लिप्स की टैनिंग को कहें बाय-बाय

चेहरा हमारे व्यक्तित्त्व का आईना होता है. यही कारण है कि हर महिला अपने चेहरे को खूबसूरत बनाने के लिए बहुत से जतन करती है. लेकिन यह भी सच है कि चेहरा तभी खूबसूरत दिखाई देता है जब त्वचा बेदाग व होंठ गुलाबी हों. फटे और टैन होंठ चेहरे की सुंदरता को फीका कर देते हैं.

इस में सब से ज्यादा चिंता की बात यह है कि महिलाएं अपने शरीर के अन्य पार्ट्स की टैनिंग को ले कर तो बहुत जागरूक होती हैं, लेकिन लिप्स की टैनिंग को ले कर बिलकुल भी अवेयर नहीं होती हैं. जानिए, होंठों की देखभाल करने के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स :

1. कई बार होंठों पर घटिया किस्म का कौस्मैटिक यूज करने से भी होंठ टैन हो जाते हैं या फिर जरूरत से ज्यादा कौस्मैटिक के प्रयोग से भी होंठों का रंग गहरा पड़ सकता है.

2. धूम्रपान की वजह भी होंठ काले हो जाते हैं.

3. ज्यादा देर तक स्विमिंग करने से भी होंठों में कालापन आ सकता है.

4. ज्यादा कैफीन का सेवन होंठों के कालेपन का कारण बनता है.

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टैनिंग दूर करने के टिप्स

लिप फेशियल : डर्मावर्ल्ड स्किन क्लिनिक के डर्मैटोलौजिस्ट ऐंड हेयर क्लीनिक्स डा. रोहित बत्रा का कहना है कि लोग आमतौर पर चेहरे पर ही फेशियल करते हैं. वो इस बात से अनजान होते हैं कि लिप फेशियल द्वारा लिप्स की टैनिंग से पूरी तरह मुक्ति पा सकते हैं. यही नहीं यह लिप्स को और भी ज्यादा आकर्षक बना देता है. मगर इसे किसी ऐक्सपर्ट से ही कराएं.

लिप ट्रीटमैंट व लिप मास्क : इन दिनों मार्केट में लिप की टैनिंग दूर करने के लिए लिप लाइटनिंग जैसे ट्रीटमैंट्स भी उपलब्ध हैं जो बहुत लोकप्रिय भी हो रहे हैं. इस के अलावा इन दिनों लिप मास्क भी लिप्स की सुंदरता बढ़ाने के लिए बहुत पौपुलर हो रहे हैं.

अन्य नुस्खे

अनार : अनार के रस के प्रयोग से भी टैनिंग दूर होती है. इसे हलदी के साथ मिला कर होंठों पर लगाएं. 15 मिनट बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें.

गुलाब की पंखुडि़यां : होंठों की टैनिंग को दूर करने के लिए गुलाब की पंखुडि़यां बहुत ही फायदेमंद होती हैं. इन्हें पीस कर थोड़ी सी ग्लिसरीन मिला कर घोल को रोज रात को होंठों पर लगा कर सो जाएं, सुबह धो लें.

नीबू : सुबह और शाम नीबू के रस को होठों पर रगड़ें. 10 मिनट बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें. यह टैनिंग दूर करने का बहुत ही कारगर उपाय है.

केसर और दूध : केसर के इस्तेमाल से भी होंठों का कालापन दूर होता है. कच्चे दूध में केसर मिला कर उसे रात को होंठों पर लगा कर सो जाएं, सुबह ठंडे पानी से चेहरा धो लें.

चुकंदर : चुकंदर को काट कर टुकड़ों को होंठों पर घिसें या फिर इस का रस निकाल कर नीबू के रस में मिला कर भी लगा सकती हैं. नियमित लगाने से होंठ गुलाबी व चमकदार बनते हैं.

चीनी का स्क्रब : होंठों की टैनिंग हटाने के लिए चीनी में नारियल तेल की कुछ बूंदें डाल कर ब्रश की सहायता से बिलकुल हलके हाथों से लिप्स को स्क्रब करें. होठों का कालापन दूर हो जाएगा.

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लंबे बालों के लिए अपनाएं ये 7 टिप्स

आपकी खूबसूरती में चार चाँद लगाने वाले आपके लम्बे और घने बाल अच्छे स्वास्थ्य के परिचायक भी होते हैं. क्या आप ये बात जानते हैं कि बाल प्रोटीन से बने होते हैं और बालों को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलते रहना बहुत जरूरी होता है क्योंकि प्रोटीन से ही बाल पोषित होते हैं.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सौंदर्य सलाहकारों की मानें तो आपके बाल हर महीने औसतन आधा इंच तक बढ़ते हैं. कई बार आपका खान-पान, दिनचर्या और जीवनशैली ठीक न होने की वजह से बाल गिरने लगते हैं और आपके बालों की जरूरी ग्रोथ नहीं हो पाती है.

खूबसूरत, घने और लंबे के लिए आप क्या क्या करती हैं. आपकी मेहनत कहां तक सफल होती है, ये तो आप ही जानती होंगी. बालों की अनेक समस्याओं से निजात पाने के लिए आप बाजार के कैमिकल युक्त पदार्थों का उपयोग करती हैं तो हम आपको बता देना चाहते हैं कि इन सौंदर्य उपायों से बेहतर है कि आप कुछ घरेलू नुस्खे अपनाएं. इनका बालों पर कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होगा. इन घरेलू उपायों का असर ज्यादा और लंबे समय के लिए होता है.

आज हम आपको बताएंगे लंबे बालों के लिए घरेलू उपाय..

1. आंवला:

आंवला विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है. आंवले में भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है, जो बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है. आपको आंवला पाउडर और नीबू के रस को बराबर मात्रा में मिलाकर अपने बालों लगाना चाहिए. लगाने के थोड़ी देर के बाद इसे कुनकुने पानी से धो लें. इस घरेलू पैक से आपके बाल तेजी से बढ़ेंगे और खूबसूरत बनेंगे.

2. नींबू:

नींबू का रस भी आपके बालों को लंबा घना तथा स्वस्थ रखने में मदद करता है. इसका पैक बनाने के लिए दो चम्मच नींबू के रस को थोड़े से पानी में मिलाकर अपने बालों में लगा लें. अब 30 मिनट तक इसे अपने बालों पर ही रहने दें और बाद में कुनकुने पानी और शैम्पू के साथ बालों को धो लें. ऐसा लगातार 2-4 महीनों तक करतो रहें. आप इस उपाय को एक सप्ताह में दो बार अपनाएं. आपके बालों में लाभकारी परिवर्तन होंगे.

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3. नारियल का तेल:

नारियल का तेल बालों के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. नारियल के तेल में भी पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मौजूद होता है और प्रोटीन बालों को स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा उपाय है. अपने बालों की कुनकुने नारियल तेल से मालिश करके उन्हें गर्म पानी में भीगे हुए तौलिये से भाप दें और औऱ तौलिये को तकरीबन 1 घंटे के लिए बालों में ही बांध कर छोड़ दे और बाद में सिर धो लें. ऐसा करने से आपके बाल जल्दी बढ़ते हैं.

4. आलू का रस:

आलू का रस बालों को झड़ने या गिरने से रोकता है और उन्हें घना और  लम्बा करने में लाभकारी होता है. अपने सिर को धोने से पहले अपने बालों की त्वचा पर 15 मिनट के लिए आलू का रस लगाकर छोड़ें. आप ये बात जानते हैं कि आलू में मौजूद विटामिन बी आपके बालों को बहुत मजबूत बनाता है और लंबा भी करता है.

5. जैतून का तेल:

आपको कुनकुने जैतून के तेल से अपनेबालों और सिर की मालिश करना चाहिए. लगभग 40 मिनट तक अपने बालों की स्कैल्प की हल्के हाथों से मसाज करने के बाद, किसी माइल्ड शैंपू से अपने बाल धो लें. इससे आपके बालों में एक अद्भुत चमक नजर आने लगती है.

6. अंडा:

ये बात तो सभी मानते हैं कि अंडे में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. नियमित रूप से बालों को अगर प्रोटीन मिलता है तो बाल मजबूत, घने औक लंबे होते हैं, इसीलिए अंडा आपके बालों के लिए आवश्यक है. दो अंडे लेकर अपने गीले बालों पर 30 मिनट तक के लिए लगाकर छोड़ दें. इसके बाद कुनकुने पानी और शैम्पू से अपने बालों को धो लें. आपको असर तुरंत नजर आने लगेगा.

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7. प्याज:

प्याज रक्त के परिसंचरण या ब्लड सरकुलेशन को बढ़ाने में मदद करता है और आपके सिर के बालों को साफ रखने में भी सहायक होता है. आपके बालों को घना और लंबा करने के लिए प्याज के रस को अपने बालों में लगाकर इसे 30 मिनट के लिए इसे छोड़ दें. अब कुनकुने पानी और शैंम्पू से अपने बालों को धो लें. इस उपाय को एक सप्ताह में दो बार कर सकने से आपके बाल लंबे और मजबूत होंगे.

डैंड्रफ से चेहरे को भी होता है नुकसान

डैंड्रफ सिर पर होने वाली एक बेहद आम समस्या है जो बैक्टीरिया या सिर पर फंगल इन्फेक्शन की वजह से होती है. अक्सर सिर की त्वचा ज्‍यादा तैलीय या चिकनाई वाली होने पर यह समस्या हो जाती है. इस समस्या के कारण न सिर्फ बालों की मजबूती पर नकारात्मक असर पड़ता है, बल्कि डैंड्रफ की इस समस्या की वजह से अकसर शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ता है. लेकिन इसके नुकसान सिर्फ इतने ही नहीं हैं, डैंड्रफ के कई अन्‍य साइड इफेक्‍ट्स भी होते हैं. जैसे इससे चेहरे को भी कई नुकसान होते हैं. चलिए जानें डैंड्रफ के कारण चेहरे पर होने वाले नुकसान क्या होते हैं.

मुंहासों की समस्या का कारण

डैंड्रफ की समस्या से प्रभावित लोगों को मुंहासों की समस्या से जूझना पड़ता है. रूसी का सबसे प्रमुख लक्षण रूखी त्वचा के छिलके या पपड़ी जैसा गिरना होता है. इनके कारण रोम छिद्र बंद हो जाते हैं और चेहरे तथा शरीर पर मुंहासे होने लगते हैं. जो लोग पहले से ही मुहांसों की समस्या से जूझ रहे होते हैं उनके लिए डैंड्रफ और भी ज्यादा समस्या का कारण बन सकती है. मुंहासे होने के कारणों में डैंड्रफ भी एक प्रमुख कारण होता है.

चेहरे पर यदि मुंहासे अधिक हो तो मुंहसों के साथ डैंड्रफ का भी उपचार करना चाहिए, क्योंकि जब तक डैंड्रफ साफ नहीं होंगे, तब तक मुंहासों का पूरी तरह उपचार नहीं किया जा सकता है. त्वचा विशेषज्ञों के अनुसार, पीठ पर होने वाले मुंहासे का सबसे बड़ा कारण भी अकसर डैंड्रफ ही होता है. इसलिए पीठ के मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए डैंड्रफ को खत्म करना जरूरी है.

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डैंड्रफ के इलाज के तरीके

डैंड्रफ के कारण बोलों व चेहरे आदि को होने वाले नुकसान से बचने के लिए आप इन उपायों को अपना सकती हैं. हफ्ते में कम से कम दो बार एंटी डैंड्रफ शैंपू लगायें और डैंड्रफ प्रभावित क्षेत्र जैसे सिर की त्वचा, कान, चेहरे आदि को भी अच्छे से साफ करें. इसके अलावा बालों को चेहरे से दूर रखें, क्योंकि अगर रूसी वाले बाल आपके चेहरे पर आएंगे तो इसकी वजह से मुंहांसे होने की संभावना भी अधिक हो जाती है.

आप हफ्ते में एक बार बालों की गर्म तेल से मालिश भी करें इसके कारण रूसी व इसके कारण होने वाले मुंहासों से छुटकारा पाया जा सकता है. इससे सिर की त्वचा स्वस्थ रहती है और सिर की त्वचा में रक्त का प्रवाह बेहतर बनता है. साथ ही अपने चेहरे को नियमित तौर पर साफ करें. मुंहासे अधिक होने पर त्वचा रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें.

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जब खुबसूरत चेहरे से नजर हटाना हो मुश्किल  

पहले अधिकतर प्लास्टिक सर्जरी फायर वर्क्स या किसी दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों के किसी अंग या चेहरे को फिर से नार्मल बनाने के लिए किया जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से ब्यूटी को एनहांस करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी की जाती है. ब्रिटिशएसोसिएशन ऑफ़ एस्थेटिक प्लास्टिक सर्जन्स के अनुसार प्लास्टिक सर्जरी कराने वालों की संख्या बढ़ी है, इसमें वयस्कों से लेकर युवा सभी इसे करवाना चाहते है, क्योंकि उन्हें चमकती, सुरक्षित, स्वस्थ और जवां दिखने वाली त्वचा चाहिए.

ये सही है कि उम्र के बढ़ने के साथ त्वचा भी बेजान और रंगत खोने लगती है, ऐसे में सही तकनीक अपनाकर उसे कुछ हद तक ठीक या रोका जा सकता है. यही वजह है कि आज थोड़ी-थोड़ी दूरी पर एक कॉस्मेटिक सर्जन मिल जाते है, ऐसे में बिना जांच-परख के किसी भी प्लास्टिक सर्जन के पास जाने पर लेने के देने पड़ सकते है. द एस्थेटिक क्लिनिक की डॉ. रिंकी कपूर कहती है कि ये सब ठीक तरह से करवाने के लिए एक सही डॉक्टर के पास जाना जरुरी होता है, क्योंकि बढ़ते तनाव, प्रदूषण और चुनौतीपूर्ण मौसम को देखते हुए भारत में महिलाएं हमेशा अपनी त्वचा की स्थिति में सुधार करना चाहती है और सहायक तकनीकों पर खर्च करने को भी तैयार रहती है. उपभोक्ता आज इस बात की परवाह नहीं करते है कि वे अपने चेहरे पर क्या लगा रहे है, पर वेअच्छी तरह से सोच-समझकर ही विकल्प चुनते है.फेस रिजुविनेशन और सबसे अच्छा दिखने या महसूस करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है,जो निम्न है,

बोटॉक्स या फिलर्स

झुर्रियों, रेखाओं, आंखों के नीचे डार्क हिस्से को कम करने और स्किन ऐजको रोकने के लिए प्रयोग किया जाता है. बोटॉक्स मांसपेशियों में उन नर्व सिग्नल्स को ब्लॉक करती है,जहां इसे इंजेक्ट किया जाता है. नर्व सिग्नल्स को बाधित करने पर इंजेक्शन वाली मांसपेशी अस्थायी रूप से ढीली पड़ जाती है. चेहरे पर इन चुनी हुई मांसपेशियों को हिलाए बिना, कुछ झुर्रियों को नरम, कमजोर या हटाया जा सकता है. इंजेक्टेबल डर्मल फिलर्स असल में जेल जैसे पदार्थ होते है, जिनमें हयालूरोनिक एसिड जैसे प्राकृतिक पदार्थ होते है, जिन्हें त्वचा के नीचे इंजेक्ट किया जाता है, ताकि इसकी उपस्थिती में सुधार हो सके. झुर्रियों के लिए ये सबसे लोकप्रिय और मिनिमम इनवेसिव थिरेपी है.डर्मल फिलर्स में ऐसे तत्वहोते है, जो उम्र बढ़ने के कारण पतले या धंसे हुए क्षेत्रों को पहले की तरह बनाते है, जो अधिकतर गालों, होठों और मुंह के चारों तरफ पतले हुए त्वचा की वजह से होते है.

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उल्थेरा

त्वचा में कसाव लाने के लिएयह एक एडवांस, नॉन-सर्जिकल और नॉन-इनवेसिव तकनीक है जो फोकस्ड हाई-पावर अल्ट्रासाउंड की ऊर्जा काप्रयोग करती है, जिसका उद्देश्य चेहरे की विभिन्न गहराई पर स्किन टिश्यू को गर्म करना है. यह थिरेपी नए कोलेजन का गठन करती है जिससे नैचुरल हीलिंग प्रोसेस सक्रिय हो जाती है.इसमें त्वचा की लिफ्टिंग या कसावट का प्रभाव दिखता है, क्योंकि चेहरे, गर्दन और डेकोलेट(लो नेकलाइन )पर त्वचा में  ढीलापन  कम होने के साथ-साथ उसकी इलास्टिसिटी बढ़ जाती है. यह एक सुविधाजनक प्रक्रिया है, क्योंकि यह 30 से 90 मिनट तक ही करनी पड़ती है.इसमें किसी चीरे या जनरल एनेस्थेशिया की आवश्यकता नहीं होती है. बहुत कम तैयारी के साथ इसे किया जाता है और अधिकांश मामलों में मिनिमम या कोई रिकवरी टाइम की जरुरत नहीं पड़ती.

कार्बन डाई ऑक्साइड लेजर

त्वचाको फिर से जवां बनाने के लिएCO2 लेज़र स्किन रिसरफेसिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड लेजर (CO2) स्किन को सतह से हटाने (एब्लेटिव लेज़र) का काम करती है,जैसे किसी प्रकार का निशान, मस्से और गहरी झुर्रियों को दूर करने के साथ-साथ त्वचा में कसावट और स्किन टोन को बैलेंस करने में सहायक होता है.

एब्लेटिव लेज़र्स यानि CO2 लेज़र, त्वचा को लेसिरेट कर काम करती है. यह स्किन की पतली बाहरी परत (एपिडर्मिस) को हटाकर अंदरुनी त्वचा (डर्मिस) को गर्म करता है और नए कोलेजन फाइबर के विकास को बढ़ाता है. एपिडर्मिस ठीक होने और इस थिरेपी के बाद त्वचा साफ, चिकना और टाइट दिखाई देने लगती है.

नॉन-एब्लेटिव लेज़र, पल्स लाइट (IPL) डिवाइस, त्वचा को खराब नहीं करते है, बल्कि कोलेजन वृद्धि को प्रोत्साहित करते है, जिससे त्वचा की टोन और बनावट में सुधार होता है. यह कम इनवेसिव है और इसके ठीक होने में समय भी कम लगता है, लेकिन यह कम प्रभावी होता है. सर्जन इलाज की स्थिति और रोगी के कॉस्मेटिक लक्ष्यों के आधार पर लेजर के प्रकार का चयन करते है.

लेजर पिग्मेंटेशन

लेज़र पिग्मेंटेशन रिमूवल एक ऐसी प्रक्रिया है, जो पिग्मेंटेशन और लालिमा को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है. इसे लेज़र स्किन रिजुवेनेशन के रूप में भी जाना जाता है. यह उम्र के साथ बनने वाले धब्बे, सनस्पॉट, हाइपरपिग्मेंटेशन, फ्लैट पिग्मेंटेड. बर्थमार्क और झाईयों जैसी त्वचा पर गैरजरूरी पिग्मेंटेशन को दूर करने के लिए सबसे एडवांस ट्रीटमेंट में से एक है. लेज़र गर्म होता है और पिग्मेंट को खत्म कर देता है.फिर पिग्मेंट को आसपास की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना सतह पर खींच लिया जाता है. एक बार सतह पर खींचे जाने के बाद, पिग्मेंटेशन के घाव हल्के या सूखकर, उस जगह से निकल जाते है,जहां इसका प्रयोग किया गया है, इससे त्वचा समान टोन और रंगत के साथ निखर जाती है.

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मेसोथेरेपी

त्वचा की चमक के लिए मेसोथेरेपी एक प्रक्रिया है, जिसमें त्वचा की सतह पर छोटे इंजेक्शन लगाए जाते है.इन इंजेक्शनों में त्वचा में स्वाभाविक रूप से पाए जाने वाले विटामिन्स, मिनरल्स और अन्य घटकों का कॉम्बिनेशन होता है, मसलन हयालूरोनिक एसिड जो उम्र के साथ कम होता जाता है. मेसोथेरेपी की इस प्रक्रिया में कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देना, झुर्रियों और महीन रेखाओं को कम करना है. इसके अलावा त्वचा की बनावट में सुधार, चेहरे की समरूपता और सेल्युलाईट को टारगेट करता है.इसमें इंजेक्शन अलग-अलग गहराई पर त्वचा में 1 से 4 मिलीमीटर तक दिया जाता है, लेकिन यह व्यक्ति की स्थिति और इलाज की प्रोसेस पर निर्भर करता है. कई बार डॉक्टर सुई को त्वचा में एक एंगल पर रखकर इंजेक्शन लगाते समय अपनी कलाई को फुर्ती से हटा लेता है.असल में प्रत्येक इंजेक्शन से त्वचा में सोल्यूशन की केवल एक ही छोटी बूंद अंदर जाती है.सही रिजल्ट पाने के लिए मेसोथेरेपी की कई सेशंस की आवश्यकता होती है. इसलिए डॉक्टर के पास 3 से 15 बार जाने के बाद ही सही परिणाम दिखता है.

पीलिंग ऑफ़ स्किन

त्वचा को रिजुवीनेट करने के लिएकेमिकल पील सबसे अच्छा प्रोसेस है. यह अधिकतर एजिंग फेस की त्वचा को जवां और बेजान होने से बचाती है.इससे निकलने वाली नयी स्किन आमतौर पर चिकनी और कम झुर्रीदार होती है.इस प्रोसेस का प्रयोग आमतौर पर चेहरे, गर्दन और हाथों पर, मुंह के आसपास और आंखों के नीचे की महीन रेखाएं, झुर्रियां, हल्के निशान, धब्बे आदि के लिए किया जाता है.

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अपनी Skin को बनायें जवां

ओट न सिर्फ एक हेल्‍दी ब्रेकफास्‍ट है बल्कि एक बेहतर ब्यूटी प्रोडक्ट भी है. यह आपकी त्‍वचा के लिए बहुत फायदेमंद है और इससे बने फेसपैक से त्‍वचा को हमेशा के लिए जवां बनाया जा सकता है. इसमें मौजूद एक्सफोलिएटिंग, क्लींजिंग और मॉश्चराइजिंग तत्व इसे आपकी त्‍वचा के लिए बेहतर रेमेडी बना देते हैं. ओट फेस पैक को आसानी से घर पर बना सकते हैं. आइए जानते हैं ओट फेस पैक कैसे बनायें और इसका प्रयोग कैसे करें.

1. ओट मील और एलोवेरा स्क्रब

एलोवेरा का प्रयोग काफी समय से मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए किया जाता रहा है. इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी एलिमेंट मूहांसे, टैनिंग और संक्रमण जैसी त्‍वचा की समस्‍याआं को दूर करता है. ओटमील पाउडर को एलोवेरा जेल में अच्छे से मिलाकर चेहरे पर मसाज करें. 3 से 5 मिनट तक मसाज करने के बाद इसे सूखने दें, उसके बाद पानी से धो लें. इस नैचुरल स्क्रब से त्वचा की अंदरूनी सफाई होती है. इससे डेड स्किन के साथ ही ब्लैक हेड्स और व्हाइट हेड्स की समस्या भी दूर हो जाती है.

2. शहद और ओट फेसपैक

इस मॉश्चराइजिंग और एक्सफोलिएटिंग फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच ओट्स में थोड़ा कच्चा दूध और एक चम्‍मच शहद मिलाएं. इसे अच्छे से मिक्स कर लीजिए, फिर इस पेस्‍ट को चेहरे और गले पर लगाएं. जब यह सूख जाये तो इसे पानी से धो लें. ये फेस पैक ड्राई स्किन के लिए अच्छा है और इससे त्‍वचा में निखार आता है.

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3. ओट्स और गुलाबजल

इस फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच ओट्स में 1 चम्मच गुलाबजल और 1 चम्मच शहद मिला लीजिए. इनका पेस्ट बना लें. इस पेस्‍ट को चेहरे पर 10 मिनट के लिए लगाएं और फिर चेहरा धो लें. फिर देखिये आपकी त्‍वचा चमक जायेगी.

4. ओटमील, दूध और नींबू

इस फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच उबले ओट्स, 2 चम्मच दूध और 4 चम्मच नींबू का रस मिला लें. जब ओट्स ठंडे हो जाएं तो उसे चेहरे पर लगा लें. 20-25 मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें. चेहरा निखर जायेगा.

5. ओटमील पैक और योगर्ट

थोड़े ओटमील को पानी में पका लें और इसे ठंडा होने दें. फिर चेहरे पर इसे लगा लें. इसे 15-20 मिनट तक चेहरे पर लगा रहने दें, उसके बाद धो लें. 2 चम्मट ओट्स लें और उसमें दही मिला लें. इसे पूरे चेहरे पर, ख़ासतौर पर रोमछिद्रों वाले हिस्सों पर लगाएं और 20 मिनट तक सूखने दें. फिर ठंडे पानी से धो लें. इससे चेहरे में निखार आयेगा.

त्‍वचा को हेल्‍दी बनाने और उनको निखारने के लिए खानपान और नियमित व्‍यायाम भी बहुत जरूरी है.

ओट न सिर्फ एक हेल्‍दी ब्रेकफास्‍ट है बल्कि एक बेहतर ब्यूटी प्रोडक्ट भी है. यह आपकी त्‍वचा के लिए बहुत फायदेमंद है और इससे बने फेसपैक से त्‍वचा को हमेशा के लिए जवां बनाया जा सकता है. इसमें मौजूद एक्सफोलिएटिंग, क्लींजिंग और मॉश्चराइजिंग तत्व इसे आपकी त्‍वचा के लिए बेहतर रेमेडी बना देते हैं. ओट फेस पैक को आसानी से घर पर बना सकते हैं. आइए जानते हैं ओट फेस पैक कैसे बनायें और इसका प्रयोग कैसे करें.

