सवाल-
मैं 27 वर्षीय युवक हूं और एक मल्टीनैशनल कंपनी में अच्छे पद पर काम करता हूं. अपनी समस्या मैं खुद हूं. दरअसल, मुझे न तो किसी लड़की में दिलचस्पी रही है और न ही मैं ने अभी तक किसी युवती से सैक्स संबंध ही बनाए हैं. अलबत्ता एक लड़के से मेरी दोस्ती जरूर है और हम पिछले 3 सालों से साथ रह रहे हैं. मातापिता अब मेरी शादी करना चाहते हैं पर मैं किसी लड़की की जिंदगी तबाह नहीं करना चाहता. बताएं मैं क्या करूं?
जवाब-
ऐसा लगता है कि आप होमो सैक्सुअल हैं. मनोचिकित्सकों का मानना है कि समान सैक्स के व्यक्ति के प्रति आकर्षण का एक कारण अपनेपन का एहसास नहीं मिलना भी है.
दरअसल, घरपरिवार से दुखी रहने वाले लोग या फिर किसी अन्य वजह से परेशानी के कारण दूसरे द्वारा सहारा देना उन्हें एकदूसरे के करीब लाता है.
रिसर्च के मुताबिक समान सैक्स के प्रति झुकाव की वजह हारमोंस का असंतुलित होना भी हो सकती है. कुछ आनुवंशिक कारण से होता है तो कुछ अन्य प्रभाव की वजह से.
बेहतर होगा कि पहले आप किसी सैक्सुअल काउंसलर से मिलें और जरूरत हो तो मैडिकल चैकअप भी कराएं. स्थिति तभी पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगी.
आप को अपनी जिंदगी किस के साथ और कैसे बितानी है, यह निर्णय भी आप खुद ही लें. यों तो हमारे समाज में ऐसे रिश्तों को स्वीकार नहीं किया जाता, मगर अब सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 हटा कर समलैंगिकों को उन का हक दे दिया है.
जयपुर, राजस्थान के मालवीय नगर में रहने वाली 20 साला निधि कोचिंग के लिए टोंक फाटक जाती थी और वहां से ही अपने बौयफ्रैंड के साथ नारायण सिंह सर्किल के पास बने सैंट्रल पार्क की झाडि़यों में जिस्मानी संबंध बना कर उस से बाजार में खूब खरीदारी कराती थी. यही हाल कुछ समय पहले तक उस की बड़ी बहन कीर्ति का था. उस के भी कई बौयफ्रैंड थे. एक बार जब वह एक बौयफ्रैंड के साथ एक पार्क में संबंध बना रही थी कि तभी वहां 5-6 कालेज के दादा किस्म के लड़के आ गए. उन लड़कों को देख कीर्ति का बौयफ्रैंड वहां से भाग गया, मगर उन लड़कों ने कीर्ति को दबोच लिया और 3-4 घंटे तक उस का बलात्कार किया. जब कीर्ति को होश आया, तो वह गिरतेपड़ते अपने घर पहुंची. उस के बाद उस ने अपने सभी बौयफ्रैंडों से दोस्ती खत्म कर ली और अपना ध्यान पढ़ाई पर लगा दिया. वह आज एक बड़ी सरकारी अफसर है.
कई साल पहले राजस्थान के धौलपुर जिले के बसेड़ी कसबे में जाटव जाति का एक गरीब परिवार का लड़का चंद्रपाल जब पटवारी की नौकरी पर लगा था, तब उस के मांबाप ने उसे समझाया था कि वह अपनी नौकरी ईमानदारी से करे. अपने मांबाप की इन बातों को सुन कर चंद्रपाल ने अपना काम ईमानदारी से करना शुरू कर दिया था.
पटवारी की नौकरी करते हुए वह कुछ सालों बाद भूअभिलेख निरीक्षक बन गया और उस के बाद नायब तहसीलदार और अब तहसीलदार बन कर ईमानदारी से अपना काम कर रहा है.
30 साला मनोज एक सरकारी दफ्तर में क्लर्क है. कमाऊ महकमे में होने के चलते वह हजार दो हजार रुपए रोजाना ऊपर की कमाई कर लेता है. वह जयपुर के प्रताप नगर हाउसिंग बोर्ड में अपनी 23 साला बीवी सुप्रिया के साथ रहता है.
जब मनोज की बीवी 3 बच्चों की मां बन गई, तो उस का झुकाव अपनी 20 साला कालेज में पढ़ने वाली साली नेहा की ओर हो गया. वह उसे अपने पास ही रखने लगा. उस ने अपनी साली को पैसे और महंगेमहंगे तोहफे दे कर पटा लिया था. बीवी के सो जाने पर वह अपनी साली के कमरे में चला जाता था.
एक रात को अचानक नींद खुल जाने से जब मनोज की बीवी सुप्रिया ने उसे अपने बैड पर नहीं देखा, तो वह अपनी छोटी बहन नेहा के कमरे में चली गई. वहां पर उन दोनों को साथ देख वह गुस्से में आगबबूला हो उठी.
कुछ दिनों तक तो वे दोनों एकदूसरे से दूर रहे, मगर फिर होटल में मिलने लगे. एक दिन जब वे होटल में पुलिस द्वारा पकड़े गए, तो उन के मांबाप को बहुत दुख हुआ.
वे दोनों जीजासाली सोच रहे थे कि अगर सुप्रिया उन के बीच रोड़ा नहीं बनती, तो उन्हें होटल में जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती. लिहाजा, उन्होंने सुप्रिया की गला घोंट कर हत्या कर दी.
हत्या के बाद वे दोनों वहां से फरार हो गए. दूसरे दिन जब पड़ोस के लोगों को मालूम हुआ, तो उन्होंने पुलिस को बुला लिया.कई दिनों के बाद सुप्रिया की हत्या के जुर्म में मनोज और नेहा को गिरफ्तार कर लिया गया.
दूसरों की ऐसी भूल से सबक ले कर जो लोग इन्हें अपनी जिंदगी में शामिल नहीं करते हैं, वे सुख भरी जिंदगी बिताते हैं.