Winter Special: सर्द मौसम में सैरसपाटा

घूमनेफिरने वालों के लिए सर्दी का मौसम किसी सौगात से कम नहीं है. इस मौसम में विदेशी सैलानी भी भारत का रुख करते हैं, क्योंकि उन के लिए भारत की सर्दियां गुलाबी होती हैं. अगर आप का भी सैरसपाटे का मन है, तो निकल पडि़ए भारत के इन स्थानों का लुत्फ उठाने के लिए-

बर्फ से लदी घाटियों की सैर

पहले भले ही लोग सर्दियों में पहाड़ों पर घूमने जाने से कतराते थे पर अब वे लोग बेसब्री से सर्दियों का इंतजार करते हैं ताकि बर्फीली वादियों की सैर कर सकें. क्योंकि चाहे स्नोफाल का मजा लेना हो या बर्फ पर घूमना हो या फिर स्लेजिंग और स्कीइंग के खेल का मजा लेना हो यह सब तभी संभव हो पाएगा जब आप सर्दियों में बर्फीले पहाड़ों की सैर करने का मन बनाएंगे. आसमान से सफेद रुई जैसी बर्फ जब आप के शरीर से टकराती है, तो उस अनुभव को शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है. स्नोफाल की शुरुआत अकसर जनवरीफरवरी में होती है. हसीन वादियों का शहर शिमला : सर्दी हो या गरमी शिमला हर मौसम में सब का पसंदीदा हिल स्टेशन है. स्नोफाल देखने के लिए सब से पहले लोग शिमला का ही रुख करते हैं, क्योंकि यह दिल्ली से काफी करीब है और यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है. यहां का मौसम भी निराला है. यहां कुफरी और नारकंडा में जब स्नोफाल होता है तब शिमला का मौसम सुहाना होता है.

आप कुफरी और नारकंडा में बर्फ में खेलने के बाद शिमला के मौलरोड पर टहल सकते हैं. कुफरी और नारकंडा में स्नोफाल होने के बाद शिमला में स्नोफाल शुरू होता है. जो मजा यहां के मौलरोड और स्कैंडल पौइंट पर स्नोफाल देखने और बर्फ पर खेलने में आता है वह कहीं और नहीं आता. शिमला के आसपास जाखू मंदिर, कालीबाड़ी, वायसराइगल लौज, समर हिल आदि घूमने का भी अलग ही आनंद है. हनीमून डैस्टिनेशन कुल्लूमनाली :हिमालय का जो सौंदर्य व्यास नदी के तट पर बसे कुल्लूमनाली में दिखता है. वह शायद ही और कहीं देखने को मिले. एक ओर कलकल बहती व्यास नदी, तो दूसरी ओर आसमान को छूती पर्वतशृंखलाएं किसी को भी रोमांचित कर सकती हैं. तभी तो इसे हनीमून मनाने के लिए सब से आदर्श माना जाता है.

यहां भी जनवरी से हिमपात शुरू हो जाता है. सब से पहले रोहतांग दर्रे के पास हिमपात होता है और हिमपात होते ही यहां का मार्ग बंद हो जाता है. और फिर देखते ही देखते पूरा शहर बर्फ की चादर से ढक जाता है. वशिष्ठ मंदिर और हिडंबा मंदिर जाने के लिए भी बर्फ पर चलना पड़ता है. हिमाचल प्रदेश में मनाली के निकट सोलांग घाटी विंटर गेम्स के लिए आदर्श स्थान है. यहां की ढलानों की विशेषता है कि नौसिखिए सैलानी भी स्कीइंग का आनंद उठा सकते हैं. मनाली से सोलांग घाटी आसानी से जाया जा सकता है. नैनीताल में निहारें वाइल्ड लाइफ : नैनीताल में स्नोफाल का आनंद तो लिया ही जा सकता है, वाइल्ड लाइफ को भी काफी करीब से देखा जा सकता है. नैनीताल के नयनाभिराम दृश्य और पहाड़ों पर बिछी बर्फ की सफेद चादर इसे बेहद खूबसूरत बना देती है. इन्हीं पर्वतों के साए में बसा है नैनीताल का कार्बेट नैशनल पार्क, जो कई किलोमीटर में फैला है. यह उद्यान बाघों के लिए भी पहचाना जाता है. आज इस उद्यान में बाघों की संख्या काफी अधिक है. बाघों के अतिरिक्त यहां भालू, तेंदुए, जंगली सूअर, पैंथर, बारहसिंगे, नीलगाय, सांभर, चीतल, हाथी और कई अन्य जंतु भी देखे जा सकते हैं.

रामगंगा नदी उद्यान के मध्य से बहती है. यहां पक्षियों की 400 से अधिक प्रजातियां हैं. उन में मोर, बाज, वनमुरगी, तीतर, बया, उल्लू, अबाबील, बगला आदि को सैलानी आसानी से देख पाते हैं. सर्दियों में तो यहां प्रवासी पक्षी भी आ बसते हैं. रामगंगा के तट पर ऊदबिलाव, मगरमच्छ और जलगोह भी देखे जा सकते हैं.

कोल्ड टी दार्जिलिंग : दार्जिलिंग के चाय के बागान जितने खूबसूरत गरमियों के दिनों में दिखते हैं उस से कहीं ज्यादा आकर्षक तब दिखते हैं जब उन पर बर्फ की चादर पूरी तरह से बिछ जाती है. यहां सैलानियों को बर्फ पर खेलना काफी भाता है. बर्फीले रास्तों पर चल कर यहां के बौद्ध मठ एवं पर्वतारोहण संस्थान देखने का मजा ही कुछ और है.

सब से सुंदर कश्मीर : स्नोफाल की बात हो और कश्मीर को भुला दिया जाए, ऐसा तो हो ही नहीं सकता. इस मौसम में पूरा कश्मीर बर्फ से ढक जाता है. कश्मीर का गुलमर्ग देश का सब से पहला स्कीइंग डैस्टिनेशन है. इस खेल का लुत्फ उठाने आज भी यहां देशविदेश के हजारों सैलानी आते हैं. यहां आ कर गंडोले में बैठ कर ऊंची बर्फीली पहाड़ी ढलानों पर नहीं गए, तो कश्मीर दर्शन अधूरा समझिए. इस के अलावा पटनी टौप भी लोगों को काफी पसंद आता है.

करें रेगिस्तान का सफर

भरी गरमी में रेगिस्तान घूमने का आनंद नहीं उठाया जा सकता है. सर्दी के मौसम में रेत के ऊंचेऊंचे टीले, ठंडी हवा और दूर तक फैली रेत पर चलते ऊंटों के काफिले किसी का भी मन मोह लेंगे. यही वह मौसम है, जब आप मरुभूमि के ऐसे मनोरम दृश्यों को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं. राजस्थान का बहुत बड़ा क्षेत्रफल थार रेगिस्तान से घिरा हुआ है. यहां ऐसे बहुत से ठिकाने हैं, जहां सैलानी डैजर्ट हौलीडे मना सकते हैं. इन स्थानों की रेतीली धरती पर रेत के विशालकाय टीले यानी सैंड ड्यूंस देखना किसी रोमांच से कम नहीं है. इन्हें स्थानीय भाषा में रेत के टिब्बे या रेत के धोरे कहा जाता है. कैमल सफारी का मजा : बीकानेर शहर अपने किले, महल और हवेलियों के लिए पहचाना जाता है. राव बीकाजी द्वारा स्थापित इस के आसपास स्थित जूनागढ़ फोर्ट, लालगढ़ पैलेस, गंगा गोल्डन जुबली म्यूजियम, देवी कुंड, कैमल रिसर्च सैंटर आदि दर्शनीय हैं. बीकानेर के निकट सैलानी सैंड ड्यूंस की सैर भी कर सकते हैं. इस के लिए बीकानेर से कुछ किलोमीटर दूर गजनेर वाइल्ड लाइफ सैंक्च्युरी कटारीसर गांव जाना होता है.

रेगिस्तान की धरती का सही रूप देखना है तो कैमल सफारी सब से अच्छा और रोमांचक तरीका है. इन सभी नगरों में टूर औपरेटरों द्वारा कैमल सफारी की व्यवस्था की जाती है. ऊंट के मालिक पर्यटकों के लिए गाइड का काम करते हैं. कैमल सफारी का कार्यक्रम 2 दिन से 1 सप्ताह तक का बनाया जा सकता है. कैमल सफारी के दौरान मरुभूमि के ग्राम्य जीवन को करीब से देखने का अनुभव भी अनूठा होता है. सैलानियों को लुभाता जैसलमेर : राव जैसल द्वारा स्थापित यह ऐतिहासिक शहर सर्दियों में सैलानियों का पसंदीदा पर्यटन स्थल है. तपती धूप में सुनहरी रेत को देखना हो तो जैसलमेर की सैर करना बेहतर होगा. गोल्डन सिटी के नाम से पहचाने जाने वाले जैसलमेर में विशाल किला, सुंदर हवेलियां और शहर से कुछ दूर स्थित सैंड ड्यूंस सभी कुछ है. पीले पत्थरों से बने जैसलमेर फोर्ट को सोनार किला कहा जाता है. त्रिकूट पहाड़ी पर स्थित यह किला विशाल परकोटे से घिरा हुआ है. सोनार किले के अंदर कुछ सुंदर महल भी दर्शनीय हैं. राज परिवार के सुंदर महलों के अलावा यहां आम लोगों के घर भी हैं. शहर में भव्य हवेलियां भी पर्यटकों को आकर्षित करती हैं. इन में सब से आकर्षक पटवों की हवेली है. यह 7 मंजिला 5 हवेलियों का समूह है. जैसलमेर की गडीसर झील में बोटिंग का आनंद लिया जा सकता है.

सैलानियों के लिए यहां सब से बड़ा आकर्षण सम सैंड ड्यूंस है. यहां आप चाहे रेत पर पैदल घूमें या फिर ऊंट पर बैठ कर रेत के धोरों के बीच घूमने निकल पड़ें. लोद्रवा, कनोई, कुलधारा आदि गांवों के पास भी रेत के टीले देखे जा सकते हैं. इस के अलावा अगर आप राजस्थान जाएं तो जयपुर, जोधपुर और अजमेर शरीफ भी जरूर देखें. इन सब का अपना अलग आकर्षण है. इस के अलावा नागौर और चुरू के नजदीक भी रेत के टीलों को देखा जा सकता है. इन टीलों की खासीयत यह है कियहां के टीले तेज हवाओं के साथ अकसर स्थान बदल लेते हैं. इसलिए इन्हें शिफ्टिंग सैंड ड्यूंस भी कहा जाता है.

सागरतट पर ढूंढ़ें सन, सैंड और सर्फिंग

सागरतट लोगों को अपनी ओर आकर्षित न करे, ऐसा हो ही नहीं सकता और यह भारत ही है जहां एक ओर ऊंचे पहाड़ हैं, तो दूसरी ओर समुद्र के तट, जो इसे 3 ओर से घेरे हुए हैं. नंगे पैर समुद्र के किनारे पैदल चलने की कल्पना हर इंसान ने कभी न कभी की ही होगी. अगर आप का भी सपना समुद्र को अपने पैरों के नीचे लेने का कर रहा हो तो यह मौसम आप को बुला रहा है. इन दिनों समुद्री हवाएं और भी सुहानी लगती हैं और किनारे की सूखी रेत पर पैदल चलना भी सुखद लगता है. तभी तो सन, सैंड और सर्फिंग के शौकीन विदेशी पर्यटक भी इन दिनों भारत के सागरतटों पर नजर आते हैं.

गोवा की खूबसूरती : सुंदर सागरतटों का जिक्र आते ही सब से पहले, जो तसवीर हमारे जेहन में आती है वह है गोवा, जो अपनेआप में एक संपूर्ण पर्यटन स्थल है. यहां की लंबी तटरेखा पर करीब 40 मनोरम बीच हैं. कई ऐतिहासिक चर्च व प्राचीन मंदिर भी यहां हैं. वैसे तो पर्यटक राजधानी पणजी के समीप मीरामार बीच पर शाम को सूर्यास्त का शानदार नजारा देखना ज्यादा पसंद करते हैं पर अगर खूबसूरती की बात करें तो कलंगूट यहां का सब से सुंदर समुद्रतट है. दोना पाउला तट पर मोटरबोट की सैर और वाटर स्कूटर का रोमांचक सफर किया जा सकता है. अंजुना बीच पर बैठ कर लाल चट्टानों से टकराती लहरों को देखना भी अपनेआप में एक नया अनुभव होगा. यहां से कुछ दूर ही बागा बीच है. यहां सैलानी समुद्र स्नान का आनंद लेते हैं.

समुद्र किनारे बसा पुरी शहर : उड़ीसा के इस शहर का सुंदर, स्वच्छ, विस्तृत और सुनहरा सागरतट दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. दूर तक फैले सफेद बालू के तट पर बलखाती सागर की लहरों को देख कर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है. भीड़भाड़ भरे जीवन से परे जब सैलानी यहां पहुंचते हैं, तो स्वयं को उन्मुक्त महसूस करते हैं. समुद्र को छू कर आती हवाएं उन में नई ऊर्जा का संचार करती हैं. इसलिए पुरी के मनोरम बीच पर सुबह से शाम तक खासी रौनक रहती है. सुबह से दोपहर तक यहां समुद्र स्नान और सूर्य स्नान करने वालों की भीड़ रहती है, तो शाम को सूर्यास्त का नजारा देखने के लिए लोग यहां जुटते हैं. पुरी का यह बीच मीलों तक फैला है. शहर के निकट तट पर भारतीय सैलानी अधिक होते हैं, तो पूर्वी हिस्से में अधिकतर विदेशी सैलानी सनबाथ का आनंद ले रहे होते हैं. यहां हस्तशिल्प की वस्तुओं का हाट भी लगता है. इस की जगमगाहट पर्यटकों को शाम को यहां खींच लाती है. उस समय समुद्र की लहरों का शोर माहौल को संगीतमय बनाए रखता है. पुरी घूमने आए सैलानी विश्वविख्यात कोणार्क मंदिर भी देख सकते हैं. यूनेस्को की ओर से इसे विश्व धरोहरों की सूची में दर्ज किया जा चुका ह.

पर्यटक भुवनेश्वर, चिल्का झील और गोपालपुर औन सी सागरतट भी देखने जा सकते हैं.

कोवलम की छांव में : कोवलम बीच देश के सुंदरतम समुद्रतटों में से एक है. यह देश का ऐसा पहला तट है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सी बीच के रूप में विकसित किया गया है. इसलिए यहां विदेशी सैलानियों की संख्या भी काफी होती है.

कोवलम का सुंदर किनारा ताड़ और नारियल के वृक्षों से घिरा हुआ है. यहां 2 छोटीछोटी खाडि़यां हैं, जिन के कोनों पर ऊंची चट्टानें हैं. चट्टानों पर बैठ कर सैलानी मचलती लहरों का आनंद लेते हैं. तिरुअनंतपुरम में और भी कई दर्शनीय स्थान हैं. इन में शंखमुखम बीच, नेपियर संग्रहालय और श्री चित्र कलादीर्घा मुख्य हैं. चलें अंतिम छोर की ओर : तमिलनाडु के कन्याकुमारी की खूबसूरती को शब्दों में बयां करना मुश्किल है. यहां 3 सागरों के संगम के साथ सूर्योदय व सूर्यास्त का अनूठा नजारा देखा जा सकता है. यहां से श्रीलंका भी काफी करीब है. हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और प्रशांत महासागर यानी 3 अलगअलग रंगों के समुद्रों का नजारा इस के अलावा भारत में और कहीं नहीं देखा जा सकता है.

Winter Special: इन 4 प्लेस को चुनें विंटर डेस्टिनेशन

सर्दियां आ ही गईं हैं. कुछ ही दिनों में आपके सुबह की शुरूआत सूरज की किरणों के बजाए कोहरे से होने लगेगी. सर्दियों का मौसम ट्रेवल के नजरीए से बेहतरीन है. सर्दियों में आप बिना पसीना बहाए मिलों चल सकती हैं, थकान भी कम होती है. पहाड़ी इलाकें बर्फ की चादर ओढ़ लेते हैं और समुद्री इलाकों में भी सुकून महसूस होता है. जाड़ों की नर्म धूप और आंगन में लेटकर, गीत के यह लफ्ज ही काफी हैं सर्दियों की खूबसूरती बयां करने के लिए. अगर आप भी सर्दियों में विदेश जाने का प्लान बना रही हैं तो अपने प्लानिंग में इन शहरों को जरूर शामिल करिए.

1. एथेंस, ग्रीस

किसी भी हेरिटेज डेस्टीनेशन को एक्सप्लोर करने के लिए सर्दियों का मौसम बेस्ट है. चाहे वह प्राचीन एक्रोपोलिस शहर के पार्थेनन की खूबसूरत स्थापत्यकला हो या ज्यूस का प्राचीन मंदिर, एथेंस का इतिहास अद्वितीय है. गर्मियों के मुकाबले सर्दियों में ग्रीस की राजधानी में घूमना ज्यादा आसान है. आपको ज्यादा पैसे भी खर्च नहीं करने पड़ेंगे क्योंकि सर्दियों में टूरिस्ट की संख्या घट जाती है.

2. वेनिस, इटली

वेनिस, बस नाम ही काफी है. न जाने कितने ही लोग आधी दुनिया का सफर कर यहां की खूबसूरती को निहारने पहुंचते हैं. पानी के ऊपर बसे हुए इस शहर की अलग ही बात है. यहां का आर्किटेक्चर इस शहर को अलग पहचान देता है. पुराने जमाने के संरक्षित चर्च, शापिंग स्ट्रीट, वाकवे, कैफे. इंतजार किस बात का है, बस अपने हमसफर का हाथ थामिए और पहुंच जाइए वेनिस.

3. ट्रांसिलवेनिया, रोमानिया

रहस्य और प्रकृति की अनछुई खूबसूरती वाला शहर है ट्रांसिलवेनिया. यहां आपको मध्यकालीन यूरोप की झलक देखने को मिलेगी. यहां फगारस की पहाड़ियों में आपको अपनी जिन्दगी का सबसे यादगार रोड ट्रिप का मजा लेने का मौका मिलेगा वहीं कार्पेथियन की पहाड़ियों में तरह तरह के पेड़-पौधे और जानवरों से रूबरू होने का अवसर भी मिलेगा. वाइल्डलाइफ प्रेमियों के लिए तो कार्पेथियन स्वर्ग से कम नहीं है. ट्रांसिलवेनिया आकर ड्रेकुला का कासल देखना मत भूलिएगा.

4. कोपनहैगन, डेनमार्क

इस शहर का अलग ही मिजाज है. चाहे वह फैशन हो या आर्किटेक्चर या फिर म्यूजियम. यहां विश्व के सबसे जायकेदार रेस्त्रां भी हैं. चारों तरफ बर्फ की चादर और गर्म काफी आपको इस शहर को भूलने नहीं देंगे.

Friendship Day Special: दोस्तों के साथ जरूर जायें इन 9 जगह

कॉलेज के दिन यानी कि जेब में पैसे कम, पर आंखों में बड़े-बड़े सपने. पर मैनजमेंट भी तो तभी सही होती थी कम पैसों के साथ भी. और अब पैसें हैं तो अपने सपनों को पूरा करने के लिए ऑफीस के काम से छुट्टी नहीं.

पर अगर आप अभी अपने जीवन के इस खूबसूरत सफ़र से गुज़र रहें हैं, तो तैयार हो जाइए अपने ज़िंदगी के सबसे खूबसूरत सफ़र में कुछ यादगार पलों को जोड़ने के लिए. कॉलेज के दिनों में ही युवाओं में सबसे ज़्यादा उत्साह होता है, रोमांचक क्रियाओं का, रहस्यमय चीज़ों के बारे में जानने का, अपने खिलते हुए प्यार को और गहरा करने का. आज हम आपके इसी खूबसूरत सफ़र को यादगार बनाने के लिए, आपको लिए चलते हैं भारत के इन खूबसूरत जगहों पर जहां आप अपने पॉकेट की चिंता किए बिना अपने ज़िंदगी के सबसे बेहतरीन पलों को जी पाएंगे.

तो बैग पैक करिए और तैयार हो जाइए ज़िंदगी के सबसे खुबसूरत सफ़र के लिए.

1. मसूरी

हिमालय के उंचें-उंचें पहाड़ों को उंचाई से ही देखना कितना अद्भुत होगा ना? मसूरी में रस्सी से लटकी केबल कार से हिमालय की पर्वतों का सुरम्य दृश्य आपको मंत्रमुगध कर देगा. थोड़े देर के लिए आप पूरी दुनिया से दूर आकाश की सैर पर जा दुनिया के सबसे खूबसूरत अनुभव को क़ैद करिए अपने सबसे खूबसूरत दोस्तों के साथ.

