मिरगी के दौरे का क्या कोई इलाज नहीं है?

सवाल-

मेरी बेटी की उम्र 8 साल है. उसे पिछले कुछ महीनों से मिरगी के दौरे पड़ रहे हैं. मैं बहुत परेशान हूं. मैं ने सुना है यह बीमारी लाइलाज है?

जवाब-

अब मिरगी लाइलाज बीमारी नहीं रही है. दवा और सर्जरी के द्वारा इस का उपचार संभव है. मिरगी के लगभग 80% मामलों को दवा से ठीक किया जा सकता है. बहुत ही कम मामलों में जहां दवा या दूसरे उपचारों से मरीज की स्थिति में सुधार नहीं आता तब सर्जरी की जरूरत पड़ती है. रीसैक्टिव सर्जरी मिरगी का उपचार करने के लिए सब से अधिक प्रचलित सर्जरी है. इस सर्जरी से दौरे पड़ने की संख्या में काफी कमी आ जाती है. डीप ब्रेन स्टिम्युलेशन (डीबीएस) थेरैपी एक अन्य सर्जिकल उपचार है. यह उन मरीजों के लिए इस्तेमाल की जाती है जिन्हें एक दिन में कई बार दौरे पड़ते हैं.

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मिरगी एक आम मस्तिष्क संबंधी विकार है, जिसका इलाज संभव है. कुल मिला कर प्रति 1000 लोगों में 7-8 लोगों को मिरगी का रोग बचपन में हो जाता है. अनुमान तो यह भी लगाया गया है कि दुनिया भर में 50 लाख लोग मिरगी के रोग से पीडि़त हैं.

मिरगी की अभिव्यक्ति के अलग अलग तरीके होते हैं, जिनमें से कुछ नाम नीचे दिए गए हैं:

शरीर के पूरे या आधे भाग में मरोड़ और अकड़न.

दिन में सपने देखना.

असामान्य अनुभूतियां जैसे डरना, अजीब सा स्वाद महसूस करना, गंध और पेट में झनझनाहट महसूस करना

अत्यधिक चौंकना

फिट आने के बाद रोगी नींद या उलझन महसूस करने लगता है, साथ उसे सिरदर्द की शिकायत भी हो सकती है

क्या हैं मिरगी के कारण?

मस्तिष्क कई तंत्रिका कोशिकाओं से मिल कर बना हुआ है, जो शरीर के विभिन्न कार्यों को विद्युत संकेतों द्वारा नियंत्रित करता है. यदि ये संकेत बाधित होते हैं, तो व्यक्ति मिरगी के रोग से पीडि़त हो जाता है (इसे ‘फिट’ या ‘आक्षेप’ कहा जा सकता है.) मिरगी के जैसे कई अन्य रोग भी होते हैं. मसलन, बेहोश (बेहोशी), सांस रोग और ज्वर आक्षेप.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- बचपन में ही हो जाता है मिरगी का रोग

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