहां का महिला हेल्पलाइन नंबर और खुद के घर का नंबर स्पीड डायल पर रखे.

सुनसान रास्ते पर फोन पर ज्यादा देर तक बात न करें और हेडफ़ोन का इस्तेमाल भी न करें. ऐसा करने से आप आसपास की आवाज़ों को सुन नहीं पायेंगी जिस से आप को अपना बचाव करने में दिक़्क़तों का सामना करना पड़ेगा.

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अपने मोबाइल का जीपीएस सिस्टम ऑन रखें ताकि रास्ता भटकने की स्थिति न आए.

पर्स हमेशा उस तरफ़ रखें जिधर ट्रैफिक नहीं है. इस से कोई आसानी से पर्स झपट कर भाग नहीं पाएगा.

अगर आप को लगे कि कोई पीछा कर रहा है तो बिना डरे पास के किसी एटीएम, दुकान या होटल में घुस जाएं और अंदर जा कर घरवालों को सूचित करें. एटीएम या होटल जैसी जगहों पर कैमरे होते हैं. आवश्यक होने पर पुलिस को भी खबर करें.

अपने पर्स में मिर्च स्प्रे, पेपर स्प्रे या छोटी सी प्लास्टिक की डब्बी में अलग से मिर्च पाउडर रखे. जरुरत पड़ने पर आप हमलावर की आंखों में यह सब डाल कर अपना बचाव कर सकती हैं.  पेन, छाता, बालों में लगानेवाली पिन जैसी चीजों का इस्तेमाल भी सुरक्षा के लिए किया जा सकता है.

2. औटो या बस में अकेली सफ़र कर रहीं हों तो

जहां तक संभव हो कैब या टैक्सी की जगह बस या ट्रेन जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट्स का इस्तेमाल करें. ऐसी बस में न चढ़ें जिस में केवल 2  या 3 ही लोग हों क्यों कि हो सकता है कि वे ड्राइवर या कंडक्टर के दोस्त हो और मौका मिलते ही आप के साथ बदतमीजी करने लगें.

अगर औटो में अकेली सफ़र कर रही हैं तो औटो ड्राइवर और औटो का नंबर किसी अपने को व्हाट्सएप कर दें. अगर फोन नहीं लग रहा हो तो भी फोन करने का नाटक करते हुए तेज आवाज में टैक्सी का नंबर बताएं. इस से ड्राइवर को डर रहेगा कि कुछ गलत करने की स्थिति में वह पकड़ा जा सकता हैं.

आप ने स्विमिंग, स्केटिंग, डांस आदि कोई क्लास किया हो या नहीं लेकिन जुडोकराटे का प्रशिक्षण ज़रुर लें ताकि कोई अनहोनी होने पर अपनी सुरक्षा खुद कर सके.

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अकेले सफर पर जाने से पहले जान लें ये बातें

अकेलापन कोई अभिशाप नहीं है. उस के अपने गुण हैं जो एक व्यक्ति को सम्पूर्ण बनाते हैं और बहुत से तनावों से दूर रखते हैं. यदि आप अकेले अपनी मंजिल की डगर पर इस अहसास के साथ चल दें कि जिंदगी के द्वारा दिए गए वक्त में से उन लम्हों की भरमार है जो केवल आप के अपने हैं. इन में किसी की भी दखलंदाजी नहीं होगी. कहां कितनी देर ठहरना है, किस तरह की मस्ती करनी है, क्या खाना है और क्या खरीदना है ये सारे फैसले आप के अपने होंगे तो यकीन मानिये, आप जिस ख़ुशी का अनुभव करेंगे उस की कोई तुलना नहीं हो सकती. एक जूनून और कुछ नया खोजने की चाह आप के जीवन में नया रोमांच भर देगी. एक या दो का साथ सामाजिक सुरक्षा के लिए सही हो सकता है पर जहां उस की जरुरत न हो, यह एक गुण है. अकेले सफर के अपने फायदे हैं.