2. चेल, शिमला

शिमला से लगभग 44 किलोमीटर दूर और सोलन से लगभग 45 किलोमीटर दूर चेल के सफ़र में आप प्रकृति की गोद में समा जाइए. प्रकृति के बीच पैदल यात्रा आपके ज़िंदगी का सबसे लुभावना पल होगा. अपने साथीयों के साथ खूब सारी बातें, प्रकृति की खूबसूरती और बस आपका खूबसूरत अनुभव,और क्या चाहिए ज़िंदगी से.

3. ऋषिकेश

कॉलेज के दिनों में किसी खतरनाक और रोमांचक कार्य को करने का उत्साह सबसे ज़्यादा होता है. अपने इसी उत्साह को पूरा करने के लिए चले चलिए ऋषिकेश की जलयात्रा में, रिवर राफ्टिंग करने और कैमरे में कैद करिए अपने साहस भरे इन खूबसूरत पलों को.

4. भरतपुर

पक्षियों से प्रेम किसे नहीं होता? हर बार जी चाहता है कि काश हमारे भी उनकी तरह पंख होते जिन्हें फैला जहां मर्जी होती, जब मर्जी होती उड़ चलते. पक्षियों के अपने इस प्रेम को और निखारने के लिए जाना ना भूलें राजस्थान के भरतपुर, पक्षी अभ्यारण्य में. उनके खूबसूरत पलों को अपने कैमरे में कैद कर अपने फोटोग्राफी के शौक को भी पूरा करिए.

5. रणथम्बोर वन्यजीव अभ्यारण्य

जंगल के राजा के सामने से दर्शन करने का सपना यहां आकर आपके लिए सपना नहीं रहेगा. अपने इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए निकल पड़िए राजस्थान के माधोपुर जिले के रणथम्बोर वन्यजीव अभ्यारण्य में.

6. चकराता

अपने कॉलेज के रोज की वही बोरिंग क्लासेस से अगर आप बोर हो चुके हैं और कहीं ऐसी जगह जाना चाहते हैं जहां बस आप और आपकी शांति और आपके दोस्तों के साथ कुछ सुहाने पल हों तो देर मत करिए, अभी ही निकल पड़िए चकराता की यात्रा के लिए. दुनिया भर के चहल पहल से दूर कम आबादी वाले इस क्षेत्र में जी भर के मज़े करिए दोस्तों संग.

7. जयपुर

जयपुर के रॉयल सफ़ारी में सफ़र कर अपने बचपन के सपने ‘एक राजसी ठाठ का अनुभव लेना हाथी की सवारी में’ को पूरा करिए और उनमें रंग भारिए. राजा महाराजाओं के बड़े-बड़े किलों में हाथी की सवारी करना आपके लिए शानदार राजसी अनुभव होगा.

8. रानीखेत

दोस्तों के साथ कैंम्पिंग करना कॉलेज के दिनों के विशलिस्ट में सबसे पहली विश होती है. इसी विश को पूरा करने के लिए रानीखेत से अच्छी जगह क्या हो सकती है. रानीखेत अपने जादुई नज़ारों और कैंमपिंग के लिए ही सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है.

9. प्रतापगढ़ फार्म्स

कॉलेज के दिनों में हर किसी का एक ग्रूप होता है. अपने इसी ग्रूप के साथ योजना बनाइए और निकल पड़िए प्रतापगढ़ फार्म्स की ओर जो दिल्ली से सिर्फ़ दो घंटे की दूरी पर है. हरे-हरे लहलहाते खेतों का नज़ारा, खेतों में काम करने का अनुभव, बचपन के देशी खेल जैसे खो-खो, कबड्डी, पिठ्ठू आदि के मज़े ले अपने बचपन के खूबसूरत पलों को फिर से वापस ले आइए.

Monsoon Special: सावन की बरसात में इन जगहों पर मनाएं रोमांटिक वेकेशन

बारिश, हरियाली, झूले, मिट्टी की सौंधी सी खुशबू, मेहंदी, बागों में खिले फूल, चिड़ियों का चहचहाना. यही तो है सावन की पहचान. सावन आते ही प्रकृति की अनोखी छटा बिखर जाती है. ऐसा लगता है मानो प्रकृति ने हरे रंग की चादर ओढ़ ली हो. बागों में झूले लग जाते हैं, लोग गीत गुनगुनाने लगते हैं, पेड़ों से आम लटक जाते हैं और रिमझिम बारिश से मौसम खुशनुमा हो जाता है. यह एक ऐसा मौसम है जिसमें रोमांस और रोमांच दोनों ही है. यह कहना गलत नहीं होगा की सावन एक ऐसा मौसम है जब प्रकृति का असल रूप और सुंदरता देखने को मिलती है.

जब बारिश की बूंदों को आप महसूस करती हैं तभी आपका मन पूरी तरह मस्ती में सराबोर हो जाता है. आप भी अगर ऐसी जगह जाना चाहती हैं जहां जाकर आप इस बेहतरीन मौसम का लुत्फ उठा सकें तो आज हम आपको भारत की ऐसी जगह बता देते हैं जहां जाकर आप सावन का मजा ले सकती हैं.

1. मेघालय

यदि आपको बारिश की फुहारें पसंद हैं तो आपके लिए मेघालय से अच्छी जगह हो ही नहीं सकती. पूरे साल बारिश होने की वजह से इसे ‘बादलों का निवास स्थान’ भी कहा जाता है. धरती पर सबसे ज्यादा नमी कहीं है तो वह मेघालय का चेरापुंजी ही है. यहां की हरियाली और पेड़-पौधों से टपकती बारिश की बूंदें आपका मन मोह लेगी.

2. गोवा

यूं तो गोवा बीचों के लिए जाना जाता है, लेकिन इस मौसम आप गोवा की असली प्राकृतिक खूबसूरती देख सकती हैं. बारिश के मौसम में अगर आप गोवा जा रही हैं तो मौलेम नैशनल पार्क और कॉटिगो सैंक्चुयरी जरूर जाएं. मौनसून के मौसम में गोवा गए और दूधसागर फॉल नहीं देखा तो क्या देखा. ऑफ सीजन होने के कारण आपके पॉकेट पर भी ज्यादा असर नहीं परेगा.

3. केरला

नदियों व पर्वत-पहाड़ियों से घिरा हुआ एक अनोखा पर्यटन स्थल केरला हमेशा ही सैलानियों को अपनी और खींचता रहा है. वर्षा ऋतु के समय इस जगह का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है. केरला में मॉनसून सीजन को ड्रीम सीजन के नाम से भी जाना जाता है.

4. लद्दाख

सिंधू नदी के किनारे बसा लद्दाख की वादियां, सुंदर झील, आसमान छूती पहाड़ियां हर किसी का मन मोह लेते हैं. मॉनसून में इन जगहों की खूबसूरती और आकर्षण और ज्यादा बढ जाता है. भारत में अगर आप स्वर्ग का दर्शन करना चाहती हैं तो लद्दाख जरूर जाएं.