1. ओट मील और एलोवेरा स्क्रब

एलोवेरा का प्रयोग काफी समय से मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए किया जाता रहा है. इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी एलिमेंट मूहांसे, टैनिंग और संक्रमण जैसी त्‍वचा की समस्‍याआं को दूर करता है. ओटमील पाउडर को एलोवेरा जेल में अच्छे से मिलाकर चेहरे पर मसाज करें. 3 से 5 मिनट तक मसाज करने के बाद इसे सूखने दें, उसके बाद पानी से धो लें. इस नैचुरल स्क्रब से त्वचा की अंदरूनी सफाई होती है. इससे डेड स्किन के साथ ही ब्लैक हेड्स और व्हाइट हेड्स की समस्या भी दूर हो जाती है.

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2. शहद और ओट फेसपैक

इस मॉश्चराइजिंग और एक्सफोलिएटिंग फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच ओट्स में थोड़ा कच्चा दूध और एक चम्‍मच शहद मिलाएं. इसे अच्छे से मिक्स कर लीजिए, फिर इस पेस्‍ट को चेहरे और गले पर लगाएं. जब यह सूख जाये तो इसे पानी से धो लें. ये फेस पैक ड्राई स्किन के लिए अच्छा है और इससे त्‍वचा में निखार आता है.

3. ओट्स और गुलाबजल

इस फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच ओट्स में 1 चम्मच गुलाबजल और 1 चम्मच शहद मिला लीजिए. इनका पेस्ट बना लें. इस पेस्‍ट को चेहरे पर 10 मिनट के लिए लगाएं और फिर चेहरा धो लें. फिर देखिये आपकी त्‍वचा चमक जायेगी.

4. ओटमील, दूध और नींबू

इस फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच उबले ओट्स, 2 चम्मच दूध और 4 चम्मच नींबू का रस मिला लें. जब ओट्स ठंडे हो जाएं तो उसे चेहरे पर लगा लें. 20-25 मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें. चेहरा निखर जायेगा.

5. ओटमील पैक और योगर्ट

थोड़े ओटमील को पानी में पका लें और इसे ठंडा होने दें. फिर चेहरे पर इसे लगा लें. इसे 15-20 मिनट तक चेहरे पर लगा रहने दें, उसके बाद धो लें. 2 चम्मट ओट्स लें और उसमें दही मिला लें. इसे पूरे चेहरे पर, ख़ासतौर पर रोमछिद्रों वाले हिस्सों पर लगाएं और 20 मिनट तक सूखने दें. फिर ठंडे पानी से धो लें. इससे चेहरे में निखार आयेगा.

त्‍वचा को हेल्‍दी बनाने और उनको निखारने के लिए खानपान और नियमित व्‍यायाम भी बहुत जरूरी है.

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Winter Special: सर्दियों में कैसे करें स्किन की केयर

सर्दी का मौसम आते ही त्वचा संबंधी समस्याएं विकराल रूप ले लेती हैं. सर्दियों में नमी की कमी के कारण त्वचा में रूखापन बढ़ने लगता है, जिस के कारण त्वचा बेजान व रूखी नजर आती है. त्वचा में खिंचाव होने के कारण इचिंग होने लगती है और जब रूखापन अधिक होने लगता है तो त्वचा में स्क्रैच पड़ने लगते हैं. इस वक्त शरीर व त्वचा को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत पड़ती है. आइए जानते हैं कैसे करें सर्दियों में अपनी देखभाल…

• सूर्य की अल्ट्रावायलट किरणों से झांइयां, टैनिंग जैसी समस्याएं पैदा होती हैं. इसलिए जब भी धूप का आनंद लेना हो, तो एस.पी.एफ. 15 से 30 तक कोई भी लोशन बौडी पर लगा लें और सीधी पड़ने वाली सूर्य की किरणों से बचें. सर्दियों में सी.टी.एम. यानी क्लींजिंग, टोनिंग एवं मौइश्चराइजिंग को अपने दैनिक क्रियाकलाप में अवश्य शामिल करें. क्लींजिंग जहां डस्ट, पसीने और गंदगी को रिमूव करता है, वहीं टोनर आप की स्किन के पी.एच. को बैलैंस करता है. मौइश्चराइजर त्वचा के रूखेपन को खत्म करने में सहायक होता है.

• फिगारो या बादाम का तेल बौडी मसाज में इस्तेमाल करें. इस में लैवेंडर आयल, रोज आयल एवं वीटजर्म आयल की 4-4 बूंदें मिला कर रखें. नहाने के बाद पूरी बौडी में विंटर केयर या बौडी लोशन इस्तेमाल करें. कोल्ड क्रीम या आयल बेस्ड क्रीम का उपयोग चेहरे के लिए करें. अगर आप विटामिन ई युक्त क्रीम का उपयोग करती हैं, तो यह त्वचा को पोषण देने का कार्य करेगी. सर्दी में हाथों एवं पैरों की नियमित देखभाल करें.

• पैरों के लिए किसी अच्छी कंपनी की फुट क्रीम यूज करें. माह में 1 बार पार्लर जा कर पैडिक्योर अवश्य कराएं ताकि नेल्स की डैड स्किन रिमूव हो सके और फटी एडि़यों का भी ट्रीटमैंट किया जा सके. पैराफिन वैक्स से आप घर में ही अपनी फटी एडि़यों का इलाज स्वयं कर सकती हैं. गरम पैराफिन वैक्स फटी एडि़यों में भर कर क्ंिलग फिल्म से रैप कर 10-15 मिनट रखने से एडि़यां सौफ्ट हो जाती हैं. ग्लिसरीन में नीबू एवं रोज वाटर मिला कर शीशी में भर के रख लें. हफ्ते में 2 बार इसे चेहरे पर लगाएं. होंठों को फटने से बचाने के लिए लिपबाम का इस्तेमाल करें. गुलाब की पंखुडि़यों को भी पीस कर इन में मिला सकती हैं. यह होंठों को कालेपन से बचाता है.

• सर्दियों में मेहंदी का उपयोग कम करें, क्योंकि मेहंदी लगाने से बाल ड्राई होते हैं. अगर बहुत जरूरी हो तो मेहंदी में दही मिला कर लगाएं. बालों में कंडीशनर या हेयर स्पा जरूर लगाएं.

• सर्दियों में मेकअप करते वक्त खयाल रखें कि स्किन को फेसवाश कर मौइश्चराइजर लगा कर 15 मिनट तक छोड़ दें. फिर क्रीम बेस्ड फाउंडेशन यूज करें. लिक्विड आईलाइनर यूज न कर के केक आईलाइनर यूज करें. पेनकेक को वाटर के साथ मिक्स कर लगाने से मेकअप में क्रैक्स नहीं पड़ते.

