सनस्क्रीन लगाने पर पसीना बहुत आ जाता है, क्या करूं?

सवाल-

मेरी उम्र 18 वर्ष है. मैं सनस्क्रीन लगा कर बाहर जाना चाहती हूं पर जब भी सनस्क्रीन लगाती हूं पसीना बहुत आ जाता है. क्या करूं?

जवाब-

सनस्क्रीन के अंदर जिंक रहता है जिसे स्किन पर लगाने से पसीना आता ही है. आप जब भी घर से बाहर जाना चाहती हों बाहर जाने से 10 मिनट पहले सनस्क्रीन लगा लें. जितना पसीना आना होगा वह आ जाएगा. रूमाल से फेस को धीरेधीरे टैप करें. इस से पसीना सूख जाएगा और उस के ऊपर हलका पाउडर लगाया जा सकता है या ऐसे भी बाहर जाया जा सकता है. अब पसीना दोबारा नहीं आएगा.

बस ध्यान रखना है कि आप जिस क्लीनिक में जाएं वहां पर किसी डाक्टर से या काउंसलर से बात करें. वह आप को चैक कर के बताएंगे कि आप की प्रौब्लम हारमोनल तो नहीं है. अगर हारमोनल असंतुलन है तो उस के लिए कुछ दवा भी जरूर देंगे.

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गर्मियों का मौसम आने तो है, ऐसे में जहां हमारे आउटफिट्स मौसम के अनुसार पूरी तरह से बदल जाएंगे, ठीक उसी तरह हमारे स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में भी काफी बदलाव होगा. क्योंकि अब हमें अपनी स्किन को सूर्य की हार्श किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन को आवश्यक रूप से  अपने स्किनकेयर रूटीन में शामिल जो करना होगा. वैसे तो सनस्क्रीन हर मौसम में जरूरी होता है, लेकिन इसकी खास तौर पर जरूरत गर्मियों में महसूस होती है. वरना इसके अभाव में स्किन टेन होने से लेकर स्किन डेमेज तक हो सकती है. यहां तक की स्किन कैंसर का भी डर बना रहता है. लेकिन सवाल ये उठता है कि मार्केट में तो ढेरों सनस्क्रींस मिलते हैं , ऐसे में हम अपनी स्किन के लिए फिजिकल या केमिकल किस सनस्क्रीन का चुनाव करें. तो आइए जानते हैं इस संबंध में .

क्या है सनस्क्रीन 

जिस तरह से पानी हमारी बोडी को हाइड्रेट रखकर हमें सुरक्षा प्रदान करता है, ठीक उसी तरह सनस्क्रीन हमारी स्किन के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है. ये खतरनाक अल्ट्रावायलेट किरणों से स्किन को बचाता है, जिससे स्किन टेन होने से बचने के साथसाथ स्किन एलर्जी, स्किन रेडनेस जैसी समस्याओं से भी निजात मिलता है. क्योंकि सनस्क्रीन में एसपीएफ यानि सन प्रोटेक्शन फैक्टर जो होता है. जैसे अगर आपकी स्किन धूप में निकलते ही आपको टेनिंग या जलन जैसा फील होने लगे तो इसका मतलब आपकी स्किन धूप के संपर्क में आते ही जलने लगती है . इसलिए जरूरी है आपके लिए 25 या फिर 30 एसपीएफ युक्त सनस्क्रीन का चयन करने की. क्योंकि ये आपको 5 – 6 घंटे सुरक्षा प्रदान करने का काम जो करेगा.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- फिजिकल vs केमिकल सनस्क्रीन 

फिजिकल vs केमिकल सनस्क्रीन 

गर्मियों का मौसम आने तो है, ऐसे में जहां हमारे आउटफिट्स मौसम के अनुसार पूरी तरह से बदल जाएंगे, ठीक उसी तरह हमारे स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में भी काफी बदलाव होगा. क्योंकि अब हमें अपनी स्किन को सूर्य की हार्श किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन को आवश्यक रूप से  अपने स्किनकेयर रूटीन में शामिल जो करना होगा. वैसे तो सनस्क्रीन हर मौसम में जरूरी होता है, लेकिन इसकी खास तौर पर जरूरत गर्मियों में महसूस होती है. वरना इसके अभाव में स्किन टेन होने से लेकर स्किन डेमेज तक हो सकती है. यहां तक की स्किन कैंसर का भी डर बना रहता है. लेकिन सवाल ये उठता है कि मार्केट में तो ढेरों सनस्क्रींस मिलते हैं , ऐसे में हम अपनी स्किन के लिए फिजिकल या केमिकल किस सनस्क्रीन का चुनाव करें. तो आइए जानते हैं इस संबंध में .

क्या है सनस्क्रीन 

जिस तरह से पानी हमारी बोडी को हाइड्रेट रखकर हमें सुरक्षा प्रदान करता है, ठीक उसी तरह सनस्क्रीन हमारी स्किन के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है. ये खतरनाक अल्ट्रावायलेट किरणों से स्किन को बचाता है, जिससे स्किन टेन होने से बचने के साथसाथ स्किन एलर्जी, स्किन रेडनेस जैसी समस्याओं से भी निजात मिलता है. क्योंकि सनस्क्रीन में एसपीएफ यानि सन प्रोटेक्शन फैक्टर जो होता है. जैसे अगर आपकी स्किन धूप में निकलते ही आपको टेनिंग या जलन जैसा फील होने लगे तो इसका मतलब आपकी स्किन धूप के संपर्क में आते ही जलने लगती है . इसलिए जरूरी है आपके लिए 25 या फिर 30 एसपीएफ युक्त सनस्क्रीन का चयन करने की. क्योंकि ये आपको 5 – 6 घंटे सुरक्षा प्रदान करने का काम जो करेगा.

