लेखक- निखिल अग्रवाल
प्राची सुंदर और प्रतिभावान नाट्य कलाकार थी. उस की गलती यह थी कि वसीम से प्रेमिल रिश्ते निभाते हुए उस ने कभी उस की प्रवृत्ति को जाननेसमझने की जरूरत नहीं समझी. यही वजह थी कि ब्रेकअप के बाद भी वह सिर्फ इसलिए उस की जान का प्यासा बन कर घूमने लगा क्योंकि वह अपने साथी कलाकार और दोस्त अंकित के साथ घूमनेफिरने लगी थी. आखिर उस ने…
तारीख – 25 अप्रैल, 2019
समय – सुबह 7 बजे
घटनास्थल – यूनाइटेड वे गरबा ग्राउंड
स्थान – गुजरात का महानगर वडोदरा.
सुबह भले ही अलसाई सी थी, लेकिन सूरज ऊपर चढ़ आया था. हल्की हवा जरूर चल रही थी, लेकिन गरमी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे. कुछ लोग घरों से मौर्निंग वौक पर निकले थे तो कुछ दूध ब्रेड वगैरह लेने के लिए. कुछ लोग जब गरबा ग्राउंड के पास से निकल रहे थे तो उन की निगाह पेड़ के नीचे लेटी एक लड़की पर पड़ी. उस के आधे चेहरे पर दुपट्टा पड़ा हुआ था, जिस की वजह से चेहरा ठीक से नजर नहीं आ रहा था.
सुबहसुबह एक लड़की को इस तरह पड़ी देख लोगों के कदम ठिठक गए. एक बुजुर्ग ने लोगों को उस के बारे में बात करते देखा तो बोले, ‘‘ऐसे क्या देख रहे हो, आवाज लगाओ, ठीक होगी तो कुछ बोलेगी.’’
लोगों को बुजुर्ग की बात ठीक लगी. एक दो ने आवाज दी, ‘‘ऐ लड़की, उठो, यहां क्यों सो रही हो?’’
लेकिन लड़की में कोई हलचल नहीं हुई. दोबारा आवाज लगाने का भी कोई परिणाम नहीं निकला. यह देख लोगों ने अपनीअपनी राय देनी शुरू कर दी. कुछ कह रहे थे कि संभव है किसी नशे में हो तो कुछ की राय थी कि उस के साथ कोई अनहोनी हुई है. तभी एक आदमी ने आगे बढ़ कर लड़की के चेहरे से दुपट्टा हटा दिया. एक करवट पड़ी वह लड़की 23-24 साल की थी, देखने में सुंदर.
लड़की के शरीर पर ऐसा कोई निशान नजर नहीं आया, जिस से यह लगता कि उस के साथ कोई अनहोनी हुई है. एक व्यक्ति ने लड़की की नब्ज टटोल कर देखी, तो उस में जीवन के लक्षण नजर नहीं आए. उस का शरीर ठंडा पड़ चुका था.
वहां मौजूद लोगों ने लड़की को पहचानने की कोशिश की लेकिन कोई भी पहचान नहीं पाया. अलबत्ता एक दो लोगों ने यह जरूर कहा कि इस लड़की को कभीकभार आसपास आतेजाते देखा जरूर था. उन्होंने यह अंदेशा भी जताया कि संभव है, वह कहीं आसपास की ही रहने वाली हो.
इस बीच किसी ने मोबाइल से पुलिस को सूचना दे दी थी. कुछ ही देर में जेपी रोड थाने की पुलिस वहां पहुंच गई. पुलिस ने लड़की को हिलाडुला कर देखा. पता चला कि उस की मृत्यु हो चुकी है. उस के शरीर पर किसी तरह के हमले के निशान नहीं थे. अलबत्ता गौर से देखने पर गले पर छीनाझपटी और दबाने के निशान जरूर दिखाई दिए.
