मार्च 2020 में कोरोना के आगमन के बाद से ही बच्चों के स्कूलों में लगा ताला अब 19 माह बाद धीरे धीरे खुलने लगा है. यद्यपि अभी बच्चों की वैक्सीन नहीं ईजाद हुई है परन्तु चूंकि 18 वर्ष की उम्र से अधिक के सभी लोगों का वैक्सिनेशन हो चुका है तो अब स्कूलों को खोला जा रहा है. अभी कोरोना का खतरा पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है इसलिए सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है.
अब जब कि बच्चे स्कूल जाने लगे हैं तो माताओं के लिए उनकी सेहत और सुरक्षा का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक हो गया है. इस समय उनकी डाइट का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है ताकि उनका इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहे. आज हम आपको ऐसी ही कुछ बातें बता रहे हैं जिनका ध्यान रखकर आप अपने बच्चे को सेहत और सुरक्षा दोनों ही दे सकतीं हैं.
-बच्चे के बैग में इमरजेंसी के लिए एक यूज एंड थ्रो मास्क और छोटा हैंड सेनेटाइजर रखकर बच्चे को बताएं कि रेगुलर मास्क के गुम हो जाने पर उसे इनका प्रयोग करना है. -उसे प्रतिदिन मास्क लगाकर ही स्कूल भेजें और पेंट की जेब में हैंड सेनेटाइजर रखें ताकि उसे प्रयोग करने में आसानी रहे.
-बच्चे को समझाएं कि वह अपना लंच दूसरों के साथ शेयर न करे, इसके अतिरिक्त उन्हें दूसरों का पानी भी न प्रयोग करने की सलाह दें.
-स्कूल में शिक्षक भी बच्चों को अनेकों सावधानियां बरतने की सलाह देते हैं पर बच्चे अक्सर उन बातों पर ध्यान नहीं देते , आप अपने बच्चे को टीचर की बातों पर अमल करने की सलाह दें ताकि आपके बच्चा किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचा रहे.
-लंच में मैदा से बने मैगी, पास्ता और ब्रेड जैसे फ़ास्ट फ़ूड के स्थान पर पालक, पनीर, चुकंदर, मैथी और आलू आदि के भरवां पराठों को स्थान दें.
-सूजी से बनी रोस्टेड सेवइयों को शिमला मिर्च, गाजर, मटर आदि सब्जियों के साथ बनाकर लंच में रखें, सेवइयों के स्थान पर आप सूजी और ब्राउन राइस का भी प्रयोग कर सकतीं हैं. इससे उन्हें पौष्टिकता और टेस्ट दोनों ही मिलेंगे.
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-डायटीशियन मेघा चंदेल के अनुसार इस समय बच्चों की डाइट में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन और मिनरल्स के संतुलन के साथ साथ ऐसी डाइट देना आवश्यक है जिससे उनमें ऐंटीबॉडीज बनती रहे और उनका इम्यून सिस्टम मजबूत रहे.
-बच्चे के रेस्पिरेटरी तंत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए उबला अंडा भी दिया जा सकता है.
-राजमा, छोले, दाल या चने की स्टफिंग करके कटलेट या रोल बनाकर लंच में रखें इससे उनका पेट भी भरेगा और स्वाद भी मिल सकेगा.
-अक्सर बच्चे फल खाना पसंद नहीं करते ऐसे में आप उन्हें केवल दूध के स्थान पर फलों से बना शेक और स्मूदी दें इससे दूध के साथ साथ फलों की पौष्टिकता भी प्राप्त हो सकेगी.
-आजकल बच्चों के लंच से पूर्व मिड लंच भी होने लगा है जिसमें उन्हें 10 से 15 मिनट का ब्रेक मिलता है कुछ छुटपुट खाने के लिए, इस ब्रेक के लिए आप एक छोटे लंच बॉक्स में कुछ डॉयफ्रूट और फल रखें ताकि बच्चा कम समय में फटाफट खा सके.
-स्कूल भेजते समय प्रतिदिन बच्चों को स्कूल में सोशल डिस्टेंस मेंटेन करने और हैंड हाइजीन का ध्यान रखना अवश्य बताएं ताकि उन्हें हर समय आपकी बात याद रहे.
-जहां तक सम्भव हो आप अपने बच्चे को बाजार के खाद्य पदार्थों के स्थान पर घर का बना शुद्ध, स्वादिष्ट और पौष्टिकता से भरपूर खाद्य पदार्थ ही खाने को दें ताकि वह किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचा रहे.