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केमिकल सनस्क्रीन 

जान लें कि जिस सनस्क्रीन में जितना ज्यादा एसपीएफ होगा , उसमें उतने ज्यादा केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें सूर्य की किरणों को अवशोषित करने के लिए ऐसे केमिकल इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल किया जाता है , जो इसे हीट में बदल देती है, फिर वो हीट स्किन के माध्यम से बाहर निकलती है. अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ डर्मेटोलॉजी के अनुसार, केमिकल सनस्क्रीन में ऑक्सीबेंजोन,  एवोबेंजोन, होमोसोलटे , ओक्टिनोसेट नामक इंग्रीडिएंट्स होते हैं , जो स्किन को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं. खासकर के एक्ने व सेंसिटिव स्किन को. इन सनस्क्रीन्स में अल्कोहल, खुशबू व प्रीसरवेटिव्स का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए एलर्जी व सेंसिटिव स्किन वालों को इसके इस्तेमाल से दूर रहना चाहिए. ये लाइट होने के कारण स्किन में आसानी से एब्सॉर्ब भी हो जाते हैं.

फिजिकल सनस्क्रीन 

इसे अगर सनब्लॉक भी कहा जाए तो गलत नहीं होगा. क्योंकि ये दोनों यूवीए व यूवीबी किरणों से स्किन का बचाव करने का काम करते हैं . इसमें मिनरल बेस्ड इंग्रीडिएंट्स जैसे टाइटेनियम डाइऑक्साइड, जिंक ऑक्साइड वगैरा का इस्तेमाल किया जाता है. ये त्वचा के ऊपर रहकर हानिकारक यूवी किरणों को स्किन से दूर रखने का काम करते हैं . इसकी खास बात यह है कि इसे लगाते ही आपकी स्किन को सूर्य की किरणों से बचाव हो जाता है. और आपको बाहर जाने से पहले इंतजार करने की जरूरत भी नहीं होती है. बता दें कि फिजिकल सनस्क्रीन सेंसिटिव व एक्ने प्रोन स्किन के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं.

जब चुनें सनस्क्रीन 

टाइप का ध्यान रखें 

मार्केट में आपको लोशन, स्प्रे,  जैल , क्रीम, स्टिक कई फॉर्म में सनस्क्रीन मिल जाएंगे. लेकिन आप अपनी स्किन टाइप व कंफर्ट को देखते हुए ही सनस्क्रीन का चयन करें. जैसे अगर आपकी स्किन ड्राई है तो आप क्रीम बेस्ड सनस्क्रीन का चयन करें, जो आपकी स्किन की डॉयनेस को दूर करके आपको एजिंग से दूर रखने का तो काम करेगा ही, साथ ही स्किन को यूवी किरणों से भी बचाएगा. वहीं अगर आपकी एक्ने प्रोन स्किन है तो आप जैल बेस सनस्क्रीन का चयन करें, क्योंकि इसका नोन ग्रीसी फार्मूला आपकी स्किन को क्लियर बनाने के साथ एक्सेस आयल को भी रिमूव करके आपकी स्किन की डबल केयर करने का काम करता है.

चुनें ब्रॉड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन 

ये ऐसे सनस्क्रीन होते हैं , जो यूवीए व  यूवीबी दोनों तरह की किरणों से स्किन को प्रोटेक्शन देने में मदद करते हैं. क्योंकि ये न सिर्फ स्किन को टेन होने से बचाने का काम करते हैं , बल्कि स्किन कैंसर से भी बचाते हैं. जबकि अधिकतर सनस्क्रीन यूवीबी किरणों से स्किन को बचाते हैं. लेकिन इनसे एजिंग को रोकने में मदद नहीं मिलती है. इसलिए जब भी सनस्क्रीन खरीदें तो लेबल देखकर ही खरीदें, ताकि आपकी स्किन की दोनों किरणों से रक्षा हो सके.

एसपीएफ जरूर देखें 

सिर्फ सनस्क्रीन को देखकर मार्केट से सनस्क्रीन को खरीद लेना उचित नहीं है, बल्कि आप अपनी जरूरत के हिसाब से सनस्क्रीन में एसपीएफ को जरूर चेक करें. जैसे अगर आपको गर्मियों में बाहर ज्यादा देर तक रहना पड़ता है, तभी आप 40 – 50 एसपीएफ वाले सनस्क्रीन का चयन करें , वरना आप कम से कम एसपीएफ का इस्तेमाल करके अपनी स्किन को केमिकल्स से बचाएं. क्योंकि जितना ज्यादा एसपीएफ उतना ज्यादा केमिकल.

