हम सभी विभिन्न कारणों से व्हाट्सऐप ग्रुप क्रिएट करते हैं या ग्रुप का हिस्सा बनते हैं. कभी औफिस के काम की चर्चा के लिए, कालेज के प्रोजेक्ट के लिए, किसी ट्रिप की प्लानिंग के लिए, इस रविवार कहां खाने जाएं तय करने के लिए, परिवार से जुड़े रहने के लिए तो कभी दोस्तों से गपे मारने के लिए. लेकिन, व्हाट्सऐप ग्रुप में ऐसा कोई न कोई व्यक्ति जरूर होता है जो या तो ग्रुप का सही इस्तेमाल नहीं जानता या अजीब से मैसेज भेज सब का ध्यान भंग करता है और ग्रुप से रिमूव हो कर ही दम लेता है. कभीकभी अनजाने में हम ही वह व्यक्ति बन जाते हैं.
व्हाट्सऐप ग्रुप का हिस्सा बने रहने के लिए कुछ अनकहे नियम होते हैं जिन्हें जानना बेहद जरूरी है, नहीं तो आज नहीं तो कल या तो आप ग्रुप से निकाल दिए जाएंगे या सभी आप को उपद्रव की तरह देखने लगेंगे.
नवीन सर का ही उदाहरण ले लीजिए. वे हमारे औफिस के ग्रुप का हिस्सा हैं. उन्हें इमोजी इस्तेमाल करने में या तो दिक्कत होती है या वे शायद इमोटिकंस का सही मतलब नहीं समझते. वे अकसर ग्रुप में किसी मैसेज की तरफ इशारा करने के लिए उंगली वाली इमोजी की जगह मिडिल फिंगर वाली इमोजी का इस्तेमाल करते हैं. पहली बार तो ऐसा लगा जैसे सच में वह किसी को मिडिल फिंगर दिखाना चाहते हैं परंतु बाद में समझ आया कि यह उन की इमोटीकंस की गलत समझ है. हंसी तो बहुत आई पर बहुत ज्यादा जूनियर होने के नाते उन्हें टोकना मुझे सही नहीं लगा लेकिन किसी और ने भी उन्हें नहीं टोका यह देख कर आश्चर्य हुआ. खैर, यदि आप भी ऐसे ही भूल करते हैं तो संभल जाएं, क्या पता कोई आप को भी हंसी का पात्र समझता हो.
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व्हाट्सऐप ग्रुप के निम्नलिखित अनकहे नियमों का पालन करें:
• किसी से बिना पूछे उन्हें व्हाट्सऐप ग्रुप में ऐड न करें. यह व्यक्ति की निजी पसंद है कि वह किसी ग्रुप का हिस्सा बनना चाहता है या नहीं. पहले पर्मिशन लें उस के बाद ही उसे ग्रुप में ऐड करें. आप के बिना पूछे ऐड किए जाने पर यदि व्यक्ति ग्रुप लेफ्ट करता है तो उस के निर्णय का सम्मान करें और जबर्दस्ती ऐड न करें.
• अगर आप ग्रुप के एडमिन हैं तो ग्रुप कंट्रोल फीचर का इस्तेमाल करें. यदि आप चाहते हैं कि ग्रुप पर केवल इंपोर्टेंट नोटिस ही पोस्ट किए जाएं तो ग्रुप में सिर्फ एडमिन ही मैसेज भेज सकें, इस के लिए ग्रुप सेटिंग्स में सेंड मैसेजेस औप्शन में जा कर ‘ओनली एडमिन’ सिलैक्ट करें. इस से आप बेवजह के मैसेजेस से बच जाएंगे.
• ग्रुप पर वही मैसेज भेजें जो सभी लोगों के लिए रेलेवेंट हों न कि सिर्फ आप और आप के दोस्त के लिए. अगर किसी एक व्यक्ति को कुछ बताने के लिए मैसेज भेजा जा रहा है तो वह आप उसे डायरैक्ट मैसेज कर के भी बता सकते हैं. खासकर किसी एक ही व्यक्ति से लंबी बात करनी है तो ग्रुप में बाकी सभी को परेशान न करें.