अकेले घूमने जाएं पर इन बातों का ख़याल जरूर रखें ;

1. सुरक्षा के लिए ट्रैवल इंश्योरेंस जरूर करा लें. ट्रैवल इंश्योरेंस कराने के बहुत सारे फायदे हैं. इस में यात्रा के दौरान आप को होने वाली दिक्कतें भी कवर की जाती हैं. ट्रैवल इंश्योरेंस कवर में एक्सीडेंट, सामान की चोरी, पासपोर्ट की चोरी, फ्लाइट में देरी, टिकट कैंसिलेशन, हाइजैकिंग और बीमारी का खर्च आदि शामिल होता है.

2. सार्वजनिक वाईफाई का प्रयोग करने से पहले आप के पास वीपीएन एप अवश्य होना चाहिए. ध्यान रखें कि जब आप सार्वजनिक वाईफाई का इस्तेमाल करते हैं तो आप का पर्सनल डाटा कोई भी हासिल कर सकता है. इस से बचने के लिए वीपीएन एप का प्रयोग करें. यह आप को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाता है. इस के जरिये आप किसी भी शहर के वेबसाइट पर अपनी भाषा में कोई भी चीज ढूंढ सकते हैं.

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3. जब दूसरे शहर में हों तो होटल या हॉस्टल का 2-3 विजिटिंग कार्ड हमेशा अपने साथ रखें. कई बार नाम याद नहीं रह पाते ऐसे में लोकल लोगों से कार्ड दिखा कर रास्ता पूछ सकते हैं. इसी तरह अपनी जेब में अपने घर, मातापिता, दोस्तों, रिश्तेदारों के नाम पते नंबर लिख कर ऐसे रखें कि किसी को भी आसानी से मिल जाएं.

4. नया रास्ता, पता, बस या ट्रेन की जानकारी पुलिसवाले, दुकानदार आदि से पूछें. कम-से-कम 2-3 लोगों से कन्फर्म करें. कितना किराया होगा, इस की भी जानकारी ले लें.

5. अनजान लोगों को यह न बताएं कि आप कहां ठहरे हुए हैं. आप के रहने की जगह सेफ जोन में होनी चाहिए. यही नहीं किसी को यह जानकारी भी न दें कि आप अकेले यात्रा कर रहे हैं. जब भी कोई पूछे कि क्या आप अकेले हैं तो हमेशा ‘न’ में जवाब दें और कहें कि अपने दोस्त या किसी रिश्तेदार के साथ आएं हैं जो पास ही होटल या किसी के घर में रुका हुआ है. इस से गलत व्यक्ति आप को टारगेट करने से रुक जाएगा.

6. अपने पैसे और क्रेडिट कार्ड 2-3 अलगअलग जगहों पर रखें. कैश अधिक मात्रा में रखने के बजाय कार्ड रखना ज्यादा सुरक्षित और फ़ायदेमंद रहता है. कैश के चोरी हो जाने या खो जाने की आशंका रहती है. अपने ज्यादा पैसे जुराबों में या पैंट की चोर पौकेट में रखें.

7. अकेला देख कर संभव है कि कोई आप को गलत तरीके से फंसाने का प्रयास करे. इसलिए अपना दिमाग हमेशा खुला रखें. दूसरों के आगे नम्र रहें मगर जरूरत पड़ने पर आवाज़ उठाने से हिचके नहीं.

8. अकेले घूमें पर तन्हा नहीं. सोलो ट्रैवलिंग यानी अकेले घूमना एक तन्हाई भरा अनुभव नहीं होना चाहिए. ज्यादातर सोलो ट्रैवेलर्स के अनुभव रहे हैं कि वे दूसरों के साथ घूमने के देखे अकेले घूमते वक्त ज्यादा लोगों से मिलते हैं क्यों कि ऐसे में उन का फोकस केवल एक या कुछ व्यक्ति नहीं होते बल्कि कोई भी सहजता से उन के साथ हो सकता है. आप भी अपना दिमाग खुला रखें और सफर को रोचक बनाने के लिए दूसरों को अपने साथ जुड़ने का मौका दें.

