शूटिंग के दौरान बेटी की तरह ख्याल रखते थे संजय दत्त- लिजा मालिक

साल 2002 में मिस दिल्ली और वुगी वुगी डांस रियलिटी शो को केवल 9 साल की उम्र मेंविजेता बनने वाली अभिनेत्री, मॉडल,सिंगर लिजा मालिक ने हर तरह की भूमिका निभाकर अपनी एक अलग पहचान बनाई. हालांकि उन्हें इस दौरान कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा, पर वह हर परिवेश में शांत और खुश रही. जब वह केवल 18 साल की थी उसके माता-पिता अलग हो गए, लेकिन उस परिस्थिति को भी उसने कभी अपने उपर हावी नहीं होने दिया और हिम्मत के साथ परिवार को सम्हाली. लिजा एक एक्ट्रेस ही नहीं, सिंगर और परफ़ॉर्मर हैं. इसके अलावा वह फिटनेस फ्रीक भी जानी जाती है. अभी लिजा मालिक की फिल्म तोरबाज़ रिलीज पर है, जिसमें उन्होंने एक अफगानी लड़की की भूमिका निभाई है. पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश.

सवाल-इस फिल्म में आपने संजय दत्त के साथ काम किया है, कैसा अनुभव रहा ?

उन्होंने इतने सालों से इंडस्ट्री में काम किया है, उनका अनुभव बहुत अधिक है. कैमरा एंगल से लेकर सेट पर कैसे सबसे बातचीत करनी है, कैसे किसी भी परिस्थिति को सम्हालनी है आदि सभी चीजो को नजदीक से सीखने का मौका मिला है. बड़े दिग्गज कलाकार के साथ काम करने पर ऐसी सभी बारीकियों को सीखने का अवसर मिलता है. मैंने ये भी सीखा है कि कितने भी बड़े कलाकार होने पर भी आपको ग्राउंडेड रहने की जरुरत है. वह अपने कला के प्रति बहुत पैशनेट है. मैंने एक महीने शूट के दौरान संजय दत्त के साथ समय बिताई है. इसके अलावा मैंने सीखा है कि कुछ भी हो जाय ,पर  पहले कला की रेस्पेक्ट के साथ तैयार कर, स्क्रीन के सामने आने की जरुरत होती है.  आजकल के बच्चों को लगता है कि कोई भी कलाकार बन जायेगा, पर ऐसा नहीं होता. हर काम के लिए तैयारी पहले से करना जरुरी है. उन्होंने मुझे अपनी बेटी की तरह ट्रीट किया, क्योंकि शूटिंग विदेश में थी और मैं सबके साथ सहजता से रहूं और काम करूँ. मैं अकेली लड़की सभी क्रू मेम्बर के साथ थी.कई बार शूटिंग में रात होने पर वे गाड़ी में मुझे मेरे निवास स्थान तक पहुंचाते थे.

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सवाल-तोरबाज़ किस तरह की फिल्म है?

ये पूरी फिल्म अफगानिस्तान पर आधारित है. वहां के बच्चों को क्रिकेट खेलना पसंद है. मेरे साथ सभी बच्चे रिफ्यूजी कैंप में रहते है. संजय दत्त एक्स मिलिट्री ऑफिसर है और वे कैसे बच्चों को क्रिकेट के लिए प्रोत्साहित करते है, ताकि वे टेरोरिस्ट न बने. ये पूरी लडाई सच और टेरोरिज्म की है. उसी पर आधारित है.

 

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सवाल-रियल लाइफ में भी बच्चे की सही दिशा निर्देश न होने की वजह से भटक कर गलत रास्ता पकड़ लेते है,इसमें किसकी जिम्मेदारी मानती है?

जिम्मेदारी असल में घर से ही शुरू होती है. उसके सही या गलत से परिचय बचपन में ही करवा देना चाहिए. इसके अलावा माता-पिता बनकर नहीं एक दोस्त बनकर बच्चे को पाले, तो उसे सब आसानी से समझ में आ जाता है. मेरा भाई बचपन से मेरे साथ पला-बड़ा है. आज वह सब कुछ में आगे है. सही मार्गदर्शन के लिए बच्चे को समझना बहुत जरुरी है.

सवाल-अभिनय में आने की बारें में कैसे सोचा?

बचपन से ही अभिनय की तरफ रूचि थी. नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में गई. मैं परिवार की इकलौती हूं जो एक्टर, सिंगर और परफ़ॉर्मर बनी. बचपन से मैंने श्रीदेवी के गाने देखकर बड़ी हुई हूं. मैं दिल्ली की हूं और वहां के थिएटर का माहौल में बड़ी हुयी. प्रोफेशनली इस क्षेत्र में आउंगी सोचा नहीं था, पर एक्टिंग करना तो था.

