आज की नैतिकता पुरानी नैतिकता से अच्छी

जब से हिंदू कानून में 1956 और 2005 में बदलाव आया है और  बेटियों को पिता की संपत्ति में हिस्सा मिलने लगा है, तब से भाईबहनों के विवाद बढ़ रहे हैं. 1956 में तो खास परिवर्तन नहीं हुआ था पर तब भी संयुक्त परिवार की संपत्ति में एक जने के अपने हिस्से में से बेटोंबेटियों को बराबर का हिस्सा देने का कानून बना था. 2005 में संयुक्त परिवार में बेटेबेटियों को बराबर का साझीदार कानून घोषित कर दिया गया था.

जो लोग समझते हैं कि इस से भाईबहनों के प्रेम की हिंदू समाज की परंपरा को नुकसान पहुंचा है वे यह नहीं जानते कि असल में पौराणिक कहानियों में ही भाईबहनों के विवादों का बढ़ाचढ़ा कर उल्लेख है और ये कहानियां सिरमाथे पर रखी जाती हैं.

महाभारत के मुख्य पात्रों में से एक भीम का विवाह हिडिंबा से तब हुआ जब भीम ने हिडिंबा के भाई को मार डाला था. असुर राजा ने अपनी बहन हिडिंबा को अपने इलाके में घुस आए पांडवों को मारने के लिए भेजा था पर हिडिंबा भीम पर आसक्त हो गई और उस के उकसाने पर भीम ने उस के भाई को ही मार डाला.

बाद में हिडिंबा ने भीम से विवाह कर लिया और उन से घटोत्कच नाम का पुत्र हुआ जिस ने कौरवपांडव युद्ध में काफी पराक्रम दिखाया. कहानी में महाभारत का लेखक कहीं भी बहन के भाई के विरुद्ध जाने की आलोचना नहीं करता. वह बहन जिसे भाई ने घुसपैठियों को मारने के लिए भेजा था भाई की प्रिय ही होगी वरना वह क्यों अनजान लोगों को मारने के लिए भेजता? मगर आसक्ति ऐसी चीज है जिस में भाई तक को मरवा डाला जाता है और जिन धर्मग्रंथों का हवाला हमारे पंडे और उन के भक्त नेता देते रहते हैं वे ऐसी अनैतिक गाथाओं से भरे पड़े हैं.

वास्तव में आज की नैतिकता हमारी पुरानी नैतिकता से बहुत अच्छी है. भाईबहनों में अगर विवाद हो रहे हैं तो अब भाईबहन एकदूसरे के सगे साथी भी बन रहे हैं. जहां घरों में केवल 1 भाई और 1 बहन होना सामान्य हो रहा है, वहां भाईबहन एकदूसरे के लिए जान छिड़क रहे हैं.

राहुल गांधी यदि विवाह किए बिना भी आराम से संतुलित जीवन जी पा रहे हैं तो इसलिए कि उन्हें प्रियंका और उन के बच्चों का साथ मिलता है. 2005 का कानून सोनिया गांधी के कहने पर लाया गया था, हालांकि कांग्रेस आमतौर पर इस का श्रेय हिंदू कट्टरवादियों से डर कर नहीं लेती पर सच यह है कि भारत में समाज सुधार विदेशियों ने किया, हिंदू धर्म का ढिंढोरा पीटने वालों ने नहीं.

 

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें