मुझे डायबिटीज है, क्या इस के कारण गर्भधारण करने में परेशानी हो रही है?

सवाल

मेरी उम्र 32 साल है. मेरी शादी को 3 साल हो गए लेकिन मेरी कोई संतान नहीं है? मुझे डायबिटीज है. क्या इस के कारण गर्भधारण करने में परेशानी हो रही है?

जवाब

कई अनुसंधानों में यह बात सामने आई है कि वे महिलाएं जिन्हें भी डायबिटीज है उन्हें उन महिलाओं की तुलना में गर्भधारण करने में समस्या आती है जिन्हें डायबिटीज नहीं है. डायबिटीज से पीडि़त महिलाओं में पौलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) और डिसमैटाबोलिक सिंड्रोम एक्सैस दोनों की आशंका अत्यधिक बढ़ जाती है जो महिलाओं में बां?ापन के सब से बड़े कारण हैं. अगर आप का वजन अधिक है तो उसे कम करने का प्रयास करें. नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करें, अपने खानपान का ध्यान रखें, तनाव न पालें. डाक्टर द्वारा सु?ाई दवाएं ठीक समय पर लें. जितने बेहतर तरीके से डायबिटीज का प्रबंधन करेंगी आप के लिए गर्भधारण करना उतना आसान होगा.

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सवाल

मैं 46 वर्षीय घरेलू महिला हूं. मुझे डायबिटीज है और मेरा वजन सामान्य से 20 किलोग्राम अधिक है. क्या वजन अधिक होने से डायबिटीज के प्रबंधन में परेशानी आती है?

जवाब

मोटापे के कारण इंसुलिन की कार्यक्षमता कम हो जाती है. मोटे लोगों के शरीर में इंसुलिन होता तो है, लेकिन काम नहीं कर पाता जिस से शुगर का स्तर बढ़ जाता है. वजन कम होने से इंसुलिन की कार्यक्षमता बढ़ती है. अपना स्वस्थ वजन बनाए रखें. अगर वजन अधिक है तो उसे कम करने का प्रयास करें. अगर रोजाना आप अपनी जरूरत से 100-150 कैलोरी का इनटैक कम करेंगी तो 1 साल में बिना किसी अतिरिक्त प्रयास के अपना वजन 7 से 10 किलोग्राम तक कम कर लेंगी. आप जिम जौइन कर सकती हैं या अपना मनपसंद कोई दूसरा वर्कआउट जैसे वाकिंग, रनिंग, स्विमिंग या साइक्लिंग भी कर सकती हैं ताकि आप का वजन तेजी से कम हो जाए.

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सवाल

मैं 42 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. मुझे पिछले 4 साल से डायबिटीज है. सामान्य जीवन जीने के लिए क्या करना चाहिए?

जवाब

डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी है कि वे अपना ब्लड प्रैशर 130/80 से कम रखें और खाली पेट रक्त में शुगर की मात्रा 110 मिलीग्राम और खाना खाने के 2 घंटे बाद 150 मिलीग्राम से कम रखें. सब से जरूरी है महिलाएं अपनी कमर का घेरा 32 इंच से कम रखें. बुरे कोलैस्ट्रौल (एलडीएल) को 100 से कम और अच्छे कोलैस्ट्रौल (एचडीएल) 50 से अधिक रखें. ये सभी सावधानियां डायबिटीज के मरीजों को लंबा और सामान्य जीवन जीने में सहायक होती हैं.

डा. ए.के. झिंगन

चेयरमैन, डेल्ही डायबिटीज रिसर्च सैंटर,

पाठक अपनी समस्याएं इस पते पर भेजें : गृहशोभा, ई-8, रानी झांसी मार्ग, नई दिल्ली-110055.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या 9650966493 पर भेजें.  नई दिल्ली 

मुझे डायबिटीज है तो क्या मुझे फल खाना बंद कर देना चाहिए?

सवाल

मुझे फल खाना बहुत पसंद है, लेकिन मुझे डायबिटीज है. ऐसे में क्या मुझे इन्हें खाना बंद कर देना चाहिए?