पहले हाथ पर चेक जरूर करें

जब भी आप कोई नया सनस्क्रीन खरीदें, तो उसे सबसे पहले डायरेक्ट स्किन पर अप्लाई न करें , बल्कि 1 – 2 बार उसे हाथ पर चेक करके जरूर देखें. इससे अगर आपको सनस्क्रीन से किसी भी तरह की कोई एलर्जी होगी, जैसे स्किन का लाल पड़ जाना, जलन, खुजली, स्किन कलर का अलग दिखना तो समझ जाएं कि ये सनस्क्रीन आपकी स्किन के लिए सही नहीं है. और अगर परफेक्ट है तो फिर आप उसे बिना सोचेसमझें  चेहरे पर अप्लाई कर सकते हैं.

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इंग्रीडिएंट्स इन सनस्क्रीन 

हमेशा  इंग्रीडिएंट्स देखकर ही सनस्क्रीन को खरीदना चाहिए. जैसे अगर सनस्क्रीन में टाइटेनियम डाइऑक्साइड व जिंक ऑक्साइड जैसे इंग्रीडिएंट्स हैं तो आप उस सनस्क्रीन का चयन करें. क्योंकि जहां जिंक ऑक्साइड आपको यूवीए व  यूवीबी दोनों किरणों से बचाता है और साथ ही सनबर्न व झुर्रियों के खतरे को भी काफी कम कर देता है, वहीं टाइटेनियम डाइऑक्साइड सनस्क्रीन में यूवी फ़िल्टरिंग घटक के रूप में काम करता है. जो स्किन में यूवी किरणों को अब्सोर्ब होने से रोकता है. जबकि केमिकल इंग्रीडिएंट्स स्किन में एब्सॉर्ब होने के कारण ये स्किन कैंसर का भी कारण बनते हैं. और हमेशा एक्सपायरी चेक करके ही प्रोडक्ट को खरीदें.

बेस्ट मिनरल बेस्ड सनस्क्रीन 

जेड ब्लाक 25% जिंकऑक्साइड सनस्क्रीन जैल 

ये  25% जिंकऑक्साइड से बना होने के कारण स्किन की यूवीए व  यूवीबी किरणों से प्रोटेक्शन करने का काम करता है. इसका सिलिकोन टेक्सचर होने के कारण आप इसे प्राइमर की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ये चेहरे पर ग्लो व वेलवेट फिनिश देने के साथ हानिकारक केमिकल्स से फ्री है.

एरोमा मैजिक एलोवीरा सनस्क्रीन जैल 

इसमें जिंकऑक्साइड की मौजूदगी , जो यूवी फिल्टर का काम करती है, साथ ही ये स्किन को मैट फिनिश देने का भी काम करता है. अगर आपकी एक्ने प्रोन स्किन है तो आप बिना सोचेसमझें इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. क्योंकि ये हार्मफुल केमिकल्स से मुक्त जो है.

न्यूट्रोजिना शीर जिंक सनस्क्रीन 

ये 100 पर्सेंट मिनरल बेस्ड है, इसमें जिंक ऑक्साइड होने के कारण ये हार्मफुल रेज़ से स्किन की सुरक्षा करता है.  ये स्किन पर सोफ्ट मैट फिनिश तो देता ही है, साथ ही पेराबीन , फ्रेग्रेन्स व डाई से रहित होने के कारण पूरी तरह से सेफ है.

डर्मा को प्योर जिंक सनस्क्रीन जैल 

लाइटवेट मिनरल सनस्क्रीन 100% नेचुरल जिंक ऑक्साइड से बना होने के कारण ये इंडियन स्किन के लिए परफेक्ट है. ये स्किन पर ग्रीसी इफ़ेक्ट नहीं देता है.

कुरेज मिनरल सनस्क्रीन 

ये एलोवीरा , विटामिन इ जैसे नेचुरल इंग्रेडिएंट्स से बना होने के कारण आपकी स्किन को नौरिश करने के साथ स्किन को प्रोटेक्ट व क्लियर बनाने का भी काम करता है. आप इन्हें अपनी सुविधानुसार ऑफलाइन व ऑनलाइन कहीं से भी खरीद सकते हैं.

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अपर लिप पर बहुत सारे बाल के कारण मैं परेशान हूं?

सवाल-

मेरी उम्र 16 वर्ष है. मेरे अपर लिप पर बहुत सारे बाल हैं, जिन की वजह से घर से निकलना मुश्किल हो जाता है. मैं इन को कैसे रिमूव करूं?

जवाब-

अपर लिप के बालों को हटाने के लिए बहुत सारे तरीके हैं. थ्रैडिंग या वैक्सिंग भी की जा सकती है. थ्रैडिंग में बहुत पेन होता है और धीरेधीरे बाल डार्क और थिक होने शुरू हो जाते हैं. वैक्सिंग से बाल सौफ्ट तो हो जाते हैं, मगर स्किन के बारबार खींचने से रिंकल्स पड़नी शुरू हो जाती हैं.

इसलिए इन बालों से हमेशा के लिए छुटकारा पाने के लिए पल्स लाइट या लेजर सब से अच्छा सलूशन है. पल्स लाइट करने में फ्लैशलाइट का इस्तेमाल होता है. अपर लिप के लिए 3-4 फ्लैशलाइट दी जाती हैं जिस में 2 मिनट लगते हैं. इस तरह से 5 या 6 सिटिंग्स में बाल हमेशा के लिए खत्म हो जाते हैं या यों कहें इतने कम और हलके व सौफ्ट हो जाते हैं कि दिखते भी नहीं हैं और अगर हलके हैं तो ब्लीच किए जा सकते हैं. यह इलाज बिलकुल सेफ है और पेनलैस भी है. 6 महीने के अंदर आप इन बालों से हमेशा के लिए छुटकारा पा लेंगी.