इस से यह बात साफ हो गई कि उस की हत्या गला घोंट कर की गई है. पुलिस ने सबूतों की तलाश में इधरउधर नजरें दौड़ाईं तो लाश से कुछ दूरी पर एक स्कूटी खड़ी दिखाई दी. वहीं एक लेडीज पर्स भी पड़ा था. पुलिस ने पर्स खोल कर देखा तो उस में कुछ कागज मिले, जिन से यह पता चल गया कि मृतका का नाम प्राची मौर्य है.
इस बीच वहां काफी भीड़ एकत्र हो गई थी. लड़की की हत्या की सूचना मिलने पर पुलिस के कई अफसर भी मौके पर पहुंच गए थे. भीड़ में से कुछ लोगों ने उस लड़की के शव की शिनाख्त प्राची मौर्य के रूप में कर दी. लोगों से पता चला कि प्राची पुरानी पादरा रोड पर रिलायंस मौल की गली में स्थित आर्किड बंगला में रहती थी. जहां प्राची की लाश मिली थी, उस से उस का मकान करीब 200 मीटर दूर था.
थाना जेपी रोड पुलिस हत्या का केस दर्ज करने के बाद आर्किड बंगला पहुंची और प्राची की मां यशोदा और बहन साची से पूछताछ की. सुबहसुबह पुलिस को घर पर आया देख प्राची की मां और बहन डर गए. पुलिस ने उन्हें प्राची की लाश मिलने के बारे में बता कर पूछा कि उसे कौन मार सकता है?
प्राची की मौत की खबर सुन कर उस की मां व बहन रोने लगीं. पुलिस ने उन्हें ढांढस बंधा कर प्राची के दोस्तों आदि के बारे में पूछा. पता चला कि प्राची नाट्य कलाकार थी. वह एक दिन पहले यानी 24 अप्रैल को अपने थिएटर ग्रुप के साथ वडोदरा से खंभात गई थी. वह घर पर कह कर गई थी कि आधी रात के बाद तक वडोदरा लौट आएगी.
घर वाले रातभर प्राची के घर आने का इंतजार करते रहे, लेकिन वह नहीं आई. मां यशोदा ने रात को उस के मोबाइल पर फोन भी किया, पर बात नहीं हुई. इस के बाद घर वालों ने सोचा कि संभव है रात हो जाने की वजह से प्राची का थिएटर ग्रुप खंभात में ही रुक गया हो. सुबह आ जाएगी. इसलिए वे लोग निश्चित हो कर सो गए थे.
पुलिस को प्राची की मां यशोदा और बहन साची पूछताछ में ऐसी कोई खास बात तो पता नहीं चली लेकिन उस के एकदो दोस्तों के मोबाइल नंबर जरूर मिल गए. पुलिस ने प्राची के उन दोस्तों से बात की. उन से पता चला कि प्राची वडोदरा के एप्लौस थिएटर एंड आर्ट ग्रुप में काम करती थी. एप्लौस थिएटर ग्रुप 24 अप्रैल को एक परफौरमेंस देने के लिए खंभात गया था.
खंभात वडोदरा से करीब 70 किलोमीटर दूर है. इस थिएटर ग्रुप को खंभात के औयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी) के औफिसर्स क्लब ने नाटक ‘स्पीचलैस’ की परफौरमेंस देने के लिए बुलाया था. नाटक के लिए प्राची के साथ 20 कलाकारों की टीम वडोदरा से खंभात गई थी.
प्राची के दोस्तों से पता चला कि रंगकर्मियों की टीम नाटक की परफौरमेंस दे कर 24-25 अप्रैल की रात को करीब साढ़े बारह-एक बजे के बीच खंभात से वडोदरा लौट आई थी. पुलिस को प्राची के दोस्तों से यह भी पता चला कि प्राची अपने थिएटर ग्रुप के साथी अंकित के साथ अपने घर चली गई थी.
पुलिस ने प्राची के दोस्तों से अंकित का मोबाइल नंबर ले लिया. एक पुलिस टीम ने पंचनामा बना कर प्राची के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया.
पुलिस ने अंकित को फोन किया तो पता चला कि जब वह प्राची को उस के घर छोड़ने जा रहा था, तो उस का पुराना बौयफ्रैंड वसीम मिला था. वसीम और प्राची के बीच काफी कहासुनी हुई थी, झगड़ा भी हुआ था.
