कहीं आप या आपके जानने वाले में तो नहीं डिप्रेशन के ये लक्षण, पढ़ें खबर

आजकल हम लोग ज़िन्दगी की भाग दौड़ में इतना व्यस्त हो गए है की हमारे पास न ही खुद के लिए समय हैं और न ही हमारे अपनों के लिए . हम शोहरत ,नाम और पैसा कमाने के पीछे इतना पागल हो गए है की हमें अपने जीवन की असली कीमत ही दिखाई देना बन्द हो गयी है. अगर हम अपनों के काम नहीं आ सके तो ये पैसा ,नाम और शोहरत किस काम की.अपनों के मन की बात जानने की कोशिश करें उन्हें नज़रंदाज़ बिलकुल न करे.कहीं हमारा इग्नोरेंस हमारे अपनों को उस अँधेरी दुनिया में न धकेल दे ,जहाँ से लौट पाना बिलकुल नामुमकिन है.तो please मेरा ये लेख पूरा पढ़े .शायद ये आपके या आपके अपनों के काम आ जाये.

आखिर क्या है डिप्रेशन-

आजकल लोग जिंदगी की भाग दौड़ में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि कुछ समय बाद ही डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं. दोस्तों यह एक मानसिक बीमारी होती है जो कुछ लोगों को तो थोड़े समय के लिए ही रहती है लेकिन कई लोगों में यही डिप्रेशन एक भयानक रूप भी ले लेता है .जब डिप्रेशन बहुत बढ़ जाता है तो इस स्थिति में लोगों का मन जिंदगी से भर जाता है.

वैसे तो हर किसी की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं.हर कोई कभी न कभी दुखी और उदास महसूस कर सकता है.लेकिन, अगर आप लगातार दुख और निराशा का अनुभव कर रहे हैं तो, ये डिप्रेशन हो सकता है.

डिप्रेशन के समय इंसान यह सोचता है कि वह जिंदगी में कुछ नहीं कर सकता और वह अपनी हार स्वीकार कर लेता है. उन्हें लगता है कि अगर वो दूसरों को अपनी परेशानी बताएंगे तो वह उनका मजाक बनाएंगे .यह रवैया इंसान की दिक्कत को कम करने की जगह और बढ़ा देता है

एक रिसर्च के अनुसार, पूरी दुनिया में 35 करोड लोग डिप्रेशन के शिकार हैं. भारत जैसे विकासशील देश में भी डिप्रेशन बेहद तेज़ी से एक गंभीर समस्या के रूप में उभर रहा है. भारतीय युवाओं में तेजी से डिप्रेशन के मामले देखने में आ रहे हैं.

18 से 35 साल की उम्र के बीच का हर 4 में से 1 किशोर डिप्रेशन का शिकार हो रहा है. ऐसा माना जाता है कि 2030 तक आते-आते डिप्रेशन मनुष्य की असमर्थता का दूसरा सबसे बड़ा कारण होगा. ऐसा नहीं है कि डिप्रेशन अभी की बीमारी है ,यह हमारे पूर्वजों के जमाने से चली आ रही है परंतु चिंता का विषय यह है कि 20 वीं सदी में इसका प्रभाव पहले से 10 गुना ज्यादा बढ़ गया है.

हमने ये तो जाना की डिप्रेशन क्या है ?चलिए अब जानते है ही इसके पीछे क्या कारण हो सकते है और इसके लक्षण क्या है?

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डिप्रेशन के कारण-

बहुत से लोगों को कभी ये पता ही नहीं चल पाता है कि उन्हें होने वाले डिप्रेशन की वजह आखिर क्या है? ऐसे लोगों की संख्या करीब 30 फीसदी के आसपास है जिन्हें आंशिक रूप से डिप्रेशन की समस्या है.

आइये जानते है की डिप्रेशन के क्या कारण हो सकते है-

1-डिप्रेशन की समस्या अनुवांशिकी भी हो सकती है.अगर किसी व्यक्ति के परिवार में दिमाग से जुड़ा कोई disorder रहा है तो उस व्यक्ति को ये समस्या हो सकती है.

2-बचपन में घटने वाली कुछ ऐसी घटना जिसका बच्चे के दिम्माग पर गहरा असर पड़ता है,डिप्रेशन का कारण हो सकता है.

3-अगर किसी को ड्रग्स या अल्कोहल के सेवन की लत रही है तो उसमे भी डिप्रेशन होने के चांस बढ़ जाते हैं.

4- आर्थिक समस्याओं का होना भी डिप्रेशन होने का कारण हो सकता है.

5- माता-पिता की उम्मीदों पर खरा उतरने का दबाव भी डिप्रेशन होने का कारण हो सकता है.

6- किसी करीबी को खो देने के कारण भी डिप्रेशन होने के चांस बढ़ जाते हैं.

7- कभी-कभार खुद के लिए हीन भावना या अपने आप से संतुष्ट न होना भी डिप्रेशन का एक कारण बन सकता है.

8-अकेलापन ,डिप्रेशन होने का सबसे बड़ा कारण होता है. अगर कोई इंसान अपने मन की बात किसी से नहीं कह पायेगा तो वह अन्दर ही अन्दर घुटता जायेगा और जब यही घुटन इंसान के दिमाग पर हावी हो जाती है तो वह डिप्रेशन का रूप ले लेती है.

