मौनसून का मौसम भले मन को भाता हो, लेकिन इस के खत्म होते ही घर को दोबारा पेंट करवाने की जरूरत होती है. घर को पेंट कराना जरूरी हो जाता है ताकि अपने आशियाने को बिल्कुल नया और आकर्षक रूप दिया जा सके. घर को पेंट करवाना सब से मुख्य काम होता है. उसे पेंट करवाने के लिए अपनी पसंद के रंग ही काफी नहीं होते, बल्कि उन में विभिन्न रंगों का कैसे समायोजन किया जाए यह भी जरूरी है ताकि घर की सुंदरता और निखर जाए. आइए, जानते हैं पेंट कैसा हो और विभिन्न रंगों के कंट्रास्ट का कैसे प्रयोग किया जाए:
कलर का हो बैलेंस
पेंट कई तरह के होते हैं. लेकिन सब से जरूरी बात यह होती है कि कमरों के लिए रंग कैसा प्रयोग करना चाहिए और उस की क्वालिटी कैसी होनी चाहिए. हालांकि कमरों में किस कलर का पेंट करवाना है यह व्यक्तिगत पसंद होती है, फिर भी डिजाइनर्स की राय यही रहती है कि अगर आप अपनी पसंद का कोई कलर घर में करवाना चाहते हैं, तो उसे खासतौर से किस जगह पर कराना है और किस तरीके से कराना है, इस बात पर ध्यान देना जरूरी होता है.
अगर आप ने किसी ब्राइट कलर का प्रयोग किया है तो उसे मिनीमाइज करने के लिए उस में कंट्रास्ट का प्रयोग करना चाहिए. ऐसा इसलिए ताकि वह ओवरडन न हो, क्योंकि पेंट से अगर किसी जगह की इंपौर्टैंस बढ़ सकती है तो कम भी हो सकती है. डार्क कलर से हो सकता है कमरे का पूरा लुक छोटा लगने लगे या फिर कमरे में इतना लाइट कलर करवा दिया कि वह एकदम प्लेन लगने लगे. उसे किस तरीके से कलर करना है इस के लिए यह सुझाव है कि अगर आप डार्क और लाइट कलर का प्रयोग करते हैं, तो उस का अनुपात 30-70 का रहना चाहिए. अगर आप ने खास किसी एक कलर को चुना है, तो सुझाव है कि सारी दीवारें एक कलर की ही न करवाएं. अगर आप ने व्हाइट कलर करवाया है, तो उस की अलग बात है.
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लेकिन अगर कोई कलर चूज करने की बात आती है चाहे आप वाल पेपर के फार्म में ही लगाना चाहते हैं, तो आप एक वाल को जो भी सब से ज्यादा दिखने वाली हो जिसे फीचर वाल कहते हैं, उस में अपने कलर को ऐड कीजिए, क्योंकि कलर एक ऐसी चीज है, जिस का हमारे मूड पर बहुत असर पड़ता है.
सीलिंग हो प्लेन
सीलिंग को प्लेन ही रखना चाहिए. उसे ओवर पावर नहीं करना चाहिए. जितना उस में प्लेन कलर होगा उतना ही अच्छा होगा. व्हाइट कलर स्ट्रैस को कम करता है. ग्रीन हैल्थ के लिए अच्छा रहता है. ब्लू स्ट्रेस को कम करता है.
फोकल पौइंट के लिए टैक्स्चर
फोकल पौइंट टैक्स्चर पेंट से अलग-अलग पैटर्न को यूज कर सकते हैं. इस में टैक्स्चर बनाए जा सकते हैं, वाल पेपर का प्रयोग किया जाता है, स्टैंसिल्स का भी प्रयोग कर सकते हैं. वाइब्रैंट लुक के लिए अगर पेंट की बात करें तो वाइब्रैंट कलर्स में पूरी स्कीम के साथ बैलेंस करना बहुत जरूरी है. इस में अनुपात 30-70 से ज्यादा न हो वरना इस के बाद यह स्पेस को ओवर पावर करना शुरू कर देता है.
टैक्स्चर में भी 50-50 का अनुपात ले सकते हैं या अगर आप को कोई कलर ज्यादा लगाना है तो वह पर्सनल चौइस है. उस में कोई भी कलर प्रयोग कर सकते हैं. छोटी जगह पर टैक्स्चर बनवा रहे हैं तो वहां वाइब्रैंट कलर का रेशो कम रखें. टैक्स्चर पेंट या सामान्य पेंट करवाने से पहले अगर दीवारों पर प्लास्टर या पीओपी है, तो बहुत अच्छा वरना वाल पुट्टी होनी बहुत जरूरी है. पेंट करवाएं तो 3-4 लेयर्स में करवाएं. एक लेयर के सूखने पर दूसरी लेयर करवाएं. अगर जल्दीजल्दी लेयर चढ़वाएंगे तो दीवारों पर पपड़ी या सीलन नजर आ सकती है.
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किस तरह का पेंट है बैस्ट
घर के लिए प्लास्टिक पेंट ठीक होता है. इसे आप पानी से धो भी सकते हैं. इस से अपर ग्रेड में जाना है, तो साटन फिनिश और रौयल पेंट आते हैं.
थोड़ी सावधानी
जब भी पेंट करवाना हो और आप किसी को विद मैटीरियल ठेका दे रहे हों तो पैकेट अपने सामने ही खोलने को कहें. आजकल पेंट की सस्ते के साथसाथ लो ग्रेड क्वालिटी भी आती है. डुप्लिकेट पेंट भी आते हैं, जो बाद में फेड हो जाते हैं, बबल्स और पपड़ी आने लगती है, इसलिए पेंट कराते समय पूरी तरह सजग रहें.