अंकित ने यह भी बताया कि वसीम ने प्राची पर हमला भी किया था, लेकिन उस ने प्राची को बचा लिया था. बाद में रात करीब सवा 2 बजे वह प्राची को उस की सोसाइटी के पास मेन रोड पर छोड़ कर अपने घर चला गया था.
वसीम ने प्राची के साथ झगड़ा और मारपीट की थी. यह पता चलने पर पुलिस ने उस की तलाश शुरू कर दी. पुलिस ने प्राची के दोस्तों से वसीम के घर का पता मालूम कर लिया. एक पुलिस टीम वसीम के घर पहुंची.
वसीम के पिता सीआईएसएफ के रिटायर्ड सबइंसपेक्टर हैं. वसीम के घर वालों से पुलिस को पता चला कि वह भरूच के इंजीनियरिंग कालेज में इलेक्ट्रौनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. वह सुबह कालेज जाने की बात कह कर घर से निकल गया था.
पुलिस ने वसीम के घर से उस की एक फोटो ले ली. घर वालों से पता चला कि वसीम भरूच स्थित अपने कालेज ट्रेन द्वारा जाता है. भरूच शहर वडोदरा से करीब 70 किलोमीटर दूर है. वडोदरा से भरूच के लिए थोड़ीथोड़ी देर के अंतराल से रोजाना 45 से ज्यादा ट्रेनें हैं. इसलिए यह पता नहीं चल पाया कि वसीम कौन सी टे्रन से भरूच जाता है.
पुलिस की एक टीम तुरंत वडोदरा रेलवे स्टेशन पहुंच गई. पुलिस ने स्टेशन पर फोटो के सहारे वसीम की तलाश की. लेकिन लगातार ट्रेनों की आवाजाही और सैकड़ों यात्रियों की भीड़ में वसीम को खोजना मुश्किल था.
एक पुलिसकर्मी ने टिकट विंडो पर जा कर वहां मौजूद क्लर्क को वसीम की फोटो दिखा कर पूछा कि इस हुलिए के किसी युवक ने भरूच की टिकट ली है क्या. क्लर्क ने फोटो देख कर बताया कि कुछ देर पहले ही इस युवक ने टिकट ली थी.
इस से पुलिस को यकीन हो गया कि वसीम या तो किसी ट्रेन से भरूच के लिए निकल चुका है, या ट्रेन के इंतजार में स्टेशन पर ही होगा. पुलिस ने सब से पहले यह पता लगाया कि भरूच जाने वाली सब से पहली टे्रन कब और कौन से प्लेटफौर्म पर आएगी.
पता चला कि टे्रन आने वाली है. पुलिस टीम उस ट्रेन के आने से पहले ही प्लेटफार्म पर चारों तरफ फैल गई. फोटो के आधार पर पुलिस ने वसीम को प्लेटफौर्म पर ही पकड़ लिया.
पुलिस टीम उसे थाने ले आई और उस से पूछताछ की. पूछताछ में वसीम ने प्राची से दोस्ती होने की बात तो स्वीकार की, लेकिन उस से झगड़ा होने और उस की हत्या करने की बात से साफ इनकार कर दिया. लेकिन जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो उस ने प्राची मौर्य की हत्या करने की बात कबूल कर ली.
थिएटर कलाकार की हत्या की सूचना वडोदरा महानगर के रंगकर्मियों में आग की तरह फैली. रंगकर्मियों में इस से आक्रोश छा गया. सोशल मीडिया के जरिए प्राची हत्याकांड चर्चा का विषय बन गया था.
प्राची हत्याकांड का कुछ ही घंटों में खुलासा होने पर डीसीपी (अपराध) जयदेव सिंह जडेजा ने स्वयं वसीम से पूछताछ की. पूछताछ में प्राची मौर्य की हत्या की जो कहानी उभर कर सामने आई वह वसीम की कुंठा और बदले की आग का परिणाम निकली.