हमेशा अपने मोबाइल में 3 नंबर जरूर रखें;

9. आप जिस शहर में घूमने जाएं वहां का इमरजेंसी नंबर आप के पास जरूर होना चाहिए. अगर आप का क्रेडिट कार्ड चोरी हो जाए तो उसे तुरंत ब्लॉक कराने के लिए कस्टमर केयर नंबर अपने पास रखें.

10. अपने किसी सब से करीबी का नंबर हमेशा आप के मोबाइल में सब से ऊपर होना चाहिए. जिस से किसी परेशानी की स्थिति में आप उसे तुरंत संपर्क कर के अपनी सहायता के लिए बुला सकें.

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11. मोबाइल में सेव कुछ नंबर अपनी किसी पॉकेट में लिख कर रखें ताकि मोबाइल खो जाने के बाद तथा किसी हादसे के बाद इन नम्बरों को कोई भी पढ़ सके.

12. जितना हो सके पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें. यह आप के लिए सुरक्षित रहेगा, पैसे भी बचेंगे और एक नया अनुभव भी मिलेगा. पब्लिक ट्रांसपोर्ट हर जगह का अलगअलग होता है. सफर करते हुए दिल्ली की मेट्रो का आनंद लें तो हिल स्टेशन के रिक्शे में बैठ कर अलग अनुभव का अहसास करें. इसी तरह मुंबई की लोकल ट्रेन में सफर किये बिना आप असली मुंबई का दर्शन नहीं कर सकते. ये सभी साधन सुरक्षित भी हैं और मजेदार भी. इन की सवारी आप हमेशा याद रखेंगे.

13. जब आप अकेले घूमने जाते हो तो लंबे अकेले रास्तों पर म्यूजिक और किताबें ही साथी होते है. हेडफोन या छोटा ब्लूटूथ स्पीकर अपने साथ रख सकते हैं. कुछ मैगज़ीन और नोवेल्स भी रखें. इस के अलावा एक क्रॉस बैग लें जिस में छोटीमोटी ज़रूरत की चीज़ें हों. क्रॉस बैग को आप आराम से कहीं भी हैंडल कर सकते हैं. सब से ज़रूरी है आप का पर्स जो जितना छोटा हो सके उतना अच्छा होता है. इसे हमेशा अपने साथ रखें.

मस्ती भरा हो अकेला सफर

आप जब अकेले सफर कर रहे होते हैं तो केवल अपने सामान की चिंता करनी पड़ती है. अपना सामान ही ढोना होता है. किसी और की ज़िम्मेदारी नहीं रहती. आप जो करना चाहें कर सकते हैं. दूसरों की इच्छा पर निर्भर नहीं रहना पड़ता. इसीलिए अकेले सफर में कईं बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है, लेकिन इसके फायदे भी कईं होते हैं.

1. अपने हिसाब से चलना संभव

दूसरों के साथ कहीं जाने में मुश्किल तब होती है जब आप को बीच पर घूमना पसंद हो मगर म्यूजियम जाना पड़े या फिर रात में घूमना पसंद हो मगर किसी और की मरजी के कारण सुबहसुबह उठ कर निकलना पड़े। इस तरह की कितनी ही बातें हैं जिस से अकेले घूमने का प्रोग्राम बना कर आप बच सकते हैं.

2. खुद की खोज कर पाते हैं

भले ही आप दूसरों के साथ कितना भी घूम लें मगर आप का व्यक्तित्व निखर कर बाहर नहीं आ पाता. आप को दूसरों की अपेक्षाओं के हिसाब से चलना पड़ता है. अकेले घूमते हुए आप खुद को समझ पाते हैं और अपनी रुचियों और ख्वाहिशों को पंख दे पाते हैं.

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3. माहौल का बेहतर अनुभव

साथ में कोई अपना न हो तो हम खुदबखुद आसपास के माहौल का हिस्सा बनने की कोशिश करते हैं. अनजान लोगों से अपनेआप बातचीत करने लगते हैं. माहौल को किसी और के नजरिए से समझने के बजाय खुद उस का सामने से अनुभव कर पाते हैं.