• सर्दी के मौसम में त्वचा रूखी न हो, इस के लिए जैतून का तेल या बौडी लोशन और वाटर बेस्ड क्रीम इस्तेमाल करें. मौइश्चर कम होने से स्किन में पैच हो जाते हैं. जगहजगह सफेद रंग की स्किन निकलने लगती है. आयल ड्राई होने पर पिंपल्स और एक्नों वाली स्किन हो जाती है. अत: स्किन का ग्लो बना रहे, इस के लिए प्रतिदिन ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं और फेस पर हाइड्रोमाइश, हाइडे्रटिंग एम्पयूल या मौइश्चराइजर इस्तेमाल करें. माह में 1 बार फेशियल अवश्य कराएं.

• सनबर्न और टैनिंग होने पर ऐंटीटैनिंग पैक लगाएं. सर्दियों में केले और पपीते का पैक लगाएं. मिल्क और हनी का पैक त्वचा में फेयरनैस तो देगा ही, त्वचा में कसाव भी लाएगा. चंदन का तेल ऐंटीसैप्टिक का काम करता है. इसलिए बौडी में इचिंग, स्क्रैचेस पड़ने पर जैतून के तेल में चंदन का तेल मिला कर उस जगह पर लगाने से फायदा होगा. पिंपल्स व एक्ने होने से रोकने के लिए कुकुंबर जैल में ट्रीट्री आयल की 2 बूंदें डाल कर रात में सोने के पहले पिंपल्स वाली जगह पर लगाएं. पपीता एंजाइम लोशन से डेली हलके हाथों से 5 मिनट तक मसाज करें. अरोमा का क्लौव पैक लगाएं.

• सर्दियां आते ही जहां चटपटे, मसालेदार खाने में रुचि उत्पन्न होती है, वहीं तीजत्योहारों से भरे मौसम में तलाभुना, मिठास से भरपूर स्वादिष्ठ व्यंजन भी हमारे आहार में शामिल होता है. यह खानपान न केवल हमारी पाचन प्रणाली को, हैल्थ को भी नुकसान पहुंचाता है. हमारी त्वचा में भी कई समस्याएं पैदा करता है. जहां सर्दियों में त्वचा में नमी की कमी के कारण रूखापन, क्रैक्स, इचिंग जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, वहीं गलत खानपान से पिंपल्स, ब्लैकहैड्स आदि समस्याओं से भी रूबरू होना पड़ता है.

• सर्दियों में आप तलाभुना स्वादिष्ठ भोजन संयमित मात्रा में लें, परंतु इस के साथ वाक, एक्सरसाइज एवं वर्कआउट अवश्य करें. सुबह की ताजा हवा आप को नमी व शुद्ध आक्सीजन भी देती है. इस मौसम में मौसंबी, अनार एवं पपीते का शेक अवश्य लें. पपीता पाचन में तो सहायक होगा ही, आप को पिंपल्स और एक्ने होने से भी बचाएगा. अंकुरित चने, मूंग, मटर, लोबिया को नीबू, नमक के साथ सलाद के रूप में अवश्य लें. रोजाना जूस, सूप या कोई भी लिक्विड अवश्य लें. बासी व ठंडे खाने से बचें.

Skin Tone हल्‍का करने के लिये नेचुरल Bleach

आपकी त्वचा की स्थिति इस बात पर निर्भर नहीं करती कि आप त्वचा पर क्या लगाती हैं परंतु इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप क्या खाती हैं तथा आप अपनी त्वचा की देखभाल किस तरह करती हैं. अपना त्वचा को हाथ लगाने से बचें, केमिकल आधारित उत्पादों का उपयोग न करके अपने रोम छिद्रों को बंद होने से बचाएं, त्वचा के लिए सुरक्षित क्लीन्ज़र्स का उपयोग करें और सबसे अधिक महत्वपूर्ण बात कि अपने शरीर को हाइड्रेट रखें.

बाहर जाने से 30 मिनिट पहले सनस्क्रीन लगायें, सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक धूप में न जाएँ तथा चेहरे को बचाने के लिए उसे स्कॉर्फ से न ढंके. ऐसा करने से बाहर के बैक्टीरिया और धूल आपके स्कॉर्फ में फंस जाते हैं जो त्वचा की सतह से रगड़ खाने के बाद खुजली का कारण बन सकते हैं.  यहां त्वचा की रंगत को निखारने के लिए कुछ प्राकृतिक तरीके बताए गए हैं.

1. संतरे

संतरे में सिट्रिक एसिड और विटामिन सी पाया जाता है जो त्वचा को प्राकृतिक रूप से ब्लीच करता है.

इसका उपयोग कैसे करें

एक चम्मच संतरे के छिलके के पाउडर को दूध के साथ मिलकर पेस्ट बनायें. इसे अपनी गर्दन और चेहरे पर लगायें. इसे सूखने दें तथा बाद में धो डालें. उत्तम परिणामों के लिए इस आयुर्वेदिक उपचार को प्रतिदिन अपनाएं.

2. हल्दी

हल्दी में प्राकृतिक एंटी ऑक्सीडेंटस पाए जाते हैं तो त्वचा से विषारी पदार्थों को बाहर निकालते हैं तथा टैनिंग को दूर करते हैं.

इसका उपयोग कैसे करें

एक चम्मच हल्दी में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दही मिलाकर पेस्ट बनायें. इस पेस्ट की पतली परत अपने चेहरे और गर्दन पर लगायें. इसे 30 मिनिट तक सूखने दें फिर धो कर साफ़ कर लें.

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3. पपीता

पपीते में विटामिन ए, सी और एंजाइम्स होते हैं जो त्वचा को पुनर्जीवित करते हैं तथा त्वचा की रंगत को निखारते हैं.

इसका उपयोग कैसे करें

एक पके हुए पपीते का गूदा लें तथा इसमें एक चम्मच नीबू का रस मिलाएं. इसे गीले चेहरे पर लगायें. इसे 30 मिनिट तक लगा रहने दें तथा बाद में धो डालें. यह स्किन को प्राकृतिक रूप से ब्लीच करने का सबसे सुरक्षित तरीका है.

4. आंवला

आंवला या भारतीय गूसबेरी एंटीऑक्सीडेंटस, विटामिन सी और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरा हुआ है अत: यह आपकी त्वचा के लिए एक वरदान है. फाइन लाइंस को दूर करना, त्वचा की रंगत को सुधारना तथा त्वचा में कसाव लाना आदि सब कुछ आंवला कर सकता है.

इसका उपयोग कैसे करें

एक चम्मच आंवले का रस लें तथा इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं. रुई का एक फाहा लें तथा इस घोल में डुबायें, अतिरिक्त घोल को निचोड़कर निकाल दें तथा इसे थपथपा कर अपने चेहरे पर लगायें. इसे सूखने दें तथा बाद में धो डालें. उत्तम परिणामों के लिए इसे प्रतिदिन रात में सोने से पहले लगायें.