दोस्तों ये तो थे डिप्रेशन के कारण .चलिए अब जानते है इसके लक्षणों के बारे में जो की हमारे लिए जानना बहुत ही जरूरी है .

डिप्रेशन के लक्षण-

दोस्तों डिप्रेशन ऐसी समस्‍या है जिसके बारे में कोई बात नहीं करता और यही इसके समाधान में सबसे बड़ी बाधा है. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन आगाह कर चुका है कि 2020 तक डिप्रेशन दुनिया की दूसरी बड़ी बीमारी बन जाएगी. लेकिन हममें से बहुत से लोग जानते ही नहीं कि डिप्रेशन को कैसे पहचानें.
आइये जानते है इसके लक्षणों के बारे में-

1-उदासी और अकेलापन महसूस होना-

दोस्तों डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति की अक्सर अकेलापन और उदासी महसूस होती है. इसमें व्यक्ति अपनी जिंदगी और अपने आसपास को लेकर बेहद उदास हो जाता है. वह बहुत नकारात्मक और खुद को बेकार महसूस करता है. उसे हमेशा ये लगता है की उसकी कोई अहमियत ही नहीं है.उसे खुद से नफरत होने लगती है. उसकी रचनात्मकता खत्म हो जाती है और वह अपने लिए भी कोई काम नहीं करना चाहता है. छोटा सा छोटा काम उसे बहुत भारी लगता है.

2- घर से बाहर निकलने की इच्‍छा न होना-

व्यक्ति का समाज से कट जाना डिप्रेशन के शुरुआती लक्षणों में से एक है.अगर समय पर इसे नहीं समझा गया तो व्यक्ति समाज से पूरी तरह से कट सकता है. इस तरह के व्यक्ति अक्सर अपने कमरे में अकेले रहना चाहते है और बाहर जाकर लोगों से घुलना मिलना पसंद नहीं करते. ये व्यक्ति अपनी भावनाएं जाहिर करना छोड़ देते है और उन्हें अपने आसपास से कोई फर्क नहीं पड़ता.

3- नींद न आना या रातों में बार-बार नींद खुलना-

अगर आपको लंबे समय से नींद नहीं आती है या रातों को बार-बार आपकी नींद उचट जाती है और फिर नहीं आती तो समझ ले की यह डिप्रेशन की निशानी है. समय रहते इसका निवारण खोजने की कोशिश करें.

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4- किसी एक चीज पर फोकस न कर पाना-

अगर आप किसी एक चीज़ पर अपने आपको फोकस न कर पाए या छोटे-छोटे कामों में भी आपका concentration न हो . तो समझ ले की ये डिप्रेशन के शुरुवाती लक्षण है.

5-अक्सर नर्वसनेस feel होना या बिना किसी बात के चिडचिडापन आना-

अगर आप हमेशा अपने आप में नर्वस महसूस करें, बात करने मे बार-बार आपकी जुबान लडखडाये या इसके अलावा बिना किसी बात के मूड खराब होना भी डिप्रेशन का संकेत है.

6-खुदकुशी के ख्‍याल

एक नई स्टडी के अनुसार डिप्रेशन लोगों को मरने जैसी स्थिति में पहुंचा सकता है. इसे ‘साइकोजेनिक डेथ’ कहते हैं. जीते जी मरने की यह स्थिति अलग-अलग चरण में प्रभावित करती है और धीरे-धीरे व्यक्ति को मौत के मुंह में धकेल देती है. अगर किसी को बार बार अपना जीवन खत्म करने का ख्याल आये और लगे की अब मेरे जीवित रहने का कोई कारण नहीं है तो यह एक गंभीर डिप्रेशन के लक्षण है.अगर आपके आसपास कोई ऐसा व्यक्ति है तो आपको उसकी तुरंत मदद करनी चाहिए, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए.. दोस्तों यदि आप या आपके आस पास का कोई भी व्यक्ति ऊपर बताये गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण महसूस कर रहा है तो तुरंत किसी मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक के पास जरूर जाए.

डिप्रेशन से बचने के उपाय-

दोस्तों ‘इलाज़ से बेहतर बचाव है’ ये तो हम सभी जानते है. जानकार कहते हैं कि अगर समय पर डिप्रेशन से गुजर रहे व्‍यक्ति से मेलजोल बढ़ाया जाए तो इससे उबरने में बड़ी मदद हो सकती है.
दोस्तों हमें आज के बारे में ही सोचना चाहिए और आज को ही बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए.
तनाव या दबाव को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप गाना सुने इससे तनाव में कमी आती है और इंसान खुद को तरोताजा महसूस करता है. इंसान डिप्रेशन को कम करने के लिए अक्सर शराब और ड्रग्स जैसी नशीली चीजों का सहारा लेता . नशीली चीजों का सेवन करने से कुछ देर के लिए तो तनाव दूर हो जाता है लेकिन धीरे-धीरे ये हमें अन्दर ही अन्दर खोखला कर देती हैं और हमारे लिए और भी घातक हो जाती है .

दोस्तों मेरे इस लेख का उद्देश्य आपको डराने का नहीं है.मै अपने इस लेख के माध्यम से सिर्फ यह कहना चाहती हूँ की ज़िन्दगी बहुत कीमती है और हमारे अपने भी.

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