4. ज्यादा कौन्फिडेंस

सोलो ट्रैवलिंग में आप को मिलने वाले हर सुखदुख के लिए आप खुद जिम्मेदार होते हैं। कोई गलती हुई तो उस का ठीकरा किसी और पर नहीं फोड़ सकते। अकेले घूमते हुए हम ज्यादा जल्दी सीखते हैं। खराब हालात में भी मजबूती से डटे रहने का आत्मविश्वास अकेले घूमने से बहुत जल्दी आता है।

5. अपना चीयरलीडर ढूंढे

जब आप लोगों को अपने ट्रिप के बारे में बताते हैं तो जो सब से ज्यादा एक्ससाइटेड होते हैं उन के साथ अधिक से अधिक समय बिताएं. उन का साथ आप का आत्मविश्वास बढ़ाएगा.

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अकेले सफर में कुछ ऐसे करें प्लानिंग

अकेले सफर पर जानें से पहले कईं बाते जरूरी होती है, जिनमें बजट बहुत जरूरी है. इसीलिए आज हम आपको अकेले सफर पर निकलने से पहले कैसे करें बजट प्लानिंग के बारे में बताएंगे…

1. बजट बनाएं

सब से पहले एक बजट बनाएं कि आप परिवहन, होटल और भोजन में कितना खर्च करेंगे. आप कितने रूपए ले कर चलेंगे और किस तरह की चीज़ें खरीदने में कितना लगाएंगे.

2. जाने की तैयारी

निकलने से पहले अपने वीसा रिक्वायरमेंट्स और करेंसी एक्सचेंज के बारे में क्लियर हो जाएं। अपने पासपोर्ट की एक्सपायरी डेट जांच लें. देख लें कि हर जरुरी चीज़ और डाक्यूमेंट्स रख लिए हैं या नहीं.

3. टिकट बुक करें

अपनी फ्लाइट/ ट्रेन की टिकट पहले से बुक कर लें. होटल तक जाने के लिए कैब भी पहले से बुक करें. आप को कहाँ ठहरना है इस के लिए भी पहले से रिसर्च कर सही होटल चुनें ताकि बाद में दिक्कत न हो. नए शहर में जिस के बारे में आप कुछ भी नहीं जानते, ठहरने की व्यवस्था करना काफी तनावपूर्ण होता है. मजबूरी में जब कोई और मनमाफिक जगह नहीं मिल रही होती है तो आप को जहां जगह मिलती है वहीं ज्यादा पैसे दे कर भी ठहरना पड़ता है. इस लिए बेहतर होगा कि फ्लाइट या ट्रेन में बैठने से पहले ही कम से कम पहली रात की ठहरने की बुकिंग अवश्य कर लें.

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4. मैप का अध्ययन

मैप के जरिए पहले से यह समझ कर निकलें कि आप अपना समय कैसे विभाजित करेंगे. कहांकहां घूमने जाएंगे और कितने समय में लौट कर वापस आएंगे. आप को इस बात का अंदाजा लगा लेना चाहिए कि सुरक्षा के मद्देनजर कौनकौन सी जगह जाना सही नहीं होगा.

5. महत्वपूर्ण नंबर फ़ोन में सेव कर लें

फोन में जरूरी एप्स डाउनलोड कर लें। होटल, टैक्सी ड्राइवर और घरवालों का नंबर अपने फ़ोन में सेव रखें. जब भी अकेले घूमने जाएं तो घरवालों से संपर्क बना कर रखें. जिस शहर में जा रहे हैं यदि वहां कोई परिचित है तो यह यह आप के लिए काफी फ़ायदेमंद हो सकता है.

6. एयरपोर्ट/ स्टेशन समय से पहले पहुंचे

जब आप कहीं के लिए निकलते हैं तो यह किसी को पता नहीं होता कि कहां ट्रैफिक जाम मिल जाए या कहां लंबी लाइन में खड़ा रहना पड़ जाए. इसलिए बेहतर होगा कि आप समय ले कर ही निकलें.