5. मूली

मूली में त्वचा की रंगत निखारने के गुण होते हैं जो त्वचा को एक सप्ताह में गोरा बना सकते हैं तथा त्वचा में कसाव ला सकते हैं.

इसका उपयोग कैसे करें

मूली को कद्दूकस करके इसका रस निकाल लें. इसे अपने चेहरे पर लगाकर छोड़ दें तथा 15 मिनिट बाद धो डालें.

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6. दही

दही में लेक्टिक एसिड पाया जाता है जो त्वचा की अशुद्धियों को दूर करता है त्वचा को एक्स्फोलियेट करता है (मृत त्वचा को निकालता है) और रोम छिद्रों को खोलता है जिससे त्वचा उजली होती है.

इसका उपयोग कैसे करें

प्रतिदिन रात में सोने से पहले चेहरे पर दही लगायें. इसे 15 मिनिट तक लगा रहने दें तथा बाद में धो डालें. उत्तम परिणामों के लिए प्राकृतिक स्किन ब्लीचर्स का उपयोग प्रतिदिन करें.

Winter Special: सर्दियों में पाएं कोमल और मुलायम हाथ

हाथ दिन भर काम करते हैं. और बदले में हम उनको क्या देते हैं… लापरवाही भरी देखभाल. बस थोड़ी क्रीम लगाई और हो गया काम. जबकि सच यह है कि हाथों को देखभाल की उतनी जरूरत होती है, जितनी आपके चेहरे को.

सर्दियों में शरीर के बाकी अंगों की बजाय हाथ ज्यादा शुष्क रहते हैं. हाथों की त्वचा काफी पतली होती है और इसमें तैलीय ग्रथिंयां भी बहुत कम होती हैं.

गृहणियों के हाथ दैनिक दिनचर्या के दौरान बार-बार साबुन व डिटरजेंट के संपर्क में आते हैं, जिस वजह से हाथों की त्वचा को अत्यधिक नुकसान पहुंचता है और वे रुखे हो जाते हैं.

नहाते समय हाथों पर तेल का प्रयोग करना चाहिए. नहाने के तुरंत बाद शरीर में बॉडी लोशन व क्रीम लगाने से शरीर में नमी बनी रहती है. हाथों की सुंदरता के लिए और सौंदर्य बनाए रखने के आप इन टिप्स को प्रयोग में ला सकती हैं.

– नहाने से पहले हाथ व पैरों पर तेल की मालिश करें, जिससे त्वचा की कोमलता बढ़ती है. इसके लिए आप तिल या जैतून का तेल प्रयोग में ला सकती हैं.

– बेसन, दही तथा हल्दी को मिलाकर पेस्ट बनाकर लगाएं और इस पेस्ट को 20 मिनट तक लगाकर छोड़ दें. बाद में इसे हल्का सा रगड़ें और फिर सादे पानी से धो लें. इस प्रक्रिया को हफ्ते में दो-तीन बार दोहराएं.

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– शुष्क व सांवली त्वचा वाले हाथों के लिए दो चम्मच सूरजमुखी तेल, 2 चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच खुरदरी चीनी मिलाकर पेस्ट बना लीजिए. इस पेस्ट को हाथों पर 15 मिनट तक लगाएं. फिर हल्के हाथ से रगड़कर हटा दें. आप इस पेस्‍ट को हफ्ते में तीन बार लगा सकती हैं.

– हाथ-पैर की त्वचा की अत्यधिक खुश्की से निपटने के लिए एक चम्मच ग्लिसरीन को 100 मिली लीटर गुलाब जल में मिलाएं. इस मिश्रण को हाथ और पैर पर लगाने से त्‍वचा में नमी और कोमलता आ जाती है.

– हाथों के रंग को साफ तथा मुलायम करने के लिए थोड़ी-सी चीनी में नींबू का रस मिलाकर हाथों की त्वचा पर हल्के से मालिश करें और बाद में गुनगुने पानी से हाथ धो लें.

– ज्यादा रूखे हाथों व नाखूनों के लिए एक चम्मच बादाम का तेल, एक चम्मच तिल का तेल और एक चम्मच गेहूं के बीजों का तेल मिलाकर मिश्रण बना लें. इसे अपनी त्वचा व नाखूनों पर रोज लगाएं.

– नारियल के तेल में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं. त्वचा के इंफेक्शन की जगह पर अगर नारियल तेल का इस्तेमाल किया जाए तो यह जल्दी ठीक हो जाता है. इसे हाथों पर लगाकर मालिश करने से हाथ सुंदर बनते हैं और त्वचा का रूखापन समाप्त होता है.

– तेज गर्म पानी से हाथ को नहीं धोने चाहिए. दरअसल तेज गर्म और ज्यादा ठंडे पानी से हाथों की नमी पर असर पड़ता है. साथ ही तेज गर्म पानी से हाथों की त्वचा के जलने का भी खतरा बना रहता है. इसलिए हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि गुनगुने पानी का ही प्रयोग करें.

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– हाथों की सुरक्षा के लिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बाहर निकलने से पहले हाथों पर सनस्‍क्रीन लोशन का इस्तेमाल जरूर करें, ताकि सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों का हाथों पर दुष्प्रभाव न पड़े.

– हाथों में चमक लाने के लिए ताजा संतरे के छिलकों को पीसकर लगाएं. इससे डेड स्किन हटने के साथ ही हाथों की त्वचा का रंग भी साफ होगा.

मेरे अंडरआर्म्स में बहुत पसीना आता है और बदबू भी आती है, कोई उपाय बताएं?

सवाल-

मेरी उम्र 37 साल है. मेरे अंडरआर्म्स में बहुत पसीना आता है और बदबू भी आती है. कोई उपाय बताएं?

जवाब-

अंडरआर्म्स में पसीने की बहुत सारी ग्रंथियां होती हैं. पसीना एक तरल पदार्थ है जोकि हमारे शरीर को ठंडा रखता है इसलिए बहुत आवश्यक भी है पर कभीकभी ज्यादा पसीना आने पर हम जो भी खाते हैं उस की गंध बाहर आने लगती है. ऐसे में सफाई की ज्यादा जरूरत होती है. आप एक  कप ऐप्पल साइडर विनेगर लें. उस में आधा कप पानी डाल कर स्प्रे बोतल में भर कर रख लें. रोज रात को अंडरआर्म्स में स्प्रे कर लें और सो जाएं. ऐसा नियमित करने से अंडरआर्म्स की बदबू हमेशा के लिए दूर हो जाती है.

