Death Anniversary: आखिर क्यों अमिताभ बच्चन ने श्रीदेवी के पास भिजवाया था फूलों से भरा ट्रक?

54 वर्ष की उम्र में इस संसार को अलविदा कह देने वालीं बौलीवुड की पहली महिला सुपरस्टार श्रीदेवी (Sridevi) की यह दूसरी Death Anniversary है. श्रीदेवी का मानना रहा है कि वह तो इत्तफाकन अभिनेत्री बनीं. यूं तो श्रीदेवी चार वर्ष की उम्र में एक फिल्म में बाल कलाकार के रूप में नजर आई थीं तब उन्हें कला या अभिनय की कोई समझ नहीं थी. पर सही मायनों में उनका अभिनय करियर 13 वर्ष की उम्र में तमिल फिल्म ‘‘मुंदूर मुदीच’’ से शुरू हुआ था. 13 वर्ष की उम्र में इस फिल्म में उनका किरदार वयस्क लड़की का था. जबकि बौलीवुड में इन्होंने 1975 में फिल्म ‘‘जूली’’ में बाल कलाकार के रूप में काम करते हुए कदम रखा था. ऐसे ही कईं ट्विस्ट से भरपूर थी श्रीदेवी की जर्नी. आइए आपको बताते हैं उनके फिल्मी दुनिया से जुड़े उनके सफर के कहानी…

तमिल फिल्म से की थी करियर की शुरूआत

1976 में तेरह वर्ष की उम्र में तमिल फिल्म ‘‘मुंदूर मुदीच’’ से लेकर 7 जुलाई 2017 को प्रदर्शित हिंदी फिल्म ‘‘मौम’’ तक श्रीदेवी ने 300 फिल्मों में अभिनय किया था. उनके करियर की अंतिम और 301 वीं फिल्म ‘‘जीरो’’ होगी. आनंद एल राय निर्देशित इस फिल्म में शाहरुख खान के साथ श्रीदेवी ने मेहमान कलाकार के रूप में अभिनय किया है, यह फिल्म 21 दिसंबर 2018 को प्रदर्शित होगी.

 

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1976 से अब तक के अपने करियर में श्रीदेवी ने अपने दमदार अभिनय से फिल्मकारों, कलाकारों को ही नहीं, बल्कि अपने प्रशंसकों को इस कदर दीवाना बना रखा था कि हर कोई उनके साथ काम करने को लालायित रहता था. पुरूष प्रधान बौलीवुड में श्रीदेवी एकमात्र ऐसी अदाकारा रही हैं, जिनके बल पर फिल्में बौक्स औफिस पर धन कमाया करती थी.

 

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श्रीदेवी अपनी शर्तों पर करतीं थीं काम

श्रीदेवी हमेशा अपनी शर्तों पर काम किया करती थीं. बौलीवुड में नारी शक्ति का परचम लहराने वाली श्रीदेवी के लिए खास तौर पर किरदार लिखे जाते थें. यदि श्रीदेवी को अपना किरदार व फिल्म की कहानी न पसंद आए, तो वह उस फिल्म का औफर ठुकरा देती थीं. इतना ही नहीं श्रीदेवी हमेशा इस बात का ख्याल रखती थीं कि वह जिस फिल्म में अभिनय करें, उस फिल्म में उनका किरदार फिल्म के हीरो से कमतर न हो. इसी के चलते श्रीदेवी ने अमिताभ बच्चन के साथ भी कई फिल्में करने से इंकार कर दिया था, जबकि यह वह दौर था जब हर हीरोईन अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म का हिस्सा बनना अपना सौभाग्य समझती थी. कहा जाता है कि अमिताभ बच्चन स्वयं श्रीदेवी के साथ काम करने को लालायित थें. इसी के चलते अमिताभ बच्चन ने श्रीदेवी के पास फूलों से भरा हुआ ट्रक भिजवाया था.

 

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अमिताभ बच्चन के साथ दोहरी भूमिका निभाने वाली एकमात्र अदाकारा

बहरहाल, बाद में श्रीदेवी ने अमिताभ बच्चन के साथ सबसे पहले फिल्म “इंकलाब’’ की. उसके बाद ‘‘खुदा गवाह’’ और ‘आखिरी रास्ता’ जैसी कुछ फिल्में की. मगर इन फिल्मों में श्रीदेवी के किरदार ही हावी रहें. इतना ही नहीं श्रीदेवी पहली अदाकारा थीं, जिन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म ‘‘खुदा गवाह’’ में दोहरी भूमिका निभायी थीं. अन्यथा अमिताभ बच्चन की किसी भी फिल्म में किसी हीरोईन को दोहरी भूमिका निभाने का अवसर कभी नहीं मिला. मजेदार बात यह थी कि फिल्म ‘खुदा गवाह’ में श्रीदेवी ने अफगानी अंदाज वाली हिंदी में संवाद अदायगी कर लोगों को आश्चर्य चकित किया था.