7. हल्का सामान रखें

व्हील्स वाले ब्रीफ़केस या पिट्ठू बैग्स में बहुत जरूरी सामान ही रखें. ज्यादा सामान ले कर अपना भार न बढ़ाएं. इस से आप को हर जगह कुली बुलाने का झंझट नहीं रहेगा.

8. पहले दिन शहर को जानें

अपने सफर के पहले दिन आप की प्राथमिकता शहर को जानने की होनी चाहिए। बस कनेक्शंस समझें. वहां के स्ट्रीट फूड्स और मार्केट्स के बारे में जानकारी लें.

9. अकेलों के लिए ठहरने के सस्ते विकल्प

काउचसर्फिंग

कितना अच्छा हो अगर आप किसी अनजान जगह घूमने जा रहे हों और वहां किसी स्थानीय व्यक्ति के घर में ठहरने को मिल जाए. उस परिवार के साथ आप एक ही साथ बैठ कर खाना खाएं। बातें करें। वह अपनी गाड़ी में आप को अपना शहर दिखाए और यह सब एकदम फ्री हो. यह संभव है काउचसर्फिंग से।

काउचसर्फिंग एक सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट है जिस के सदस्य एकदूसरे के घर में बतौर मेहमान ठहर सकते हैं या किसी यात्री को अपने घर ठहरा सकते हैं। मान लीजिये आप को कहीं जाना हो तो आप उस शहर में उपलब्ध काउचसर्फिंग सदस्यों को खोज सकते हैं. उन से संपर्क स्थापित कर सकते है और अगर वे अनुमति दें तो उन के यहाँ रुक भी सकते हैं।  इस प्रकार किसी स्थानीय व्यक्ति के साथ रुकने पर उस नई जगह में भी अपनापन लगेगा और सहूलियत भी होगी। साथ ही महंगे होटलों में रुकने के पैसे भी बच जायेंगे।बस जरुरत है इस वेबसाइट पर अपना एक अकाउंट बनाने की.

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  1. हौस्टल

अकेले घूमने वालों के लिए दुनिया के कई देशों में ठहरने के सस्ते विकल्प मौजूद हैं जिन्हें हॉस्टल कहा जाता है। इन हॉस्टलों में होटलों की तरह सुखसुविधाएं तो नहीं होतीं लेकिन साफसुथरे कमरे, बिस्तर, वॉशरूम, खाना बनाने के लिए छोटा सा किचन जैसी बुनियादी सुविधाएं मिल जाती हैं। यही नहीं अच्छे होस्टलों में फ्री वाईफाई की सुविधा भी होती है। सोने के लिए किसी डॉरमेटरी की तरह एक कमरे में कई बेड हो सकते हैं। इस से आप को दूसरी जगहों के दिलचस्प लोगों से मिलने का मौका मिलता है. नई बातें जानने को मिलती हैं. किराया भी अधिक नहीं होता.

सोलो ट्रिप- अकेले हैं तो क्या गम है

क्याआप भी घूमने की शौकीन हैं, लेकिन किसी का साथ न होने पर घूमने नहीं जातीं तो अब हो जाएं तैयार दुनिया की सैर पर जाने के लिए. अकेले होने का यह मतलब नहीं कि आप दुनिया की सैर नहीं कर सकतीं. सच तो यह है कि अकेले घूमने में जो मजा है वह औरों के संग नहीं. ऐसे सफर में न तो बच्चे की तबीयत की चिंता होती है और न ही हमसफर की जरूरतों की जिम्मेदारी. दिल खोल कर और टैंशन फ्री हो कर सफर का मजा लिया जा सकता है. अकेले घूमने के कई फायदे हैं, यकीनन उन्हें जानने के बाद आप अकेले घूमना शुरू कर देंगी:

खुद से मिलने का मौका

जब आप घर पर होती हैं तब बेटी, औफिस में सहयोगी और दोस्तों के बीच सहेली की भूमिका निभाती हैं, तो क्या आप का अपना कोई अस्तित्व नहीं? आप की अपनी कोई पहचान नहीं? इन सवालों के जवाब जानने हों तो निकल पड़ें अकेले सैर पर. खुद को समझने और जानने का इस से अच्छा मौका फिर नहीं मिलेगा. जब आप अकेले कहीं घूमने जाती हैं तब आप हमेशा अपने दिल की सुनती हैं. आप के जो मन में आता है वह करती हैं. आप पर किसी का दबाव नहीं होता. खुद को समझने और जानने का मौका भी मिलता है, जिस से सोच में सकारात्मकता आती है और सुकून का एहसास होता है.