• यदि व्हाट्सऐप ग्रुप पर किसी से बहस शुरू होती है तो उसे ज्यादा न बढ़ाएं. मैसेज पर आप की सीधी सी बात भी अहंकारी लग सकती है. आप के शब्दों का कुछ अलग ही मतलब निकाला जा सकता है. बहसबाजी के लिए कोई भी ग्रुप सही जगह नहीं है. किसी एक व्यक्ति से बहस करनी है तो पर्सनल मैसेज पर करें या आमनेसामने. कुछ लोगों के कारण पूरे ग्रुप की शांति भंग नहीं होनी चाहिए.
• ग्रुप पर यदि किसी चीज का फैसला लेने के लिए मैसेज किया जा रहा है तो यह उम्मीद न करें कि आप के मैसेज भेजते ही कोई उस पर रिप्लाई कर देगा. लोगों को समय दीजिए और मैसेज पढ़ लिए जाने के बाद ही कोई प्लान बनाइए या उसे वायरल कीजिए.
• हर ग्रुप में एक न एक व्यक्ति ऐसा जरूर होता है जिसे अपने सारे चुटकुले, मीम्स, गलतसलत जानकारी व्हाट्सऐप ग्रुप में भेजनी होती है. अगर आप यह करते हैं तो यकीन मानिए आप बाकी सब के लिए इर्रिटेटिंग से ज्यादा कुछ नहीं हैं. ग्रुप में ओवर स्पैमिंग न करें.
• अपनी पूरी बात को एक ही मैसेज में लिखें बजाए अलगअलग शब्दों को 10 अलग मैसेज में लिखने के.
• यह सब से जरूरी पौइंट है, कभी भी किसी भी तरह के फेक मैसेज को या अप्रमाणित जानकारी को ग्रुप में शेयर न करें. ‘गोमूत्र के सेवन से कोरोना भाग जाता है’ या ‘कश्मीरियों ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए’ जैसी खबरें जबतक किसी प्रमाणित और विश्वसनीय स्त्रोत से न आए तब तक उन्हें फौरवर्ड न करें. आसान शब्दों में ‘व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी’ का हिस्सा न बनें. ग्रुप पर कोई इस तरह की सूचना भेजे तो उसे सख्त हिदायत दे कर मना करें.
• ‘यह साईं बाबा का चमत्कारी मंत्र है. इसे 7 लोगों को फौरवर्ड कीजिए और आप को 12 घंटों में सुखद समाचार मिलेगा’ जैसे मैसेज न केवल डिस्टर्बिंग हैं बल्कि आप का बददिमाग होना भी प्रमाणित करते हैं. पढ़ेलिखे हो कर भी आप ऐसी चीजें मानते और फौरवर्ड करते हैं तो आप मूर्ख हैं. यदि आप के पास इस तरह के मैसेज आते हैं और आप उस व्यक्ति को कड़े शब्दों में दोबारा फौरवर्ड करने से मना नहीं करते हैं तो आप महामूर्ख हैं.
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• अगर आप का बहुत बड़ा फैमिली ग्रुप है जिस से आप चाह कर भी नहीं निकल सकते और उस पर केवल ऋतु मामी या पूजा आंटी के बेटे के कम नंबर आने जैसी चुगलियां या बातें होती हैं तो उस ग्रुप को म्यूट कर दें. मैसेजेस आएंगे भी तो आप को पता नहीं चलेगा.
• अगर आप के दोस्तों के या औफिस के 5-6 ग्रुप हैं और सभी पर लगभग सभी लोग हैं, तो किसी जानकारी, फोटो या विडियो को एक ही ग्रुप में डालें. किसी को अपने फोन में एक ही तरह की विडियो या फोटो 5 बार सेव हुई अच्छी नहीं लगती.