सवाल-आउटसाइडर होने की वजह से कोई समस्या आई?

नए शहर में जाने से उस शहर को पहचानने में समय लगता है. इंडस्ट्री को भी जानने में समय लगता है. ये सही है कि फिल्म इंडस्ट्री से होने से चीजे आसान हो जाती है. ब्रेक आसानी से मिलता है, लेकिन टेलेन्ट न होने पर काम नहीं मिलता. बहुत सारे ऐसे फ़िल्मी परिवार के लोग है, जिन्हें मौका तो मिला , पर टैलेंट न होने की वजह से आज वे घर बैठे है. उन्हें पहला पड़ाव आसानी से मिलता है, बस यही अंतर होता है.

 

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सवाल-पहली बार अभिनय की इच्छा के बारें में कहने पर परिवार की प्रतिक्रियां क्या थी?

बहुत डांट पड़ी. जब मैं 10 वीं में थी तो मुझे एक बड़ी फिल्म का ऑफर मिला था. पिता ने ऑफर लैटर फाड़ दिया था. घर में बहुत क्लेश हुआ था. उसके बाद तो माता-पिता ही अलग हो गए और मेरे लिए चीजे आसान हो गयी.

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सवाल-कोरोना कहर में इंडस्ट्री सबसे अधिक प्रभावित हुयी है, कैसे इसे पटरी पर लाये जाने की जरुरत है?

ये सही हैकि इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री बहुत अधिक प्रभवित कोरोना की वजह से हुयी है. अभी भी सबको डर लगा हुआ है. शूटिंग शुरू हुई है ,पर उसमें भी कई पाबंदियां है. मैंने भी शूट शुरू कर दिया है. सावधानियां बहुत लेनी पड़ रही है. आज या तो हम कोरोना से मरे या भूखमरी से. काम तो करना ही पड़ेगा. कुबेर का धन भी कुछ समय बाद ख़त्म हो जाता है. इस समय इम्युनिटी, फिटनेस और पौष्टिक आहार पर अब मैं पूरा धयान दे रही हूं, ताकि अंदर से मैं स्ट्रोंग रहूं.

सवाल-आप खुद को बहुत अधिक प्रमोट नहीं करती, इसकी वजह क्या है?

जरुरत पड़ने पर ही मैं सामने आती हूं. क्राफ्ट और कला की वजह से ही काम मिलता है. मैं पिछले 14 साल से मुंबई में हूं और इतना समझ चुकी हूं.

सवाल-लाइफ का टर्निंग पॉइंट क्या था?

मेरे लाइफ का टर्निंग पॉइंट 7 साल पहले एक म्यूजिक वीडियो ‘टिप-टिप बरसा पानी … था . इसके बाद काम मिलता गया और पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा.

सवाल-क्या आपने अपने लिए कुछ दायरा बनाया है?

मैंने कोई दायरा नहीं बनाया. ये करुँगी या वो नहीं करुँगी ये सब कभी नहीं सोचा, क्योंकि जिंदगी ऐसे नहीं चल पाती. केवल एक चीज, न तो किसी के बारें में गलत सोचो और न ही अपने साथ कुछ गलत होने दो, ये मैंने नानी और माँ से सीखा है.

सवाल-फिटनेस महिलाओं के लिए कितना जरुरी है?

नार्मल महिलाओं को भी कुछ न कुछ वर्कआउट करने की जरुरत है. मैंने कई लाइव सेशन भी लॉक डाउन में रखा था. दिन में एक घंटा हर महिला को अपने लिए निकालना चाहिए. जो भी उन्हें पसंद हो अपने हिसाब से उसे करते जाना चाहिए.

सवाल-आगे क्या-क्या कर रही है?

3 वेब सीरीज का काम है. दो गाने शूट कर रही हूं. एक फिल्म भी करने वाली हूं.

सवाल-इंडस्ट्री में आकर काम करने वालों को क्या मेसेज देना चाहती है?

इंडस्ट्री को कभी सीरियसली नहीं लेनी चाहिए, ताकि सफल न होने पर आप गलत कदम न उठा लें. काम मेहनत से करें, पर ये अपने लिए करें. अगर सफल न भी हो तो उसे साधारण तरीके से लें और कुछ दूसरा काम करने के बारें में सोचे. इसके अलावा सफलता को सिर पर चढ़ने न दें. हमें जीवन को एक सामंजस्य के साथ बिताने की जरुरत है, ताकि किसी भी प्रकार का तनाव हमारे जिंदगी में न आयें और खुश रह सकें. मैं तनाव आने पर कॉमेडी फिल्म देखती हूं और खूब हंसती हूं.

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