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आत्मविश्वास से भरी होंगी आप

अगर आप के भीतर आत्मविश्वास की कमी है, तो सोलो ट्रिप आप को आत्मविश्वास से भर सकती है, क्योंकि सफर के दौरान कई नए लोगों से मुलाकात होती है तो कभीकभी कुछ परेशानियों से भी जूझना पड़ता है और उन का हल भी खुद निकालना पड़ता है. इतना ही नहीं, कई बार आप को जोखिम भरे फैसले भी खुद लेने होते हैं, जिस से आप के भीतर साहस और आत्मविश्वास दोनों बढ़ जाते हैं.

अनुभवों के साथ होगी वापसी

कहते हैं अनुभव मिनटों में बहुत कुछ सिखा जाता है, जिस से जीवन की डगर और भी आसान लगने लगती है. अपने अनुभवों से सीखने के लिए आप को नए अनुभव लेने होंगे जो घर बैठे मुमकिन नहीं. इस के लिए आप को घर से बाहर जाना होगा. जब आप कहीं घूमने जाएंगी तब ही आप दुनिया के ऐसे लोगों से मिलेंगी, जिन से आज तक आप की मुलाकात नहीं हुई. उन के साथ आप ऐसे अनुभवों की साक्षी बन सकती हैं, जिन्हें आप ने अपने जीवन में कभी अनुभव नहीं किया.

भूल जाएंगी क्या होता है अकेलापन

सफर पर निकलते वक्त हो सकता है आप को यों महसूस हो कि आप अकेली हैं, लेकिन यकीन मानिए एक बार जहां आप का सफर असल में शुरू हुआ, अकेलापन क्या होता है आप भूल जाएंगी, क्योंकि सफर के दौरान आप को कई साथी ऐसे मिलेंगे जो आप की तरह खुद भी अकेले होंगे. हो सकता है कई मामलों में आप दोनों का अकेलापन एकजैसा हो या यह भी हो सकता है कि वे आप से ज्यादा अकेले हों, जिन से मिलने के बाद आप को अपना अकेलापन न के बराबर लगने लगे. सफर के दौरान उन से बातचीत, उन का कल और उन के अनुभव आप को बहुत कुछ बता देंगे.

खुद को दें चुनौती और हासिल करें जीत

खुद को चुनौती देना और चित भी कर देना, सब के बस की बात नहीं, लेकिन सोलो ट्रिप आप को इन दोनों का अनुभव दिला सकती है. आप होटल में अकेले कैसे रहेंगी, आप को ऊंचाइयों से डर लगता है, आप कैसे सैर कर पाएंगी जैसी बातें आप को आगे बढ़ने से रोकती हैं, इसलिए खुद को चुनौती दें कि आप अकेली रह लेंगी, ऊंचाई क्या आप सैलाब का सामना भी कर लेंगी. फिर देखिए आप का डर किस तरह छूमंतर हो जाता है.

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संकोची नहीं बिंदास होंगी आप

अगर आप स्वभाव से संकोची हैं, खुद के लिए आवाज उठाने का हुनर आप के भीतर नहीं है, तब तो सोलो ट्रिप पर जाना आप के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि जब हम सोचते हैं कि हमारे लिए बोलने वाले लोग हैं, तब हम जानबूझ कर भी कई बार कुछ नहीं बोलते. जब आप अकेले ट्रिप पर होंगी, तब वहां आप के लिए बोलने वाला या आप की मुसीबतों को कम करने वाला कोई न होगा. तब आप को ये सारी चीजें खुद करनी पड़ेंगी. इस तरह आप का संकोची स्वभाव पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. यकीन मानिए अकेले सैर के बाद आप अंदरूनी तौर पर शेर सा महसूस करेंगी.