जवाब

यह एक सामान्य लेकिन पूरी तरह से गलत धारणा है. जिन्हें डायबिटीज है वे सामान्य लोगों की तरह सभी फल खा सकते हैं, लेकिन उन्हें केवल मात्रा का ध्यान रखना चाहिए. आप रोज 150-200 ग्राम फल बिना किसी परेशानी के खा सकती हैं. जिन्हें डायबिटीज है उन्हें ऐसे फल खाना चाहिए जिन का ग्लाइसेमिक इंडैक्स कम हो, जैसे सेब, संतरा, पपीता, नाशपाती, अमरूद, अनार. अंगूर, आम, चीकू, पाइनऐप्पल से परहेज करना चाहिए, लेकिन अगर बहुत मन करे तो कभीकभार बिलकुल थोड़ी मात्रा में इन्हें ले सकते हैं.

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सवाल

मेरे 12 वर्षीय बेटे को डायबिटीज है. मैं जानना चाहती हूं जुवेनाइल डायबिटीज के प्रबंधन में कैसे करूं?

जवाब

टाइप 1 डायबिटीज टाइप 2 डायबिटीज से ज्यादा गंभीर होती है क्योंकि इस का प्रबंधन मुश्किल होता है. जब एक बार बच्चे इंसुलिन पर निर्भर हो जाते हैं, तो फिर हमेशा उन्हें इस की जरूरत पड़ती है. लेकिन खानपान में बदलाव ला कर इंसुलिन पर निर्भरता को कम किया जा सकता है. डाक्टर से मिल कर डाइट चार्ट तैयार कराएं और अपने बच्चे को इस का कड़ाई से पालन करने के लिए प्रेरित करें. अपने खानपान में भी बदलाव लाएं ताकि बच्चा खुद को अलगथलग महसूस न करे. उसे अपने साथ वाक पर ले जाएं, ऐक्सरसाइज और योग करने के लिए प्रेरित करें. जुवेनाइल डायबिटीज से पीडि़त बच्चों में कभीकभी रक्त में शुगर का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है. इसलिए स्कूल में भी बताएं कि आप का बच्चा जुवेनाइल डायबिटीज से पीडि़त है. उस के दोस्तों को भी इस बारे में बताएं ताकि किसी आपातकालीन स्थिति से निबटने में परेशानी न हो.

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सवाल

मेरे पति को पिछले 10 साल से डायबिटीज है. मैं आजकल डायबिटीज रिवर्सल के बारे में बहुत सुन रही हूं. डायबिटीज रिवर्सल क्या होता है? क्या अब डायबिटीज से छुटकारा पाना संभव है?

जवाब

डायबिटीज रिवर्सल उस स्थिति को कहते हैं जब मरीज का शुगर लैवल सामान्य रेंज में है और उसे दवाइयां लेने की जरूरत नहीं होती है. लेकिन इसे क्योर नहीं रिवर्सल इसलिए कहा जाता है क्योंकि शरीर में डिजीज मैकेनिज्म और पैथोलौजी बनी रहती है. किसी भी बीमारी के लिए क्योर शब्दावली तभी इस्तेमाल की जाती है जब यह कभी दोबारा न हो. लेकिन डायबिटीज रिवर्सल में दोबारा होने का खतरा बना रहता है. डायबिटीज रिवर्सल टाइप 2 डायबिटीज में होता है. यह टाइप 1 डायबिटीज में नहीं होता है क्योंकि यह इंसुलिन डिपैंडैंट होता है.

डायबिटीज रिवर्सल तभी हो पाता है, जब मरीज डाक्टर की देखरेख में एक अत्यधिक अनुशासित जीवनशैली का पालन करता है, संतुलित भार बनाए रखता है, नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करता है और खानपान पर नियंत्रण रखता है.

डा. ए.के. झिंगन

चेयरमैन, डेल्ही डायबिटीज रिसर्च सैंटर,

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