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लौकडाउन के चलते हम सब अपने घरों में कैद है. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 21 दिन के लौकडाउन की घोषणा के साथ ही हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे हम इस वायरस को हरा पाएं. लौकडाउन के चलते महिलाएं भी अपनी सौंदर्य समस्या को लेकर परेशान हैं कि घर में रहकर किस तरह वो अपनी फिटनेस और ब्यूटी का ख्याल रखें. अब बात करें लड़कियों की तो भले ही हर महीने फेशियल, क्लीनअप और वैक्स ना करवाएं लेकिन अपरलिप्स और आइब्रो  जरूर सेट करवाती हैं.

ऐसे में अगर आप भी अपनी आइब्रो और अपरलिफ्स की बढ़ती ग्रोथ को लेकर परेशान हैं तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपके लिए कुछ ऐसे टिप्स लेकर आए हैं जिससे आप घर में ही आसनी से इस प्रौब्लम से छुटकारा पा सकती हैं. जिससे आप सिर्फ अपने पति ही नहीं अपनी नजरों में भी हिट बनी रहेगी. भई सेल्फ केयर भी तो जरूरी है.

अगर आपके चेहरे पर बाल रहेंगे तो खूबसूरती वैसे ही फीकी पड़ जाएगी और जहां तक सवाल आइब्रो और होठों के उपर के बालों की है तो ये हर 15 दिन में इनकी ग्रोथ हो जाती है और ये दिखने में भी गंदे लगते हैं. हम यहां आपको अपरलिप्स के बाल हटाने के लिए कुछ घरेलू उपाय बता रहे हैं जिससे नेचुरल तरीके से ये हट जाएंगे. खासियत ये है कि इनके कोई साइड इफैक्ट नहीं होते और ये सारी चीजें आपके किचन में भी मौजूद रहती हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- इन 5 तरीकों से घर पर ही करें अपर लिप्स और आइब्रो

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मैंने कभी अपर लिप्स नहीं बनवाए, इसे बनवाने का सही तरीका क्या है?

सवाल-

मेरी उम्र 32 साल है. मैं ने कभी अपर लिप्स नहीं बनवाए. इसे बनवाने का सब से सही तरीका क्या है?

जवाब-

लिप हेयर को हटाना थोड़ा दर्दनाक होता है लेकिन इन्हें हटाना भी बहुत जरूरी है. अगर आप को भी अपरलिप कराते समय तेज दर्द महसूस होता है तो आप कुछ घरेलू तरीके भी अपना सकती हैं. 2 नीबू के रस को निचोड़ कर उस में थोड़ा पानी और थोड़ी चीनी मिला लें. इस पेस्ट को तब तक मिलाएं जब तक कि पेस्ट पतला न हो जाएं. अब तैयार किए गए पेस्ट को अपने होंठों के ऊपरी हिस्से पर लगाएं. 15 मिनट बाद पानी से चेहरा धो लें.

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अपरलिप्स से छुटकारा…

इसके लिए लेजर भी करा सकती हैं. लेजर बालों को उन की जड़ों से उखाड़ता है और 1 साल या अधिक समय तक दोबारा बढ़ने से रोकता है. लेजर सेशन में 5 मिनट के अंदर पूरा हो जाता है. आप को केवल ऐसा महसूस होगा कि आप के चेहरे पर एक रबर बैंड लगाया गया है (हालांकि आप इससे अच्छा महसूस नहीं करेंगी, लेकिन आप को कोई दर्द नहीं होगा). लेजर कराना थोड़ा महंगा है. वहीं ज्यादातर महिलाओं को 6 सेशन कराने की जरूरत पड़ती है.

वैक्सिंग…

कुछ सप्ताह छुटकारा पाने के लिए इसके लिए वैक्सिंग करा सकती हैं. आईब्रोज के उलट चेहरे के इस हिस्से पर घर में भी वैक्सिंग कर सकती हैं. लेकिन कम तापमान वाली किट का इस्तेमाल करें, क्योंकि शरीर के अन्य हिस्सों के लिए इस्तेमाल में लाया जाने वाला वैक्स आप के चेहरे को जला सकता है. तीन अलग- अलग हस्सों में वैक्सिंग करें (बायीं ओर, दायीं ओर और बीच में). वैक्स को नाक के नीचे से नीचे की तरफ फैलाएं. जब इसे हटाएं तो वैक्स स्ट्रिप को ऊपर की ओर खीचें.

क्रीम का इस्तेमाल…

इसके अलावा डिपिलेटरी क्रीम का भी प्रयोग कर सकती हैं. डिपिलेटरी क्रीम त्वचा के नीचे तक प्रभाव डालती है और 1 सप्ताह तक होंठ के ऊपरी हिस्से को बालों से मुक्त रखती है. पहली बार क्रीम को परखने के लिए अपने टखने के पास की त्वचा पर थोड़ी क्रीम लगा कर देख लें कि किसी तरह का रिएक्शन तो नहीं हो रहा है.

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मेरी आईलैशेज काफी कम और छोटी हैं, इनकी ग्रोथ के लिए कोई उपाय बताएं?