प्राची और वसीम उर्फ अरहान मलेक इंजीनियरिंग के विद्यार्थी थे. प्राची सीनियर थी और वसीम जूनियर. करीब 4 साल पहले प्राची इंजीनियरिंग के 5वें सेमेस्टर में थी. उस समय वसीम तीसरे सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहा था. वसीम ने ठीक से पढ़ाई नहीं की थी, जिस की वजह से उस की बैक लग गई थी.
इंजीनियरिंग की पढ़ाई वैसे भी काफी टफ होती है. उस पर वसीम की बैक लग गई. तो उसे पढ़ाई में पिछड़ने की चिंता होने लगी. अब उसे एक साथ 2 सेमेस्टर की परीक्षा देनी थी. वसीम ने दोस्त होने के नाते अपनी सीनियर साथी प्राची से मदद मांगी. प्राची ने आगे बढ़ कर उसे ट्यूशन देने की बात कही. वसीम भी यही चाहता था.
ट्यूशन पढ़ते पढ़ाते हुए दोनों में प्यार के बीज अंकुरित होने लगे. पहले वे कालेज के सीनियर और जूनियर स्टूडेंट होेने के नाते केवल दोस्त थे. अब वे दोस्ती से आगे बढ़ कर प्यार की पींगे बढ़ाने लगे. समय के साथ उन का प्यार परवान चढ़ने लगा. यूनिवर्सिटी से निकलने के बाद दोनों पार्क में बैठ कर घंटों तक प्रेमप्यार की बातें करते. समय के साथ उन का प्यार प्रगाढ़ होता गया.
चढ़ते यौवन की उम्र ही ऐसी होती है कि अच्छाबुरा या आगेपीछे कुछ नहीं सूझता. प्राची और वसीम के साथ भी यही हुआ. एक मिनट भी एकदूसरे से जुदा नहीं होना चाहते थे. दिन में अधिकांश समय साथ बिताने के बाद भी उन का मन नहीं भरता था, तो दोनों देर रात तक चैटिंग करते थे. नित्य नियम से दोनों कम से कम 20 मिनट चैटिंग करते थे.
फिर अचानक ऐसा कुछ हुआ कि इसी साल फरवरी में प्राची और वसीम के बीच ब्रेकअप हो गया. 4 साल का प्यार एक ही झटके में परिंदों के घोंसलों के तिनकों की तरह बिखर गया. दोनों एकदूसरे से अलग हो गए. दिलों में एकदूसरे के लिए नफरत पैदा हो गई.
वसीम से अलग होने के बाद प्राची अभिनय पर ध्यान देने लगी. वह बेहतरीन ड्रामा आर्टिस्ट थी. उस की गिनती वडोदरा के मंझे हुए कलाकार के रूप में होती थी. कालेज के जमाने से ही वह नाटकों में भाग लेती थी, धीरेधीरे उस के अभिनय में निखार आ गया था.
प्राची ने अपने जीवन में खुशियों के रंग भरने के लिए करीब 2 महीने पहले एप्लौस थिएटर एंड आर्ट ग्रुप जौइन कर लिया था. वह एप्लौस के कलाकारों के साथ रंगकर्म में अभिनय करने लगी. अपने इस काम से वह पूरी तरह खुश थी और नए सिरे से अपनी जिंदगी को संवारने के बारे में सोचने लगी थी.
दूसरी ओर वसीम अपने पुराने प्यार को नहीं भूला. अलग होने के बावजूद उस ने कई बार प्राची को फोन किया. प्राची मोबाइल स्क्रीन पर वसीम का नाम देख कर ही झुंझला जाती थी. उस ने कई बार वसीम को प्यार से और कई बार फटकार कर समझाया. लेकिन वसीम ने उसे फोन करना बंद नहीं किया. थकहार कर प्राची ने वसीम का नंबर ब्लौक कर दिया.
नंबर ब्लौक कर दिए जाने के बाद वसीम गुस्से में भर उठा. वह प्राची से बदला लेने की सोचने लगा. उस ने प्राची की गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी. वसीम को पता लगा कि प्राची रोजाना देर रात तक मोबाइल पर औनलाइन रहती है. इस से वसीम को शक हुआ कि प्राची अब किसी अन्य युवक के संपर्क में है.
