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सवाल-
मैं 42 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. पिछले कुछ महीनों से सीढि़यां चढ़ने में मेरी सांस बहुत फूलने लगती है. मैं क्या करूं?
जवाब-
सांस फूलने का मतलब है कि शरीर को पर्याप्त मात्रा में औक्सीजन नहीं मिल पा रही है, जिस से फेफड़ों पर दबाव पड़ता है और वे औक्सीजन पाने के लिए सांस की गति को बढ़ा देते हैं. सांस फूलने की समस्या कई कारणों से हो सकती है जिन में मोटापा, हृदयरोग, शरीर में पानी की कमी, श्वसनतंत्र से संबंधित समस्याएं जैसे छाती का संक्रमण, ब्रोंकाइटिस, सांस की नली में रुकावट, अस्थमा, फेफड़ों का कैंसर आदि. इस के उपचार के लिए इस का कारण जानना बहुत जरूरी है. आप किसी डाक्टर को दिखाएं. अगर समय रहते इस समस्या का उपचार नहीं किया जाए तो यह घातक हो सकती है.
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पहले तो हार्ट अटैक बड़ी उम्र के लोगों में देखा जाता था पर पिछले 2 सालों से कम उम्र के युवा इसका शिकार होने लगे हैं. स्टडी है कि हर मिनिट में 3 से 4 भारतीय जिनकी उम्र 30 से 50 के मध्य है वो एक सीवियर हार्ट अटैक से गुजरते हैं .साउथ एशिया के लोग अन्य किसी भी जगह के लोगों की अपेक्षा ज्यादा हार्ट अटैक झेलते हैं .क्योंकि ये हाई ब्लड प्रेशर, टाइप टू डायबिटीज और बढ़े कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित होते हैं.आखिर क्या कारण है कि युवा इतनी कम उम्र में दिल के मरीज़ हो जा रहे हैं तो आइए इसके कारण जानते हैं.
मानसिक तनाव –
आजकल युवा मानसिक रूप से अधिक परेशान होते हैं .धैर्य की कमी और काम के दौरान य्या उसकी वजह से होने वाले तनाव के कारण एंग्जायटी डिसऑर्डर होंना एक आम समस्या हो गई है .एंग्जायटी के कारण स्ट्रेस के लिए जिम्मेदार हार्मोन कार्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है जिस से हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है.
लाइफ स्टाइल –
आजकल के युवाओं की जीवन शैली बहुत ही अलग हो गई है जिसके कारण उन्हें कईं बीमारियों का सामना करना पड़ता है जिनमे हार्ट अटैक भी एक है. देर रात तक जागना और काम करना सुबह सुबह सोना ये सब हाइपरटेंशन को बढ़ा देता है जिस से हार्ट अटैक की संभावना को बढ़ जाती है.बहुत देर तक फिजिकल वर्क नहीं करना भी सेहत पर विपरीत प्रभाव डालता है.आजकल समय की कमी के कारण चलना फिरना न के बराबर हो गया है.एक्सरसाइज नहीं करने से डायबिटीज और ओबेसिटी का खतरा बढ़ जाता है.जब ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ता है तो क्लॉट होने के चांस बढ़ जाते हैं जिस से हार्ट अटैक आ सकता है.ये आर्टरीज की दीवारों में सूजन का कारण बनता है जिस से हार्ट अटैक हो सकता है. घर से आफिस गाड़ी में जाना और वहाँ भी बैठे हुए काम करना भी सेहत के लिए हानिकारक है.वैसे ही हमारे देश को डायबिटीज कैपिटल के रूप में जाना जाता है.
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