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क्या आप के साथ भी कभी ऐसा हुआ है कि आप कौंफ्रैंस रूम में खड़े हो कर प्रेजैंटेशन दे रहे हैं, सामने बौस, सीनियर्स और को-वर्कर्स बैठे हैं. मीटिंग काफी महत्त्वपूर्ण है और आप के दिल की धड़कनें बढ़ी हुई हैं. हथेलियां पसीने से भीग रही हैं?

अपने हाथों को आप किसी तरह पोंछने का प्रयास कर रहे होते हैं और घबराहट में आप के हाथों से नोट्स गिरते गिरते बचते हैं. ऐसी परिस्थिति में न सिर्फ आप का आत्मविश्वास घटता है बल्कि आप के व्यक्तित्त्व को ले कर दूसरों पर नकारात्मक असर पड़ता है. यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो अकसर हमारे साथ होती है. यह अत्यधिक तनाव अथवा तनावपूर्ण परिस्थितियों की एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है.

पहली मुलाकात, सामाजिक उत्तरदायित्व अथवा किसी निश्चित कार्य को न कर पाने के भय के दौरान भी कुछ इसी तरह की स्थिति महसूस होती है. कई दफा तीखे मसालेदार भोजन, जंक फूड्स, शराब का सेवन, धूम्रपान या कैफीन के अधिक प्रयोग से भी ऐसा हो सकता है.

पसीना शरीर के कुछ खास हिस्सों में अधिक आता है. जैसे हमारी हथेलियां, माथा, पैर के तलवे, बगल की जगहों आदि में, क्योंकि इन हिस्सों में स्वेटग्लैंड्स अधिक मात्रा में होते हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- घबराहट में क्यों आता है पसीना

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Festive स्ट्रैस नहीं चेहरे पर दिखेगा सिर्फ ग्लो

त्योहार जहां परिवार के लिए खुशियां ले कर आते हैं, वहीं घर की महिलाओं के लिए घर के ढेर सारे काम के साथसाथ ढेर सारी थकान भी लाते हैं. घर की महिलाएं शौपिंग, कुकिंग, क्लीनिंग में इतनी अधिक बिजी हो जाती हैं कि त्योहारों में खुद पर ध्यान देना ही भूल जाती हैं जिस का परिणाम थकान के रूप में उन के चेहरे पर साफ दिखाई देने लगता है. ऐसे त्योहारों पर आप कुछ खास तरह के डी स्ट्रैस स्किन केयर प्रोडक्ट्स से अपने चेहरे के स्ट्रैस को दूर करने के साथसाथ नैचुरल ग्लो भी पा सकती हैं.

आइए, जानते हैं इस संबंध में कौस्मैटोलौजिस्ट भारती तनेजा से:

कौफी केयर

इस केयर में कौफी स्क्रब के साथ मसाज क्रीम व पैक होता है, जिस से चाहे आप हाथपैरों की केयर करें या फिर स्किन की, यह आप के पूरे शरीर को डी स्ट्रैस कर के आप को फ्रैश फील करवाने का काम करता है. कौफी में ऐंटीऔक्सीडैंट्स प्रौपर्टीज होने के कारण यह स्किन को अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने के साथसाथ ब्लड फ्लो को इंप्रूव करने का भी काम करता है, जिस से स्किन की ओवरऔल हैल्थ इंप्रूव होती है.

साथ ही यह स्किन पर जमी धूलमिट्टी व गंदगी को रिमूव कर के स्किन पर ग्लो व व्हाइटनिंग इफैक्ट भी लाता है. जिस से स्किन चमकदमक उठती है. जब कौफी क्रीम का इस्तेमाल किया जाता है तो उस से स्किन रिलैक्स, रिजनरेट होने के साथसाथ उस का स्ट्रैस भी कम हो जाता है.

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ऐसैंशियल औयल्स

स्किन को डी स्ट्रैस करने की बात हो और ऐसैंशियल औयल्स का जिक्र न हो ऐसा हो ही नहीं सकता क्योंकि इन औयल्स से स्किन पर मसाज करने मात्र से स्किन पर ग्लो तो आता ही है, साथ ही स्किन का स्ट्रैस भी कौफी कम हो जाता है और स्किन अंदर से खिल उठती है.

फेसेज कनाडा अर्बन बैलेंस 6 इन 1 नाम से स्किन मिरैकल फेशियल औयल आता है, जिस से स्किन की मसाज करने मात्र से स्किन स्ट्रैस फ्री हो कर उस पर एकदम से ग्लो नजर आने लगता है. तभी तो इस का नाम मिरैकल फेशियल औयल है.

जब बाल खिलेखिले व क्लीन नजर आते हैं तो चेहरा अपनेआप खिला व स्ट्रैस फ्री हो उठता है. बालों की केयर के लिए बीटी हेयर औयल व हेयर टौनिक को मिला कर इस्तेमाल करने से बालों में बहुत ही बेहतर रिजल्ट मिलता है. जहां लैवेंडर औयल की खूबियां आप को डी स्ट्रैस करने में मददगार होती हैं, वहीं रोज मैरी औयल आप के बालों की ग्रोथ को अच्छा करने के साथसाथ आप को महका भी देता है.

यह औयल ब्रेन के निंबिक पार्ट को, जोकि हमारे इमोशंस को कंट्रोल करता है, उसे फील गुड करवाने का काम करता है, जिस से हम डी स्ट्रेस हो कर हमारी ओवरऔल स्किन पर उस का असर साफ नजर आता है.

अरोमा थेरैपी

अरोमा थेरैपी हमारी स्किन को डी स्ट्रैस करने का काम करती है. इसे सूंघने भर से हमारी स्किन डी स्ट्रैस हो जाती है. क्योंकि इस की भीनी भीनी खुशबू माइंड को फ्रैश कर आप की स्किन के सारे स्ट्रेस को कम जो कर देती है. इसे स्लीप या डी स्ट्रैस औयल भी कहते हैं.

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रोज मिस्ट

जैसा नाम वैसा काम. यह स्किन को रिलैक्स, कूलिंग इफैक्ट देने के साथसाथ पोर्स को भी श्रिंक करने का काम करता है. आप चाहे कितने भी स्ट्रैस में क्यों न हों, आप का चेहरा भागदौड़ के कारण कितना भी मुरझाया हुआ क्यों न हो लेकिन जैसे ही आप चेहरे पर रोज मिस्ट का स्प्रे या फिर रोज मिस्ट अप्लाई करती हैं तो चेहरे की सारी थकान छूमंतर हो जाती है और चेहरे पर पिंक ग्लो नजर आने लगता है.

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