• किसी एक ही व्यक्ति की बात का सटीक रिप्लाई देना हो तो उस व्यक्ति के मैसेज पर ‘रिप्लाई’ के औप्शन पर क्लिक कर के रिप्लाई दें जिस से यह स्पष्ट हो जाए कि आप ने किसे क्या कहा है.
• जब ग्रुप में बहुत सारी बातें हो रही हों तो किसी एक व्यक्ति को खासतौर पर कुछ कहने के लिए @ दबा कर उस के नाम को क्लिक करें जिस से वह टैग हो जाए. इस से जब भी वह व्यक्ती व्हाट्सऐप ग्रुप खोलेगा तो उसे नोटिफिकेशन दिख जाएगी कि उस के लिए कोई बात कही गई है.
• आज कल कई खबरें या मैसेज बिना किसी प्रोपर फैक्ट के होते हैं. इन मैसेजेस की भाषा भी अभद्र व किसी व्यक्ति या वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती है. इस तरह के मैसेज शेयर करने से बचें. कोरोना के समय में तबलीगी जमात की खबरों में ऐसी कई तरह की बातें थीं जो पूर्ण रूप से गलत या सही तथ्यों के साथ छेड़खानी कर लिखी गई थीं. नफरत और घृणा फैलाने वाली सामग्री से दूर रहें और उसे फैलाने वालों को भी चेताएं.
• संवेदनशील घटनाओं की तस्वीरें व्हाट्सऐप ग्रुप में डालने से पहले ध्यान रखें कि यह किसी व्यक्ति को मानसिक क्षति भी पहुंचा सकती हैं. सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद उन की मृत तस्वीरें धड़ल्ले से पोस्ट की गई थीं. इस तरह की चीजें व्यावहारिक तौर पर भी सही नहीं हैं, इन्हें शेयर न करें.
• यदि कोई व्यक्ति व्हाट्सऐप ग्रुप पर अपनी किसी समस्या के बारे में बात करता है या यह कहता है कि वह सही महसूस नहीं कर रहा है तो उसे ‘यार, तेरा रोजरोज का ड्रामा है’ जैसे मैसेज न करें. आप यह कह सकते हैं कि ये ग्रुप शायद सही स्थान नहीं है जहां आप अपनी तकलीफ बता सकें. कठोर शब्दों का इस्तेमाल करने से बचें. आप नहीं जानते कोई व्यक्ति किन हालातों से गुजर रहा है. सभी की भावनाओं का खयाल रखें.
• कोई व्यक्ति अगर व्हाट्सऐप ग्रुप पर किसी मैसेज को सीन या उस का रिप्लाई नहीं कर रहा है लेकिन औनलाइन है तो यह आप का काम नहीं है कि आप उसे बारबार मैसेज कर रिप्लाई करने के लिए कहें. व्यक्ति व्यस्त भी हो सकता है और यह उस की निजी पसंद है कि वह रिप्लाई कब करेगा.
• व्हाट्सऐप ग्रुप को समयसमय पर चेक करते रहें. ऐसा न हो कि आप के औफिस का ग्रुप हो जिसे आप 3 दिन बाद खोल कर रिपलाई कर रहे हों.
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• अगर ग्रुप पर आप के लिए या आप से रिलेटेड बात की जा रही है तो उस का रिप्लाई दें. रिप्लाई न दे कर आप खुद की पहचान घमंडी या अहंकारी के रूप में बना रहे हैं. औफिशियल ग्रुप में इस तरह का व्यवहार आप को मुश्किल में डाल सकता है.
• ग्रुप पर लोगों से सम्मानपूर्वक बात कीजिए और यदि कोई आप को कुछ गलत कहता है तो यकीनन जवाब दीजिए. ग्रुप पर बात न कर के आप अपनी बात पर्सनल चैट में भी रख सकते हैं.
• किसी भी औफिशियल या फौर्मल ग्रुप का नाम और आइकन अपनी मर्जी से कभी भी न बदलें. आप के पास कोई अच्छा सुझाव है तो ग्रुप एडमिन से डिस्कस कीजिए और पर्मिशन लीजिए.