सवाल-

मेरी उम्र 30 साल है. मेरी आईलैशेज काफी कम और छोटी हैं. मुझे कोई उपाय बताएं, जिस से उन की ग्रोथ हो सके?

जवाब-

घनी आईलैशेज के लिए अरंडी का तेल काफी फायदेमंद माना जाता है. इस में रिसिनोलिक ऐसिड पाया जाता है. यह बालों की जड़ों में रक्तप्रवाह को बढ़ाता है और पलकों के विकास के लिए उत्तेजित करता है.

अरंडी के तेल से न सिर्फ आप की पलकें घनी होंगी बल्कि यह पलकों को टूटने से भी बचाएगा. इसे लगाने के लिए अपने चेहरे को अच्छी तरह साफ कर लें. ध्यान रहे कि आप की आंखों पर किसी तरह का मेकअप न हो. अब साफ मसकारा ब्रश लें. इस ब्रश को अरंडी के तेल में डुबोएं और पलकों पर लगाएं. इसे रातभर पलकों पर लगा रहने दें और सुबह गुलाबजल या फिर मेकअप वाइप्स की मदद से साफ कर लें.

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कई लड़कियां आंखों की सुंदरता को उभारने के लिए नकली या आर्टिफिशियल पलकों का इस्तेमाल करती हैं. लेकिन जब आप अपनी पलकों को प्राकृतिक रूप से घना बना सकती हैं, तो इतनी तकलीफ उठाने की जरूरत क्या है. लड़कियों की खूबसूरती उन की आंखों से होती है और यदि उन की पलकें घनी हैं तब तो कहने ही क्या.

कई युवतियों की पलकें घनी नहीं होतीं, इसलिए वे अपनी आंखों की सुंदरता को उभारने के लिए नकली या आर्टिफिशियल पलकों का सहारा लेती हैं, जिन्हें ज्यादा समय तक अपनाने से नुकसान भी हो सकता है. आइए, जानते हैं कि किस तरह आप अपनी पलकों को कुदरती तौर पर घना और मोटा बना सकती हैं:

1. कैस्टर तेल

रात को सोते समय हर रोज अपनी पलकों पर इस तेल को लगाएं. चाहें तो तेल को हलका सा गरम भी कर सकती हैं. इस को 2 महीने तक लगाएं और फिर देखिए कि आप की पलकें किस तरह से घनी हो जाती हैं.

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2. विटामिन ई तेल

एक छोटा सा आइलैश ब्रश लें और उसे इस तेल में डुबो कर रोजाना अपनी पलकों पर लगाएं. चाहें तो विटामिन ई की कुछ टैबलेट को क्रश कर इस तेल के साथ मिला कर लगा सकती हैं. अगर आप की पलकों पर खुजली होती है तो वह भी इस तेल को लगाने से खत्म हो जाएगी.

3. वैसलीन

यदि आप किसी प्रकार का तेल नहीं लगाना चाहतीं, तो वैसलीन इस का बेहतर विकल्प है. रोजाना रात को सोने से पहले अपनी पलकों पर वैसलीन लगाएं. उस के बाद सुबह उठते ही पलकों पर हलके गरम पानी से छींटे मार कर साफ करें, वरना पूरे दिन वे चिपचिपाती रहेंगी.

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फेस से ब्लैकहैड्स हटाने का तरीका बताएं?

सवाल-

मेरे चेहरे पर ब्लैकहैड्स हैं जो आसानी से नहीं निकलते हैं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

ब्लैकहैड्स को फेस पैक के जरीए निकाल पाना पौसिबल नहीं है क्योंकि वे पोर्स के अंदर होते हैं और पोर्स को खोल कर क्लीन करने के लिए स्क्रब करना जरूरी होता है. इन ब्लैकहैड्स को रिमूव करने के लिए आप किसी अच्छे कौस्मैटिक क्लीनिक से वेज या फ्रूट पील करवा सकती हैं. 15 दिन में एक बार पील करवा लेने से ब्लैकहैड्स व व्हाइट हैड्स रिमूव हो जाएंगे साथ ही चेहरे पर निखार भी आएगा.

इस के साथ ही डेली बेसिस पर अपने फेस को क्लीन करने के लिए स्क्रब बना लें. घर पर बादाम व दलिया खुरदरा पीस कर पाउडर बनाएं और इस में चुटकीभर हलदी और गुलाबजल मिला कर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को अपनी नाक व चेहरे पर लगा कर हलके हाथों से स्क्रब कीजिए और थोड़ी देर बाद सादे पानी से धो लें.

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वातावरण में मौजूद प्रदूषण और चेहरे को नियमित ऐक्सफौलिएट न करने की वजह से चेहरे पर होने वाले दागधब्बे अच्छे नहीं लगते हैं. खासकर नाक और लोअर लिप के नीचे होने वाले ब्लैकहैड्स और व्हाइटहैड्स. दरअसल, सिबेसियस ग्लैंड के द्वारा जरूरत से ज्यादा तेल पैदा करने पर स्किन के पोर्स बंद हो जाते हैं या फिर मृत कोशिकाओं के एकत्रित हो हेयर फौलिकल्स को ब्लौक करने के कारण स्किन तक औक्सीजन नहीं पहुंच पाती और स्किन सांस नहीं ले पाती.

