सेहतमंद रहने के लिए हमेशा से ही हरी सब्जियों का सेवन करने की सलाह दी जाती रही है. यह शरीर को कई तरह के लाभ पहुंचाकर हमें निरोग रखती हैं. गर्मी का मौसम है और इस मौसम में हरी सब्जियां खाना हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है.हरी सब्जियों की बात कर रहे है तो लौकी और तोरई इस मौसम की सबसे फायदेमंद सब्जी है.ये मार्किट में बहुत ही आसानी से मिल जाती है.वैसे तो तोरई को हर जगह अलग -अलग नाम से जाना जाता है. कहीं इसको नेनुआ, कहीं घिसोरा, कहीं झींगा, कहीं दोडकी कहते है और इसका इंग्लिश नाम स्प़ंजगार्ड और रिजगार्ड हैं. यह विटामिन, फाइबर, प्रोटीन, मिनरल से भरपूर सब्जी है.
तोरई में भरपूर मात्र में पोषक तत्व होते है . इसमें कैल्शियम, कॉपर , आयरन, पोटेशियम, फॉस्फोरस , मैग्नीशियम,मैगनीज खनीज के तौर पर पाए जाते हैं. इसमें विटामिन ए,बी, सी , आयोडीन और फ्लोरिन जैसे तत्व भी पाए जाते हैं.
यह एक ऐसी बेल है, जिसका फल, पत्ते, जड़ और बीज सभी लाभकारी हैं.आइये जानते है इसके फायदों के बारे में-
1. डायबिटीज कन्ट्रोल करने में-एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक शोध के मुताबिक तोरई के पत्ते और इसके बीज में एथनॉलिक अर्क मौजूद होते है . इस अर्क में ग्लूकोज के स्तर को कम करने वाला हाइपोग्लाइमिक प्रभाव पाया जाता है. इसी प्रभाव की वजह से तोरई को डायबिटीज नियंत्रित करने के लिए लाभकारी माना जाता है.
2. वज़न कम करने में-तोरई में पानी की मात्रा अधिक होती है साथ ही इसमें फायबर भी भरपूर होता है. यह वजन कम करने में सहायक होता है.
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3. त्वचा सम्बन्धी रोगों को दूर करने में-तोरई की पत्तियां त्वचा सम्बन्धी रोगों के उपचार के लिए काफी फायदेमंद होती है. ये कुष्ठ रोग में भी काफी उपयोगी है.इसकी पत्तियों को पीस कर इसमें लहसुन मिलकर लगाने से कुष्ठ रोग में लाभ मिलता है. इसकी पत्तियों को पीस कर मुहांसे और डेड स्किन जैसी समस्याओं से आसानी से राहत पायी जा सकती है.
4. गर्भवती महिलाओं और होने वाले शिशु के लिए भी है काफी फायदेमंद-तोरई के अंदर विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है. तोरई के अंदर फोलिक एसिड की उपस्थिति से बच्चे की रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है. इसे खाने से शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का भी निर्माण होता है. इसलिए ड्रॉक्टर गर्भावस्था के समय तोरई खाने की सलाह देते है.
5. piles में रहत- इसके फायबर कब्ज को मिटाकर बवासीर में आराम पहुंचाते हैं. तोरई के नियमित उपयोग से बवासीर( Piles )में बहुत लाभ होता है.
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6. असमय बाल सफ़ेद होने से रोकती है-तोरई हमारे स्वस्थ के साथ साथ बालों को असमय सफ़ेद होने से रोकने के लिए भी घरेलु नुस्खे की तरह काम करता है. इसके लिए तोरई को छिलके सहित काट कर सुखा लिया जाता है. इसे पीस कर पाउडर बनाया जाता है. इसे तेल में मिलाकर बालों में लगाने से बालों का सफ़ेद होना कम हो जाता है. ध्यान रहे-तोरई कफ तथा वात उत्पन्न करने वाली होती है. जरूरत से अधिक इसका सेवन करना हानिकारक हो सकता है. ब्लड प्रेशर वाले लोगो को तोरई नहीं खाना चाहिए.