वसीम ने प्राची के नए दोस्त के बारे में मालूमात किया. पता चला कि उस का अपने साथी कलाकार अंकित से दोस्ताना व्यवहार है. वसीम को लगा कि प्राची का अंकित से कोई चक्कर है. यह बात उसे नागवार लगी. पहले तो वह प्राची से बदला लेने की सोच रहा था. अब उस ने प्राची को ठिकाने लगाने की योजना बनाई.
प्राची एप्लौस ड्रामा स्टूडियो के थिएटर ग्रुप के साथ 24 अप्रैल को नाटक ‘स्पीचलैस’ की परफौरमेंस देने खंभात गई. वसीम ने पहले ही पता लगा लिया था कि प्राची और उस के साथी कब लौटेंगे. उस ने प्राची के रात को ही वापस लौटने की बात कंफर्म करने के लिए फेसबुक पर सर्च कर प्राची के एक साथी का नंबर हासिल किया.
फिर वसीम ने किसी कलाकार का घर वाला बन कर उस से बात की और पूछा कि आप लोग कहां हैं और कब लौटेंगे. प्राची के साथी ने जवाब दिया कि हम खंभात से वडोदरा आ रहे हैं, अभी रास्ते में हैं. रात करीब साढ़े 12 बजे के आसपास पहुंच जाएंगे.
इस पर वसीम वडोदरा में अलकापुरी इलाके में एप्लौस ड्रामा स्टूडियो के पास प्राची के आने का इंतजार करने लगा. रात करीब पौने एक बजे कलाकारों की गाड़ी अलकापुरी पहुंची. सारे कलाकार गाड़ी से उतर गए. इन में प्राची सहित कई युवतियां भी थीं. युवतियों को लेने के लिए उन के घर वाले आए थे. प्राची के साथ अंकित भी गया था, वह भी साथ लौट आया था.
प्राची की स्कूटी और अंकित की मोटरसाइकिल स्टूडियो में खड़ी थीं. दोनों ने अपनीअपनी गाडि़यां लीं. अंकित ने प्राची से कहा कि रात बहुत हो गई है. मैं तुम्हें घर छोड़ आता हूं. प्राची को अंकित से केई परेशानी नहीं थी, क्योंकि वह उस का दोस्त था. वसीम छिप कर दोनों पर नजर रखे हुए था.
दोनों अपनेअपने दुपहिया पर चल पड़े. वसीम ने अपनी गाड़ी से उन का पीछा किया. प्राची और अंकित रास्ते में रुक कर एक गार्डन में बैठ कर बातें करने लगे. दोनों को इतनी रात गए गार्डन में बैठ कर बातें करते देख वसीम को यकीन हो गया कि प्राची और अंकित के बीच प्यार की खिचड़ी पक रही है. यह देख कर वसीम आगबबूला हो उठा.
गार्डन में जा कर उस ने उन दोनों से कहा कि तुम इतनी रात गए यहां क्यों बैठे हो. इसी के साथ उस ने मोबाइल से दोनों की तसवीरें ले लीं. साथ ही कहा कि पुलिस को फोन करता हूं.
प्राची समझ गई कि ब्रेकअप होने के बावजूद वसीम अभी तक उस पर अपना हक जताता है. इसीलिए परेशान करने के मकसद से उस ने तसवीरें ली हैं, और पुलिस को बुलाने की धौंस दे रहा है.
प्राची ने वसीम को फटकारा, तो वह उस से झगड़ा करने लगा. अंकित भी समझ गया कि वसीम के इरादे नेक नहीं है. इसलिए उस ने प्राची के साथ वहां से निकलने में ही भलाई समझी.
अंकित और प्राची गार्डन से निकल गए और अपनेअपने दुपहिया पर सवार हो कर चल दिए. रात करीब सवा 2 बजे अंकित ने प्राची को उस के घर के पास सोसायटी की बिल्डिंग के बाहर मेन रोड पर छोड़ दिया. अंकित प्राची को गुडनाइट बाय कह कर अपने घर चला गया.