इन्हें ठीक करने के लिए बहुत से उपायों का इस्तेमाल किया जाता है, बावजूद इस के ये बारबार हो जाते हैं. मशहूर कौस्मैटोलौजिस्ट भारती तनेजा इस परेशानी से बचने के लिए नियमित रूप से अपने चेहरे को सैलिसिलिक ऐसिड युक्त क्लींजर से धोने की सलाह देती हैं.

व्हाइटहैड्स के लिए करें ये उपाय

नीम और हलदी पैक:

नीम और हलदी दोनों ही अपने औषधीय गुणों के लिए जाने जाते हैं. इन दोनों में पाए जाने वाले ऐंटीऔक्सीडैंट के कारण ये व्हाइटहैड्स को दूर करने में मदद करते हैं. इस के लिए नीम की कुछ पत्तियां ले कर उन में 1 चुटकी हलदी मिला कर पीस लें. फिर इस पेस्ट को चेहरे पर लगा लें. 10 मिनट लगा रहने के बाद पानी से धो लें. इस से आप को व्हाइटहैड्स से छुटकारा मिल जाएगा.

चने की दाल का स्क्रब:

बेसन स्किन की अंदरूनी सफाई करता है. डैड स्किन की प्रौब्लम दूर करने के साथ ही इस से चेहरे की रंगत भी निखरती है. 1 चम्मच चने की दाल पीस कर उस में 1 चम्मच कच्चा दूध और 2 चम्मच रोजवाटर मिलाएं. अब इस पेस्ट को चेहरे पर 20 मिनट तक लगाए रखें और फिर चेहरा धो लें.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- ब्लैकहैड्स और व्हाइटहैड्स को ऐसे करें दूर

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काजल आंखों से फैल जाता है, मैं क्या करुं?

सवाल- 

मु झे काजल लगाना बहुत पसंद है. लेकिन जब भी काजल लगाती हूं वह फैल जाता है. कोई इलाज बताएं जिससे कि मेरा काजल फैले नहीं?

जवाब-

आजकल मार्केट में बहुत अच्छी क्वालिटी के काजल उपलब्ध हैं जो स्मजप्रूफ और वाटरप्रूफ होते हैं. वे जल्दी फैलते नहीं हैं. इस के अलावा आप काजल लगाने के बाद आंखों के नीचे वाटरप्रूफ आईलाइनर की लाइन लगा लें. इस से काजल नहीं फैलता.

काजल लगाने के बाद एक पतले ब्रश से ब्राउन, ब्लैक, पिंक, ग्रीन या ब्लू यानी ड्रैस से मैच करते कौंप्लिमैंटरी कलर के आईशैडो से एक लाइन काजल के नीचेनीचे लगा लें. इस से काजल जल्दी फैलता नहीं. यदि आप हमेशा काजल लगा कर खूबसूरत दिखना चाहती हैं तो प्रौमिनैंट काजल लगवा लें जो 15 साल से भी ज्यादा समय तक टिका रहता है.

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मेकअप करना आसान काम नहीं है . इसमें छोटी से चूक आपकी खूबसूरती को संवारने की बजाय बिगाड़ देती है . जैसे की काजल का फैलना . कजरारी आंखों के बिना खूबसूरती के बारे में सोचा नहीं जा सकता . काजल का इस्तेमाल आप अपनी आंखों की सुंदरता बढ़ाने के लिए करते है . आप और भी  कई तरह से अपनी आंखों को खूबसूरत बनाने के लिए चीजों का इस्तेमाल करते हैं . लेकिन काजल की बात ही कुछ और है .

काजल लगाने से आंखे खूबसूरत लगती है उनमें चमक आती है . लेकिन जब काजल फैल जाता है तो वह देखने में बहुत ही खराब लगता है और आपकी सुन्दरता पर एक धब्बा बन जाता है . लेकिन इस समस्या से भी निपटा जा सकता है . तो यहां कुछ सरल ट्रिक्स हैं जो आपके काजल को फैलने से रोकते हैं .

इन टिप्स से नहीं फैलेगा काजल :

1. चेहरे को अच्छे से करें साफ  –

सबसे पहले अपने चेहरे को अच्छे से साफ करें . काजल लगाने से पहले अपने चेहरे को किसी भी फेस वॉश से धो लें और चेहरा पूरी तरह से सूखने के बाद की काजल को लगाएं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- 10 Tips: काजल को फैलने से कैसे बचाएं

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वजन कम करने के कारण स्ट्रैच मार्क्स हो गए हैं, मैं क्या करुं?

सवाल-

मैं ने अपना वेट काफी कम किया है. मगर मेरे पेट और टांगों पर स्ट्रैच मार्क्स हो गए हैं. बताएं क्या करूं?

जवाब-

जब हम वेट कम करते हैं तो स्किन पहले की तरह टाइट नहीं हो पाती और स्ट्रैच मार्क्स हो ही जाते हैं. घर में आप विटामिन ई के कैप्सूल लें. उन्हें तोड़ कर स्ट्रैच मार्क्स पर लगाएं. इस से कुछ हद तक स्ट्रैच मार्क्स में फर्क आ सकता है. आप किसी क्लीनिक से लेजर की सिटिंग्स भी ले सकती हैं. इस से स्ट्रैच मार्क्स काफी हद तक कम हो सकते हैं.

