“फाल्स सीलिंग” का शाब्दिक अर्थ है “बनावटी छत” अर्थात ऐसी छत जो केवल देखने के लिए हो. इसे फाल्स कहे जाने का कारण है कि इसे घर की ईंट और सीमेंट की आर सी सी से बनी वास्तविक छत के नीचे जिप्सम बोर्ड और टीन के एंगल द्वारा बनावटी रूप से बनाया जाता है. इसीलिए इसे ड्राप सीलिंग भी कहा जाता है. कुछ समय पूर्व तक इस प्रकार की सीलिंग केवल अभिजात्य वर्गीय घरों में ही बनाई जाती थी परन्तु आजकल यह हर घर के इंटीरियर का प्रमुख हिस्सा हो गईं हैं. यह सही है कि फाल्स सीलिंग घर की खूबसूरती में चार चांद लगा देतीं हैं परन्तु कई बार ये बजट में नहीं होतीं तो ऐसी स्थिति में आप केवल ड्राइंग रूम या केवल हॉल में भी फाल्स सीलिंग करवा सकते हैं. फाल्स सीलिंग की कीमत का निर्धारण प्रति स्क्वेयर फिट और डिजाइन के अनुसार होता है. अर्थात जितनी अधिक डिजाइन और जगह वाली सीलिंग उतनी अधिक कीमत.
कैसी कैसी सीलिंग
-जिप्सम फाल्स सीलिंग
एल्युमिनियम के एंगल्स के द्वारा जिप्सम के बोर्ड को छत पर फिक्स किया जाता है. ये जिप्सम सीट वजन में हल्की, साउंड प्रूफ और फायर प्रूफ होती हैं. इन सीट्स को पुट्टी की परत से कवर करके पेंट, वाल पेपर, वुड और टेक्सचर के द्वारा सजाया जाता है. इनके अंदर कोप लाइट लगाई जाने से घर के सौंदर्य में चार चांद लग जाते हैं. वर्तमान में यह सर्वाधिक लोकप्रिय फाल्स सीलिंग है.
-वुडन फाल्स सीलिंग
इस प्रकार की सीलिंग पहाड़ी क्षेत्र में सर्दी से बचाव के लिए की जाती है.परन्तु यह खर्चीली अधिक होती है इसलिए कम प्रचलित है.
-प्लास्टर ऑफ पेरिस फाल्स सीलिंग
इस प्रकार की सीलिंग पूरी छत पर अलग से परत न बनाकर केवल बीच में और छत के किनारों पर डिजाइन बनाकर की जाती है यह बहुत कम खर्चीली होती है इसलिए कम बजट में भी आप अपने घर को इसे करवाकर सुंदर बना सकते हैं.
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क्यों कराएं फाल्स सीलिंग
-फाल्स सीलिंग करवाने से छत की ऊंचाई 4 से 5 फ़ीट तक कम हो जाती है जिससे कमरे की बीम्स, और दोष आदि पूरी तरह से छुप जाते हैं, सीलिंग में लगी कोप लाइट्स कमरे को भव्य लुक प्रदान करती हैं.
-फाल्स सीलिंग मूल छत के ऊपर एक परत प्रदान करती है जिससे छत पर धूप का सीधा प्रभाव नहीं पड़ता इससे गर्मी के मौसम में कमरे के तापमान में कमी हो जाती है और ए सी की क्षमता बढ़ जाती है.
-फाल्स रूफ में छोटी छोटी एल ई डी लाइट्स का प्रयोग किया जाता है जिससे ऊर्जा की खपत में काफी कमी हो जाती है और यह बिजली के बिल को कम कर देता है.
-सामान्य से कमरे को यदि आप एक बेहतर लुक देना चाहते हैं तो फाल्स सीलिंग अवश्य करवाएं.
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ध्यान रखने योग्य बातें
-छोटे कमरे और घर मे बहुत अधिक डिजाइन वाली फाल्स सीलिंग करवाने के स्थान पर साधारण कम डिजाइन वाली फाल्स सीलिंग करवाएं ताकि कमरा एकदम भरा भरा सा होटल जैसा न लगे.
-फाल्स सीलिंग सदैव किसी कुशल इंटीरियर डिजाइनर से ही करवाएं साथ ही सामान की क्वालिटी में कोई समझौता न करें.
-यदि आपके कमरे की छत की हाइट कम है तो अधिक लेयर्स की डिजाइन के स्थान पर सिंगल लेयर की डिजाइन बनवाएं.
-यदि दीवारों पर टेक्सचर और वाल पेपर लगवाया है तो छत का रंग सफेद ही रखें क्योंकि सफेद रंग प्रत्येक रंग के साथ मैच कर जाता है.
(इंटीरियर डिजाइनर आशीष मालवीय से की गई बातचीत के आधार पर)