अंकित के चले जाने के बाद प्राची अपने घर जाने लगी, तभी छिप कर पीछा कर रहा वसीम वहां आ गया. उस ने प्राची से पुराने प्रेम संबंध बनाए रखने की बात कहते हुए अंकित को ले कर सवाल किए. प्राची ने कहा कि मेरातुम्हारा ब्रेकअप हो चुका है. यह मेरा पर्सनल मामला है, तुम हमारे बीच में मत पड़ो और जाओ यहां से.
इस बात पर प्राची और वसीम में झगड़ा हो गया. प्राची ने गुस्से में आ कर वसीम के दो चांटे लगा दिए. इस से वसीम तिलमिला उठा. वह प्राची का गला दबाने लगा.
प्राची ने मुकाबला किया, तो उस के नाखून वसीम को चुभ गए. दोनों सड़क पर गिर गए. सड़क पर गिरते ही वसीम उस के गले को कस कर दबाने लगा. वसीम के हाथों की कसावट से प्राची बेहोश हो गई.
इस बीच एक मोटरसाइकिल सवार वहां से गुजरा तो वसीम ने खड़े हो कर मोबाइल पर बात करने का नाटक किया. बाइक सवार कुछ देर रुक कर वहां से चला गया. इस के बाद वसीम ने सड़क पर बेहोश पड़ी प्राची का गला एक बार फिर जोरों से दबाया. जब उसे लगा कि अब प्राची जीवित नहीं है. तो वह वहां से चला गया.
रास्ते में कुछ दूर जाने के बाद वसीम का दिमाग घूमा तो वह प्राची का मोबाइल उठाने के लिए वापस आया. जब वह प्राची के पास से मोबाइल उठा रहा था तो उस ने देखा कि प्राची की सांसें चल रही हैं.
इस बार उस ने प्राची के गले में पड़ा दुपट्टा निकाला और उसी से उस का गला घोंट दिया. प्राची के मरने का पक्का यकीन होने पर वसीम ने उस की लाश को घसीट कर सड़क के किनारे पेड़ और दीवार के बीच फेंक दिया. फिर उस ने उस के चेहरे पर उसी का दुपट्टा डाल दिया.
प्राची को मौत की नींद सुलाने के बाद वसीम रात करीब साढ़े 3 बजे गोरवा इलाके में स्थित अपने घर पहुंचा. घर जा कर वह अपने कमरे में सोने चला गया. लेकिन नींद नहीं आई. वह बैड पर करवटें बदलता रहा. बारबार उस के सामने प्राची का चेहरा घूमता रहा.
सुबह उठ कर वसीम नहायाधोया, फिर बैग उठा कर भरूच स्थित कालेज जाने के लिए घर से निकल गया. वडोदरा स्टेशन पहुंच कर उस ने भरूच की ट्रेन का टिकट लिया. वह ट्रेन का इंतजार कर ही रहा था कि तभी पुलिस टीम ने उसे स्टेशन पर ही दबोच लिया.
अगर पुलिस टीम 5-7 मिनट भी लेट हो जाती तो वसीम भरूच चला जाता. फिर पता नहीं कब हाथ आता और कब प्राची हत्याकांड का रहस्य उजागर हो पाता.
प्राची की मौत से रहस्य का पर्दा उठने और उस के कातिल के पकड़े जाने के बाद 26 अप्रैल को प्राची की अंतिम यात्रा के समय मां यशोदा और छोटी बहन साची के रुदन से माहौल गमगीन हो गया. मां मेरा बेटा चला गया. कह कर रो रही थी.
बहन आई लव यू, तू मत जा… कहते हुए प्राची की लाश से लिपट रही थी. मांबेटी के इस रुदन से वहां मौजूद लोगों की आंखों से आंसू आ गए. मध्य प्रदेश में रहने वाले प्राची के पिता बेटी के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच सके थे.
(कहानी सौजन्य- मनोहर कहानियां)