आजकल स्ट्रैच मार्क्स के लिए कई तरह के औयल भी उपलब्ध हैं, जिन्हें लगाने से काफी हद तक फर्क पड़ जाता है. आप घर पर ऐलोवेरा जैल भी लगा सकती हैं. ताजा ऐलोवेरा ले कर उसे तिरछा काट कर कुछ देर के लिए रख दें. उस से पीले रंग का एक लिक्विड निकलता है जिसे निकलने दें. फिर उसे सैंटर से काट कर चाकू से

जल को निकाल लें. फिर हर रोज इस जैल से स्ट्रैच मार्क्स की मसाज करें. इस से भी स्ट्रैच मार्क्स कम होते हैं.

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स्ट्रैच मार्क्स यानी त्वचा पर खिंचाव के निशान. यों तो महिलाओं में गर्भावस्था के बाद होने वाली यह एक आम परेशानी है, लेकिन कई बार देखा गया है कि वजन कम करने के बाद भी इस तरह के निशान त्वचा पर देखे जाते हैं. यही नहीं महिलाओं के साथसाथ पुरुषों में भी स्ट्रैच मार्क्स एक आम समस्या बनते जा रहे हैं. स्टैच मार्क्स कई तरह के होते हैं, जिन के होने की कुछ अलगअलग वजहें हो सकती हैं. लेकिन इन से घबराने की जरूरत नहीं है.

महिलाएं और पुरुष इस तरह के निशानों को कुछ साधारण घरेलू उपायों से दूर कर सकते हैं. इस के अलावा कुछ खास क्रीमों और औयल आदि की नियमित मालिश से भी इन निशानों से छुटकारा पाया जा सकता है.

क्यों होते हैं स्ट्रैच मार्क्स

शरीर के अलगअलग हिस्सों पर हमारी त्वचा अलगअलग प्रकार की यानी कहीं सख्त तो कहीं मुलायम होती है. लेकिन मुख्य तौर पर त्वचा की 3 परतें होती हैं- पहली परत यानी बाहरी त्वचा को ऐपिडर्मिस, दूसरी परत को डर्मिस और सब से निचली यानी अंतिम परत को हाइपोडर्मिस कहते हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- स्ट्रैच मार्क्स से ऐसे पाएं छुटकारा

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साबुन बढ़ा सकता है पिंपल्स की प्रौब्लम

आज की भागदौड़ भरी और व्यस्त जीवनशैली का विपरीत असर चेहरे की स्किन पर पड़ता है, जिससे स्किन संबंधी समस्याएं होने लगती हैं. इन समस्याओं में पिंपल्स का होना सबसे आम है और इससे निपटने के लिए हम कई उपाय भी करते हैं.

अक्सर हम इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं कि किस तरह हमारा फेशियल क्लेन्जर पिंपल्स से छुटकारा दिलाने के बजाय और भी नुक्सान पहुंचा रहा है. साधारण टॉयलेट सोप पिंपल्स के लिए नुक्सानदायक होने के साथ-साथ उन्हें बढ़ा भी सकता है.

सोप पिंपल्स से निपटने के लिए सही उपाय क्यों नहीं हैं?

यदि चेहरे पर पिंपल्स हैं, तो ऐसे में साबुन का इस्तेमाल करना पिंपल्स के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. चेहरे की स्किन शरीर की बाकी स्किन की तुलना में ज्यादा संवेदनशील होती है. साबुन चेहरे के पीएच स्तर को प्रभावित करता है, जिससे स्किन रूखी नजर आने लगती है. चेहरा जब ज्यादा ड्राई हो जाता है, तब यह तेल ग्रंथियों को सक्रिय कर देता है. ऐसे में पिंपल्स पैदा करने वाले बैक्टीरिया स्किन पर पनपने लगते हैं और पिंपल्स की समस्या भी बढ़ने लगती है.

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ऐसे में हमें चाहिए एक ऐसा सोप-फ्री फेशियल क्लेन्जर जिसमें ऐसे तत्त्व हों जो पिंपल्स से छुटकारा दिला सकें. हिमालया प्यूरीफाइंग नीम फेसवाश पूरी तरह सोप-फ्री है इसलिए पिंपल्स पर हार्श नहीं होता.

पिंपल्स से छुटकारा दिलाने में किस तरह सहायक है?

हिमालया प्यूरीफाइंग नीम फेसवाश सोप फ्री फेसवाश है. यह स्किन की गंदगी को साफ करने के साथ-साथ आपके चेहरे को पिंपल्स से भी मुक्त करता है. इसमें नीम और हल्दी जैसे प्राकृतिक गुण होते हैं जो चेहरे की स्किन पर पिंपल्स के कारण पनपने वाले बैक्टीरिया से लड़ने का काम करते हैं और इस तरह पिंपल्स की समस्या से छुटकारा दिलाने में यह फेसवाश सहायक है. तो साफ-सुथरी और पिंपल फ्री स्किन पाने के लिए सोप फ्री फेसवाश अपनाने का यही है सही समय.

