पिछले कुछ दशकों में दांतो का गिरना दुनिया में लोगों की एक बड़ी समस्या बना हुआ है. ओरल हैल्थ की स्थिति जानने के लिए इसे एक महत्वपूर्ण संकेत माना जाता है क्योंकि इससे मुंह की बीमारियों के प्रभाव, दांतों की हाईज़ीन के प्रति व्यक्ति के व्यवहार, डेंटल सेवाओं की उपलब्धता तथा ओरल हैल्थ के बारे में लोगों के विश्वास/सांस्कृतिक मूल्यों का पता चलता है.
दांतों का गिरना लोगों को सदमा देता है और इसे जीवन का एक बड़ा नुकसान माना जाता है, जिसके लिए सामाजिक व मनोवैज्ञानिक रूप से काफी समायोजन करने की जरूरत पड़ती है. दांतों का रिप्लेसमेंट एक कला है, जिसमें टूटे हुए दांत की जगह कृत्रिम दांत लगा दिया जाता है या डेंटल प्रोस्थेसिस किया जाता है. टूटे हुए दांत की जगह दूसरा दांत लगाना जरूरी क्यों है, इसके अनेक कारण हैंः
आपके मुंह में पूरे दांत होने से आपमें आत्मविश्वास आता है. आपको चिंता नहीं रहती कि आपका टूटा दांत लोगों की नजर में आएगा.
दांत टूटने पर जबड़े का वो हिस्सा, जिस पर दांत लगा होता है, उसका आकार कम हो जाता है. डेंटल इंप्लांट सपोटेर्ड प्रोस्थेसिस से हड्डी बचाए रखने और अपने जबड़े का आकार बनाए रखने में मदद मिलती है.
दांत टूटने से आपके बोलने के तरीके में परिवतर्न आ जाता है.
दांत टूटने से आपकी चबाने तथा विभिन्न तरह की खाद्य वस्तु को खाने की क्षमता बदल जाती है. ऐसा आम तौर पर देखा जाता है कि चबाना मुश्किल हो जाने से लोग कुछ चीजें खाने से परहेज करने लगते हैं, इसलिए जिन लोगों के दांत टूटे हुए होते हैं, उनका पोषण खराब होता है और उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ता है.
दांतों के टूटने से आपके द्वारा काटने तथा आपके दांत किस प्रकार आपस में मिलते हैं, उसका तरीका बदल जाता है, जिससे जबड़े के जोड़ में समस्या पैदा हो सकती है.
यद्यपि डेंचर बाजार में उपलब्ध सबसे किफायती रिमूवेबल डेंटल प्रोस्थेसिस में से एक हैं. अधिकांश लोग अपने दांतों की जगह डेंचर लगवाना ही पसंद करते हैं. आज भारत में 45 साल से अधिक उम्र के हर 7 में से 1 व्यस्क डेंचर लगाता है. ये डेंचर संपूणर् या आंशिक हो सकते हैं.
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संपूर्ण डेंचर –
संपूर्ण डेंचर प्लास्टिक आधार के बने होते हैं, जो मसूढ़ों के रंग का होता है और प्लास्टिक या पोसेर्लीन के दांतों का पूरा सेट इस पर लगा होता है.
आंशिक डेंचर –
आंशिक डेंचर या तो प्लास्टिक बेस या फिर मैटल फ्रेमवकर् का बना होता है, जो रिप्लेस किए जाने वाले दांतों की संख्या को सपोटर् करता है. इसे मुंह के अंदर क्लैस्प एवं रेस्ट द्वारा लगाकर रखा जाता है, जो आपके प्राकृतिक दांतों के चारों ओर स्थित हो जाते हैं.
इंप्लांट सपोटेर्ड डेंचर –
इंप्लांट रिटेंड ओवरडेंचर एक रिमूवेबल डेंटल प्रोस्थेसिस है, जिसे बचे हुए ओरल टिश्यू सपोटर् करते हैं और इसे लगाए रखने के लिए डेंटल इंप्लांट किया जाता है.
डेंचर व्यक्ति का रूप बनाए रखते हैं. ये दिखाई नहीं देते. डेंचर फिक्सेटिव या एधेसिव डेंचर पहनने वालों को अच्छा फिट एवं आराम देता है. डेंचर फिक्सेटिव से निम्नलिखित आराम मिलता हैः
डेंचर का कम मूवमेंट एवं चबाने की क्रिया में सुधार.
बाईटिंग (काटने) के लिए सवार्धिक बल, रिटेंशन व स्थिरता.
डेंटल प्लाक कम या फिर बिल्कुल नहीं होने से डेंचर पहनने वालों की ओरल हाईज़ीन में सुधार.
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डेंचर बेस के नीचे खाने के कम अटकने के चलते म्यूकोसल इरीटेशन कम होना.
डेंचर पहनने वाले की मनोवैज्ञानिक सेहत में सुधार.
हालांकि दांतों का रिप्लेसमेंट तभी सफल होता है, जब मरीज उत्साहित हो एवं विभिन्न तरह के प्रोस्थेसिस, उनके उपयोग एवं मेंटेनेंस के बारे में जानता हो. ओरल हाईज़ीन, क्लीनिंग एवं डेंचर का सही उपयोग, डेंचर फिक्सेटिव/एधेसिव का उपयोग आजीवन चलने वाली प्रक्रियाएं हैं. शुरुआत में यह मुश्किल लग सकता है, लेकिन यह आपके चेहरे की मुस्कुराहट वापस लेकर आ जाएगा.
डॉ अनंत राज, मुंबई से बातचीत पर आधारित