5. द वैली ऑफ फ्लावर नेशनल पार्क

मॉनसून के मौसम में द वैली ऑफ फ्लावर नेशनल पार्क (उत्तराखण्ड)का परिदृश्य देख आप अभिभूत हो जाएंगी.सावन के मौसम में यहां विभिन्न प्रकार के 300 फूल देखना किसी उपलब्धि से कम नहीं है. दृश्य देखकर आपको लगेगा कि पार्क में कोई बड़ा चमकीला कारपेट बिछाया गया है.

6. कुन्नूर

कुन्नूर तमिलनाडु राज्य के नीलगिरि जिले में स्थित एक प्रसिद्ध एवं खूबसूरत पर्वतीय पर्यटन स्थल है. यहां की हरियाली और मनमोहक दृश्य पर्यटकों को खींच लाते हैं. यह स्थान मनमोहक हरियाली, जंगली फूलों और पक्षियों की विविधताओं के लिए जाना जाता है. यहां ट्रैकिंग और पैदल सैर करने का अलग ही आनन्द है.

मौनसून में इन शहरों के नजारे देखने लायक होते हैं इसलिए इस मौसम में यहां घूमने जाना फायदे का सौदा हो सकता है. बिना वक्त जाया किए आप भी इस मौसम में घूमने का प्लान बनाइए और अपने इस सावन को यादगार बनाइए.

Travel Special: प्रकृति का खूबसूरत तोहफा है ‘मालशेज घाट’

हर मौसम में खूबसूरत मालशेज घाट प्रकृति प्रेमियों, ट्रैकर्स, साहसिक पर्यटन प्रेमियों सभी को समान रूप से लुभाता है. शहर की हलचल से दूर मात्र साढ़े तीन घंटे की यात्रा के बाद अप्रतिम सौंदर्य से परिपूर्ण प्रकृति की गोद में स्वयं को पाना एक कौतूहलपूर्ण आश्चर्य लगता है, मगर मालशेज घाट की यही खासियत है. मुंबई से आधी दूरी तय करने के बाद से ही आप छोटे-छोटे झरने, जलप्रपात, हरे-भरे खेत, पर्वतश्रेणियां, काले अंगूर, केले आदि के फार्म, खूबसूरत जंगल व झील आदि का नजारा लेते हुए यहां पहुंचते हैं.

यह एक ऐसा पर्वतीय स्थल है, जहां किसी भी मौसम में जाइए आप प्रकृति के रंग-रूप देख मुग्ध हो जाएंगे और यहां की खूबसूरती में खो जाएंगे. मगर मॉनसून में यहां का सौंदर्य देखते ही बनता है, बादल आपके संग चलते हुए प्रतीत होंगे.

महाराष्ट्र के पुणे जिले के पश्चिमी घाटों की श्रेणी में स्थित है प्रसिद्ध मालशेज घाट. समुद्र तल से 700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मालशेज एक बेहद आकर्षक पर्वतीय पर्यटन स्थल है, जो आम पर्यटकों के अलावा प्रकृति प्रेमियों, हाईकर्स, ट्रैकर्स एवं इतिहासकारों को समान रूप से लुभाता है. वीकेंड या दो-तीन दिन की यात्रा के बाद आप कई महीनों तक अपने को तरोताजा महसूस करेंगे.

मालशेज घाट में ठहरने के लिए यहां सबसे ऊंचाई पर महाराष्ट्र पर्यटन विभाग का गेस्ट हाउस भी एक बेहतरीन जगह पर है. गेस्ट हाउस के परिसर में घूमते हुए आप पर्वतों एवं घाटियों के सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं. परिसर के पीछे अनेक हिल प्वाइंट, जैसे-कोंकण, वाटर रिवर्स प्वाइंट, हरिश्चंद्र प्वाइंट, कालू आई प्वाइंट, मालशेज प्वाइंट आदि बने हुए हैं और उसके पीछे सघन वन है. यहां से नीचे की ओर गहरी घाटियों को और मई से सितंबर महीनों में अनेक जलप्रपातों के सौंदर्य को निहारा जा सकता है.

मालशेज घाट और इसके आसपास भीम नदी प्रवाहित होती है. यहां की झीलों में और आसपास सफेद एवं नारंगी फ्लेमिंगो को देखना एक अनूठा अनुभव है, जो दूसरी जगह दुर्लभ है. इसी प्रकार और भी कई खूबसूरत प्रवासी पक्षी यहां की प्रकृति में रमने के लिए आते हैं. मालशेज घाट कोंकण और डक्कन के पठार को जोडऩे वाला सबसे पुराना मार्ग है, इसलिए यह विश्वास किया जाता है कि बौद्ध भिक्षुओं ने यहां थोड़ी दूरी पर स्थित लेनयाद्री में गुफा मंदिरों का निर्माण कराया.

मालशेज घाट के आसपास मात्र एक घंटे की ड्राइव के बाद कई आकर्षक स्थल हैं. इनमें अष्टविनायक मंदिर, शिवाजी की जन्म स्थली, नैने घाट, जीवधन और कुछ जल प्रपात प्रमुख हैं.

शिवनेरी

सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि भारत के इतिहास में भी शिवनेरी का विशेष स्थान है, क्योंकि यह महाराज शिवाजी की जन्मस्थली है. सैकड़ों खड़ी चट्टानी सीढ़ियां चढ़ने के बाद इस स्थान पर पहुंचना भी एक उपलब्धि है. यहां एक छोटा कमरा है, जहां शिवाजी का जन्म हुआ था. यहां पर उनका पालना सुरक्षित रखा गया है. इसे

कई लोग शिवाजी का मंदिर मानते हैं और एक तीर्थस्थल की तरह ही यहां भी कुछ लोग समूह में शिवाजी की जयकार करते हुए इतनी ऊंचाई तक पहुंचते हैं. शिवनेरी की बौद्ध गुफाएं तीसरी सदी की हैं.

हरिश्चंद्रगढ़

ट्रैकिंग के लिहाज से हरिश्चंद्रगढ़ का अपना महत्व है. यह काफी लंबा और कठिन ट्रैक भी है, इसलिए गर्मियों में यहां ट्रैकिंग नहीं करें, तो बेहतर होगा. यहां की ट्रैकिंग के लिए खिरेश्वर गांव उपयुक्त बेस माना जाता है. इसके अलावा, पचनाई और कोठाले को भी बेस बनाया जा सकता है.

जीवधन

जीवधन भी एक कठिन ट्रैकिंग रूट है. प्राचीन काल में नैनेघाट एक प्रमुख व्यापारिक मार्ग था और सुरक्षा की दृष्टि से यहां किलों का निर्माण किया गया था. यह क्षेत्र जीवधन, हदसर, महिषगढ़ और चावंड से सुरक्षित किया गया था. जीवधन वंदारलिंगी के कारण भी प्रसिद्ध है.

पिपलगांव जोग बांध

इस रमणीय स्थल में विविध सुंदर प्रवासी पक्षियों को देखने का मौका मिलता है. धवल नदी और घने वन से सुसज्जित यह स्थान पक्षी प्रेमियों के लिए बेहतरीन है.

कैसे पहुंचे?

रेलवे स्टेशन- मुंबई-कल्याण-घाटघर-मालशेज निकटतम रेलवे स्टेशन कल्याण (90 किमी.), थाणे (112 किमी.), पुणे (116 किमी.)

निकटतम हवाई अड्डा- पुणे (116 किमी.), मुंबई (136 किमी.)

प्रमुख शहरों से दूरियां- थाणे (112 किमी.), नवी मुंबई (130 किमी.), पुणे (116 किमी.), मुंबई (136 किमी.)

कब जायें?

उपयुक्त मौसम यहां की खासियत है कि पूरे साल खुशनुमा मौसम रहता है, मगर जून से सितंबर तक यहां घूमने का अलग ही रोमांच है.

Monsoon Special: इस बारिश के मौसम में कहिए ‘आमची मुंबई’

वैसे तो मुंबई में मॉनसून सीजन की शुरुआत जून में ही हो जाती है लेकिन इसका असर अगस्त-सितंबर तक रहता है. इस दौरान मुंबई के मौसम का बदलाव आपके अंदर एक नई ताजगी भर देता है.

1. मरीन ड्राइव

भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई के मरीन ड्राइव का इतिहास बहुत ही पुराना है. कॉनक्रीट से बने इस सड़क का निर्माण 1920 में हुआ. समुद्र के किनारे तीन किलोमीटर के क्षेत्र में बनी यह सड़क दक्षिण मुंबई की खूबसूरती का केंद्र है. मानसून के मौसम में यहां आना हर किसी के लिए यादगार सपने जैसा होता है. इस मौसम में दुनियाभर के अधिकतर पर्यटक मरीन ड्राइव पर चहल-कदमी करते नजर आते हैं. यहां का खास आकर्षण समुद्र की उठती-गिरती लहरें हैं जो लोगों को खूब लुभाती हैं. मरीन ड्राइव, नरीमन प्वाइंट से लेकर चौपाटी से होते हुए मालाबार हिल तक के क्षेत्र में है. आप मुंबई की लोकल ट्रेन पकड़कर इस जगह का लुत्फ उठा सकते हैं.

2. गेटवे ऑफ इंडिया

मुंबई को जिस ऐतिहासिक स्मारक के लिए सबसे अधिक जाना जाता है वह है गेटवे ऑफ इंडिया. यह स्मारक दक्षिण मुंबई के अपोलो बन्दर क्षेत्र में अरब सागर के बंदरगाह पर स्थित है. ब्रिटिश राज के दौरान निर्मित यह स्मारक हमेशा से ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है. वैसे तो यहां पूरे साल भीड़ रहती है लेकिन मॉनसून के दौरान इस जगह पर लोगों की खासी हलचल देखी जा सकती है. गेटवे ऑफ इंडिया पहुंचने के लिए आपको चर्च गेट रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा.

3. हाजी अली दरगाह

मुंबई में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली जगहों में हाजी अली की दरगाह भी है. इसी दरगाह में सैयद पीर हाजी अली शाह बुखारी की मजार है जिसकी स्थापना 1431 में की गई थी. हाजी अली की दरगाह मुंबई के वरली तट के निकट स्थित एक छोटे से टापू पर स्थित है जिसकी खूबसूरती का नजारा दूर से भी देखा जा सकता है. यहां पहुंचने के लिए आपको मुंबई के लोकल ट्रेन से महालक्ष्मी मंदिर के रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा.

4. वरली सी-फेस

जब मॉनसून अपने चरम पर होता है उस समय वरली सी-फेस का माहौल देखते ही बनता है. यहां का हाई टाइड पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है. आप यहां ट्रेन या बस से आराम से पहुंच सकते हैं.

5. जुहू बीच

बांद्रा से लगभग 30 मिनट की दूरी पर स्थित जुहू बीच मुंबई शहर का सबसे प्रसिद्ध तट है. यह जगह मुंबई और बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए पहली पसंद है. यह जगह पाव भाजी के लिए पूरे विश्वभर में विख्यात है. मानसून के दिनों में इस जगह पर लोगों की खासी भीड़ देखी जा सकती है. मानसून में जुहू के टॉप होटल पर्यटकों को कई तरह की छूट भी देते हैं. मुंबई के लोकल ट्रेन से बांद्रा वेस्ट रेलवे स्टेशन पहुंचकर आप इस जगह से रूबरू हो सकते हैं.

Monsoon Special: मौनसून ट्रैवल के दौरान अपनाएं ये 6 टिप्स

क्या आप भी बारिश के मौसम में खुलकर इंज्वाय करना चाहती हैं और अलग-अलग डेस्टिनेशन्स पर घुमक्कड़ी करने का एक भी मौका नहीं छोड़ना चाहतीं. ऐसे में अगर आप मौनसून के दौरान ट्रैवल प्लान्स बना रही हैं तो इन जरूरी बातों का रखें ध्यान.

1. ध्यान से चुनें डेस्टिनेशन

अगर आप बीच पर घूमने के शौकीन हैं, तो बारिश में इसका मजा नहीं ले पाएंगे क्योंकि बीच के आसपास आपको कीचड़ मिलेगा, जिससे आप वहां पूरी मस्ती नहीं कर पाएंगे. मौनसून के दौरान घूमने निकलने वालों को अडवेंचर ऐक्टिविटीज जैसे ट्रेकिंग और रिवर राफ्टिंग से बचना चाहिए. कई डेस्टिनेशंस पर मौनसून में भी आपको गर्मी की मार झेलनी पड़ सकती है और लैंडस्लाइड के खतरे की वजह से हिल स्टेशन्स पर जाना भी रिस्की हो जाता है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही अपना मौनसून डेस्टिनेशन चुनें.

travel in hindi

2. कपड़े होने चाहिए वेदर फ्रेंडली

अगर आप बारिश के मौसम में सफर कर रहे हैं तो इस बात की संभावना है कि कभी न कभी आप बारिश के भीग जाएंगे, लिहाजा लूज फिटिंग वाले और हल्के कपड़े साथ लेकर जाएं. खासकर सिंथेटिक कपड़ों को तरजीह दें जो कौटन कपड़ों की तुलना में जल्दी सूख जाते हैं और आपको परेशानी भी नहीं होगी. इसके अलावा भारी जींस और स्कर्ट की जगह टौप और शार्ट्स को मौनसून ट्रैवल के दौरान तरजीह दें.

beauty

3. छाता और रेनकोट है मस्ट

बारिश के दौरान ट्रैवल कर रहे हों तो सबसे जरूरी चीज जो आपके पास होनी चाहिए वह है छाता और रेनकोट ताकि आप बारिश में भींगने से बच जाएं. कभी-कभार बारिश में भीगना सभी को अच्छा लगता है लेकिन हर दिन बारिश में भीगने से आपकी तबीयत खराब हो सकती है और फिर ट्रिप का मजा खराब हो सकता है इसलिए अपने साथ छाता और रेनकोट दोनों चीजें रखें.

