यह कहानी है एक जाने माने और प्रतिष्ठित परिवार में जन्मे अविरल के बारे में .अविरल का जन्म एक बहुत ही प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था .उसके पापा शहर के जाने माने बिज़नेस मैन थे. अपने शहर से बाहर भी उनकी बहुत इज्जत थी. सभी की एक नॉर्मल सी दिनचर्या थी. पिता राजनीति से थे. इसलिए वह अपने राजनीतिक कामों में लग जाते थे. मां ग्रहणी थी तो घर का सारा काम काज देखती थी. उनकी एक लड़की थी जिसे वह बहुत प्यार करते थे .लेकिन दादी दादा को लगता था कि लड़का होना चाहिए जिससे कि परिवार पूरा हो जाए. समय बीतता गया और एक नन्ही किलकारी के साथ एक बच्चे ने जन्म लिया. उसकी बहन ने उसका नाम अविरल रखा .
अविरल बचपन से ही देखने में बहुत सुंदर था. सभी लोग उसे बहुत प्यार करते थे. उसकी बड़ी बहन उसे रात दिन लिए लिए घूमती थी. उसके लिए तो उसका भाई उसकी पूरी दुनिया था. वो एक पल को भी उसे अपनी आँखों के सामने से ओझल नहीं होने देती थी.लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन नही चली. धीरे-धीरे सारी खुशी एक चिंता में बदलने लगी. अविरल 2 साल का हो चुका था लेकिन वह कुछ बोलता नहीं था. घरवालों को चिंता होने लगी कि कहीं हमारा बच्चा गूंगा तो नहीं है. आसपास के लोगों ने भी बोलना शुरू कर दिया ,”कि लगता है आपका बच्चा गूंगा है”.कुछ लोगों ने कहा की हो सकता है बच्चा थोड़ी देर से बोले.
सभी लोग दुखी रहने लगे लेकिन उसकी बहन उसे ऐसे ही खुश होकर प्यार करती रहती.उसके लिए तो उसके भाई से ज्यादा प्यारा कुछ भी नहीं था. देखते-देखते 3 साल और निकल गए लेकिन अविरल नहीं बोला. मां-बाप और भी परेशान रहने लगे. वह अविरल को लेकर डॉक्टर के पास ले गए. डॉक्टर ने कहा,” इसका बोलना मुश्किल है. आप भगवान से दुआ कीजिये . अगर ये कुछ समय में नहीं बोलता है तो ऑपरेशन करना होगा. लेकिन उसमे भी बच्चे की जान का रिस्क है क्योंकि बच्चा छोटा है.”
उसके मम्मी -पापा भगवान से प्रार्थना करने लगे कि भगवान ने हमें इतना सुंदर बच्चा दिया लेकिन यह कमी क्यूँ दे दी. घर के सभी लोग हिम्मत हार चुके थे लेकिन उसकी बहन हमेशा बोलती कि मेरा भैया एक दिन जरूर बोलेगा. वह रात दिन उससे बातें करती रहती.
पूरा परिवार मन ही मन उदास रहने लगा उन्होंने मान लिया था कि हमारा बच्चा गूंगा है. अंत में उसके घर वालों ने ऑपरेशन का डिसीजन लिया. उसकी बहन ने रो-रोकर मम्मी पापा से कहा कि जब भैया की जान को खतरा है तो ऑपरेशन क्यूँ? ऑपरेशन की डेट पास आ रही थी. सभी की चिंता बढ़ती जा रही थी.
पर उसकी बहन ने हिम्मत नहीं हारी वो अब उससे और बातें करने लगी और कोशिश करती कि भैया कुछ बोले. एक दिन आया जब भगवान भी बहन कि ममता के आगे पिघल गए और बच्चे के मुह से पहला शब्द निकला – ‘बिट्ठ’ क्यूँ कि घर वाले सभी उसकी बहन को बिट्टी कहकर बुलाते थे.
बहन दौड़कर मम्मी पापा के पास भागी और बोली “पापा भैया बोला”. किसी को विश्वास नहीं हुआ लेकिन बच्ची के बार- बार जिद करने पर सभी लोग बच्चे के पास गए. बहन को पास देखकर बच्चा बहुत तेजी से पास आया और बहन से चिपक कर फिर से “बिट्ठ” बोला. सभी के मुह बंद थे और आँखों में आँसू थे लेकिन केवल एक आवाज गूंज रही थी “बिट्ठ”.
तुरंत ही उसके पापा ने हवन और भोज के लिए पूरे शहर को आमंत्रण दिया. सभी समझ रहे थे कि भगवान ने उनके मन कि सुन ली लेकिन उन्हे क्या पता था कि भगवान उस छोटी बच्ची कि ममता के आगे हार गये थे.
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बच्चा धीरे – धीरे बड़ा होने लगा . सभी बहुत खुश थे . 2-3 साल और बीत गए. अब बच्चा बोलने तो लगा था लेकिन लगता है अविरल और परेशानियों का चोली दामन का साथ था. अविरल बोलने तो लगा था पर बड़े होने के साथ- साथ उसको नई परेशानियों ने घेर लिया.
अगले भाग में जानेंगे अविरल के जीवन में आने वाले संघर्ष के बारे में-