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Pregnancy में सुंदर दिखने के लिए अपनाएं ये 9 Tips

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

मां बनना दुनिया की हर महिला के लिए एक सुखद अहसास होता है. आने वाले बच्चे को लेकर वह कई तरह के सपने बुनने लगती है. लेकिन हर महिला के मन में इन नौ महीनों में उनकी सुंदरता को लेकर कई सवाल उठने लगते हैं. उन्हें लगता है कि उनके शरीर में होने वाला हार्मोनल बदलाव उनकी सुंदरता को कम न कर दे. हालांकि , मन में ये सवाल उठना स्वभाविक है. लेकिन हर महिला का हार्मोनल चक्र अलग होता है और उनकी प्रैग्नेंसी भी अलग होती है. इसलिए प्रैग्नेंसी के दिनों में किसी महिला के चेहरे पर प्राकृतिक चमक आती है, तो किसी को मुहांसे, ब्लैकहेड्स की समस्या होने लगती है. लेकिन अगर आपको जरा सा भी संदेह है तो यहां आपके लिए प्रेग्नेंसी में सुंदर दिखने के कुछ शानदार और प्रभावी तरीके बताए गए हैं, जिन्हें अगर आप फॉलो करेंगी, तो पूरे 9 महीने आपके चेहरे पर चमक बरकरार रहेगी.

1. ढेर सारा पानी पीएं-

प्रैग्नेंसी में सुंदरता को बनाए रखने के लिए ढेर सारा पानी पीना चाहिए. यह आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को फिल्टर करने में मदद करता है. इसके अलावा पानी आपके शरीर में एमनियोटिक द्रव की सही मात्रा को बनाए रखने में मददगार है. यह आपको और आपके बच्चे को स्वस्थ रखेगा. प्रेग्नेंसी के दिनों में विशेषज्ञ कम से कम 2 लीटर पानी पीने की सलाह देते हैं.

2. सही भोजन करें-

प्रैग्नेंसी के दौरान आप क्या खा रही  हैं और कितना स्वस्थ खा रही  हैं, इसके प्रति सर्तक रहना बहुत जरूरी  है. डाइट विशेषज्ञ से चार्ट बनवाएं और इसे फॉलो करें. सबसे जरूरी है कि स्वस्थ खाएं, ये आपके बच्चे के विकास के लिए बहुत जरूरी है.

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3. अच्छी नींद लें-

थकान उन लक्षणों में से एक  है, जो प्रैग्नेंट महिलाओं को पहली तिमाही के दौरान महसूस होती है. आराम बहुत जरूरी है, तभी आपका शरीर और दिमाग खुद को तरोताजा महसूस करा पाएगा. इसलिए दिनभर में पर्याप्त नींद लें . सोने जाएं, तो अपने आप को सहज बनाएं. पॉश्चर सही रखें . सोते समय मेटरनिटी कुशन का सहारा लें. इससे आपको अच्छी नींद आएगी.

4. वजन पर नजर रखें-

प्रैग्नेंट  होने पर आपको अपने वजन पर नजर बनाए रखने की जरूरत है. हालांकि, प्रेग्नेंसी के दरौरान वजन बढऩा स्वभाविक  है. लेकिन इसका गलत तरीके से बढऩा स्वस्थ नहीं है. जंक फूड खाने से वजन बढ़ेगा, इसलिए स्वस्थ विकल्प चुनें.

5. व्यायाम  करें-

आप मानें या ना मानें, प्रैग्नेंसी में कुछ तरह के व्यायाम करना बेहद जरूरी  होते हैं. इसके लिए आप चाहें, तो मेटरनिटी योगा क्लासेस जॉइन कर सकती हैं, जो खासतौर से प्री-नेटल के लिए ही डिजाइन की जाती है.

6. स्ट्रेच मार्क्स से बचें-

ज्यादातर नई मांएं प्रेग्नेंसी के बाद स्ट्रेंच मार्क्स का अनुभव करती हैं. इन पूरे नौ महीनों पर इस पर ध्यान देना चाहिए. स्ट्रेच मार्क क्रीम का उपयोग करें. इसे रोजाना इस्तेमाल करें और धीरे-धीरे अपने पेट की मालिश करते रहें.

7. त्वचा की देखभाल करें-

प्रैग्नेंसी के दौरान अपनी त्वचा को नजरअंदाज न करें. हार्मोन में बदलाव के कारण त्वचा डैमेज हो सकती  है. इसलिए आप अपनी स्किन टाइप के अनुसार, स्किन केयर प्रोडक्ट्स का यूज कर सकती हैं, लेकिन ध्यान  रखें कि इंग्रीडिएंटस में कोई केमिकल वाली चीज शामिल न हो.

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8. मेकअप करें-

यदि आपकी आंखों के नीचे सूजन आ रही  है तो कंसीलर का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा है. चेहरे पर हार्मोनल चेंज के कारण  स्पॉट पड़ गए हैं, तो फाउंडेशन लगाएं. मेकअप हर चीज को कवर करता है. ऐसे ब्रांड्स को चुनें, जो अपने प्रोडक्ट में केमिकल का यूज नहीं करते.

9. आराम करें-

सबसे आखिरी और जरूरी बात है आराम करें. अपने शेड्यूल में ब्रेक को जरूर शामिल करें. प्रैग्नेंसी बहुत तनावपूर्ण होती  है, लेकिन  ध्यान रखें कि आप इससे प्रभावित न  हो. आप जितना आराम करेंगी, उतने सुंदर दिखाई देंगी.

हमें उम्मीद है कि यहां बताए गए तरीके प्रैग्नेंसी में आपकी खूबसूरती को बरकरार  रखेंगे. प्रैग्नेंट  होना कोई बीमारी नहीं है, इसलिए हमेशा खुश रहें. इससे आपकी सुंदरता में निखार आएगा.

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