खुशी, संतुष्टि और शांति से होगी मुलाकात

रोजाना की दिनचर्या से कहीं दूर निकल कर जब आप सफर की डगर पर चल पड़ेंगी, तब यकीनन आप की मुलाकात खुशी, संतुष्टि और शांति से होगी, नहीं समझीं? चलिए हम बताते हैं. जब बिना किसी की टोकाटाकी के आप जो जी में आए वह करेंगी तो बेशक आप को खुशी होगी. अपने मन की करने से आप को संतुष्टि मिलेगी. अपने शहर ही नहीं, बल्कि औफिस के काम से जब आप को कुछ देर के लिए ही सही, लेकिन छुटकारा तो मिल ही जाएगा, जिस से शांति मिलना तय है.

बनेंगे कई नए दोस्त

गांव, महल्ले और अपने शहर तक ही दोस्ती तक सीमित होना क्या काफी है? क्या आप को नहीं लगता कि आप का दोस्त देश के उस कोने का हो, जहां आप आज तक नहीं गईं या आप का दोस्त दुनिया के उस कोने में रहता हो, जहां उस की बदौलत आप भी जा सकती हैं? अगर आप के इन सवालों के जवाब हां में हैं, तो निकल जाएं सैर पर. जब आप सैर में अकेली होंगी तो खुदबखुद वहां मिलने वाले या आप के साथ ट्रिप में शामिल हुए अजनबियों को अपना साथी बना लेंगी. इस से आप के दोस्तों की सूची लंबी होती जाएगी.

हो सकती है हमसफर से मुलाकात

अगर आप सिंगल हैं और अपने हमसफर की तलाश में हैं, तो सोलो ट्रिप का आइडिया आप के काम आ सकता है. हो सकता है सफर के दौरान आप की मुलाकात आप के हमसफर से हो जाए. इसलिए ऐसा मौका अपने हाथ से न जाने दें. अकेले ही सही, मगर चल पडि़ए सफर की डगर पर. क्या पता लौटते समय आप अकेली न हों.

कर सकती हैं मौजमस्ती

कई बार संकोचवश तो कभी लोग क्या कहेंगे कि वजह से अगर आप खुल कर मौजमस्ती नहीं कर पातीं, तो सोलो ट्रिप में जा कर आप अपनी इन सारी इच्छाओं को पूरा कर सकती हैं. जाहिर है वहां आप को पहचानने वाला कोई नहीं होगा. भरपूर मस्ती की आप को पूरी आजादी मिलेगी. अगर आप सैक्स क्रिया का आनंद लेना चाहती हैं तो नई जगहों पर आप किसी पार्टनर के साथ सैक्स भी ऐंजौय कर सकती हैं. हां, लेकिन अपनी सुरक्षा का खयाल रखते हुए सुरक्षित सैक्स करें.

सोलो ट्रिप सस्ता भी, अच्छा भी

जब आप गु्रप के साथ या पार्टनर के संग कहीं घूमने जाती हैं तो आप को अपनी जेब

ढीली करनी पड़ सकती है. माना कि बहुत हद तक पत्नी का खर्च पति देख लेते हैं, लेकिन

अगर आप कमाऊ बीवी हैं तब आप की भागीदारी बराबर की होती है. ऐसे में सिंगल

वूमन का अकेले ट्रिप पर जाना काफी सस्ता

होता है. इस के लिए आप को बहुत ज्यादा पैसे जुटाने की जरूरत नहीं होती. चूंकि आप जानती

हैं कि आप के पास कितने पैसे हैं, कितने खर्च हुए और कितने बचे हैं. यानी आप अपने पांव चादर देख कर पसारती हैं. आप बजट में रहती हैं और अपना बजट बनाना भी जान जाती हैं.

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