4. ऐसे होने चाहिए आपके जूते

बारिश के मौसम में जगह-जगह कीचड़ और फिसलन की वजह से गिरने का डर रहता है लिहाजा कंफर्टेबल सैंडल्स या फिर ऐसे शूज चुनें जिसका सोल अच्छा हो. इसके अलावा वेलिंगटन बूट्स या गमबूट्स भी बारिश के मौसम के लिए परफेक्ट हैं. साथ ही एक लाइटवेट स्नीकर भी साथ रखें. लाइट कलर के न्यू शूज इस्तेमाल करने से बचें क्योंकि यह कीचड़ लगकर गंदे हो जाएंगे.

travel in hindi

5. वेदर न्यूज पर रखें नजर

वैसे तो मौनसून के दौरान यात्रा करना मजेदार और रोमांचक हो सकता है लेकिन कई बार भारी बारिश की वजह से कई जगहों पर जलजमाव और बाढ़ जैसी परिस्थितियां भी बन जाती हैं और उन जगहों पर यात्रा करना खतरनाक हो सकता है लिहाजा आप जहां जाने वाले हैं उस जगह की वेदर रिपोर्ट पर जरूर नजर रखें.

6. जरूरी दवाइयां साथ रखें

बारिश के मौसम में अक्सर पानी और कीचड़ की वजह से मच्छर और कीड़े-मकोड़े ज्यादा पनपने लगते हैं जिससे बीमारियों का खतरा रहता है. ऐसे में मौस्क्यूटो रेप्लेंट के अलावा मच्छरों से बचाने वाली क्रीम या पैच भी साथ रख सकते हैं. इसके अलावा बारिश में होने वाली कुछ सामान्य बीमारियों से बचने के लिए जरूरी दवाइयां भी साथ रखना न भूलें.

Travel Special: भीड़-भाड़ से दूर जाना हो तो यहां जाएं

क्या आप भाग-दौड़ भरी जिन्दगी से परेशान हो गई हैं और कुछ दिन सूकून से गुजारना चाहती हैं? तो गांव से अच्छा और क्या होगा? आपको देश के सबसे कम आबादी वाले गांवों को जरूर देखना चाहिए. अगर आप ट्रेकिंग का भी शौक रखती हैं तो आपके लिए तो यह सबसे गांव बेस्ट डेस्टीनेशन हैं. ये गांव टूरिस्ट और यात्रियों की भीड़-भाड़ से भी अनछुए हैं. कहीं तो बस 250 लोग ही रहते हैं.

1. सांकरी, उत्तराखंड

आबादी: 270

ट्रेकिंग के शौकिनों और पर्वतारोहियों के बीच यह गांव मशहूर है. संकरी गांव के बाद हर की दून और केदारकांथा ट्रेक शुरू हो जाता है. यह टूरिस्ट की भीड़-भाड़ से दूर बसा एक शांत गांव है. इस गांव में 77 घर है जिसमें से कई घरों में आप ठहर सकती हैं.

2. हा, अरुणाचल प्रदेश

आबादी: 289

अरुणाचल प्रदेश की खूबसूरती का तो कोई जवाब ही नहीं है. पर ‘हा’ गांव आकर आपको शांति मिलेगी. 5000 फीट की ऊंचाई पर बसा है कुरुंग कुमेय जिले के लोंगडिंग कोलिंग (पिपसोरंग) में आदिवासी गांव ‘हा’. यहां से ‘ओल्ड जिरो’ बेहद पास है. कुदरत को महसूस करने के अलावा आप ‘हा’ गांव के पास ही मेंगा गुफाओं में भी जा सकते हैं.

3. शांशा, हिमाचल प्रदेश

आबादी: 320

किन्नोर हिमाचल का बेहद खूबसूरत पर बहुत कम चर्चित इलाका है. यहां बसे हर गांवों की आबादी भी बहुत कम है. ऐसा ही एक गांव है ‘शांशा’ जो कैलोंग से बस 27 किमी की दूरी पर है. तांदी-किश्तवार रोड से सटे इस गांव में केवल 77 घर हैं. आमतौर पर यहां ट्रेवेलर्स आराम करने के लिए रुकते हैं और 1-2 दिन बिताकर चले जाते हैं.

4. गंडाउलिम, गोवा

आबादी: 301

गोवा के किसी क्षेत्र की इतनी कम आबादी? चौंकिए मत, यह सच है. गोवा के मशहूर बीच घूम कर अगर आप ऊबने लगे तो यहां का रुख कर सकती हैं. राजधानी पंजीम से 15 किमी की दूरी पर बसा है यह गांव. इस गांव से पास ही बहते कम्बुरजुआ कनाल में आप मगरमच्छ भी देख सकती हैं.

तो इंतजार किस बात का है. ऑफिस से छुट्टी लीजिए और सूकून का रुख करिए.

ये भी पढे़ं- Summer Special: कम बजट और टाइम में घूमे इन 6 जगह

Summer Special: कम बजट और टाइम में घूमे इन 6 जगह

खुद को तरो-ताजा और खुश रखना चाहते हैं तो महीने में कम-से-कम एक बार किसी ट्रीप पर ज़रूर जाएं और जिंदगी से खुद को आराम दे. बहुत सारी ऐसे जगह हैं जो फन और ऐचवेंचर से भरपुर हैं जैसे ट्रैकिंग, रिवर राफ्टिंग. जहां आप एक से दो दिन के अंदर जाकर वापस आ सकते हैं.

1. आगरा

आगरा, शाहजहां के बनवाए खूबसूरत इमारत ताज महल के लिए प्रसिद्ध हैं. यह शहर यमुना नदी के किनारे बसा हुआ है. प्रेम के प्रतीक इस स्मारक का दीदार करने एक साल में करीब 20 से 40 लाख तक देशी-विदेश पर्यटक आते हैं.

2. उदयपुर

राजस्थान का यह शहर उदयपुर जो झील के किनारें बसा हुआ है. चारों ओर पहाड़ों से घिरा हुआ यह शहर टूरिस्ट का मन मोह लेता है. खूबसूरती के कारण उदयुपर को वेनिस ऑफ ईस्ट भी कहा है. यहां का मुख्य आकर्षण रणकपुर के जैन मंदिर, सिटी पेलेस, पिछोला झील, जयसमंद झील आदि.

3. देहरादून

देहरादून की प्राकृतिक सुंदरता और पहाडिय़ों से घिरा शहर अपनी विरासत और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है. यहां के लोग गहरी आस्थाओं से जुड़े हुए हैं. पशु-पक्षी प्रेमियों के लिए भी आकर्षक है जो दूर से ही टूरिस्ट को लुभाता है. यहां राफ्टिंग, ट्रेकिंग आदि का भरपूर आनंद उठा सकते हैं. इसके आलावा अगर आप खेलों के शौक़ीन हैं तो यहां आपके लिए बेहद रोमांचक खेल भी उपलब्ध हैं.

