अकेली होने का कारण चाहे कोई भी हो यानी अविवाहित हों, तलाकशुदा हों या फिर विधवा यदि आर्थिक रूप से सक्षम हैं तो अपनेआप को खुशहाल ही मानें. इतने वर्षों का अनुभव है आप के पास. यही वक्त है जब आप अपने दम पर सही निर्णय ले कर अपने जीवन को खुशहाल बना सकती हैं, खुद को पहचान कर दुनिया में अपनी पहचान बना सकती हैं. आर्थिक रूप से सक्षम न भी हों तो भी घबराने की आवश्यकता नहीं. आप स्वतंत्र हैं. अपने अनुकूल काम कर कमाई कर सकती हैं. अपना रूटीन तय कर सकती हैं कि आप अपना समय अपने ढंग से कैसे व्यतीत करना चाहती हैं. कैसे खुश रह सकती हैं. बस इस के लिए टाइम मैनेजमैंट जरूरी है यानी जिंदगी में अपार खुशियां पाने के लिए सकारात्मक सोच और समय प्रबंधन बेहद जरूरी है.
सदैव कुछ अच्छा सीखने की ललक और इंसानी जज्बा अपने व्यक्तित्व में ढाल लें. अपनी सोच, अपना नजरिया सकारात्मक रखते हुए निम्न मुख्य बातों के लिए समय प्रबंधन अवश्य करें:
– काम का समय.
– सेहत का समय.
– शौक का समय.
– पड़ोसियों, रिश्तेदारों व दोस्तों का समय.
– मनोरंजन का समय.
– सामाजिक कार्यों का समय.
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इन में सब से पहला है कामकाज का समय. यदि आप नौकरी, व्यवसाय अथवा अन्य किसी पेशे में हैं तो उस के लिए समय पहले ही निर्धारित हो. बेहतर हो उस की तैयारी का समय भी आप अवश्य निर्धारित कर लें जैसे क्या पहनना व ले जाना है, ये सब पहले ही तैयार रखें. जरूरी पेपर, फाइल, फोटोकौपी इत्यादि. यदि काम न करती हों और आर्थिक स्थिति सही न हो तो अपने अनुरूप कोई काम अवश्य पकड़ लें या छोटामोटा व्यवसाय ही कर लें ताकि आप का समय और घर दोनों ही सुव्यवस्थित हो सकें.
खुद के लिए समय
फिर आते हैं घरबाहर के काम. रोज के काम यानी खाना बनाना, गमलों, कूलर में पानी डालना, राशनसब्जी लाना या मंगाना, साफसफाई करनाकराना, बिल जमा करना, बैंक जाना आदि. इन के लिए भी समय तय करें. चौबीसों घंटे न लगी रहें ताकि आप अपनी अन्य जरूरतों के लिए भी समय निकाल सकें.
सुबह 1 घंटा सेहत को देना आप को पूरा दिन स्फूर्तिमय रखेगा. नियमित जो भी अनुकूल लगे व्यायाम अवश्य करें और सारे दिन के लिए चार्ज हो जाएं. स्वस्थ मनमस्तिष्क, शरीर होगा तो आप खुश रहेंगी. सकारात्मक ऊर्जा हमें अच्छा और सही कार्य करने में सहयोग करती है, यह सब को पता है.
हौबी यानी शौक के लिए भी समय रखना जिंदगी के लिए बेहद जरूरी है. एक व्यक्ति अपने जीवन में कोई न कोई शौक जरूर रखता है, जिस में वह अपने सारे दुखदर्द भूल कर खुशी और सुकून पाता है. यह मनुष्य के रिलैक्स और रिचार्ज होने का अद्भुत व अचूक उपाय है. अपना टाइम मैनेजमैंट कर इस के लिए भी थोड़ा समय रोज निकालें.
हौबी का साथ
कुछ शौक तो ऐसे होते हैं कि उन के साथ छोटेछोटे काम भी निबटाए जा सकते हैं जैसे संगीत सुनने के साथ डस्टिंग, टेबल अरेंजमैंट, कुकिंग आदि कुछ भी खुशीखुशी कर सकती हैं. हां, किताबें पढ़ने, पेंटिंग, नृत्य, घूमने, कुछ नया सीखने आदि के लिए आप को अलग से समय निकालना ही होगा, भले ही आधा घंटा. आप अनुभव करेंगी कि आप के अंदर ऊर्जा का अनोखा संचार हो रहा है. हौबी का साथ है तो फिर आप अकेली कहां? आप का सारा जहां आप के पास होगा.
रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए भी थोड़ा समय निकालें. किसी अपने से बातें कर के सुखदुख बांटें. कभी फोन पर तो कभी मिल कर सकारात्मक बातें करें. कभी उन के साथ घूमने जाएं, बिंदास शौपिंग, मौजमस्ती करें. मनपसंद साथियों का ग्रुप बनाएं. गंभीर विषयों पर भी विचारों का आदानप्रदान करें और अपने प्रेरक अनुभवों को सा झा करें. यह थोड़ा समय भी आप को खुशी से चार्र्ज कर देगा.
कुछ देर प्रकृति, पालतू पशुपक्षी का साथ भी महसूस करें. बहुत रिलैक्स रहेंगी, साथ ही खुशी और सुकून की अनुभूति होगी.
खुशियों की चाबी
मनोरंजन और दुनिया से जुड़े रहने का समय भी अपने रूटीन में अवश्य रखें. इस के लिए सब से आसान माध्यम टीवी है. आधेपौने घंटे का समय बहुत है. ऐसा कर अपनेआप को अपडेट रखें और खुश रहें.
अंतिम प्रमुख कार्य जो खुशियों की चाबी है वह है सामाजिक कार्य. आप सप्ताह में एक बार अवश्य समाज की भलाई के लिए कुछ समय निकालें. फिर चाहे गरीब, अनाथ बच्चों, बुजुर्गों, बेसहारा औरतों, निरीह पशुओं किसी की भी भलाई का काम हो अथवा भ्रष्टाचार विरोध, नशामुक्ति आदि किसी भी मुद्दे पर कार्य करें. यह कुछ समय का आप का सहयोग समाज को तो लाभान्वित करेगा ही, साथ ही आप को भी अपार खुशियों से भर देगा.
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और भी बहुत कुछ है 40 के पार. घबराएं नहीं. फिर देखें आप अकेली कहां. बिंदास खुशियां मनाएं, नेक कामों में बढ़ कर हिस्सा लें. कुछ अच्छा सीखेंसिखाएं, ऐंजौय करें. जीवन बिताएं नहीं, जीवन जीएं. ढूंढ़ लें खुशियां.