श्रीदेवी के लिए रेखा ने डब किए थे संवाद

सिनेमा भाषा का मोहताज नहीं होता. इस बात को श्रीदेवी की फिल्मों से भी समझा जा सकता है. श्रीदेवी को तमिल व तेलगू भाषा ही आती थी, मगर वह लंबे समय तक हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा दिखाती रहीं. हिंदी फिल्मों में उनके संवाद नाज डब किया करती थीं. फिल्म ‘आखिरी रास्ता’ में श्रीदेवी के संवादों को अभिनेत्री रेखा ने डब किया था. पर श्री देवी ने हिंदी भाषा सीखना शुरू कर दिया था.

 

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Happy Father’s Day to the most loving and giving father in the world❤

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‘‘चांदनी’’ में पहली बार खुद संवाद डब किए

14 सितंबर 1989 को प्रदर्शित यश चोपड़ा की फिल्म ‘‘चांदनी’’ से श्रीदेवी का अलग रूप लोगों के सामने आया. यह पहली फिल्म थी, जिसमें श्री देवी ने अपने संवाद खुद डब किए थें और इस फिल्म में पहली बार उन्होंने गाना भी गाया था. फिल्म ‘‘चांदनी” ने बौक्स औफिस पर सफलता के कई नए रिकार्ड स्थापित किए थें. मजेदार बात यह है कि यश चोपड़ा पहले फिल्म ‘‘चांदनी’’ अभिनेत्री रेखा को लेकर बनाना चाहते थें. पर हालात कुछ ऐसे बने कि उन्होंने ‘चांदनी’ के साथ श्रीदेवी को जोड़ा और उसके बाद वह भी श्रीदेवी के अभिनय के कायल हो गए थें. उसके बाद फिल्म ‘‘सदमा’’ में भी श्रीदेवी ने गाना गाया था.

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क्यों अहम हैं ‘‘सदमा’’ और ‘‘लम्हे’’

श्रीदेवी के करियर की सफलतम फिल्मों में ‘सदमा’ और ‘लम्हे’ इन दोनों फिल्मों का विशेष महत्व है. 8 जुलाई 1983 को प्रदर्शित फिल्म ‘‘सदमा’’ में श्रीदेवी ने कमल हासन के साथ अभिनय करते हुए एक विक्षिप्त लड़की नेहलता मल्होत्रा उर्फ रश्मी का किरदार निभाया था. कहानी के अनुसार एक दुर्घटना में रश्मी के सिर पर चोट लग जाती है, उनकी याद्दाश्त खो जाती है और वह चार वर्ष की बच्ची की तरह व्यवहार करने लगती हैं. इसमें कमल हासन उन्हे लोरी गा कर सुनाते थें. जबकि 22 नवंबर को प्रदर्शित यश चोपड़ा निर्मित फिल्म ‘‘लम्हे’’ अपने समय से काफी आगे व हिंदुस्तानी परंपराओं को तोड़ने वाली फिल्म थी, जिसमें श्री देवी ने दोहरी भूमिका निभायी थी.

 

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When a woman is challenged…here’s presenting the first look of MOM #MOMfirstlook

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पहली वैनिटी वैन

इन दिनों अमिताभ बच्चन व शाहरुख खान से लेकर तमाम बड़े कलाकारों के पास अपनी वैनिटी वैन है. शूटिंग के दौरान लगभग हर कलाकार, निर्माता से वैनिटी वैन की मांग करता है. मगर श्रीदेवी पहली अदाकारा थीं, जिनके पास अपनी वैनिटी वैन थी.

Death Anniversary: आखिर क्यों श्रीदेवी को नापसंद करते थे अर्जुन कपूर?

बौलीवुड एक्ट्रेस श्रीदेवी की 24 फरवरी यानी आज दूसरी Death Anniversary है. दुबई में अचानक मौत के बाद श्रीदेवी अपनी मौत से जुड़े कई सवाल छोड़ गईं, जिसका सबसे ज्यादा असर उनके परिवार और पति बोनी कपूर पर पड़ा था. आज हम आपको श्रीदेवी की मौत के बाद उनकी पर्सनल लाइफ से जुड़ी बातों के बारे में बताएंगे.

पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में रही हैं श्रीदेवी

दरअसल, श्रीदेवी की निजी जिंदगी हमेशा से ही विवादों में रही है इसकी वजह उनके पति बोनी कपूर की पहली पत्नी और उनके बच्चें हैं, क्योंकि उनके पति बोनी कपूर जब भी अपनी पहली पत्नी या उनके बच्चों से मिलते थे तो श्रीदेवी चिढ़ती थीं. शादी के बीस सालों बाद भी श्रीदेवी के मन में फंसी फांस कभी नहीं निकल पाई. कई बातों पर वो सामान्य नहीं हो पाईं. वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म स्तंभकार भारती ए. प्रधान ने करीब दो साल पहले अपने एक कौलम में इस बात का खुलासा किया था. उन्होंने अपने कौलम में लिखा कि किस तरह बोनी को श्रीदेवी के गुस्से का सामना करना पड़ा, जब वह पहली पत्नी मोना कपूर की मां और जानी मानी फिल्म निर्माता सत्ती शौरी के अंतिम संस्कार और प्रार्थना सभा में गए.

 

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नहीं भूल पाईं थीं सत्ती के उस व्यवहार को

श्रीदेवी 1996 में सत्ती शौरी द्वारा उनसे किए गए व्यवहार को इतने सालों बाद भी भूल नहीं पाईं थीं. उस समय तक बोनी और मोना पति-पत्नी थे और श्रीदेवी दूसरी महिला. तब तक बोनी और श्रीदेवी के नजदीकियों की खबरें आने लगी थीं. तभी ये भी खबरें आईं कि वो गर्भवती हैं. बोनी की पहली बीवी मोना को इससे झटका लगा. उन्होंने चुपचाप खुद ब खुद बोनी से दूरियां बना लीं. लेकिन ये बात मोना की मां सत्ती शौरी को चुभ चुकी थी.

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एक रोज जब सत्ती को यह मालूम हुआ कि बोनी-श्रीदेवी के साथ मुंबई के एक फाइव स्टार होटल में मौजूद हैं तो वहां पहुंचकर उन्होंने जमकर हंगामा खड़ा कर दिया. उन्होंने श्रीदेवी के पेट पर मारने की कोशिश की थी, जिसके कुछ महीनों बाद श्रीदेवी ने अपनी पहली बेटी जान्हवी को जन्म दिया. सत्ती शौरी द्वारा उनसे किए गए व्यवहार को सालों बाद भी श्रीदेवी कभी भूल नहीं पाईं थीं.

 

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Missing Janu?❤️

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बोनी का वहां जाना उन्हें अच्छा नहीं लगा

जब बोनी की पहली पत्नी मोना की मां सत्ती शौरी का निधन हुआ तो पूरा कपूर परिवार अंतिम संस्कार में पहुंचा. बोनी भी इसमें गए. पति का वहां जाना श्रीदेवी को अच्छा नहीं लगा. जिसके बाद उन्हें श्रीदेवी के गुस्से का शिकार भी होना पड़ा था.

मोना के अंतिम दर्शन के लिए बस वही नहीं गईं

 

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वहीं जानी मानी लेखिका और कौलमिस्ट शोभा डे ने हाल में लिखा, “जब मोना कपूर (बोनी की पहली पत्नी और अर्जुन कपूर की मां) का निधन हुआ तो हर कोई उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचा. मगर श्रीदेवी नदारद थीं. उनकी दोनों बेटियां भी अंतिम दर्शन में शामिल नहीं हुई थीं. जबकि एक जमाने में मोना और उनके बीच अच्छी दोस्ती थी.”

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तब काफी नाराज हो गईं थीं श्रीदेवी

खबरों के अनुसार, एक बार बोनी पहली पत्नी से मिलने के बाद अपने दोनों बच्चों अर्जुन और अंशुला को लेकर पिकनिक पर चले गए थे, जिसके कारण बोनी के लौटने पर श्रीदेवी उनसे काफी नाराज हुई थीं. शायद यही कसक अब तक अर्जुन कपूर के दिल में रह गई. वहीं अर्जुन कपूर ने एक बार टीवी पर साफ कहा था कि श्रीदेवी से उनके रिश्ते कभी सामान्य नहीं होंगे. वे केवल मेरे पिता की बीवी हैं और कुछ नहीं. हालांकि श्रीदेवी की मौत की खबर सुनते ही वे अपनी बहनों से मिलने पहुंच गए थे.

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