4. जयपुर

राजस्थान का गुलाबी शहर जयपुर जो अपने विशाल किलों और महलों के लिए प्रसिद्ध है. जयपुर में होने वाले त्यौहारों में आधुनिक जयपुर साहित्य स मेलन से लेकर पारंपरिक तीज और काइट फेस्टीवल भी हैं. गर्मियों में जयपुर का मौसम बहुत गर्म रहता है और तापमान लगभग तक 45 डिग्री हो जाता है. यहां घूमने आने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का होता जब तापमान लगभग 8.3 डिग्री तक गिर जाता है.

5. मसूरी

कुदरत का अनमोल खजाना मसूरी जिसे पहाड़ों की रानी के नाम से भी जाना जाता हैं. उत्तराखंड राज्य में स्थित मसूरी देहरादून से 35 किमी की दूरी पर स्थित हैं, जहां लोग बार-बार आना पंसद करते हैं. मसूरी अपने खूबसूरती के लिए काफी प्रसिद्ध हैं. यहां के कुछ फेमस जगह जैसे- मसूरी झील, संतरा देवी मंदिर, गन हिल, केम्पटी फॉल, लेक मिस्ट ट्रीप को यादगार बनाते हैं.

6. नैनीताल

नैनीताल, उत्तराखंड का एक बहुत ही फेमस टूरिस्ट प्लेस है. नैनी शब्द का अर्थ है आंखें और ताल का अर्थ है झील. नैनीताल को झीलों के शहर के नाम से भी जाना जाता है.बर्फ से ढ़के पहाड़ों के बीच बसा यह स्थान झीलों से घिरा हुआ है. अगर आपको मन की शांति चाहिए तो नैनीताल की हसीन वादियों में रोमांचक समय बिता सकते हैं. यहां रिवर राफ्टिंग, ट्रेकिंग, रोपवे और बोटिंग का भरपूर मज़ा उठा सकते हैं.

ये भी पढ़ें- Summer Special: ओडिशा की नेचुरल खूबसूरती

Summer Special: ओडिशा की नेचुरल खूबसूरती

भारत में कुछ पर्यटन स्थल ऐसे हैं जो अपनी संस्कृति व विरासत के मामले में अनूठे हैं. ओडिशा राज्य उन्हीं में से एक है. आप को जान कर हैरानी होगी कि ओडिशा के 3 प्रमुख दर्शनीय स्थल मितरकर्णिका वन्यजीव अभयारण्य, चिलका झील तथा ऐतिहासिक शहर भुवनेश्वर को संयुक्त राष्ट्र वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन यानी यूनेस्को की ऐतिहासिक धरोहरों की सूची में शामिल किया गया है.

एक ओर जहां ओडिशा का लहलहाता हरित वन आवरण फलफूलों तथा पशुपक्षियों की व्यापक किस्मों के लिए मेजबान का काम करता है वहीं वहां चित्रलिखित सी पहाडि़यों तथा घाटियों के मध्य अनेक चौंका देने वाले प्रपात तथा नदियां हैं जो विश्वभर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. 500 किलोमीटर तटरेखा वाले ओडिशा में जहां बालेश्वर तट, चांदीपुर तट, कोणार्क तट, पारद्वीप तट, पुरी तट हैं जो उत्तर भारत के पर्यटकों को नया अनुभव देते हैं वहीं प्राकृतिक सौंदर्य, लहलहाते हरित वन आवरण, फलफूलों तथा पशुपक्षियों की मेजबानी करते अभयारण्य, जैसे नंदन कानन अभयारण्य, चिलका झील पक्षी अभयारण्य हैं, जो वनस्पतियों और जीवजंतुओं को कुदरती वातावरण में फलनेफूलने का मौका देते हैं.

चिलका झील

एशिया की सब से बड़ी खारे पानी की झील चिलका सैकड़ों पक्षियों को आश्रय  देने के साथसाथ भारत के उन कुछेक स्थानों में से है जहां आप डौल्फिन का दीदार भी कर सकते हैं. राज्य के समुद्रतटीय हिस्से में फैली यह झील अपनी खूबसूरती एवं वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध है. अफ्रीका की विक्टोरिया झील के बाद यह दूसरी झील है, जहां पक्षियों का इतना बड़ा जमघट लगता है. चिलका झील ओडिशा की एक ऐसी सैरगाह है जिसे देखे बिना ओडिशा की यात्रा पूरी नहीं हो सकती. सूर्य की किरणें व झील के ऊपर मंडराते बादलों में परिवर्तन के साथ यह नयनाभिराम झील दिन के हर पहर में अलगअलग रूप व रंग में नजर आती है.

फूलबानी

पूर्वी भारत के मध्य ओडिशा राज्य में बसा फूलबानी शहर प्राकृतिक दृष्टि से काफी खूबसूरत स्थान है. चारों ओर पहाड़ों से घिरे फूलबानी के 3 ओर पिल्लसंलुकी नदी बहती है. फूलबानी, कंधमाल जिले का मुख्यालय है जहां आ कर पर्यटकों को सुकून मिलता है. भीड़भाड़ से दूर इस इलाके में अपूर्व शांति है. पहाडि़यों की चोटियों से फूलबानी का विहंगम दृश्य दिखाई देता है. यहां सितंबर से मई के बीच कभी भी जाया जा सकता है. भुवनेश्वर यहां का निकटतम हवाई हड्डा है जबकि बहरामपुर निकटतम पूर्वीय तटीय रेलवेलाइन पर स्टेशन है जो भारत के मुख्य नगरों से जुड़ा हुआ है.

ओडिशा का कंधमाल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथसाथ हस्तशिल्प के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां के दरिंगबाड़ी को ओडिशा का कश्मीर कहा जाता है. दिलोदिमाग को तरोताजा करने के लिए यह नगर श्रेष्ठ है. यहां का वन्य जीवन, पहाड़ व झरने पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.

फूलबानी से 98 किलोमीटर दूर कलिंग घाटी है. इस घाटी के पास ही दशमिल्ला नामक स्थान है जहां पर सम्राट अशोक ने कलिंग का प्रसिद्ध युद्ध लड़ा था. यह घाटी सिल्वी कल्चर गार्डन व आयुर्वेदिक पौधों के लिए भी जानी जाती है.

चंद्रभागा समुद्री तट

ओडिशा का चंद्रभागा समुद्री तट सैरसपाटे, नौका विहार व तैराकी के लिए बेहतरीन जगह है. अगर आप अपने कुछ खास पलों को खूबसूरत यादगार का रूप देना चाहते हैं तो यहां जरूर आएं. कोणार्क का प्रसिद्ध सूर्य मंदिर जिसे वहां से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस तट पर वार्षिक चंद्रभागा मेला लगता है. इस दौरान यह तट पर्यटकों, रंगों व प्रकाश से जीवंत हो उठता है. यहां पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा भुवनेश्वर है. इस के अतिरिक्त यह पुरी, कोलकाता, दिल्ली, अहमदाबाद, विशाखापट्टनम आदि शहरों के रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है.

ये भी पढ़ें- चेक भरते समय न करें ये 5 गलतियां

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें